उत्तराखंडः नैन‍ीताल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोविड नियमों का पालन कराते हुए चारधाम यात्रा शुरू कराए उत्तराखंड सरकार

नैनीताल :- उत्तराखंड चारधाम यात्रा करीब ढाई महीने के गतिरोध के बाद यात्रा पर लगी रोक हटा दी गई. अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाई कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ यह रोक हटा दी.। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अपने 26 जून के निर्णय को वापस लेते हुए सरकार को कोविड के नियमों का अनुपालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए है।सरकार ने बीती सुनवाई में कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने समयाभाव के चलते अगली सुनवाई के लिए 16 सितम्बर की तिथि नियत की थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।

हाईकोर्ट ने 26 जून 2021 को कोविड की वजह से चार धाम यात्रा पर रोक लगाई थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में एसएलपी दायर की। सर्वोच्च न्यायलय ने इस आदेश पर कोई रोक नही लगाई। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली है। सरकार ने राज्य में कोविड के केस कम होने, एसएलपी वापस लेने का हवाला देते हुए कोविड के नियमो का अनुपालन करते हुए यात्रा अनुमति की याचना की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 26 जून 2021 के आदेश पर लगी रोक हटा दी। सच्चिदानन्द डबराल ने यह जनहित याचिका बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की राज्य की सीमा पर ही कोविड के जांच के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने जनहित याचिका मे कुम्भ मेला और चारधाम यात्रा का भी संज्ञान लिया।

कोविड नियमों का पालन कराते हुए इन अनिवार्य शर्तों के साथ मंज़ूरी

हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के लिए इजाज़त दी गई है. साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक धाम पर पहुंचने वाले हर भक्त या यात्री के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन के दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य किया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी ज़िलों में ज़रूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है. साथ ही निर्देश हैं कि भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *