उत्तराखंड के इन इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम बदलने जा रहा है। आज सोमवार से तीन दिनों तक बारिश और बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़, नैनीताल सहित कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।

मौसम विभाग के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। ऊपरी इलाकों में होने वाली बारिश और बर्फबारी से निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ने के आसार हैं। नवंबर माह के आखिर में तापमान में गिरावट आने और पहाड़ से मैदान तक कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।मौसम विज्ञान केंद्र ने 27 नवंबर को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है जिसको लेकर येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने जिन 11 जिलों के लिए बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। उनमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत और नैनीताल जिला शामिल हैं। केंद्र ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि व बिजली भी गिर सकती है। वहीं हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपदों में भी आंशिक बादल के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। जबकि हरिद्वार और उधम सिंह नगर में घना कोहरा छा सकता है। घने कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की भी संभावना है।

 

मुख्यमंत्री धामी बोले, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से बचाव कार्य में मिल रही नई ऊर्जा

News web media uttarakhand :  सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर बचाव कार्य की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने पिछले 24 घण्टे में हुई प्रगति की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री से साझा की। कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

सिलक्यारा सुरंग हादसे को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खासे चिंतित हैं। यही कारण है कि घटना के रोज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपडेट जानकारी ले रहे हैं। अब तक प्रधानमंत्री ने चार बार फोन पर बचाव कार्य की जानकारी और फंसे हुए श्रमिकों के हाल जान चुके हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं उन्हें सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया। इस दौरान प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने गत 24 घंटों में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की एंडोस्कोपी फ्लेक्सी कैमरे के साथ हुई बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी। साथ ही श्रमिकों के लिए नई लाइफलाइन बने 6 इंच के कंप्रेशर पाइप से भेजी जा रही खाद्य सामग्री, दवा एवं जरूरत की वस्तुओं तथा बाहर परिजनों को रहने, खाने और आवागमन की सुविधाएं देनी की जानकारी साझा की गई।

प्रधानमंत्री जी का इस कठिन परिस्थिति से निपटने हेतु निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है जो हम सभी को पूरी ताकत से श्रमिक भाइयों को शीघ्र और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नित नई उर्जा प्रदान करता है।

 

 

10वें दिन सुरंग में पहुंचा एंडोस्कोपिक कैमरा, दिखे भीतर फंसे हुए 41 मजदूर

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे को 10 हो गए हैं, लेकिन अभी भी मजदूर अंदर ही फंसे हैं। उन्हें बाहर निकालने की अभी तक की सभी कोशिशें विफल साबित हुई हैं। इस बीच टनल के अंदर फंसे मजदूरों का पहली बार वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अंदर मजदूरों और सुरंग की हालत कैसी है। यह पहली बार है जब सीसीटीवी कैमरा उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उस जगह पहुंचा है जहां मजदूर फंसे हैं।

राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के प्रयासों की मदद से टनल के अंदर संकट में फंसे 41 मजदूरों के पास कैमरा पहुंच गया है। ये कैमरा 6 इंच के पाइप के साथ भेजा गया है। इसी पाइप की मदद से खिचड़ी भी भेजी गई है। खिचड़ी को बोतल में बंद करके भेजा गया है। कैमरे की मदद से अंदर की वास्तविक स्थिति का पता चल पा रहा है। अंदर लाइट की पूरी व्यवस्था है, वीडियो में मजदूरों को सिर पर सेफ्टी हेलमेट पहने हुए देखा जा सकता है।

श्रमिकों के परिजनों का पूरा खर्चा उठाएगी धामी सरकार, यात्रा, खाना और मिलेगी ये सुविधाएं

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनके आने जाने, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं। सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है।
इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं।

यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय।

 

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने पहुंचे विदेशी टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स

News web media uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे के बाद बचाव अभियान में मदद के लिए पहुंचे अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ‘हम उन लोगों को बाहर निकालने जा रहे हैं. यहां बहुत अच्छा काम किया जा रहा है. हमारी पूरी टीम यहां है और हम एक हल ढूंढेंगे और उन्हें बाहर निकालेंगे.

यहां बहुत काम किया जा रहा है. यह जरूरी है कि न केवल सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाया जाए बल्कि जो लोग बचाव का काम कर रहे हैं वे भी सुरक्षित रहें. पूरी दुनिया इसमें मदद कर रही है. यहां की टीम शानदार है. योजनाएं शानदार दिख रही हैं. काम बहुत व्यवस्थित है. भोजन और दवाएं अच्छी हैं ठीक से उपलब्ध कराया जा रहा है…’

अंतरराष्ट्रीय टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ‘यह अच्छा दिख रहा है, लेकिन हमें यह तय करना होगा कि क्या यह वास्तव में अच्छा है या यह एक ट्रैप है. मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं. हमें तुलना करने की जरूरत है. हम उन 41 लोगों को बचा रहे हैं और ऐसा करते समय हम किसी को भी चोट नहीं पहुंचने देंगे.

यह किसी भी जटिल काम की तरह है, जहां हमें चारों ओर देखना होता है, ऊपर से नीचे तक. यहां की बचाव टीम ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी और को चोट न पहुंचे. हम सभी एक टीम हैं और पूरी दुनिया हमारे साथ है.’

इससे पहले उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के अभियान में हिस्सा लेने के लिए इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स उत्तराखंड पहुंचे. जहां सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है. उन्होंने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की. उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान के तहत भारी मशीनें सिल्कयारा सुरंग में पहुंच गई हैं. गौरतलब है कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था.

 

सीएम धामी के निर्देश पर हुई बैठक, बन रही सड़कों और पुल के निर्माण कार्य की मुख्य सचिव ने की समीक्षा

News web media uttarakhand : मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव द्वारा आयोजित इस बैठक में मुख्‍य सचिव ने कहा दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए राज्‍य में बनायी जा रही यह सड़कें बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा मुख्‍य सचिव डॉ एस एस संधु ने सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए जिलाधिकारी एवं डीएफओ को उच्च प्राथमिकता पर लेकर इन सड़कों का निर्माण पूर्ण करने पर जोर दिया। उन्होंने मुख्य अभियंता एवं अन्य उच्चाधिकारियों को मौके पर जाकर समस्याओं के निस्तारण के निर्देश भी दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं डीएफओ लगातार बैठकें आयोजित कर योजनाओं के पूर्ण होने में आ रही समस्याओं को निस्‍तारित करें और कार्य को पूरा करवाएं। मुख्‍य सचिव ने सीएम के निर्देश पर आयोजित इस बैठक में कहा कि कम समय में अधिक कार्य पूरा करने के लिए 2 या 3 शिफ्ट में कार्य पूरा कराया जा सके इसकी संभावनाएं भी तलाशी जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च प्राथमिकता के कार्यों को रूटीन कार्यों की भांति न कर प्रतिदिन उसके लिए समय निकालने की आवश्यकता है। प्रतिदिन श्रमिकों एवं मशीनों की संख्या की जानकारी लेकर आवश्यकता अनुसार श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर इसकी रिपोर्ट मांगी जाए। इस बैठक में सचिव राधिका झा सहित सम्बन्धित विभाग के अन्य अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

कोटद्वार में तीन दिन तक होगी भर्ती रैली,

News web media uttarakhand : कोटद्वार में 26 से 28 नवंबर तक होने वाली भर्ती रैली के संबंध में बृहस्पतिवार को एआरओ कार्यालय लैंसडाउन और जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल के बीच बैठक हुई। रैली के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए डीएम पौड़ी ने बैठक भी ली है।

एआरओ कार्यालय की ओर से जारी सूचना के आधार पर भर्ती के दौरान दलालों की गतिविधियों और फर्जी उम्मीदवारों के नामांकन को रोकने के लिए इस बार अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीदवारों को किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सतर्क रहने के लिए भी बताया गया है जो पैसे लेकर चयन का आश्वासन दे रहे हैं। चयन प्रक्रिया कई जांचों के साथ पूरी तरह से स्वचालित है, जो किसी के लिए भी चयन को प्रभावित करने में असंभव बनाती है।

कार्यालय ने उम्मीदवारों से अपने आधार विवरण को अपडेट करने और रैली अधिसूचना में दी गई दस्तावेजी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कहा है। ताकि उन्हें रैली के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। गढ़वाल क्षेत्र के सात जिलों से करीब 3500 उम्मीदवारों के रैली में शामिल होने की उम्मीद है।

 

रुद्रपुर में बनाई जा सकती साइबर सिटी, टाटा और इंफोसिस समेत कई कंपनियां निवेश के लिए राजी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत विभिन्न निवेशकों से बातचीत की कड़ी में आईटी कंपनियों से मिल रहे सकारात्मक रिस्पांस को देखते हुए सरकार उत्तराखंड में आईटी कंपनियों के लिए एक साइबर सिटी बनाने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। अगर सरकार का यह प्रस्ताव कामयाब हो जाता है तो यहां हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

दरअसल उत्तराखंड में दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले राज्य सरकार की ओर से विभिन्न कंपनियों के साथ बातचीत जारी है, इसी कड़ी में देश की दिग्गज आईटी कंपनियों के साथ भी सरकार बातचीत कर रही है। टाटा और इन्फोसिस जैसी आईटी कंपनियों की ओर से निवेश के लिए सरकार को काफी सकारात्मक जवाब मिला है, आईटी कंपनियां उत्तराखंड में हजारों करोड़ का निवेश कर सकती हैं।

सूत्रों की ओर से बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में आईटी कंपनियों के निवेश के लिए सरकार आईटी क्षेत्र में सेवा की नीति और नियमों में भी कुछ बदलाव कर सकती है, इसी के साथ अगर सरकार की आईटी कंपनियों के साथ बातचीत धरातल पर उतर जाती है तो सरकार को आईटी कंपनियों को जमीन भी उपलब्ध करानी होगी। सूत्रों के अनुसार ऐसा होने पर सरकार आईटी कंपनियों को एक ही जगह पर जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर काम कर रही है, इसके लिए रुद्रपुर के पास पराग फॉर्म के आसपास आईटी कंपनियों को जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी सरकार में तैयार किया जा रहा है। सरकार की आईटी सेक्टर में 20-30 हजार करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य है। यदि सरकार अपने लक्ष्य के निवेश जुटा लेती है तो साइबर सिटी बनाए जाने की राह आसान हो जाएगी। नाम न बताने की शर्त पर एक आला अफसर ने कहा कि अब तक हुई बातचीत में आईटी कंपनियों का रिस्पांस बहुत सकारात्मक और उत्साहित करने वाला है। सरकार की यह कवायद अगर कामयाब हो जाती है तो यहां हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा

AIIMS में निकली भर्ती,जाने किन पदों पर होगा आवेदन..

News web media uttarakhand : ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ऋषिकेश ने फैकल्टी पदों पर भर्ती के लिए योग्य व इच्छुक अभ्यर्थियों आवेदन कर सकते हैं । एम्स की इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन की अंतिम तिथि 13 नवंबर 2023 तक अप्लाई कर सकते हैं। एम्स भर्ती में आवेदन को इच्छुक अभ्यर्थी एम्स ऋषिकेश की वेबसाइट aiimsrishikesh.edu.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

जाने क्या होगा आवेदन का शुल्क | Recruitment in AIIMS

एम्स ऋषिकेश भर्ती में सभी वर्ग के लिए आवेदन शुल्क अलग-अलग है। सामान्य, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी वर्ग (पुरुष) के लिए 3000 रुपए वहीं महिला अभ्यर्थियों के लिए 1000 के लिए। वहीं एससी, एसटी वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपए है। आवेदन योग्यता व अन्य जानकारी के लिए एम्स ऋषिकेश की ऑफिशियल वेबसाइट देख लें।

ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन | Recruitment in AIIMS

– एम्स ऋषिकेश की ऑफिशियल वेबसाइट aiimsrishikesh.edu.in पर जाएं।
-होम पेज पर दिख रहे विकल्प Job / Recruitment पर क्लिक करें।
– आवेदन फॉर्म भरें। –
– आवेदन शुल्क जमा कराएं।
• जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
– आवेदन फॉर्म सब्मिट करें और भविष्य की जरूरत के लि – प्रिंटआउट कर कराकर रख लें।

 

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें

News web media uttarakhand : मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग करने के पश्चात नई दिल्ली में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बैठकों में पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, एग्री, ऊर्जा, लॉजिस्टिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं हॉस्पिटैलिटी आदि के क्षेत्र में निवेशकों से करार हुए हैं। निवेशक उत्तराखण्ड में निवेश के प्रति काफी आकर्षित है।

उन्होंने कहा कि अभी अहमदाबाद में 50 से अधिक उद्योग समूहों के साथ आयोजित बैठक के बाद लगभग 24 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर करार के साथ अब तक लगभग 94 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर करार हो चुके है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास 08-09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट तक प्राप्त सभी करारों को धरातल पर उतारने का है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी सुझाव प्राप्त हुये हैं उन पर अमल किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम को “पीस टू प्रोस्पेरिटी” रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों में उत्तराखण्ड में निवेश के प्रति काफी उत्साह देखा गया है। राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण होने के कारण इसकी अपार संभावनाएं हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए और प्रोत्साहन दिया जायेगा।