उच्च न्यायालय से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा।चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में गर्भगृह गृह की परिक्रमा कर दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें शिवलिंग पर जलाभिषेक, घी लेपन आदि की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
शासन द्वारा चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन किए जाने के बाद अब चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भी इसी के अनुरूप तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने भी संशोधित एसओपी जारी की है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार परंपरानुसार बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन केदारनाथ में पूर्व में अनुमति दी जाती थी। इस बार वहां गर्भगृह की एक बार परिक्रमा कर दर्शन की अनुमति दी गई है।
चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सैनिटाइजर, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है तो सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्याप्त संख्या में यात्रियों के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ऋषिकेश के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। पीएम के स्वागत की तैयारियों में अधिकारी और कर्मचारी जुट गए हैं। मोदी यहां ऋषिकेश एम्स में नवनिर्मित एक हजार लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। एम्स ऋषिकेश आगमन पर सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने एम्स के हैलीपेड तक पूर्वाभ्यास कर व्यवस्थाओं को परखा। उत्तराखंड पुलिस की निगरानी में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग भी करायी गई। पीएम मोदी के दौरे के दौरान हैलीपेड के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर आम आदमी की आवाजाही को बंद कर दिया जाएगा। हैलीपेड पर एसपीजी और उत्तराखंड पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम, लोनिवि, जलसंस्थान, आबकारी विभाग, तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।