Turkey: भूकंप के चलते तुर्किये के 10 प्रांतों में भारी तबाही 

ऐसे में रेसेप तैयप एर्दोगन के सामने इन प्रांतों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती होगी।

विस्तार

तुर्किये में बीते हफ्ते आए विनाशकारी भूकंप से हजारों लोग असमय इस दुनिया से विदा हो गए लेकिन अब इस भूकंप को लेकर तुर्किये के लोगों में जो गुस्सा है, वह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सत्ता से विदाई का कारण बन सकता है! बता दें कि तुर्किये में आए भूकंप से अब तक 24,500 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हैं। अभी मौतों का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इस भूकंप से तुर्किये के इतिहास के ताकतवर नेताओं में से एक रेसेप तैयर एर्दोगन के राजनीतिक किला भी हिल गया है। दरअसल भूकंप में हजारों इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकता है एर्दोगन का राजनीतिक करियर

साल 1999 में भी तुर्किये में जबरदस्त भूकंप आया था। उस भूकंप ने भी तुर्किये में काफी तबाही मचाई थी और 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। 1999 के भूकंप के बाद सरकार ने एक नियम बनाया था कि नई इमारतों को भूकंप रोधी तकनीक से बनाया जाएगा और इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। हालांकि तुर्किये के लोगों का मानना है कि उनकी सरकार इस नियम को सख्ती से लागू नहीं करा पाई, जिसकी वजह से ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार कर लोगों के लिए असुरक्षित इमारतें तैयार की।

इसके अलावा तुर्किये की सरकार ने मौजूदा इमारतों को मजबूत बनाने के लिए एक खास टैक्स भी लोगों पर लगाया था। इस टैक्स से सरकार के पास करीब 17 बिलियन यूएस डॉलर इकट्ठा हुए थे लेकिन सरकार ने इस फंड में से थोड़ा ही फंड पुरानी इमारतों को मजबूत करने में खर्च किया, बाकी सारा पैसा अन्य कामों में खर्च कर दिया गया। यही वजह है कि लोगों में एर्दोगन सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है क्योंकि तुर्किये में बीते 20 सालों से एर्दोगन ही सत्ता पर काबिज हैं।

सत्ता बचाने की एर्दोगन के सामने बड़ी चुनौती

भूकंप के चलते तुर्किये के 10 प्रांतों में भारी तबाही हुई है। ऐसे में रेसेप तैयप एर्दोगन के सामने इन प्रांतों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती होगी। बीते दिनों जब एर्दोगन ने भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया था तो उन्हें लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था। जिसके बाद एर्दोगन ने एलान किया था कि वह एक साल में ही  फिर से इमारतों का पुनर्निर्माण करेंगे और लोगों को उनका घर देने की बात कही थी लेकिन जिस पैमाने पर तुर्किये में तबाही हुई है, उससे उबरने के लिए तुर्किये को अरबों डॉलर की जरूरत होगी और एक साल में ही सारे घर बनाना भी लगभग असंभव काम है। यही वजह है कि एर्दोगन के लिए भूकंप की इस चुनौती से पार पाना बेहद मुश्किल हो सकता है।

विपक्ष भी एर्दोगन को घेरने की कोशिश कर रहा है और विपक्षी नेता भ्रष्टाचार के लिए एर्दोगन सरकार को कोस रहे हैं। ऐसे में एर्दोगन भी चाहेंगे कि इस साल मई में होने वाले चुनाव को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए ताकि तब तक लोगों का गुस्सा

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