दिल्ली में जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन की बड़ी रैली, सीएम मान और सुनीता केजरीवाल पहुंचे

News web media Utttarakhand : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर इंडिया गठबंधन ने जंतर मंतर पर एक विशाल रैली का आयोजन किया है। यह रैली अब आरंभ हो चुकी है, और मंच पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी जैसे विभिन्न दल भी इस रैली में शामिल हो रहे हैं।

इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी बिगड़ती सेहत को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और संदीप पाठक मंच पर पहुंच चुके हैं।

फिलहाल इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति नहीं है। इस बीच, मंच पर आप विधायक दिलीप पांडेय अपने संबोधन के जरिए मुद्दे पर रोशनी डाल रहे हैं।

उनके बोलने का समय पूरा हो गया था..ममता के आरोपों पर सरकार ने दिया जवाब

News web media uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो रही है, जिसमें कई राज्यों के सीएम मौजूद हैं, इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, लेकिन वह बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं. सीएम ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और उनका माइक बंद कर दिया गया. उनके इन आरोपों को सरकार ने खारिज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि उनके बोलने का समय पूरा हो गया था, जिसकी वजह से उनका माइक बंद कर दिया गया.

दिल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक को बजट में हुए भेदभाव का आरोप लगाते हुए विपक्ष के दलों ने बायकॉट किया है, जिसके बावजूद ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होती नजर आईं, लेकिन वह कुछ ही समय में इस बैठक को छोड़कर बाहर निकल गईं. ममता ने बैठक से बाहर आकर मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि बैठक में उनके बोलने पर रोक लगा दिया गया और माइक बंद किया गया.

बोलते समय बंद किया गया माइक

ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है, जब बैठक के दौरान उन्होंने फंड की मांग की तो उनके माइक को बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में उन्हें केवल 5 मिनट ही बोलने का समय दिया गया. ममता ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गैर एनडीए शासित राज्यों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है.

बैठक में ममता ने कौन से मुद्दे उठाए ?

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बैठक बीच में छोड़ कर आई हूं. उन्होंने बताया कि चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10-12 मिनट तक बात की, लेकिन जब मेरी बारी आई तो मुझे सिर्फ 5 मिनट में ही रोक दिया गया, जो कि गलत है. ममता ने बताया कि वो बैठक में इसलिए शामिल हुईं थी क्योंकि कई मुद्दों को उठाना था, जिनमें सहकारी संघवाद को मजबूत करना क्योंकि एक राज्य मजबूत है, तो संघ मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि मेरे साथ कई क्षेत्रों की आकांक्षाएं हैं जिनके लिए मैं यहां पर हूं, मेरा आज यही कहना था कि सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए, मैं उन सभी राज्यों की ओर से बोल रही हूं जिन्हें वंचित रखा गया है, दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव क्यों?

बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट में बंगाल सहित कई राज्यों को वंचित रखा गया है और कहा कि बजट पूरी तरह से राजनीतिक रूप से पक्षपाती है. ममता ने कहा कि नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय अधिकार दें या योजना आयोग को वापस लाएं. विपक्ष की ओर से, मैं सहकारी संघवाद को मजबूत करने के लिए यहां हूं, लेकिन सरकार सहकारी संघवाद के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने मनरेगा फंड की बात करते हुए कहा कि पिछले तीन सालों से बंगाल को मनरेगा फंड से वंचित रखा गया है, कुछ भी भुगतान नहीं किया गया.

केंद्र सरकार ने खारिज किए आरोप

केंद्र सरकार ने ममता के लगाए गए इन आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि ममता बनर्जी के किए जा रहे सभी दावे गलत हैं. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी का माइक समय खत्म होने पर बंद किया गया था, यहां तक कि समय बताने के लिए बेल भी नहीं बजाई गई थी. आगे उन्होंने बताया कि नाम के आधार पर ममता बनर्जी की बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के स्थान पर बोलने दिया गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने जल्दी बोलने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्हें जल्दी वापस लौटना था.

माइक बंद करने का आरोप है झूठा- वित्त मंत्री

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सरकार पर जो आरोप लगाए हैं उन सभी आरोपों के बारे में बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम ममता इस बैठक का हिस्सा थीं और हम सभी उन्हें सुना है. उन्होंने कहा कि हर राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने के लिए एक लिमिटेड समय दिया गया था और उस समय को दिखाने के लिए उनकी टेबल पर एक स्क्रीन लगाई गई थी. वित्त मंत्री ने बताया कि ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो कि पूरी तरह से झूठ है. आगे उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है. उन्हें सच बोलना चाहिए, न कि झूठ पर बनाई गई एक कहानी.

बेईमानी का रोना रो रहे- प्रहलाद जोशी

ममता बनर्जी के इस आरोपों पर मीडिया ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से भी बात की. जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि नीति आयोग की बैठक में क्या हुआ है, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह तथाकथित इंडी गठबंधन बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वह कांग्रेस को कितना सम्मान वह देती हैं, यह सभी जानते हैं. वे लोगों के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं, वे बेईमानी का रोना रो रहे हैं.

युवाओं-मध्यम वर्ग को मिलेगी नई ताकत- प्रधानमंत्री मोदी, जानिए और क्या-क्या बोले बजट पर पीएम मोदी

News web media Utttarakhand :  आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों और युवाओं को प्रगति की राह पर अग्रसर करेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और यह बजट उनकी आर्थिक प्रगति को बनाए रखने में सहायक होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बजट युवाओं को अनगिनत अवसर प्रदान करेगा और मिडिल क्लास को नई ताकत देगा।

इसके अलावा, जनजातीय समाज, दलित, और पिछड़े वर्गों को सशक्त करने के लिए इस बजट में मजबूत योजनाएं शामिल की गई हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में यह बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम सब मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे। इस बजट में लघु उद्योगों के लिए ऋण की आसानी बढ़ाने वाली नई योजनाओं का ऐलान किया गया है। विनिर्माण और निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को हर जिले तक ले जाने के लिए बजट में अहम घोषणा की गई है। यह बजट स्टार्टअप, नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ढेर सारे नए अवसर लेकर आया है।’

भारतीय राजदूत के रूप में विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में किया गया नियुक्त

News web media Uttarakhand : अमेरिका में भारत के नए राजदूत के नाम का एलान कर दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया है।  आपको बता दें कि क्वात्रा इसी महीने विदेश सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। अब उन्हें अमेरिका में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद जनवरी में तरनजीत सिंह संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से रिक्त पड़ा था। क्वात्रा का कार्यकाल इस वर्ष 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। क्वात्रा की जगह विक्रम मिस्री को विदेश सचिव नियुक्त किया गया है। विदेश सचिव बनने से पहले विनय मोहन क्वात्रा, भारत के दूत के रूप में चीन, अमेरिका, फ्रांस में काम कर चुके हैं।

भारत-अमेरिका के संबंधों में उथल-पुथल के बीच क्वात्रा की नियुक्ति
अमेरिका के राजूदत के तौर पर विनय क्वात्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब भारत-अमेरिका संबंधों में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका ने हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा पर भी सवाल उठाए थे, और रूस के साथ भारत के संबंधों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा भारत पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित तौर पर हत्या करने की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है। भारतीय मूल के विवेक गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिकी अधिकारियों के कहने पर उसे अमेरिका भेज दिया गया था।

ये लोग भी बन चुके हैं रिटायर होने के बाद राजूदत
2011 में यूपीए शासनकाल के दौरान भारत सरकार ने निरुपमा राव को विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद अमेरिका का राजूदत बनाया गया था। वे 2011 से 2013 तक इस पद पर रही थीं। उनके बाद वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर, अरुण कुमार सिंह, नवतेज सरना, हर्षवर्धन श्रृंगला और तरनजीत सिंह संधू ने यह कार्यभार संभाला। हालांकि, ये सभी रिटायर नहीं हुए थे। वैसे और भी कई ऐसे रिटायर आईएफएस अधिकारी रहे हैं, जो इस महत्वपूर्ण पद को संभाल चुके हैं। इनमें 1966 बैच के आईएफएस अधिकारी कंवल सिब्बल नवंबर 2003 में विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद 2004 से 2007 तक रूस में भारत के राजदूत रहे। इसके अलावा 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी रंजन मथाई 2013 में विदेश सचिव के पद से रिटायर हुए। उन्हें उसी साल दिसंबर महीने में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर सीबीआई को जारी किया नोटिस

Dehradun Milap : आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

बताया गया कि इसी तारीख पर सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और इसके बाद जारी रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई होगी।

कोर्ट में क्या बोले केजरीवाल के अधिवक्ता

केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जहां यहां ट्रिपल टेस्ट का दूर-दूर तक आरोप लगाया गया हो। इस मामले में चार लोगों को जमानत मिल चुकी है। केजरीवाल को दो साल बाद गिरफ्तार किया गया है।

सिंघवी ने तर्क दिया कि केजरीवाल को ईडी मामले में ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई है और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। केजरीवाल कोई घोषित अपराधी या आतंकवादी नहीं हैं। केजरीवाल सिर्फ कुछ अंतरिम राहत की मांग कर रहे हैं।

संसद में राहुल गांधी का पीएम मोदी को खुला चैलेंज, इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा

News web media Utttarakhand :  कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा.राहुल गांधी यह बड़ाबयान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अधिभाषण पर चर्चा करते हुए दिया.

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि किसी भी छोटे और मझोले उद्योग वालों से पूछ लीजिए कि नोटबंदी क्यों की गई? वो कहेंगे अरबपतियों की मदद के लिए की गई. गुजरात में मैं गया टेक्सटाइल ऑनर से मेरी बात हुई, उनसे पूछा नोटबंदी क्यों हुई जीएसटी क्यों हुई साफ बोला कि अरबपतियों की मदद करने के लिए जीएसटी लाई गई. नरेंद्र मोदी अरबपतियों के लिए काम करते हैं. सीधी सीधी सी बात है. राहुल गांधी ने जब यह कहा था सदन में पीएम मोदी भी मौजूद थे.

उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को डराने-धमकाने की राजनीति करती है. लेकिन देश की जनता अब बीजेपी से डरने वाली नहीं हैं.

चर्चा हुई. भोजनावकाश के बाद रायबरेली से कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी जब सदन में बोलने के लिए खड़े हुए तो कई मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ. राहुल गांधी ने धन्यवाद प्रस्ताव की आड़ में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को डराने का काम करती है. राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी इसी नीति के चलते हारी. क्योंकि उसने वहां की जनता को डराने-धमकाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश की जनता अब बीजेपी की राजनीति को अच्छी तरह से समझ चुकी है. कांग्रेस नेता ने भरे सदन में कहा कि इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हरा देगा.

राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में एयरपोर्ट बना तो वहां के लोगों की जमीन छीन ली गई. लेकिन किसी को भी आजतक मुआवजा नहीं मिला. अयोध्या में गरीब लोगों के छोटे-छोटे घर उजाड़ तर जनता को बेघर कर दिया गया. इतना ही नहीं जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो देश के तमाम रईसों को तो वहां बुलाया गया, लेकिन अयोध्या की जनता को डरा-धमकाकर इस कार्यक्रम से दूर रखा गया.

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सिर्फ डर पैदा करने का काम करती है. किसानों में, मजदूरों में, अग्निवीरों में, मणिपुरी में यहां तक कि खुद बीजेपी के अंदर डर है, भय है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता खुलकर बोल नहीं सकते.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी हिंसा और नफरत फैला रही है तथा पिछले 10 वर्षों से संविधान और भारत की अवधारणा पर सुनियोजित ढंग से हमला किया जा रहा है. उन्होंने यह दावा भी किया कि विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है.

अब आम आदमी की खरीद सकेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला

News web media Uttarakhand : इस समय भले ही इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में उपलब्ध हों, लेकिन खरीद पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. क्योंकि अभी भी ईवी की कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में डेढ गुणा से भी ज्यादा हैं. इसलिए आम आदमी ईवी खरीदना तो चाहता है, लेकिन कीमत अधिक होने के चलते खरीदने के प्लान को एक्सटेंड करता रहता है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसी बजट सत्र में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी की घोषणा कर सकती है. आपको बता दें कि यूपी सरकार पहले ही ईवी पर छूट की घोषणा कर चुकी है. लेकिन केन्द्र की ओर से अभी तक कोई छूट का प्रावधान नहीं किया गया है.

आपको बता दें कि देश में पेट्रोल-डीजल की खपत लगातार बढ़ती जा रही है. इससे सरकार भी सोचने पर मजबूर हो गई है. क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन आने का बहुत ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल वाहनों की खरीद पर नहीं पड़ा है. इसलिए महंगे पेट्रोल-डीजल से अगर निजात पानी है तो उसका मजबूत विकल्प तलाशना होगा. सरकारी सूत्रों की माने तो जुलाई माह में देश का पूर्ण बजट पेश होगा. जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी को लेकर भी घोषणा होना तय माना जा रहा है. क्योंकि अंतरिम बजट में ईवी को लेकर चर्चा की गई थी.

आपको बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के पीछे सरकार उद्देश्य है कि पेट्रोल-डीजल की खपत को कम किया जा सके. क्योंकि जहां पेट्रोल-डीजल को खरीदने में आमजन का बजट खराब होता है. वहीं सरकार का भी एक बड़ा बजट इसे आयात करने में चला जाता है. इसलिए ईवी को बढ़ावा दिया गया था. क्योंकि जब पेट्रोल-डीजल की डिमांड कम होगी तो कीमतें अपने आप ही कम हो जाएंगी..लेकिन सरकार रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही हैं. जिसके चलते अब सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही हैं. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं संसद में की इसको लेकर चर्चा भी कर चुके हैं.

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई बार बता चुके हैं कि पेट्रोल गाड़ी में जहां 7 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आता है, वहीं इलेक्ट्रिक वाहन में यह खर्च 1 रुपया प्रति किलोमीटर आता है. यानि ईवी पेट्रोल कार से 7 गुना तक सस्ती पड़ती है. जिसके चलते देश में इलेक्ट्रिक हाईवेज भी बनाने का काम चल रहा है. ताकि लोगों को चार्जिंग के लिए परेशान न होना पड़े. ताजा जानकारी के मुताबिक इसी बजट सत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी पर चर्चा के बाद घोषणा होने की संभावना है. हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है…

स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने लोकसभा में दिया धमाकेदार भाषण

News web media Uttarakhand :  स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने लोकसभा में धमाकेदार भाषण दिया है. इमरजेंसी को इतिहास का काला धब्बा बताते हुए उन्होंने कांग्रेस को घेरा. ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था. कांग्रेस ने संविधान की भावना को कुचलने काम किया था. स्पीकर ने कहा कि यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. बता दें कि ओम बिरला को 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आज यानी बुधवार को चुना गया है. वो लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, ‘यह सदन 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया.’ साथ ही उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी को देश के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा.’

लोकसभा स्पीकर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर इमरजेंसी लगाने को लेकर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया और बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया. भारत पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है. भारत में हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-विवाद का समर्थन किया गया है. लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की गई है, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया है.’

स्पीकर बिरला ने इंदिरा गांधी पर तानाशाही थोपने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने (इंदिरा गांधी) ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया.’

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के पूरी आजादी छीन ली गई. ये दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया. पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया. तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदिया लगाई थी, न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था.

जब स्पीकर ओम बिरला के इमरजेंसी की निंदा करते हुए भाषण दे रहे थे तब सदन में जोरदार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधा. एनडीए सांसदों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए. उधर विपक्षी सांसदों ने भी इसका पलटवार किया. स्पीकर के इस भाषण से विपक्ष हक्का-बक्का रखा. इस हंगामे के बीच लोकसभा की कार्रवाई 27 जून को दोबारा शुरू होने के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने इमरजेंसी के दौरान मारे गए लोगों के लिए सदन में 2 मिनट का मौन रखवाया.

जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने के लिए उठे! विपक्ष चिल्लाने लगा नीट-नीट

News web media Uttarakhand :  नीट पेपर लीक पर मचे घमासान के बीच लोकसभा सत्र में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई दी. हुआ ये कि सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज हुआ. पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ. पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शपथ लेना शुरू किया.

इसी दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए उठे. जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए आगे बढ़े विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने नीट-नीट के नारे लगाए. विपक्ष ने अपने तेवर से जता दिया वो इस बार सरकार को किसी भी मुद्दे पर फ्री हैंड देने के मूड में नहीं हैं.

लोकसभा में नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब शपथ दिलवा रहे हैं. सबसे पहले पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण किया. इस दौरान सत्ता पक्ष के लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए. इसी बीच जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए उठे तो विपक्षी सदस्य एक्टिव हो गए. उन्होंने नीट पेपर लीक मामले को लेकर सदन में नारेबाजी करने लगे. उन्होंने नीट-नीट के नारे लगाए. इस नारेबाजी के जरिए उन्होंने सीधा टारगेट शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को किया. हालांकि, विपक्षी नारेबाजी के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ ग्रहण किया.

विपक्षी पार्टियां नीट यूजी एग्जाम 2024 रद्द करने की मांग कर रही. इस बीच शिक्षा मंत्रालय की ओर से NEET-UG 2024 एग्जाम में कथित गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. जांच मिलने के तुरंत बाद एजेंसी कार्रवाई में जुट गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने रविवार को एफआईआर दर्ज कर ली. जांच एजेंसी ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच के लिए सीबीआई ने स्पेशल टीमें भी बनाई हैं.

आज मंत्री आतिशी का राजधानी के जल संकट पर अनशन, आप ने इंडिया गठबंधन से किया आने का आग्रह

News web media uttarakhand  : दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार को हरियाणा से अतिरिक्त पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रही हैं। आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के सभी दलों से अपील की है कि वे इस अनशन का समर्थन करें।

वही दूसरी ओर भाजपा ने इस कदम को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए आरोप लगाया है कि आतिशी का अनशन महज एक दिखावा है और दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि यह कदम समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।

दिल्ली के जंगपुरा स्थित भोगल इलाके में आज दोपहर 12 बजे आतिशी अनशन शुरू करेंगी। इससे पूर्व वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट जाएंगी।

आतिशी का कहना है कि दिल्ली के नागरिकों को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए गए, लेकिन हरियाणा सरकार ने पानी की आपूर्ति नहीं की है। इस स्थिति के चलते अब पानी सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है।

दिल्ली में जल संकट पर भाजपा सांसदों ने बृहस्पतिवार को जल मंत्री आतिशी पर तीखे हमले किए। शीर्ष नेताओं का आरोप है कि दिल्ली सरकार जल संकट को लेकर भ्रम फैला रही है। उन्होंने आतिशी के उस बयान को झूठ करार दिया जिसमें कहा गया था कि हरियाणा दिल्ली को पूरा जल नहीं दे रहा है और हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त जल को भी बाधित कर रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी तथ्यात्मक आंकड़े पेश किए हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि अगर दिल्ली में जल संकट और जल की कमी है तो हर नुक्कड़ पर जल टैंकर और 20 लीटर पानी के कैन धड़ल्ले से कैसे उपलब्ध हो रहे हैं।