यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर रोमानिया से एअर इंडिया का पहला विमान मुंबई के लिए रवाना

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है। शनिवार को एयर इंडिया का एक विमान रोमानिया के बुखारेस्ट से भारतीय यात्रियों को लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गया है। यह विमान शनिवार सुबह ही मुंबई से बुखारेस्ट शहर पहुंचा। यूक्रेन पर रूस के हमले के तीसरे दिन वहां फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया के विमान AI-1943 ने रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर ली है।

विमान में बैठकर छात्र काफी खुश नजर आए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम छात्रों की वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इधर, यूक्रेन से भारत आने वाले यात्रियों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया है। यहां से बाहर निकलने के लिए यात्रियों को कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र या RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। हम प्रगति कर रहे हैं। हमारी टीमें 24 घंटे जमीन पर काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।

यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी की।

पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मल्लिक ने कहा कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है। ये टीमें भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन से बाहर निकलने में सहायता करेंगी। सभी फंसे हुए भारतीयों को पोलैंड ले जाया जाएगा, वहां से उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से कहा है- सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ न निकलें। पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीजों के साथ जहां हैं वहां बने रहना बेहतर है। बिना कोआर्डिनेशन के बॉर्डर पर पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ सकती है। पूर्वी इलाके में अगले निर्देश तक घरों के अंदर या जहां पनाह लिए हैं वहीं रहें।

यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के 188 नागरिक की वापसी के लिए सरकार की पहल, जानें उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर

रूस व यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्यवासियों की पहली लिस्ट विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है। आज शनिवार को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है।विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर 112 है।

सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर के 20, टिहरी जिले के 10, अल्मोड़ा से एक, चमोली से दो, चंपावत से चार, पिथौरागढ़ से दो उत्तरकाशी से सात, पौड़ी गढ़वाल से 13, हरिद्वार से 26, रुद्रप्रयाग से पांच, नैनीताल से 22 नागरिकों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है।

गृह विभाग ने यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के लोगों की जानकारी जुटाने के लिए दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया है। डीआईजी पी रेणुका देवी और एसपी कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है।

हेल्पलाइन नंबर
पी रेणुका देवी (नोडल अधिकारी) : 7579278144
प्रमोद कुमार (सहायक नोडल अधिकारी): 9837788889
आपातकालीन नंबर: 112 (टोल फ्री)
उत्तराखंड सदन : 011-26875614-15

नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड के मुख्य स्थानिक आयुक्त कार्यालय को विदेश मंत्रालय के सम्पर्क में रहने को कहा गया है। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों से फंसे लोगों का विवरण लेकर शासन तक पहुंचाने को कहा गया है। सरकार हर परिवार की चिंता में शामिल है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री   

 

गणतंत्र दिवस 2022: 26 जनवरी को राष्ट्रपति का पुलिस पदक से उत्तराखंड के छह पुलिसकर्मियों होंगे सम्मानित

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति की ओर उत्तराखंड के 6 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।

अभिनव कुमार को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जाएगा। उन्हें यह सम्मान गणतंत्र दिवस पर प्रदान किया जाएगा। इनके अलावा पांच अधिकारियों और कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है।

आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपर प्रमुख सचिव भी हैं। राज्य गठन के बाद पहली बार कोई अपर प्रमुख सचिव पद बनाया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक पद पर आसीन अभिनव कुमार तेज तर्रार अफसर माने जाते हैं। अभिनव कुमार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह एसएसपी हरिद्वार, एसएसपी देहरादून, आईजी गढ़वाल, आईजी बीएसएफ जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इसके अलावा वह कई साल तक जम्मू और कश्मीर में डेपुटेशन पर रहे हैं।

गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को पुलिस उपाधीक्षक चमोली धन सिंह तोमर, पुलिस उपाधीक्षक पुलिस मुख्यालय नंदन सिंह बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक जिला पौड़ी गणेश लाल, निरीक्षक अभिसूचना पुलिस मुख्यालय महेश चंद्र चंदोला, उप निरीक्षक विशेष श्रेणी जिला चंपावत रमेश चंद्र भट्ट को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिया जाएगा।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को मिली मान्यता, एमबीबीएस की 100 सीटें पर इसी सत्र छात्र करेंगे पढ़ाई

 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को मान्यता प्रदान कर दी है। मेडीकल कमीशन अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटें दी हैं। पिछले सप्ताह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। अल्मोड़ा में कालेज करीब आठ साल से निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि है।

सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।
प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड में अभी तक तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें एक देहरादून, दूसरा श्रीनगर और तीसरा हल्द्वानी में है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2012 से चल रहा था। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को वैसे तो वर्ष 2017 में शुरू करने की योजना थी लेकिन धीरे-धीरे तारीख पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल आगे बढ़ता चला गया। पिछले साल भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल स्टूडेंट्स लगातार इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे। देहरादून के मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डीके मिश्रा की अगुवाई में ट्विटर व अन्य माध्यमों अभियान चलाया।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पिछले सप्ताह नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आई थी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी।

एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड एमबीबीएस नीट काउन्सलिंग शुरू होने जा रही है। पहले चरण में इस कॉलेज का विकल्प मिलना मुश्किल है लेकिन दूसरे चरण में छात्रों को इसका विकल्प मिलेगा।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज देश को संबोधित करेंगे 

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज मंगलवार को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करेंगे।राष्ट्रपति भवन ने सोमवार रात जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। यह संबोधन शाम सात बजे से आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में प्रसारित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर 23 जनवरी से शुरू हो गया है। 30 जनवरी को इसका समापन होगा।

यह संबोधन शाम सात बजे से आकाशवाणी (AIR) के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में प्रसारित किया जाएगा। इसके बाद इसका अंग्रेजी में प्रसारण होगा।  विज्ञप्ति में कहा गया है कि हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों द्वारा इसका प्रसारण क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आकाशवाणी अपने संबंधित क्षेत्रीय नेटवर्क पर रात 9.30 बजे से क्षेत्रीय भाषा में इसका प्रसारण करेगा।

दूरदर्शन 59 कैमरों की मदद से गणतंत्र दिवस परेड की हर गतिविधि का सीधा प्रसारण करेगा। भारतीय वायुसेना के 75 विमानों के विशाल बेड़े के विभिन्न करतबों के सीधे प्रसारण के साथ-साथ फ्लाई-पास्ट के नए पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दूरदर्शन ने गणतंत्र दिवस समारोह के सीधे प्रसारण के लिए नेशनल स्टेडियम के गुंबद, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के बीच कई अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर कैमरे लगाए हैं। लोगों को इस पूरे समारोह के विहंगम दृश्य दिखाने के लिए दो ‘360 डिग्री कैमरे’ लगाए गए हैं। इनमें से एक कैमरा राजपथ पर लगा है और दूसरा इंडिया गेट के शीर्ष पर।

आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 (AILET 2022) ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के द्वारा एलेट (AILET) 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 के लिए एप्लीकेशन फॉर्म 17 जनवरी 2022 से 07 अप्रैल तक पंजीकरण सकते हैं। अभ्यर्थी ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म, एनएलयू की आधिकारिक वेबसाइट nludelhi.ac.in पर जाकर आवेदन सकते हैं। लिखित परीक्षा 01 मई  2022 को ऑफलाइन मोड़ पर आयोजित की  जाएगी।

ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट होता है जिसके अंतर्गत बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स), एलएलएम और पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाता है। एआईएलईटी 2022 में जो छात्र निर्धारित रैंक प्राप्त कर लेंगे उनको विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।

लॉ प्रेप दून के निर्देशक एस एन उपाध्याय ने बताया कि बीए एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षा 150 अंक की होती है। अभी तक गणित का 10 अंक और अंग्रेजी, जनरल नॉलेज, रिजनिंग व लीगल एप्टीट्यूड का 35-35 अंक का सेक्शन होता था। लेकिन अब पेपर में तीन ही सेक्शन होंगे। अंग्रेजी का सेक्शन 50 अंक का होगा। इसके अलावा 30 अंक का सामान्य ज्ञान वह 70 अंक का लॉजिकल रीजनिंग होगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी।एलएलएम की परीक्षा भी 150 अंक की होगी। इसमें 50-50 अंक के सेक्शन इंग्लिश लैंग्वेज व लीगल रीजनिंग के होंगे। जबकि 50 अंक के कानून पर आधारित विस्तृत प्रश्न होंगे। इसमें 8 से 10 प्रश्न आएंगे जिनमें 2 प्रश्नों का उत्तर देना होगा पीएचडी के लिए 100 अंक की परीक्षा होती है परीक्षा के लिए देहरादून में भी केंद्र होगा।

एलेट (AILET) आवेदन पत्र 2022 भरते समय, उम्मीदवारों को व्यक्तिगत, शैक्षणिक और संचार विवरण प्रदान करना होगा। एलेट (AILET) आवेदन शुल्क सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 3,050 रुपये और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 1,050 रुपये है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित बीपीएल उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क भुगतान से छूट दी गई है।आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा।आवेदन शुल्क भुगतान के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरा माना जाएगा, बिना आवेदन फीस जमा किये गए आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

75 साल में पहली बार 30 मिनट देरी से शुरू होगी गणतंत्र दिवस परेड, जानें क्यों देरी से होगी परेड

गणतंत्र दिवस परेड इस बार अपने निर्धारित समय से 30 मिनट की देरी से शुरू होगी। बीते 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस की परेड 30 मिनट देरी से शुरू होगी। दरअसल कोरोना प्रोटोकॉल और श्रद्धांजलि सभा के चलते परेड का समय थोड़ा आगे बढ़ाया गया है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि हर साल गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10 बजे शुरू होती थी, लेकिन इस साल परेड का समय 10.30 बजे किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि COVID-19 के प्रोटोकॉल के कारण ऐसा किया गया है। गणतंत्र दिवस पर परेड शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘परेड समारोह पिछले साल की तरह 90 मिनट लंबा होगा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। बाद में, दल मार्च पास्ट करेंगे। झांकीपरेड के दौरान सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदर्शित किया जाएगा।’

स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस परेड समारोह में अब तक का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट दिल्ली में राजपथ पर देखा जाएगा। भारतीय वायु सेना स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए 75 विमानों से राजपथ पर फ्लाईपास्ट करेगी।

दिल्ली पुलिस ने राजपथ इलाके में कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। दिल्ली में 300 से ज्यादा ऐसे CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो लोगों के चेहरों को पहचानने की क्षमता रखते हैं। डीसीपी दीपक यादव ने कहा कि सुरक्षाबलों के लिए आतंकी खतरे के साथ-साथ कोरोना संक्रमण भी एक बड़ी चुनौती है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना दिवस पर देश के जवानों को दी बधाई, जानिए आज क्यों मनाया जाता है सेना दिवस

भारतीय सेना आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जांबाज वीर सैनिकों को बधाई दी। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी आज राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे।

क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस                                                                                    15 जनवरी को भारत सेना दिवस मना रहा है। हर साल होने वाले इस आयोजन में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों को याद किया जाता है। 15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘भारतीय सेना के जवान दुर्गम इलाकों में सेवाएं देते हैं और राष्ट्रीय आपदा समेत उन्होंने कहा, ‘‘खासकर साहसी जवानों, सम्मानीय सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को सेना दिवस की शुभकामनाएं। भारतीय सेना को उसकी बहादुरी और पेशेवर रवैये के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा में उसके अतुलनीय योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।’’

प्राकृतिक आपदाओं में भी भारतीय जवान नहीं रहते पीछे

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि विदेशों में भी शांति अभियानों में सेना के शानदार योगदान पर भारत को गर्व है।

तीनों सेना प्रमुखों ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की

सेना दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (सेना), एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (वायु सेना) और एडमिरल आर हरि कुमार (नौसेना) ने भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अमित शाह ने भी सेना दिवस की दी शुभकामनाएं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भारतीय सेना के बहादुर जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को थल सेना दिवस की शुभकामनाएं। मातृभूमि की रक्षा में सदैव तत्पर वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य व सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। देश के प्रति आपकी निःस्वार्थ सेवा,समर्पण व प्रतिबद्धता हर भारतीय हेतु प्रेरणास्रोत है’।

परेड में दिखेगी सेना की नई कॉम्बेट यूनिफार्म

करियप्पा ग्राउंड में होने वाली परेड में पहली बार भारतीय सैनिकों की नई कॉम्बेट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी। डिजिटल पैटर्न पर NFIT द्वारा तैयार की गई इस यूनिफार्म को ही सैनिक युद्ध के मैदान और ऑपरेशनल एरिया में पहना करेंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस के दुर्घटना स्थल का दौरा किया, मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हुई

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी स्थित दोमहनी के पास गुरुवार शाम पांच बजे के करीब बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी होने से मरने वालों की संख्या अब 9 पहुंच गई है। इस हादसे में चार-पांच बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस के दुर्घटना स्थल का दौरा किया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रधानमंत्री को जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दुर्घटना स्थल पर इसलिए आए हैं ताकि मामले के मूल कारण का पता चले और इस तरह की घटना की कभी पुनरावृत्ति न हो।

प्रधानमंत्री ने बंगाल की सीएम से ली हादसे की जानकारी                                                          प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत कर घटना की जानकारी ली थी। वहीं, मुख्यमंत्री ममता ने अधिकारियों को घायलों को जल्द से जल्द उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया था। जानकारी के अनुसार अंधेरा व घने कोहरे की वजह से राहत व बचाव कार्य में मुश्किल आई। एनडीआरएफ की दो टीमों को इसमें तैनात किया गया था।

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस रेल हादसे में 31 लोगों के घायल होने की सूचना है। गुरुवार को शाम करीब पांच बजे बीकानेर से गुवाहाटी जा रही इस एक्सप्रेस ट्रेन के करीब 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इससे पहले उत्तर बंगाल के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) डीपी सिंह ने कहा था कि कुछ यात्री देर रात तक बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के दो डिब्बों के अंदर फंसे हुए थे। हालांकि, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने नौ यात्रियों के मरने की सूचना दी है। उन्होंने कहा, ”बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। बचाव कार्य समाप्त हो गया है।

36 घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यात्रियों को विशेष ट्रेन से गुवाहाटी भेजा गया। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है, जिला अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

इस हादसे में कम से कम 40 अन्य घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सात यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आज सुबह करीब नौ बजे न्यू मयनागुरी में दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की संभावना है। वह गुरुवार देर रात हावड़ा पहुंचे और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष ट्रेन से उत्तर बंगाल के लिए रवाना हुए।

जलपाईगुड़ी जिले की जिला मजिस्ट्रेट मौमिता गोदारा बसु ने कहा, “आठ लोग मारे गए हैं। सात यात्रियों की हालत नाजुक बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। विशेष ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की गई ताकि शेष यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।”

प्रधानमंत्री ने इससे पहले स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाने की भी घोषणा की। रेल मंत्री अश्विणी वैष्ण आज घटनास्थल पर जाएंगे। इसकी जानकारी उन्होंने कल खुद दी थी।

रेल हादसे में मुआवजे की घोषणा
भारतीय रेलवे ने डोमोहानी के पास हुई इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। वहीं गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपए और जिन्हें कम चोटें आई हैं, उन्हें 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी।आपको बता दें घायलों को जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल और न्यू मोइनागुडी जिला अस्पताल ले जाया गया था।

एऩडीआरएफ और बीएसएफ ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने जलपाईगुड़ी जिले में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस (15633) के कई डिब्बे पटरी से उतरने के बाद फंसे यात्रियों को बचाने के लिए दो टीमों के साथ रेक्स्यू ऑपरेशन चलाया जो देर रात करीब 2:30 बजे तक चली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीएसएसफ को भी मदद के लिए मौके पर भेजा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को  मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे, कोरोना के हालातों की होगी समीक्षा

देश में कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शाम 4.30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।  मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 के पैदा हुई नई परिस्थितियों पर वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करेंगे। बैठक में राज्यों में कोरोना की स्थिति पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार को उच्‍चाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी और महामारी से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया था।

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। कोरोना संक्रमण के आज रिकार्ड मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के लगभग ढाई लाख मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान 84,825 लोग ठीक भी हुए हैं। कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार कोरोना के नए मामले दो लाख से ज्यादा आए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 2,47,417 नए मामले आए हैं। इसके साथ ही देश में अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 11,17,531 हो गई है। वहीं, देश में दैनिक पाजिटिविटी रेट अब 13.11% हो गया है।

पीएम मोदी ने  बुलाई सीएम की बैठक, क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद देश में प्रतिबंधों को और कड़े किए जा सकते हैं। संभवत: इस बैठक में लॉकडाउन पर भी विचार किया जा सकता है। लेकिन अंतिम निर्णय पीएम मोदी ही ले सकेंगे। नई दिल्ली, महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।

बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना
इस बैठक के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, आईसीयू (ICU), पीएसए संयत्र, ऑक्सीजन बेड, आईटी हस्तक्षेप, मानव संसाधन, और टीकाकर की स्थिति पर समीक्षा की जा सकती है।

संसद भवन के 718 कर्मचारी कोरोना संक्रमित
सूत्रों के अनुसार अब तक संसद भवन के 718 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। खतरे को देखते हुए अब संसद के दोनों सदनों को शिफ्ट में बुलाने पर विचार किया जा रहा है। दोनों सचिवालयों को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि संसद के बजट सत्र के आगामी पहले भाग में सदनों को शिफ्ट के हिसाब से चलाया जाए।

उत्तराखंड में एक दिन में मिले 2915 नए मरीज

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। बुधवार को राज्य में 2915 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 11.29 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले राज्य में 26 मई 2021 को 2991 नए मरीज मिले थे। तब के बाद से राज्य में बुधवार को एक दिन में सबसे अधिक मरीज मिले हैं।

स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार बुधवार को देहरादून में सर्वाधिक 1361, नैनीताल में 424, हरिद्वार में 374, यूएस नगर में 217, अल्मोड़ा में 85, बागेश्वर में 34, चमोली में 27, चम्पावत में 119, पौड़ी में 131, पिथौरागढ़ में 70, रुद्रप्रयाग में नौ, टिहरी में 63 और उत्तरकाशी में एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण पाया गया है।

एम्स ऋषिकेश में एक, नैनीताल में एक जबकि पौड़ी के कोटद्वार अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या तीन लाख 57 हजार 219 हो गई है। जबकि अभी तक कुल 7433 मरीजों ने कोरोना संक्रमण के बाद अपनी जान गंवाई है। बुधवार को राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन से 1335 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या 8018 हो