सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड में पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जनपद के विकासखंड पाबौ के अंतर्गत ग्राम धारकोट पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद जवान विपिन सिंह (57 बंगाल इंजीनियरिंग) के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं सूबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डा. विजय जोगदंडे, एसएसपी पी रेणुका देवी सहित अन्य गणमान्य ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित की। जबकि सेना के जवानों द्वारा शहीद विपिन सिंह के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव धारकोट में लाया गया तथा सलामी दी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट निवासी विपिन सिंह गुसाईं के शहीद होने पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हर समय शहीद के परिजनों के साथ है।उन्होंने भगवान से प्रार्थना कि इस विकट घड़ी में भगवान उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें तथा शहीद विपिन सिंह को अपने चरणों में स्थान दें। कहा कि शहीद विपिन सिंह एक परिवार का ही नहीं, बल्कि देश का बेटा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि शहीद के गांव को जाने वाली रोड का नाम तथा इंटर कालेज का नाम शहीद विपिन सिंह के नाम पर किया जाएगा।
शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे। धारकोट गांव के प्रधान यशवंत गुसाईं ने बताया कि रविवार दोपहर को विपिन सिंह के परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने फोन पर बताया गया था कि विपिन सिंह सियाचिन में शहीद हो गए हैं।शहीद के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है। विपिन सिंह मार्च में छुट्टी पर आए थे।