उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं-12वीं का रिजल्ट 25 मई को जारी होगा,यहां जानें चेक करने का सबसे आसान तरीका

NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND: उत्तराखंड बोर्ड 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य और रिजल्ट का काम पूरा हो चुका है। 25 मई को बोर्ड का रिजल्ट जारी होने वाला है। शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में लिखा है कि उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, रामनगर (नैनीताल) द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा वर्ष 2023 का परीक्षाफल दिनांक 25 मई 2023 पूर्वाह्न 11:00 बजे परिषद् कार्यालय रामनगर (नैनीताल) में घोषित किया जायेगा।

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का रिजल्ट यूबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट http://uaresults.nic.in पर उपलब्ध होगा। उत्तराखंड बोर्ड परिणाम 2023 तक पहुंचने के लिए छात्रों को अपना रोल नंबर दर्ज करना होगा और टेक्स्ट देना होगा। रिजल्ट चेक करने के लिए http://ubse.uk.gov.in पर जाना होगा।

यूके बोर्ड 10वीं की 2023 की परक्षाएं 17 मार्च से 6 अप्रैल 2023 तक जबकि कक्षा 12 परीक्षा 2023 16 मार्च से 6 अप्रैल 2023 तक आयोजित की गई। उत्तराखंड बोर्ड में इस बार 1253 एग्जाम सेन्टर्स बनाये गये। इस बार 2 लाख 59 हजार स्टूडेन्ट्स 12वीं में जबकि 10वीं में 1 लाख 27 हजार स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं।

उत्तराखंड: वन्दे मेट्रो की सफलता के बाद अब देहरादून से काठगोदाम तक वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी

News web media uttarakhand : राजधानी देहरादून से काठगोदाम तक का सफर अब और भी जल्दी और आसानी से तय हो सकेगा। देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है। इस ट्रेन के संचालन से यात्रियों को सफर में काफी आसानी होगी। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी को कम समय में तय किया जाएगा।

देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू

वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद अब रेलवे क्षेत्रीय स्तर पर भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से भरपूर वंदे मेट्रो ट्रेन के चलने से यात्रियों को काफी सुविधाएं होंगी।

प्रदेश में देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। वंदे मेट्रो ट्रेन को दो ऐसे शहरों के बीच चलाया जाएगा जिनके बीच की दूरी 100 से 300 किलोमीटर होगी। वंदे मेट्रो ट्रेन हाइड्रोजन बेस्ड स्वदेशी ट्रेन होगी। इस ट्रेन को भारतीय इंजीनियर्स ही डिजाइन कर रहे हैं। इस ट्रेन का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।

तीन हो जाएगी ट्रेनों की संख्या

देहरादून और काठगोदान के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन हुआ तो यह इस रूट पर चलने वाली तीसरी ट्रेन होगी। वर्तमान में देहरादून से काठगोदाम के बीच रोजाना दोपहर 3:55 बजे नैनी जन शताब्दी और रात 11:30 बजे से काठगोदाम एक्सप्रेस चलती है। ऐसे में तीसरी ट्रेन चलने से इस रूट के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। कुमाऊं से गढ़वाल आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन एक बेहतर विकल्प होगा।

 

उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने 26 वीं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में जीता स्वर्ण पदक

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में गोल्डन गर्ल के नाम विख्यात अंकिता ध्यानी ने एक बार फिर से उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. जनपद पौड़ी गढ़वाल की जयहरीखाल ब्लॉक की अंकिता ध्यानी ने झारखंड के रांची स्टेडियम में उत्तराखंड का परचम लहराया है. उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल अंकिता ने 26 वीं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में 1500 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर आगामी एशियन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

अंकिता ध्यानी ने झारखंड में रांची के बिरसा मुंडा स्टेडियम में 26वींं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में 1500 मीटर की दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. अंकिता ने स्वर्ण पदक जीत के साथ ही थाइलैंड में 12-16 जुलाई को आयोजित होने वाली एशियन एथलेटिक्स खेल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

जनपद पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल ब्लॉक निवासी गांव मेरुडा के महिमानंद ध्यानी माता लक्ष्मी के गरीब परिवार में अंकिता ने जन्म लिया. जयहरीखाल ब्लॉक में खेल सुविधा के अभाव में अंकिता ने बचपन में गांव के खेतों पर दौड़ना सीखा. अंकिता की बचपन की चाह ने खेल विधा में आज बड़ा मुकाम हासिल किया है.

राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक विजेता बनने पर अंकिता के घर गांव में खुशी की लहर है. अंकिता पूर्व में एथलेटिक्स गेम्स के 5000 मीटर की दौड़ में एशियन गेम्स के लिए अपना दावा भी पेश कर चुकी है. मौजूदा समय में अंकिता ध्यानी बेंगलुरू में राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में आगामी प्रतियोगताओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है‌ं.

पेपर लीक मामले में आयोग ने की बड़ी कार्रवाई, 180 अभ्यर्थियों पर लगा पांच साल का बैन

News web media uttarakhand : आयोग ने पेपर लीक मामले में आरोपी 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। आरोपी अभ्यर्थी अब पांच साल तक आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

प्रदेश में एक के बाद एक पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश था। जिसके बाद नकल रोधी कानून लाकर सरकार ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई शुरू की। इस मामले में अब आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने चार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल के आरोपी 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।

अभ्यर्थियों को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस

पेपर लीक मामले में आरोपी इन अभ्यर्थियों को इस से पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा 2021, वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा 2021 और वीपीडीओ भर्ती परीक्षा 2016 में पेपर लीक में संलिप्त 180 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

कुछ अभ्यर्थियों के तो नोटिस डाक के माध्यम से वापस आ गए थे। जिनके लिए आयोग ने फिर से 29 अप्रैल को वेबसाइट पर अलग से सूची जारी करते हुए जवाब मांगा था।

अब तक इतने अभ्यर्थी हुए डिबार

अब तक प्रदेश में स्नातक स्तरीय परीक्षा में 112 अभ्यर्थी, वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा में 20 अभ्यर्थी, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में 14 अभ्यर्थी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा में 34 अभ्यर्थी डिवार किए गए हैं। डिबार हुए सभी अभ्यर्थी अब आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

19 अभ्यर्थियों पर भी लटकी तलवार

प्रदेश में 19 अभ्यर्थियों पर भी तलवार लटकी हुई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एलटी भर्ती के साथ ही कई अन्य परीक्षाओं के 19 और अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन 19 अभ्यर्थियों से भी 17 मई की शाम छह बजे तक जवाब मांगा गया था। जल्द ही आयोग इन सभी पर भी कार्रवाई कर सकता है।

कितने की स्पीड से चलेगी ट्रेन कैसे तय करता है लोको पायलट! जानिए

News web media Uttarakhand : लोको पायलट को ये कैसे पता चलता है कि ट्रेन को कितने की स्पीड पर लेकर आगे जाना है. आपने देखा ही होगा कि कई बार ट्रेन अचानक तेज चलने लगती है और फिर थोड़ी ही देर में बिलकुल धीमी हो जाती है. वैसे तो इसमें सिग्नल के ग्रीन, येलो या रेड होने का अहम /योगदान होता है. लेकिन फिर भी एक सवाल मन में रह जाता है कि ट्रेन की एग्जेक्ट स्पीड आखिर कैसे तय होती है. बहुत कम ही लोग इस बारे में जानते होंगे कि आखिर ट्रेन की अधिकतम स्पीड लोको पायलट कैसे तय करता है.

मुख्यत: 2 बातों पर निर्भर करता है कि कोई ट्रेन किसी सेक्शन में अधिकतम कितने की स्पीड से चलेगी. ये दोनों ही बातें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. सबसे पहले ट्रेन की स्पीड इस बात से इस बात पर निर्भर करती है कि उस सेक्शन में अधिकतम कितनी गति से चलने की अनुमति दी गई है. मान लीजिए किसी सेक्शन में ट्रेन की अधिकतम स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटा ही हो सकती है. तो ट्रेन ज्यादा से ज्यादा उतनी स्पीड तक ही चलेगी. भले ही ट्रेन की खुद की अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा ही क्यों न हो. इस बारे में सारी जानकारी लोको पायलट को ट्रेन ले जाने से पहले टाइम टेबल में दी जाती है

ट्रेन की खुद की स्पीड
दूसरा फैक्टर होता है ट्रेन की खुद की अधिकतम स्पीड. अगर किसी सेक्शन की अनुमति प्राप्त अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर है लेकिन ट्रेन की अपनी सर्वोच्च स्पीड केवल 90 किलोमीटर प्रति घंटा है तो फिर वह ट्रेन उतनी ही गति से चल पाएगाी. ट्रेन की स्पीड को कब अधिकतम और न्यूनतम पर ले जाना है यह सिग्नल से पता चलता है. ग्रीन सिग्नल होने पर ट्रेन फुल स्पीड से निकल सकती है. वहीं, येलो सिग्नल का मतलब होता है कि स्पीड को घटा दें और अगले सिग्नल पर स्टॉप (रेड सिग्नल) के लिए तैयार रहें.

येलो सिग्नल पर कितनी गिरानी होती है स्पीड
भारतीय रेलवे के अनुसार, जहां ऑटोमैटिक सिग्नल काम कर रहे होते हैं वहां पीला सिग्नल देखते ही लोको पायलट को स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटे घटा देनी चाहिए. उसे तब तक ट्रेन को उसी स्पीड पर चलाना चाहिए जब तक की आगे सिग्नल ग्रीन नहीं मिल जाता. अगर धुंध व कोहरा है तो ऑटोमैटिक सिग्नल वाले रास्ते पर ट्रेन की स्पीड ग्रीन सिग्नल होने पर भी 60 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए.

CBSE 10th Result 2023: नतीजे घोषित होते ही झूम उठे छात्र-छात्राएं

News web media Uttarakhand : सीबीएसई बोर्ड ने शुक्रवार को 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है । इस साल 10वीं में 93.12% विघार्थी पास हुए हैं। रिजल्ट देखने के बाद छात्र-छात्राएं काफी खुश हैं।

93.12 % विघार्थी 10वीं में पास

इस साल सीबीएसई कक्षा 10वीं में 93.12% प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए है। पिछले साल की तुलना में इस साल पास प्रतिशत में 1.28% की कमी आई है। वहीं लड़कियों का पास प्रतिशत 94.25% है, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 92.27% है। इंटरमीडिएट की ही तरह 10वीं में भी त्रिवेंद्रम क्षेत्र का पास प्रतिशत सबसे अधिक 99.91% है ।

10वीं में देहरादून रीजन के 90.61 % पास

देहरादून में 10वीं के रिजल्ट में देहरादून रीजन के 90.61 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होते ही छात्र-छात्राओं के साथ ही अभिभावकों व शिक्षकों ने भी खुशी जाहिर की। काफी समय से सभी विघार्थी अपने रिजल्ट का इतंजार कर रहे थे और आज नतीजे आने के बाद सभी के चेहरे खिल गए।

देहरादून में 12 वीं में 80.26% छात्र हुए पास

इस बार देहरादून में 12वीं में पास प्रतिशत 87.33 रहा है। देहरादून रीजन में  80.26% छात्र पास हुए हैं। सीबीएसई के 38 लाख छात्र अपने परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पहले 10 मई को नतीजे जारी होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन आज छात्रों को इंतजार खत्म हुआ।

सीबीएसई ने नहीं की मेरिट लिस्ट जारी

शुक्रवार को सीबीएसई की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इस बार सीबीएसई की ओर से मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है। इस साल टॉपर छात्र का चुनाव नहीं किया जा सकेगा। हालांकि स्कूल टॉपर की जानकारी स्कूलों से मिल सकती है। लेकिन सीबीएसई ने स्कूलों को भी दिशा निर्देश जारी किए हैं।

मेघालय के वैज्ञानिक खनन के लिए लंबे समय से किए जा रहे अथक प्रयासों को मिली उम्मीद की किरण

News web media uttarakhand : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने अप्रैल 2014 में मेघालय राज्य में कोयला खनन और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। 2014-15 में स्थिर कीमतों पर GSDP के आंकड़े बताते हैं कि, इस फैसले की वजह से खनन उद्योग को (-) 59.36% की नकारात्मक वृद्धि का सामना करना पड़ा। इसने समग्र रूप से GSDP को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसमें (-) 2.82% की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। GSDP में आई कमी की वजह से मेघालय के राजस्व संग्रहण लक्ष्यों को प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा को बड़ा झटका लगा अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के अलावा, इस प्रतिबंध ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खनन क्षेत्र पर आश्रित हजारों नागरिकों की जिंदगी को बुरी तरह से तबाह कर दिया। कई लोगों का रोजगार छिन गया और उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए छोटी-मोटी नौकरी का सहारा लेना पड़ा।

माननीय मुख्यमंत्री, श्री कोनराड के. संगमा के नेतृत्व वाली एमडीए सरकार ने इन सभी बातों को ध्यान में रखकर राज्य में कोयला खनन को नया जीवन देने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया है। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप 3 जुलाई, 2019 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय आया, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों पर मेघालय के लोगों के अधिकारों को बरकरार रखा गया। इस ऐतिहासिक फैसले की वजह से नागरिकों का भारतीय न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत हुआ है, साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि मेघालय सरकार अपने नागरिकों के अधिकारों, उनकी संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि, निजी और सामुदायिक भूस्वामियों के पास जमीन के ऊपर और सतह के नीचे, दोनों का अधिकार होता है इसलिए खनिजों का स्वामित्व निजी और सामुदायिक भूस्वामियों के पास होना चाहिए।

माननीय मुख्यमंत्री, श्री कोनराड के. संगमा की अगुवाई में वैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार ने मार्च 2021 में कोयले के लिए पूर्वेक्षण लाइसेंस तथा खनन हेतु लीज प्राप्त करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की मंजूरी हासिल कर ली है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, 25 अप्रैल, 2023 को कोयला मंत्रालय, भारत सरकार ने 17 पूर्वेक्षण लाइसेंस आवेदकों में से 4 आवेदकों को खनन हेतु लीज के लिए पूर्व स्वीकृति प्रदान की है।

 

देश के अंतिम गांव कहे जाने वाले गांव माणा में लगा देश के पहले गांव का साइन बोर्ड

News web media uttarakhand : उत्तराखंड के चमोली जिले में सीमा पर बसे सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर ‘भारत का प्रथम गांव’ होने का साइन बोर्ड लगा दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, ‘अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि प्रथम गांव के रूप में जाना जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में उसे देश के प्रथम गांव के रूप में संबोधित किया था और हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव समर्पित है.’ इक्कीस अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री द्वारा माणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा था कि अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है.

बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूर है माणा गांव
उत्तराखंड में 3200 मीटर की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित माणा गांव बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूर है. यह खूबसूरत गांव भारत-चीन सीमा से 24 किमी दूर है. इस गांव को भारत में ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है.

Amarnath Yatra 2023: 1 जुलाई से शुरू होगी 62 दिनों की अमरनाथ यात्रा, 17 अप्रैल से से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन,

News web media Uttarakhand : 1 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा जिसके लिए 17 अप्रैल से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से रजिस्‍ट्रेशन शुरू होगा. जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा  ने यह जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों के लिए सभी प्रकार के इंतजाम कर रही है. इस बार यात्रा 62 दिन तक चलेगी. मनोज सिन्‍हा ने कहा कि यात्रा सरल और आसान हो, साथ ही तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए तैयारियां पूरी होंगी. आने वाले सभी यात्रियों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य सेवाएं मिलेंगी. इस बार और बेहतर दूरसंचार सेवाएं उपलब्‍ध कराया जाएगा.

इस बार यात्रा का समापन 31 अगस्‍त को होगा.  अमरनाथ की पवित्र गुफा 3,880 मीटर की उंचाई पर स्थित है. यात्रा पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल से एक साथ शुरू होगी. श्राइन बोर्ड सुबह- शाम को होने वाली आरती का सीधा प्रसारण करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ही जम्मू-कश्मीर को लेकर सुरक्षा की समीक्षा की थी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक के एक दिन बाद यात्रा की घोषणा की गई है.

अमरनाथजी यात्रा-2023 के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा
श्री अमरनाथजी यात्रा-2023 के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें पंजीकरण, हेलीकाप्टर सेवाओं का प्रावधान, सेवा प्रदाता, शिविर, लंगर और यात्रियों के लिए बीमा कवर शामिल हैं. इधर, अनंतनाग के डीसी डॉ. बशारत कयूम ने श्री अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली.. बीआरओ के प्रतिनिधि ने कहा कि 200 से अधिक मजदूर, मशीनरी के अलावा अमरनाथ जाने वाले मार्ग को साफ करने के लिए काम पर हैं. इसके अलावा पवित्र गुफा के रास्ते में बर्फ हटाने का काम चल रहा है.

Sainik School counselling 2023: प्रवेश के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग शुरू, ऐसे करें अप्लाई

Sainik School counselling 2023: परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ऑल इंडिया स्कूल एडमिशन काउंसलिंग (AISSAC) 2023 ने आधिकारिक वेबसाइट pesa.ncog.gov.in/sainikschoolecounselling पर सैनिक स्कूल की काउंसलिंग प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। ऐसे में जो पैरेंट्स अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का स्टेप्स ऑफिशियल वेबसाइट पर दिया गया है।

AISSAC 11 अप्रैल, 2023 तक सैनिक स्कूल काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन आयोजित करेगा. सैनिक स्कूल काउंसलिंग 2023 राउंड 2 उन उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण खुला है. जिन उम्मीदवारों को राउंड 1 में कोई सैनिक स्कूल अलॉट नहीं किया गया था या जिन उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है और राउंड 1 के दौरान चॉइस फिलिंग नहीं की है. छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे बची हुई सीटों के बारे में जानने के लिए AISSAC पोर्टल पर सीट मैट्रिक्स पर जाकर चेक कर सकते हैं.

How to Apply for Sainik School Counselling 2023

  • आधिकारिक वेबसाइट-pesa.ncog.gov.in/sainikschoolecounselling पर जाएं.
  • दिखाई देने वाले होमपेज पर सैनिक स्कूल काउंसलिंग 2023 लिंक पर क्लिक करें.
  • रजिस्टर करें और पूछे गए क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके लॉग इन करें.
  • काउंसलिंग के लिए आवेदन करें और च्वाइस फिलिंग करें.
  • विकल्प सबमिट करें और भविष्य के संदर्भों के लिए पेज को सेव करें.