देश के अंतिम गांव कहे जाने वाले गांव माणा में लगा देश के पहले गांव का साइन बोर्ड

News web media uttarakhand : उत्तराखंड के चमोली जिले में सीमा पर बसे सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर ‘भारत का प्रथम गांव’ होने का साइन बोर्ड लगा दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, ‘अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि प्रथम गांव के रूप में जाना जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में उसे देश के प्रथम गांव के रूप में संबोधित किया था और हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव समर्पित है.’ इक्कीस अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री द्वारा माणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा था कि अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है.

बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूर है माणा गांव
उत्तराखंड में 3200 मीटर की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित माणा गांव बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूर है. यह खूबसूरत गांव भारत-चीन सीमा से 24 किमी दूर है. इस गांव को भारत में ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है.

Amarnath Yatra 2023: 1 जुलाई से शुरू होगी 62 दिनों की अमरनाथ यात्रा, 17 अप्रैल से से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन,

News web media Uttarakhand : 1 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा जिसके लिए 17 अप्रैल से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से रजिस्‍ट्रेशन शुरू होगा. जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा  ने यह जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों के लिए सभी प्रकार के इंतजाम कर रही है. इस बार यात्रा 62 दिन तक चलेगी. मनोज सिन्‍हा ने कहा कि यात्रा सरल और आसान हो, साथ ही तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए तैयारियां पूरी होंगी. आने वाले सभी यात्रियों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य सेवाएं मिलेंगी. इस बार और बेहतर दूरसंचार सेवाएं उपलब्‍ध कराया जाएगा.

इस बार यात्रा का समापन 31 अगस्‍त को होगा.  अमरनाथ की पवित्र गुफा 3,880 मीटर की उंचाई पर स्थित है. यात्रा पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल से एक साथ शुरू होगी. श्राइन बोर्ड सुबह- शाम को होने वाली आरती का सीधा प्रसारण करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ही जम्मू-कश्मीर को लेकर सुरक्षा की समीक्षा की थी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक के एक दिन बाद यात्रा की घोषणा की गई है.

अमरनाथजी यात्रा-2023 के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा
श्री अमरनाथजी यात्रा-2023 के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें पंजीकरण, हेलीकाप्टर सेवाओं का प्रावधान, सेवा प्रदाता, शिविर, लंगर और यात्रियों के लिए बीमा कवर शामिल हैं. इधर, अनंतनाग के डीसी डॉ. बशारत कयूम ने श्री अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली.. बीआरओ के प्रतिनिधि ने कहा कि 200 से अधिक मजदूर, मशीनरी के अलावा अमरनाथ जाने वाले मार्ग को साफ करने के लिए काम पर हैं. इसके अलावा पवित्र गुफा के रास्ते में बर्फ हटाने का काम चल रहा है.

Sainik School counselling 2023: प्रवेश के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग शुरू, ऐसे करें अप्लाई

Sainik School counselling 2023: परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ऑल इंडिया स्कूल एडमिशन काउंसलिंग (AISSAC) 2023 ने आधिकारिक वेबसाइट pesa.ncog.gov.in/sainikschoolecounselling पर सैनिक स्कूल की काउंसलिंग प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। ऐसे में जो पैरेंट्स अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का स्टेप्स ऑफिशियल वेबसाइट पर दिया गया है।

AISSAC 11 अप्रैल, 2023 तक सैनिक स्कूल काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन आयोजित करेगा. सैनिक स्कूल काउंसलिंग 2023 राउंड 2 उन उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण खुला है. जिन उम्मीदवारों को राउंड 1 में कोई सैनिक स्कूल अलॉट नहीं किया गया था या जिन उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है और राउंड 1 के दौरान चॉइस फिलिंग नहीं की है. छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे बची हुई सीटों के बारे में जानने के लिए AISSAC पोर्टल पर सीट मैट्रिक्स पर जाकर चेक कर सकते हैं.

How to Apply for Sainik School Counselling 2023

  • आधिकारिक वेबसाइट-pesa.ncog.gov.in/sainikschoolecounselling पर जाएं.
  • दिखाई देने वाले होमपेज पर सैनिक स्कूल काउंसलिंग 2023 लिंक पर क्लिक करें.
  • रजिस्टर करें और पूछे गए क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके लॉग इन करें.
  • काउंसलिंग के लिए आवेदन करें और च्वाइस फिलिंग करें.
  • विकल्प सबमिट करें और भविष्य के संदर्भों के लिए पेज को सेव करें.

 

सत्ता के सामने सच बोलना प्रेस का कर्तव्य, मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र प्रेस जरूरी

News web media Uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने ‘राष्ट्रविरोधी’ मामले में चल रही एक सुनवाई के दौरान कल केंद्र सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करना न्याय और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मलयालम समाचार चैनल से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए उक्त गंभीर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है और सरकार की नीतियों की आलोचना करना राष्ट्र विरोधी नहीं करार दिया जा सकता है।

हालांकि, कोर्ट ने मीडिया को भी नसीहत देते हुए कहा कि प्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि वो सच को सामने रखे। लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है। उससे ये उम्मीद नहीं की जाती है कि वो सिर्फ सरकार का पक्ष रखे। सुप्रीम कोर्ट ने चैनल की याचिका पर अपना अंतरिम पैâसला सुनाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश देते हुए कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र प्रेस जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडियावन’ पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ पैâसला सुनाया। ‘मीडियावन’ चैनल को सुरक्षा मंजूरी के अभाव में प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार करने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश को सुप्रीम ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कल ‘मीडियावन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से केंद्र के इनकार को रद्द कर दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के दावे को हवा में उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की खिंचाई की। सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अहम पैâसला सुनाते हुए कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है।

सरकार की नीतियों की आलोचना व अभिव्यक्ति की आजादी को प्रतिबंधित करने का आधार नहीं हो सकता। प्रेस की सोचने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। किसी मीडिया संगठन के आलोचनात्मक विचारों को प्रतिष्ठान विरोधी नहीं कहा जा सकता है। जब ऐसी रिपोर्ट लोगों और संस्थाओं के अधिकारों को प्रभावित करती हैं, तो केंद्र जांच रिपोर्ट के खिलाफ पूर्ण छूट का दावा नहीं कर सकता है। लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को उठाया नहीं जा सकता। पीठ ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के दावे हवा में नहीं किए जा सकते, इसके समर्थन में भौतिक तथ्य होने चाहिए। केवल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का आह्वान करके सभी सामग्री को गुप्त नहीं बनाया जा सकता है।

अदालतें एक दस्तावेज से संवेदनशील हिस्सों को हटा सकती हैं और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने के लिए न्यायिक कार्यवाही के दौरान इसे दूसरे पक्ष को बता सकती हैं। मीडिया द्वारा सरकार की नीतियों की आलोचना को राष्ट्रविरोधी नहीं करार दिया जा सकता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी में ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल ‘मीडियावन’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल के ब्रॉडकास्ट लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था।

Pharma Company License: सरकार का 18 फार्मा कंपनियों पर एक्शन, खराब क्वालिटी को लेकर लाइसेंस किए रद्द

News web media uttarakhand भारत सरकार ने मंगलवार (28 मार्च) को नकली और खराब क्वालिटी की दवाओं के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं. इन कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग बंद करने को कहा गया है. ये आदेश नकली दवा और खराब गुणवत्ता वाली दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत आया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कई दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था.

केंद्र और राज्य की टीमों ने 20 राज्यों में औचक निरीक्षण किया और फिर ये कार्रवाई की गई. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी. नकली दवाओं के निर्माण से संबंधित देश भर की फार्मा कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई चल रही है. करीब 15 दिन से अभियान चल रहा है.

इन राज्यों में की गई कार्रवाई

सूत्रों के हवाले से बताया है कि नकली दवाओं के निर्माण से जुड़ी देश भर की फार्मा कंपनियों पर भारी कार्रवाई की जा रही है. यह आदेश नकली दवा और खराब गुणवत्ता वाली दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत आया है. सूत्रों ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में 70 कंपनियों और उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर सरकारी कार्रवाई के दौरान नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की गई.” 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. इसके अलावा, 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

भारतीय कंपनियों के खिलाफ मिल रही थी शिकायतें

इसके अलावा नोएडा में एक फार्मास्युटिकल फर्म के तीन कर्मचारियों को पिछले साल उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर खांसी की दवाई के कारण 18 बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार किया गया था. उन पर मिलावटी दवा बनाने और बेचने का आरोप था. वहीं बीते फरवरी के महीने में ही चेन्नई स्थित एक दवा कंपनी ने आई ड्रॉप की खेप को वापस मंगाया था. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने संभावित संक्रमण के कारण एजरीकेयर आई ड्रॉप्स खरीदने या उपयोग नहीं करने को लेकर चेतावनी जारी की थी.

 

 

NDRI में जन्मी दुनिया की गिर नस्ल की गाय की पहली क्लोन ‘गंगा’, बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन

एएनआई : पशु क्लोनिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) ने देश की पहली गाय की क्लोन एवं दुनिया की पहली गिर नस्ल की गाय की क्लोन पैदा की है। जिसका नाम सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने गंगा रखा है। इसे जलवायु परिवर्तन के बीच दुग्ध उत्पादन के लिए क्रांति माना जा रहा है।

कैसे होती है गिर गाय की क्लोनिंग
इस प्रोजेक्ट में शामिल वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि गिर का क्लोन बनाने के लिए ओसाइट्स (अंडक) को  अल्ट्रासाउंड वाली सूइयों का उपयोग करके जीवित जानवरों से अलग किया जाता है और फिर नियंत्रण स्थितियों में 24 घंटे के लिए परिपक्व किया जाता है. इसके बाद बढ़िया किस्म की गायों के शरीर की कोशिकाओं का उपयोग दाता जीनोम के रूप में किया जाता है, जो ओपीयू-व्युत्पन्न एनुक्लाइड ओसाइट्स के साथ जुड़े होते हैं. रासायनिक सक्रियता और इन-विट्रो कल्चर के बाद विकसित ब्लास्टोसिस्ट को गिर बछड़े को जन्म देने के लिए प्राप्तकर्ता माताओं में स्थानांतरित किया जाता है.

‘काफी चुनौतीपूर्ण था क्लोनिंग का काम’
(DARE) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक हिमांशु पाठक और एनडीआईआर के निदेशक और कुलपति धीर सिंह ने इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी. पाठक ने जानकारी साझा करने हुए कि NDRI  ने कहा कि  उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड (ULDP) देहरादून के सहयोग से डॉ. एमएस चौहान, पूर्व निदेशक, एनडीआरआई के नेतृत्व में  गिर, साहीवाल और रेड शिंडी जैसी देशी गायों की क्लोनिंग का काम शुरू किया और सफलता प्राप्त की. उन्होंने कहा कि कुछ व्यावहारिक और परिचालन कठिनाइयों के कारण गायों की क्लोनिंग का यह प्रयोग काफी चुनौतीपूर्ण था.

‘क्लोन से अच्छी गिर नस्लों की गायों की कमी होगी पूरी’
उन्होंने कहा कि इस तकनीक में भारतीय डेयरी किसानों के लिए अधिक दूध का उत्पादन करने वाली देशी नस्ल की गायों की आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता है. NDRI के डायरेक्टर धीर सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक की टीम  दो सालों से अधिक समय से क्लोन पशुओं का उत्पादन करने का देशी तरीके इजाद करने पर काम कर रही थी.

दुनिया भर में मशहूर हैं गिर नस्ल की गायें
उन्होंने कहा कि गुजरात की  देशी नस्ल गिर अपने विनम्र स्वभाव और दूध की गुणवत्ता को लेकर डेयरी किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर गिर मवेशी बहुत लोकप्रिय हैं  और ज़ेबू गायों के विकास के लिए ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और वेनेजुएला को निर्यात किए गए हैं. गौरतलब है कि संस्थान ने 2009 में दुनिया की पहली क्लोन भैंस का उत्पादन किया था.

 

Army Cheetah helicopter crashed: अरुणाचल में भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलटों की तलाश जारी

भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर (Cheetah Helicopter) : अरुणाचल प्रदेश के मंडला पहाड़ी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. पायलटों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन (Search Operation) शुरू कर दिया गया है. सेना के सूत्र ने इस बात की जानकारी दी. यह सेन्गे से मिसामारी की ओर उड़ रहा था. हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में पायलट और को-पायलट थे.

गुवाहाटी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत (Lt. Col. Mahendra Rawat) ने पुष्टि की कि ऑपरेशनल सॉर्टी पर चीता हेलीकॉप्टर का आज सुबह करीब 9.15 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क टूट गया था.

पिछले साल भी क्रैश हुआ था चीता हेलीकॉप्टर

इससे पहले साल 2022 में भी इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्ट तवांग के पास क्रैश हो गया था. इस हादसे में दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी. असम के तेजपुर में सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया था कि तवांग के पास अग्रिम क्षेत्र में उड़ान भर रहा सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर 5 अक्टूबर 2022 में सुबह करीब 10 बजे एक नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दोनों पायलटों को पास के एक अस्पताल ले जाया गया था लेकिन एक को नहीं बचाया जा सका.मृतक पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव के रूप में हुई थी.

पिछले 6 सालों में सेना के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश 

पिछले पांच सालों में भारतीय मिलिट्री यानी तीनों सेनाओं के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. यह जानकारी पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट ने दी थी. 2017 से लेकर 2021 तक 15 हादसे हुए थे. इसके बाद तीन हादसे और हो चुके हैं. इसमें से दो हादसे साल 2022 में अक्टूबर महीने में ही हुए थे. इसमें रुद्र और चीता हेलिकॉप्टर शामिल थे.

Adani-Hindenburg Row:अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, SEBI को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

News web media uttarakhand : अडानी हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन समेत दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है. ऐसे में सेबी की जांच जारी रहेगी. SEBI  को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.

6 सदस्यीय टीम करेगी जांच

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में रिटायर जस्टिस एएम सप्रे केल अलावा ओपी भट्ट, जस्टिस केपी देवदत्त, केवी कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं.

गौतम अडानी ने SC के फैसले का स्वागत किया

उद्योगपति गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है. सत्य की जीत होगी.

क्या है मामला?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए आरोपों की जांच की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 17 फरवरी को CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की थी. ब कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था और कहा था. कि हम इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं. दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की ओर से केंद्र सरकार के सुझावों वाला सीलबंद लिफाफा बेंच को सौंपा गया था.

MP News: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भाई गिरफ्तार, दलित परिवार को धमकाने-मारने का है आरोप

News web media Uttarakhand  : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शालिग्राम को कोर्ट में पेश किया गया है।

मध्य प्रदेश की छतरपुर जिला पुलिस ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई सौरभ उर्फ शालिग्राम गर्ग के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. ‘छोटे महाराज’ के नाम से फेमस शालिग्राम पर आरोप है कि उसने एक शादी समारोह में घुसकर दलित परिवार को तमंचे की नोंक पर धमकाया, जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट भी की.

घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव की है. 11 फरवरी को गांव में एक दलित परिवार की बेटी का विवाह समारोह आयोजित हो रहा था. उसी दौरान रात करीब 12 बजे के आसपास बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का छोटा भाई शालिग्राम गर्ग विवाह समारोह में पहुंचा और लोगों से गाली-गलौज और मारपीट करने लगा.

इस दौरान सिगरेट मुंह में फंसाए और शराब के नशे में शालिग्राम ने महिलाओं से अभद्रता की और देसी कट्टा दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके साथ ही उसने हवाई फायर भी किया और शादी रोकने की कोशिश की. जिस कारण से बाराती दहशत में आ गए और खाना पीना खाकर वापस अपने गांव अक्टोहा लौट गए।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी शालिगराम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था।

Umesh Pal Hatyakand: जहां-जहां साजिश वहां बुलडोजर,माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के आवास पर चला बुलडोजर, दोनों रास्ते सील

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।
मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर भी हैं।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबियों पर एक्शन चल रहा है। प्रयागराज में अतीक के करीबियों पर बुलडोजर चल रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण अवैध संपत्ति पर कार्रवाई कर रहा है।

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी में यह कार्रवाई चल रही। मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर हैं।
चकिया कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।

इस दौरान कई थानों की फोर्स आरएएफ के जवान और पीडीए के कर्मचारी मौजूद हैं। कार्रवाई के दौरान रास्ते को दोनों तरफ से सील कर दिया गया है। इस दौरान किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। घर से पीडीए के कर्मचारियों ने समान बाहर निकाल दिया है।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद, इनके पुत्रों और अतिक के भाई अशरफ समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है। चकिया में वह अपनी जिस बहन के घर रहती हैं, वहां से वह घटना के दूसरे दिन ही निकल गईं थीं। उसके पास से शाइस्ता का कुछ पता नहीं है। इस मामले में अफसरों का कहना है कि नामजद सभी लोगों की तलाश की जा रही है। शाइस्ता भी उनमें से एक हैं।

आपको बता दें कि उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां, 22 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में खोराबार थाने से जेल जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी बिहार के बेउर जेल के सामने से हुई थी। वहां एक बड़े नेता के हत्या की सुपारी लेने गया था। जेल के बाहर से तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू और सुल्तानपुर के उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था।

उस समय पूछताछ में सामने आया था कि बेउर जेल में बंद गोरखपुर के बदमाश ने गुड्डू को पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी दी थी। इसी सिलसिले में उससे मिलने बेउर जेल आया था। बाद एसओजी टीम को यह भी पता चला कि गुड्डू कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का खास गुर्गा रह चुका है।

पश्चिम में श्रीप्रकाश के साथ गुड्डू ने कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया था। तत्कालीन पूछताछ टीम में शामिल सूत्र के मुताबिक, गुड्डू मियां ने बताया था कि उसके गिरोह के सभी बदमाश अब मारे जा चुके हैं। वह अकेला बचा है।

आपको बता दें कि चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शुक्रवार की शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे थे। घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले थे। सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।

शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं।