प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे। इस साल का सात अक्टूबर का दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ऐतिहासिक रहने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं। सूत्रों के मूताबिक इस दिन पीएम उत्तराखण्ड के दौरे पर रहेंगे और संभावना है कि इस ऐतिहासिक दिन को ही वह केदारधाम जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेंगे।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश भाजपा जल्द प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी। कौशिक के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देहरादून के जालीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि पीएम मोदी के उत्तराखंड के दौरे पर आने की संभावना है। अभी सरकार के पास उनका मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम आना बाकी है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ में तैयारियां तेज कर दी गई हैं।पीएम मोदी उत्तराखंड के दौरे के दौरान केदारनाथ के दर्शन कर राज्य के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले 2019 में केदारनाथ मंदिर का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के साथ ही लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यासी परियोजना का कार्य अब अंतिम चरण में है और सरकार प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराना चाहती है। इसी के दृष्टिगत कसरत की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने इन परियोजनाओं की जद में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास के सिलसिले में मंगलवार को अधिकारियों के साथ मंथन किया।
यमुना नदी पर व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2009 में शुरू हुआ था, जो अब पूरा होने को है। इसके साथ ही सरकार ने इसकी नजदीकी लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शुरू कराने की भी कवायद शुरू की है। इस बीच दोनों परियोजनाओं की जद में आ रहे ग्रामीणों के विस्थापन एवं पुनर्वास के मसलों का भी समाधान होना है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय ग्रामीण भूमि के बदले भूमि चाहते हैं, लेकिन ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में सरकार की मंशा ये है कि प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं के पुनर्वास के सिलसिले में अधिकारियों से सभी पहलुओं पर विचार कर ठोस प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सात अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए क्यों है खास
नरेंद्र मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं।मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाले मोदी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। वह सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था। 7 अक्टूबर 2001 को सीएम बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार 4 बार गुजरात के सीएम रहे।मोदी 22 मई 2014 तक लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत रहे, जो गुजरात में किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है।
गुजरात मे मोदी के कामकाज का नतीजा था कि 2013 से ही बीजेपी और देश मे में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारी मांग को देखते हुए बीजेपी ने उस तत्कालीन सीएम मोदी को पीएम पद का चेहरा बना दिया। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव रिकॉर्ड सीटों के साथ जीता। 26 मई 2014 को मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने। केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। न केवल देश बल्कि विदेशों में भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ी। 2019 के लोकसभा में भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में चुनाव में रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर जीती।पीएम नरेंद्र मोदी फिर 30 मई 2019 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।