राजद्रोह पर रोक, देशद्रोह के मामले में केस दर्ज नहीं करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला,  क्या उमर खालिद अब छूट जाएगा

बुधवार को देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी आज हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) (SP) रैंक के अधिकारी को देशद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी ,देशद्रोह के मामले में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेजी से की जा सकती है

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आज सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को राजद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को भी कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशानिर्देश दे सकती है।

सुप्रीमकोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के सभी लंबित मामलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और पुलिस और प्रशासन को सलाह दी कि जब तक केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक कानून के इस सेक्शन का उपयोग न करें।

सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा अगर कोई ताजा मामला दर्ज होता है तो संबंधित पक्ष कोर्ट का रुख कर सकते हैं और कोर्ट ही इस मामले का निपटारा करेगी चीफजस्टिस ने कहा केंद्र सरकार इस कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने के लिए स्वतंत्र है।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न करें हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार 124A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज  करेंगी या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू करेंगे।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है अटॉर्नी जनरल ने हनुमान चालीसा मामले में दायर देशद्रोह के आरोप का भी जिक्र किया था।

केंद्रसरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया है कि आईपीसी की धारा 124ए तहत राजद्रोह के आरोप भविष्य में एफआईआर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अफसर की जांच के बाद ही दर्ज की जाए लंबित मामलों पर, अदालतों को जमानत पर जल्द विचार करने का निर्देश दिया जा सकता है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, मौजूदा समय में पूरे भारत में देशद्रोह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं इस मामले में तेरा हजार के करीब लोग जेल में बंद है।

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र और राज्यों को देशद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी।

सवाल- जिनपर राजद्रोह के केस चल रहे हैं, उनका क्या होगा?
वाब- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनपर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उनपर कार्रवाई पहले की तरह चलती ही रहेगी। ये कोर्ट पर निर्भर करेगा कि आरोपियों को जमानत दी जाती है या नहीं।

सवाल- अगर फिर भी केस दर्ज हो जाता है तो क्या?
जवाब- हालांकि, शीर्ष अदालत ने नए मामले दर्ज करने पर रोक लगा दी है लेकिन अगर फिर भी कोई केस दर्ज होता है तो उसके लिए भी रास्ता निकाल दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई केस फिर भी दर्ज हो जाता है तो आरोपी शख्स सुप्रीम कोर्ट के आज के ऑर्डर को लेकर निचली अदालत का रुख कर सकता है।

सवाल- राजद्रोह के केस में कितने लोग जेल में है
जवाब- सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान जब जजों ने पूछा कि कितने लोग राजद्रोह के आरोप में जेल में हैं। तब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 13 हजार लोग जेल में हैं।

सवाल- सेक्शन 124 (A) पर अब क्या है वास्तविक स्थिति?
जवाब- चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को स्थगित किया है इसलिए इस कानून की लीगल वैलिडिटी खत्म नहीं हुई है। यह कानून पूर्ववत बना हुआ है।


सवाल-
 उमर खालिद का क्या होगा?
जवाब- जेएनयू के छात्र रहे उमर खालिद पर भी विश्विद्यालय परिसर में देशविरोधी नारे के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जिन लोगों पर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो निचली अदालतों का रुख जमानत के लिए कर सकते हैं। ऐसे में खालिद भी इस मामले में निचली अदालत जा सकते हैं।

सवाल- राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार के लिए केंद्र के पास कितना समय?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह मामले की सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में फिर करेगी। ऐसे में कह सकते हैं कि केंद्र को कम से कम जुलाई के तीसरे हफ्ते तक विचार करने का समय मिल गया है।

सवाल-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से क्या आग्रह किया?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124 A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया है।

CUET 2022 के आवेदन के लिए यूजीसी ने अंतिम तिथि बढ़ाई,  कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए इच्छुक उम्मीदवार अब 22 मई तक कर सकते हैं आवेदन 

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने सीयूईटी 2022 पंजीकरण के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट बढ़ा दी है। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार अब 22 मई तक अपने फॉर्म जमा कर सकते हैं। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन कल यानि 6 मई को बंद होने वाला था। हालांकि अब अभ्यर्थियों को राहत मिली है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने ट्वीट कर कहा- हमने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 मई 2022 तक बढ़ा दी है। हमें उम्मीद है कि इससे छात्रों को CUET के लिए आवेदन करने के अतिरिक्त समय मिलेगा। आप सभी को शुभकामनाएं। इससे पहले CUET 2022 के लिए अप्लाई करने की लास्ट डेट 6 मई थी।

12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के पास अब पूरे भारत में 73 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों में यूजी प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने के लिए अतिरिक्त समय है। उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आवेदन पत्र में आवश्यक सभी विवरणों को ध्यान से भरें। एनटीए ने छात्रों को 22 मई 2022 से 31 मई 2022 तक अपने सीयूईटी 2022 आवेदन फॉर्म को सही करने और संपादित करने का अवसर भी दिया है।परीक्षा की तारीखों को सूचित किया जाना बाकी है। एजेंसी द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, CUET 2022 एग्जाम जुलाई 2022 के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है।

इस बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET 2022) का आयोजन किया जा रहा है। एनटीए द्वारा सीयूईटी इंट्रेस एग्जाम का आयोजन जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। अब इस टेस्ट के आधार पर ही यूनिवर्सिवटी में एडमिशन मिलेगा। पहले 12वीं में मिले अंकों के आधार पर एडमिशन मिलता था।

उम्मीदवार स्नातक स्तरीय सामान्य प्रवेश परीक्षा सीयूईटी–2022 में आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना पढ़ लें। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in और nta.ac.in पर उपलब्ध कराए गए विस्तृत सूचना बुलेटिन को पढ़ सकते हैं। एनटीए द्वारा सीयूईटी जुलाई 2022 में 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा का आयोजन कंप्यूटर आधारित टेस्ट यानी सीबीटी (CBT) मोड में आयोजित किया जाएगा।

सीयूईटी 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया

  1. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के आवेदन के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाएं।
  2. यहां होम पेज पर रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करें और अपना आवेदन फॉर्म भरें।
  3. अब भर्ती प्रक्रिया के लिए पंजीयन हेतु संबंधित जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
  4. इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  5. उम्मीदवार अपना आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और भविष्य के संदर्भ के लिए प्रिंट आउट कर लें।

सीएम और चीफ जस्टिस सम्मेलन में बोले CJI एनवी रमना- हमें ‘लक्ष्मण रेखा’ का रखना चाहिए ध्यान

विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर जस्टिस रमण ने कहा कि अदालतों के फैसलों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर उनका पालन नहीं करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। सीजेआई ने जनहित याचिकाओं (PIL) के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह अब पब्लिक इंट्रेस्ट पिटीशन की बजाए ‘पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ बनकर रह गई हैं। पीआईएल का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जाने लगा है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा। भारत सरकार न्याय व्यवस्था में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट परियोजना को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहां तक कि गांवों में भी डिजिटल ट्रांसजेक्शन आम बात होने लगी है।

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका का संविधान संरक्षक की है वहीं विधान मंडल नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने देश के संविधान में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की शक्तियों के विभाजन का जिक्र करते हुए इनके द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान ‘लक्ष्मण रेखा’ का ध्यान रखने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अदालती फैसलों के पालन में बेरुखी पर असंतोष भी प्रकट किया।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि संविधान राज्य के तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है और अपने कर्तव्य का पालन करते समय लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखा जाना चाहिये।

प्रधान न्यायाधीश ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कहा न्यायिक निर्देशों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता दिखाना लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संविधान तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है तथा इनके बीच सामंजस्य से लोकतंत्र मजबूत होगा। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब यह ‘निजी हित याचिका’ बन गई है और निजी मामलों को निपटाने के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है।

केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के सभी कोटे खत्म, केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की गाइडलाइन्स में हुआ बदलाव, यहां देखें नई गाइडलाइन्स

केंद्रीय विद्यालय में सांसदों और जिलाधिकारियों के कोटे से बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब सांसद और जिलाधिकारी अपने कोटे से बच्चों को प्रवेश नहीं दिला सकेंगे। यह नियम अब अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

प्रत्येक लोकसभा सांसद पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में 10 छात्रों के दाखिले के लिए सिफारिश करने का हकदार था। वहीं किसी भी राज्यसभा सदस्यों को उस राज्य में 10 छात्रों की सिफारिश करने की अनुमति थी, जहां से वे चुने गए थे। सरकार ने सांसदों के बच्चों और आश्रित पोते-पोतियों के प्रवेश की अनुमति देने वाले विशेष प्रावधान को भी समाप्त कर दिया है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा 1 से 12 तक केवीएस प्रवेश 2022 के लिए संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश जारी किए हैं। केवीएस संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश केवीएस की आधिकारिक साइट kvsangathan.nic.in पर सभी माता-पिता, छात्रों और अन्य लोगों चेक कर सकते है। है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय की किसी भी कक्षा में उसकी क्षमता से अधिक दाखिला देने के लिए एक नया प्रावधान पेश किया है। इस प्रावधान के तहत बच्चों का दाखिला संबंधित जिले के जिलाधिकारियों की ओर से दी जाने वाली लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। इसके अनुसार, हर केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चे और हर कक्षा में अधिकतम दो बच्चों के दाखिले की अनुमति होगी। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

फीस में भी दी जाएगी छूट
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पहली से 12वीं कक्षा तक फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

  • इन बच्चों को भी मिल सकेगा एडमिशन
  • सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • सेवारत KVS कर्मचारियों के बच्चों को वर्ष के किसी भी समय प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। भले ही कक्षा की संख्या/स्थानांतरण/भर्ती का वर्ष कुछ भी हो। हालांकि, कक्षा दसवीं के लिए बच्चे को प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। सेवानिवृत्त व्यक्तियों के बच्चों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  •  केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, जिनकी मौत हो गई है, उन्हें भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक (सेना), नौसेना पदक (नौसेना), वायु सेना पदक (वायु सेना) के प्राप्तकर्ताओं के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे को भी सेंट्रल स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
  •  सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई, सीबीएसई, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी खिलाड़ियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा।
  • कक्षा I और कक्षा VI के बाद से सिंगल गर्ल चाइल्ड को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें जुड़वां बच्चियां भी शामिल हैं।
  •  ऐसे बच्चे जो, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी सेंट्रल स्कूल में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  •  ऐसे बच्चे, जिन्होंने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है और उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर पहचान मिली है।
  •  विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावास में 15 प्रवेश दिए जाएंगे।
  •  भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के बाद प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएगी।
  •  गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, NDRF और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 प्रवेश दिए जाएंगे। इसके अलावा कश्मीरी प्रवासियों के बच्चों को भी एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • विभिन्न स्तरों पर खेल और खेलकूद मीट/ स्काउटिंग गाइडिंग/एनसीसी/एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश के लिए भी रियायत दी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र पिछले किसी भी वर्ष का हो सकता है।

 

नीट-UG 2022: 7 मई तक करें नीट परीक्षा के लिए आवेदन,17 जुलाई को होगी नीट परीक्षा, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET-UG) का आयोजन 17 जुलाई को होगा और इसके लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 2 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूजी नीट परीक्षा (NEET-UG 2022) एक ही दिन आयोजित होगी और यह पेन-पेपर आधारित होगी। इसे 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा।

नीट 2022 परीक्षा के लिए nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन 17 जुलाई 2022 को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 मई, 2022 है।

नीट 2022 महत्वपूर्ण तारीखें

इवेंट

नीट 2022 डेट

नीट आवेदन पत्र 2022 भरने की अंतिम तिथि

6 मई 2022

नीट 2022 आवेदन शुल्क भुगतान की लास्ट डेट

7 मई 2022

एनटीए नीट आवेदन पत्र की सुधार खिड़की

सूचित किया जाएगा

नीट-UG एडमिट कार्ड 2022 जारी किया जाएगा

सूचित किया जाएगा

नीट परीक्षा की तारीख

17 जुलाई 2022 (जारी)

नीट रिजल्ट की घोषणा

सूचित किया जाएगा

नीट यूजी काउंसलिंग की शुरुआत

सूचित किया जाएगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। उत्तराखंड के विकास में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में अवगत कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। सीएम ने मुलाकात के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बयान दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महत्वपूर्ण वित्तीय स्वीकृतियों के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड विकास पथ की ओर अग्रसर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में अहम कदम होगा। इस कानून का दायरा सभी नागरिकों के लिए समान रूप से होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। यह संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। उन्होंने कहा कि मामले में न्यायविदों, सेवानिवृत्त जज, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेकहोल्डर की एक कमेटी गठित होगी। कमेटी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए  जीएसटी प्रतिकर अवधि को बढ़ाए जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने उत्तराखंड में नवीनतम तकनीक व वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिये भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) की स्थापना और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास के लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (एनआईपीईआर) की स्थापना का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में बागवानी की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री से कश्मीर तर्ज पर रूपये 2000 करोड़ का बागवानी पैकेज दिये जाने का अनुरोध किया। टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की अंशधारिता में उत्तर प्रदेश के अंश का उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के लिये माननीय न्यायालय से बाहर सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये केंद्र सरकार की विशेष पहल का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक स्थलों व मंदिरों को तीर्थाटन से जोड़ने के लिये ‘मानसखण्ड मंदिर माला मिशन’की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के संचालन की अनुमति का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधम सिंह नगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।

उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रुपये का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है। धामी ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया।

चैत्र नवरात्रि कल से शुरू ,नौ दिन होगी मां दुर्गा की पूजा अर्चना

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार शनिवार, 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और सोमवार, 11 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा. मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है.

हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में चार बार मनाया जाने वाला ये पर्व माता रानी के भक्त बहुत ही धूम-धाम से मनाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और दो शारदीय और चैत्र के नवरात्रि होते हैं। देशभर में माता रानी के भक्तों का सैलाव मंदिरों में उमड़ आता है। हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का बहुत ही विशेष महत्व है।

इन नौ दिनों में माता रानी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना और पूजा पाठ किया जाता है। साथ ही भक्त मां के लिए नौ दिन व्रत और उपवास रखते हैं। विधि विधान से मां की पूजा की जाती है। मां की पूजा के बाद आरती और चालीसा का पाठ किया जाए, तो मां प्रसन्न होकर भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं और सकंट हर लेती हैं।

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवित पूजा करने वाले भक्तों पर माता रानी अपनी कृपा दृष्टि सालभर रखती हैं। कलश स्थापना का शुभ समय 2 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक है। कुल अवधि 02 घंटे 18 मिनट की है।

 

‘परीक्षा पर चर्चा’ : 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी छात्रों से करेंगे संवाद, उत्तराखंड के 56 हजार बच्चे कार्यक्रम में होंगे शामिल, प्रधानमंत्री देंगे सफलता का मंत्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अप्रैल को दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में सुबह 11 बजे परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पांचवें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। इनमें अधिकतर छात्र दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद जैसे शहरों में सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले होंगे। इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।

एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में उत्तराखंड के 56 हजार से अधिक बच्चे प्रतिभाग करेंगे। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक राज्य से कुल 56067 छात्रों,अध्यापकों एवं अभिभावकों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। जबकि रुड़की के विश्वजीत और कालसी देहरादून की संजीति सीधे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि सचिव स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में निर्देशित किया है कि इस कार्यक्रम में उत्तराखंड से प्रतिभाग किए जाने के लिए विश्वजीत कक्षा 11, आर्मी पब्लिक स्कूल नं. 1, रुड़की जिला हरिद्वार एवं संजीति चौहान, ईएमआरएस कालसी, देहरादून का सीधे प्रतिभाग किए जाने के लिए चयन हुआ है। बैठक में निदेशक आरके कुंवर, निदेशक वंदना गर्ब्याल, डॉ. आरडी शर्मा, डॉ. अशोक कुमार सैनी आदि मौजूद रहे।

कोरोना संकट के चलते पहले इस चर्चा को पिछले साल की तरह वचरुअल ही रखा गया था, लेकिन कोरोना की स्थिति में तेजी से हुए सुधार के बाद शिक्षा मंत्रलय ने इस चर्चा को पहले की तरह आयोजित करने का एलान किया है। शिक्षा मंत्रलय ने गुरुवार को पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा की तारीख घोषित की। जिसमें छात्र पहले की तरह पीएम के साथ बैठकर परीक्षा और पढ़ाई से जुड़े विषयों पर सीधे सवाल पूछ सकेंगे। पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा करने की यह शुरुआत 2018 में हुई थी। तब से हर साल इसका आयोजन होता आ रहा है। इस चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन का काम दिसंबर से शुरू हो गया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आइए परीक्षाओं का त्योहार मनाएं। आइए बात करते हैं तनाव मुक्त परीक्षाओं की। एक अप्रैल को परीक्षा पे चर्चा में मिलते हैं।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”परीक्षा पे चर्चा हल्का-फुल्का संवाद होता है और यह हम सभी को परीक्षाओं, पढ़ाई, जीवन एवं अन्य विषयों संबंधी विभिन्न पहलुओं पर बात करने का अवसर देता है। ” परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) कार्यक्रम इस साल एक अप्रैल को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।

वहीं, पीएम ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि आइए तनावमुक्त परीक्षाओं पर एक बार फिर चर्चा करें। मैं छात्रों, उनके अभिभावकों और अध्यापकों को इस साल एक अप्रैल को ‘परीक्षा पे चर्चा’ में शामिल होने का आह्वान करता हूं।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी से सीधी बात होने से कई बच्चों का मार्गदर्शन होगा। इस चर्चा में 9 वीं और 12 वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। छात्रों के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों को भी 2022 के लिए नया मार्ग मिलेगा। ये चर्चा करीब डेढ़ घंटे चलेगी । इस दौरान बच्चे पीएम मोड़ो से 20 सवाल पूछेंगे। ये चर्चा अलग अलग विषयों पर फोकस होगी।

इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के राज्यपाल अपने अपने प्रदेश के बच्चों के साथ शामिल होंगे। इसके लिए सभी बबच्चों को राज्यपाल भवन में बुलाया जाएगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज, IIT, NIT समेत उच्च शिक्षण संस्थान भी इसमें शामिल होंगे।

परीक्षा पर चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन पहले ही किया जा चुका है। जिन छात्रों ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वो पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। आपको बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय पिछले चार साल से इसका आयोजन कर रहा है। पीपीसी के पहले तीन संस्करण नई दिल्ली में एक संवादात्मक ‘टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किए गए थे। चौथा संस्करण पिछले साल 7 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा स्नातक में संयुक्त प्रवेश परीक्षा से मिले दाखिला, सीयूईटी के लिए दो अप्रैल से शुरू होंगे आवेदन,

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों को पत्र लिखकर स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंकों का उपयोग करने के लिए कहा है। आयोग ने कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को रविवार को पत्र भी लिखे हैं। यूजीसी ने पहले सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सीयूईटी को अनिवार्य किया था, अब उसने सभी विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ने की बात कही है।

कुमार ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘आज हमने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को अपने स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के संबंध में पत्र लिखा है क्योंकि नयी व्यवस्था में छात्रों को कई प्रवेश परीक्षा देने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’

यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा है कि 12वीं के प्राप्तांक नहीं, बल्कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालय दाखिला देंगे। हालांकि, विश्वविद्यालय न्यूनतम पात्रता मानदंड तय कर सकते हैं। छात्रों को सिंगल विंडो से स्नातक में दाखिले का मौका मिलना चाहिए। कुमार ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं होना चाहिए। छात्र हित के लिए डीम्ड, स्टेट और निजी विश्वविद्यालयों को भी इसमें शामिल होना चाहिए। इसलिए सभी कुलपतियों और निदेशकों को पत्र लिखा गया है।

सीयूईटी के जरिये यदि वे दाखिला देते हैं तो छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए अलग-अलग आवेदनपत्र और प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। दूर-दराज के इलाकों के छात्रों को भी बेहतर मौके उपलब्ध होंगे। फिलहाल देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय 12वीं कक्षा के अंक और अपनी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को दाखिला करते थेे। सभी विश्वविद्यालय सीयूईटी 2022 में शामिल होते हैं तो छात्र और अभिभावकों के समय और पैसे दोनों बचेंगे।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 अप्रैल से शुरू होगी। सीयूईटी की आवेदन प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक की भूमिका नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सौंपी गई है। उम्मीदवार सीयूईटी समर्थ की वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाकर 30 अप्रैल, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।

एजेंसी ने शनिवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि सीयूईटी देश भर के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एकल खिड़की अवसर प्रदान करेगा। उसने कहा कि सीयूईटी (यूजी) -2022 एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) प्रारूप में आयोजित किया जाएगा।

उत्तराखंड का दूसरा सैनिक स्कूल देहरादून में बनेगा, भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल बनेगा सैनिक स्कूल,रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के हिस्से भी एक सैनिक स्कूल आया है। देहरादून के भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल को इसके लिए चयनित किया गया है।प्रदेश में अभी तक सिर्फ घोड़ाखाल ही एकमात्र सैनिक स्कूल है मगर अब उत्तराखंड के हिस्से दो सैनिक स्कूल आ जाएंगे जिससे उत्तराखंड के युवाओं को न केवल आर्मी में जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि स्कूल के समय से ही वे आर्मी में जाने की तैयारी कर सकेंगे। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के लिए देश भर में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय संबंधित प्रदेश की सरकार अथवा निजी स्कूल या एनजीओ के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में इन स्कूलों का संचालन करेगा।

देहरादून के भाऊवाला स्थित स्कूल को सैनिक स्कूल में तब्दील किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा में सफल रहने वाले छात्रों को स्कूलों में कक्षा 6 प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा में 40 फीसदी छात्रों का चयन किया जाएगा जबकि 60 फीसदी छात्र संबंधित स्कूल के ही रहेंगे यदि वह सैनिक स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं।

आने वाली मई में स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड में इससे पहले एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल था जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई सालों से चल रही थी मगर कुछ ना कुछ अड़चनों के कारण यह मामला अब भी लटका हुआ है। रुद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति भी मिल गई थी मगर अब तक वहां पर स्कूल नहीं खुल पाया है।

देहरादून में सैनिक स्कूल का खुलना सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा ही उसके साथ में ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी उनको मिलेगा। उत्तराखंड में अधिकांश छात्रों का चयन अभी एनडीए के जरिए होता है। उसके बाद वे नौ सेना, थल सेना एवं वायु सेना में भर्ती होते हैं। कई बच्चे एनडीए क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के बाद बच्चे सेना में जाने की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।

प्रवेश के लिए आयु भी निर्धारित है। ऐसे में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर तो मिलेगा ही, साथ ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी।