संसद में राहुल गांधी का पीएम मोदी को खुला चैलेंज, इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा

News web media Utttarakhand :  कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा.राहुल गांधी यह बड़ाबयान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अधिभाषण पर चर्चा करते हुए दिया.

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि किसी भी छोटे और मझोले उद्योग वालों से पूछ लीजिए कि नोटबंदी क्यों की गई? वो कहेंगे अरबपतियों की मदद के लिए की गई. गुजरात में मैं गया टेक्सटाइल ऑनर से मेरी बात हुई, उनसे पूछा नोटबंदी क्यों हुई जीएसटी क्यों हुई साफ बोला कि अरबपतियों की मदद करने के लिए जीएसटी लाई गई. नरेंद्र मोदी अरबपतियों के लिए काम करते हैं. सीधी सीधी सी बात है. राहुल गांधी ने जब यह कहा था सदन में पीएम मोदी भी मौजूद थे.

उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को डराने-धमकाने की राजनीति करती है. लेकिन देश की जनता अब बीजेपी से डरने वाली नहीं हैं.

चर्चा हुई. भोजनावकाश के बाद रायबरेली से कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी जब सदन में बोलने के लिए खड़े हुए तो कई मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ. राहुल गांधी ने धन्यवाद प्रस्ताव की आड़ में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को डराने का काम करती है. राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी इसी नीति के चलते हारी. क्योंकि उसने वहां की जनता को डराने-धमकाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश की जनता अब बीजेपी की राजनीति को अच्छी तरह से समझ चुकी है. कांग्रेस नेता ने भरे सदन में कहा कि इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा.

राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में एयरपोर्ट बना तो वहां के लोगों की जमीन छीन ली गई. लेकिन किसी को भी आजतक मुआवजा नहीं मिला. अयोध्या में गरीब लोगों के छोटे-छोटे घर उजाड़ तर जनता को बेघर कर दिया गया. इतना ही नहीं जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो देश के तमाम रईसों को तो वहां बुलाया गया, लेकिन अयोध्या की जनता को डरा-धमकाकर इस कार्यक्रम से दूर रखा गया.

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सिर्फ डर पैदा करने का काम करती है. किसानों में, मजदूरों में, अग्निवीरों में, मणिपुरी में यहां तक कि खुद बीजेपी के अंदर डर है, भय है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता खुलकर बोल नहीं सकते.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी हिंसा और नफरत फैला रही है तथा पिछले 10 वर्षों से संविधान और भारत की अवधारणा पर सुनियोजित ढंग से हमला किया जा रहा है. उन्होंने यह दावा भी किया कि विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है.

अब आम आदमी की खरीद सकेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला

News web media Uttarakhand : इस समय भले ही इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में उपलब्ध हों, लेकिन खरीद पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. क्योंकि अभी भी ईवी की कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में डेढ गुणा से भी ज्यादा हैं. इसलिए आम आदमी ईवी खरीदना तो चाहता है, लेकिन कीमत अधिक होने के चलते खरीदने के प्लान को एक्सटेंड करता रहता है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसी बजट सत्र में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी की घोषणा कर सकती है. आपको बता दें कि यूपी सरकार पहले ही ईवी पर छूट की घोषणा कर चुकी है. लेकिन केन्द्र की ओर से अभी तक कोई छूट का प्रावधान नहीं किया गया है.

आपको बता दें कि देश में पेट्रोल-डीजल की खपत लगातार बढ़ती जा रही है. इससे सरकार भी सोचने पर मजबूर हो गई है. क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन आने का बहुत ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल वाहनों की खरीद पर नहीं पड़ा है. इसलिए महंगे पेट्रोल-डीजल से अगर निजात पानी है तो उसका मजबूत विकल्प तलाशना होगा. सरकारी सूत्रों की माने तो जुलाई माह में देश का पूर्ण बजट पेश होगा. जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी को लेकर भी घोषणा होना तय माना जा रहा है. क्योंकि अंतरिम बजट में ईवी को लेकर चर्चा की गई थी.

आपको बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के पीछे सरकार उद्देश्य है कि पेट्रोल-डीजल की खपत को कम किया जा सके. क्योंकि जहां पेट्रोल-डीजल को खरीदने में आमजन का बजट खराब होता है. वहीं सरकार का भी एक बड़ा बजट इसे आयात करने में चला जाता है. इसलिए ईवी को बढ़ावा दिया गया था. क्योंकि जब पेट्रोल-डीजल की डिमांड कम होगी तो कीमतें अपने आप ही कम हो जाएंगी..लेकिन सरकार रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही हैं. जिसके चलते अब सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही हैं. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं संसद में की इसको लेकर चर्चा भी कर चुके हैं.

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई बार बता चुके हैं कि पेट्रोल गाड़ी में जहां 7 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आता है, वहीं इलेक्ट्रिक वाहन में यह खर्च 1 रुपया प्रति किलोमीटर आता है. यानि ईवी पेट्रोल कार से 7 गुना तक सस्ती पड़ती है. जिसके चलते देश में इलेक्ट्रिक हाईवेज भी बनाने का काम चल रहा है. ताकि लोगों को चार्जिंग के लिए परेशान न होना पड़े. ताजा जानकारी के मुताबिक इसी बजट सत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी पर चर्चा के बाद घोषणा होने की संभावना है. हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है…

स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने लोकसभा में दिया धमाकेदार भाषण

News web media Uttarakhand :  स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने लोकसभा में धमाकेदार भाषण दिया है. इमरजेंसी को इतिहास का काला धब्बा बताते हुए उन्होंने कांग्रेस को घेरा. ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था. कांग्रेस ने संविधान की भावना को कुचलने काम किया था. स्पीकर ने कहा कि यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. बता दें कि ओम बिरला को 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आज यानी बुधवार को चुना गया है. वो लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, ‘यह सदन 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया.’ साथ ही उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी को देश के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा.’

लोकसभा स्पीकर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर इमरजेंसी लगाने को लेकर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया और बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया. भारत पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है. भारत में हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-विवाद का समर्थन किया गया है. लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की गई है, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया है.’

स्पीकर बिरला ने इंदिरा गांधी पर तानाशाही थोपने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने (इंदिरा गांधी) ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया.’

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के पूरी आजादी छीन ली गई. ये दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया. पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया. तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदिया लगाई थी, न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था.

जब स्पीकर ओम बिरला के इमरजेंसी की निंदा करते हुए भाषण दे रहे थे तब सदन में जोरदार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधा. एनडीए सांसदों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए. उधर विपक्षी सांसदों ने भी इसका पलटवार किया. स्पीकर के इस भाषण से विपक्ष हक्का-बक्का रखा. इस हंगामे के बीच लोकसभा की कार्रवाई 27 जून को दोबारा शुरू होने के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने इमरजेंसी के दौरान मारे गए लोगों के लिए सदन में 2 मिनट का मौन रखवाया.

जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने के लिए उठे! विपक्ष चिल्लाने लगा नीट-नीट

News web media Uttarakhand :  नीट पेपर लीक पर मचे घमासान के बीच लोकसभा सत्र में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई दी. हुआ ये कि सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज हुआ. पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ. पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शपथ लेना शुरू किया.

इसी दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए उठे. जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए आगे बढ़े विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने नीट-नीट के नारे लगाए. विपक्ष ने अपने तेवर से जता दिया वो इस बार सरकार को किसी भी मुद्दे पर फ्री हैंड देने के मूड में नहीं हैं.

लोकसभा में नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब शपथ दिलवा रहे हैं. सबसे पहले पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण किया. इस दौरान सत्ता पक्ष के लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए. इसी बीच जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए उठे तो विपक्षी सदस्य एक्टिव हो गए. उन्होंने नीट पेपर लीक मामले को लेकर सदन में नारेबाजी करने लगे. उन्होंने नीट-नीट के नारे लगाए. इस नारेबाजी के जरिए उन्होंने सीधा टारगेट शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को किया. हालांकि, विपक्षी नारेबाजी के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ ग्रहण किया.

विपक्षी पार्टियां नीट यूजी एग्जाम 2024 रद्द करने की मांग कर रही. इस बीच शिक्षा मंत्रालय की ओर से NEET-UG 2024 एग्जाम में कथित गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. जांच मिलने के तुरंत बाद एजेंसी कार्रवाई में जुट गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने रविवार को एफआईआर दर्ज कर ली. जांच एजेंसी ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच के लिए सीबीआई ने स्पेशल टीमें भी बनाई हैं.

आज मंत्री आतिशी का राजधानी के जल संकट पर अनशन, आप ने इंडिया गठबंधन से किया आने का आग्रह

News web media uttarakhand  : दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार को हरियाणा से अतिरिक्त पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रही हैं। आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के सभी दलों से अपील की है कि वे इस अनशन का समर्थन करें।

वही दूसरी ओर भाजपा ने इस कदम को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए आरोप लगाया है कि आतिशी का अनशन महज एक दिखावा है और दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि यह कदम समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।

दिल्ली के जंगपुरा स्थित भोगल इलाके में आज दोपहर 12 बजे आतिशी अनशन शुरू करेंगी। इससे पूर्व वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट जाएंगी।

आतिशी का कहना है कि दिल्ली के नागरिकों को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए गए, लेकिन हरियाणा सरकार ने पानी की आपूर्ति नहीं की है। इस स्थिति के चलते अब पानी सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है।

दिल्ली में जल संकट पर भाजपा सांसदों ने बृहस्पतिवार को जल मंत्री आतिशी पर तीखे हमले किए। शीर्ष नेताओं का आरोप है कि दिल्ली सरकार जल संकट को लेकर भ्रम फैला रही है। उन्होंने आतिशी के उस बयान को झूठ करार दिया जिसमें कहा गया था कि हरियाणा दिल्ली को पूरा जल नहीं दे रहा है और हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त जल को भी बाधित कर रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी तथ्यात्मक आंकड़े पेश किए हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि अगर दिल्ली में जल संकट और जल की कमी है तो हर नुक्कड़ पर जल टैंकर और 20 लीटर पानी के कैन धड़ल्ले से कैसे उपलब्ध हो रहे हैं।

झारखंड के लिए शिवराज सिंह, जानिए चार राज्यों के लिए बीजेपी के प्रभारी

News web media Utttarakhand :  आने वाले समय में कई राज्यों में विधानसभा होने हैं. बीजेपी अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति की है. महाराष्ट्र में भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी और अश्विनी वैष्णव को चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है.

हरियाणा में धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश चुनाव प्रभारी और बिप्लब देब को प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है. वहीं झारखंड का जिम्मा शिवराज सिंह को सौंपा गया है. यहां हिमंत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी जी किशन रेड्डी को दी गई है.

देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव हुए थे. इसके परिणाम 4 जून को सामने आए. इन चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ. वह 240 पर ही सिमट गई. वहीं विपक्ष में इंडिया अलायंस 234 सीटें ही जीत पाईं. एनडीए (NDA) 293 सीटें जीत पाई. एनडीए ने केंद्र में सरकार बनाई. अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं.

इस वर्ष के अंत तक महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी ने सभी चारों राज्यों में प्रभारी और सह प्रभारी के नामों की घोषणा कर दी है.

चंद्रबाबू नायडू ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, चौथी बार बने आंध्र के सीएम

News web media Uttarakhand : तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू आज आंध्र प्रदेश के सीएम पद की शपथ लेंगे. नायडू का विजयवाड़ा के केसरपल्ली आईटी पार्क में 11 बजकर 27 मिनट पर शपथ लेने का कार्यक्रम है. चंद्रबाबू नायडू चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा विजयवाड़ा पहुंच चुके हैं.

नायडू के अलावा पवन कल्याण समेत 25 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. आंध्र प्रदेश विधानसभा की सदस्य संख्या (175) के अनुसार, मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 26 मंत्री हो सकते हैं. पवन कल्याण को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. इसमें चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकश भी शामिल हैं. आंध्र प्रदेश में टीडीपी-पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. NDA को 164 विधानसभा सीट मिली हैं. इनमें से टीडीपी को 135, जनसेना पार्टी को 21 और बीजेपी को 8 सीट मिली हैं.

 

 

इससे पहले आंध्र प्रदेश के गवर्नर अब्दुल नजीर ने नायडू को आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने का न्योता दिया. एनडीए नेताओं के अनुरोध के बाद राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने नायडू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.

शपथ से पहले क्या बोले नायडू?

चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को NDA विधायकों को संबोधित किया. नायडू ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी राज्य के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है और इसके लिए ‘आश्वासन’ दिया गया है. उन्होंने संकल्प जताया कि अमरावती आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी और पोलावरम परियोजना को पूरा किया जाएगा.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम को आर्थिक राजधानी और एक उन्नत विशेष शहर के रूप में विकसित किया जाएगा. टीडीपी प्रमुख ने हाल के चुनावों के बारे में एनडीए की भारी जीत को अभूतपूर्व बताया. नायडू के अनुसार, उन्होंने पहले भी कई चुनावों की समीक्षा की है, लेकिन 2024 के चुनावों ने उन्हें सबसे अधिक संतुष्टि दी है.

शपथग्रहण में कौन-कौन होगा शामिल

  • पीएम मोदी
  • अमित शाह
  • जेपी नड्डा
  • नितिन गडकरी
  • राजमोहन नायडू
  • जीतन राम मांझी
  • जी किशन रेड्डी
  • चिराग पासवान
  • जयंत चौधरी
  • एकनाथ शिंदे
  • मोहन यादव

PM मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर साधा निशाना, बोले- हम हारे कहां से भाई, ये एनडीए की महाविजय

News web media Uttarakhand :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता चुने जाने के बाद, शुक्रवार को संसदीय दल को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर एनडीए सरकार को सबसे सफल गठबंधन माना। संबोधन के दौरान, उन्होंने विपक्ष और उनके इंडी गठबंधन को मजबूती से घेरा। ईवीएम को लेकर भी विपक्षी गठबंधन को उन्होंने कड़ी से कड़ी आलोचना की।

एनडीए की एक बार फिर से महाजीत के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उच्चारों में देश को एक बड़ी सफलता की दिशा में देखने का संदेश दिया। उन्होंने चुनाव परिणामों की ताकत को अपनी सरकार के जीतने की प्रमुखता के रूप में पेश किया, और कहा कि विजय की सच्चाई उनकी सरकार के काम के जरिए प्रमाणित होती है।

साथ ही उन्होंने विपक्ष के आरोपों का मुखारण किया, कहा कि ईवीएम की अर्थी निकालने की योजना उनके देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से हटाने की चेष्टा थी। उन्होंने भी देश के लोकतंत्र की महत्ता को उजागर किया, और अपने विरोधियों की बातों का खंडन किया, कहते हुए कि भारत विदेश में एक महान लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा है।

ब्राह्मण और बनियों में भी गरीब होते हैं, क्या उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए: पीएम मोदी

News web media Uttarakhand : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल उठाया कि क्या ब्राह्मण, बनियों में भी गरीब नहीं होते, क्या उनके बच्चों को भी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गरीब सवर्ण परिवार के बच्चों को भी 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया. पीएम मोदी ने इसी के साथ ओबीसी कोटे से मुस्लिमों को आरक्षण देने पर भी कांग्रेस पर हमला बोला.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस वाले ओबीसी का आरक्षण खत्म करके मुस्लिमों को दे देना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में ऐसा करके भी दिखाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन वाले इसे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने इसी के साथ ये भी कहा कि हमारी सरकार में ऐसा कभी नहीं हो सकता. दलितों, पिछड़ों का हक नहीं छिनने देंगे.

ओबीसी का हक छीनने की साजिश

प्रधानमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण में कटौती करने का ताजा उदाहरण पश्चिम बंगाल में सामने आया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किये जाने का मुद्दा उठाया और ममता बनर्जी पर सीधा हमला किया. पीएम ने कहा कि दो दिन पहले ही वहां कोलकाता हाईकोर्ट ने 77 मुस्लिम जातियों के आरक्षण को खत्म कर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा करके इंडिया गठबंधन वाले ओबीसी के हक पर डाका डालना चाहते हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान और अदालतें इनके लिए कोई मायने नहीं रखतीं. इनके लिए केवल वोट बैंक मायने रखता है.

वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा भी उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने में पूर्व सैनिकों के साथ बड़ा धोखा किया है. पीएम ने कहा कि हमने कांग्रेस के 500 करोड़ के बदले सवा लाख करोड़ रुपये दिये. वास्तविक वन रैंक वन पेंशन हमारी सरकार में लागू किया गया.

नौकरी देने के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हिमाचल के लोगों से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में एक लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, महिलाओं को 1500 रुपये देने का वादा किया, गोबर का पैसा देने का वादा किया था. पीएम ने इसी के साथ कांग्रेस पर तंज कसा कि यहां तो नौकरी की परीक्षा वाले आयोग पर ही ताला लगा दिया गया.

प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर जताया शोक

News web media uttarakhand : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और झटका लगा है। उन्होंने कहा कि रईसी का भारत-ईरान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में दिया गया योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के लिए मेरी संवेदनाएं। इस दुख की घड़ी में भारत, ईरान के साथ खड़ा है।