प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को जल जीवन मिशन ऐप और राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्टूबर, 2021 को सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों और पाणी समितियों/ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) के साथ बातचीत करेंगे।प्रधानमंत्री हितधारकों के बीच जागरूकता में सुधार और मिशन के तहत योजनाओं की अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए जल जीवन मिशन ऐप लॉन्च करेंगे।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जल जीवन कोष का भी शुभारंभ करेंगे, जहां कोई भी व्यक्ति, संस्था, कारपोरेट या समाजसेवी, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, हर ग्रामीण घर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, आश्रमशाला और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करने में मदद करने में योगदान दे सकता है।जल जीवन मिशन पर राष्ट्रव्यापी ग्राम सभाएं भी दिन में होंगी। ग्राम सभाओं में ग्राम जलापूर्ति प्रणालियों की योजना और प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी और दीर्घकालिक जल सुरक्षा की दिशा में भी काम किया जाएगा ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 लॉन्च किया, जिसे सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘पानी सुरक्षित’ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 के शुभारंभ पर पीएम मोदी ने कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। इस दूसरे चरण के साथ, हमारा लक्ष्य सीवेज और सुरक्षा प्रबंधन, शहरों को जल-सुरक्षित बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि गंदे नाले नदियों में न मिलें।”स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में अगले पांच वर्षों के भीतर शहरों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा, जिससे महानगरों और शहरों के बाहर कूड़े के पहाड़ बनने की नौबत नहीं आएगी।
उन्होंने कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का यह दूसरा चरण भी बीआर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज का कार्यक्रम बीआर अंबेडकर केंद्र में आयोजित किया गया है। उनका मानना था कि शहरी विकास समानता के लिए महत्वपूर्ण है।’इस दौरान वर्ष 2014 में खुले में शौच को खत्म करने का लक्ष्य निर्घारित किया गया था। इसको दस करोड़ शौचालय बनाकर पूरा किया गया है। अब शहरों को कचरा मुक्त किया जाएगा।
पीएम ने कहा, ”टॉफी के रैपर अब फर्श पर नहीं फेंके जाते बल्कि जेब में रखे जाते हैं। बच्चों ने बड़ों को आसपास कूड़ा न फैलाने की चेतावनी दी है। युवा पहल कर रहे हैं। कोई वेस्ट से दौलत कमा रहा है तो कोई जागरुकता पैदा कर रहा है। सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है, यह जागरूकता है।”उन्होंने कहा कि आज भारत प्रतिदिन लगभग 1 लाख टन कचरे का प्रसंस्करण कर रहा है। जब हमने 2014 में अभियान शुरू किया था, तब 20% से भी कम कचरे को संसाधित किया जा रहा था। आज हम लगभग 70% दैनिक कचरे का प्रसंस्करण कर रहे हैं। अब हमें इसे 100% तक ले जाना है। स्वच्छता द्वितीय चरण के तहत शहरों में कचरे के पहाड़ों को संसाधित और पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। ऐसा ही एक कचरे का पहाड़ दिल्ली में लंबे समय से है, उसके भी हटने का इंतजार है।”