क्या 8 से 10 सितंबर तक पूरी तरह बंद है दिल्ली? अहम सवालों से जुड़े जवाब यहां जानें

News web media Uttarakhand : भारत में G20 बैठक के मद्देनजर तैयारियों जोरों से हो रही है। दिल्ली में 9-10 सितंबर तक जी20 के मद्देनजर भव्य आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में G20 समूह के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेने के लिए दिल्ली आएंगे। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल यह आ रहा है कि क्या 8-10 सितंबर के बीच राजधानी दिल्ली बंद रहेगी। अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या खुला रहेगा और क्या नियम रहेंगे। इस बाबत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों के लिए एक विस्तृत एडवाइजारी जारी की है।

दिल्ली में क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद?

शिखर सम्मेलन के लिए नवनिर्मित भारत मंडपम सम्मेलन केंद्र को पूरी तरह तैयार कर दिया गया है। ऐसे में राजधानी दिल्ली में प्रवेश और निकास को सीमित किया जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक 8 सितंबर से नई दिल्ली में सभी प्रतिष्ठान, जैसे रेस्तरां, मॉल, कार्यालय, बाजार इत्यादि बंद रहेंगे। अधिकारियों के मुताबिक इस क्षेत्र में रहने वालों को ही केवल प्रवेश और निकास की अनुमति होगी। लेकिन बाहर से आने वाले लोगों के लिए दिल्ली में विशेष पास की आवश्यकता होगी। साथ ही सारे गैर-गंतव्य वाहनों को पूर्वी और पश्चिम पेरिफेरल एक्सप्रेसवे व अन्य वैकल्पिक मार्गों पर मोड दिया जाएगा। सीधा बताएं तो दिल्ली में प्रत्याक्ष तौर पर वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

दिल्ली पुलिस ट्रैफिक एडवाइजरी के मुताबिक भारी और हल्के मालवाहक वाहनों को भी दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हालांकि आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, दूध, सब्जी, चिकित्सा आपूर्ति से संबंधित वस्तुओं को ले जाने वाली वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति रहेगी। आपातकालीन सेवाओं के लिए भी किसी तरह की मनाही नहीं है। इस दौरान मेट्रो और दिल्ली बस सेवाएं चालू तो रहेंगी, लेकिन कुछ प्रतिबंध इनपर पर लागू रहेंगे। 7 सितंबर की आधीर रात से 11 सितंबर की रात 11.59 बजे तक एक समर्पित एंबुलेंस सहायता नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा।

क्या दिल्ली में मिलेगी ऑटो, बस और टैक्सी?

बता दें कि राजधानी दिल्ली में बताई गई समय सीमा के अंदर पर्यटकों को ले जाने वाली टैक्सियों को नई दिल्ली में एंट्री मिलेगी, लेकिन इसके लिए उनके पास वैध होटल की बुकिंग होना अनिवार्य है। हालांकि नई दिल्ली जिले के बाहर सड़क नेटवर्क पर ऑटो रिक्शा और टैक्सियों को अनुमति दी जाएगी। दिल्ली में रह रहे निवासियों, अधितकृत वाहनों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को अपनी पहचान साबित करने के लिए आवश्यकत दस्तावेज लेकर जाना होगा। साथ ही बसों को दिल्ली की सीमाओं की ओर सड़क नेटवर्क पर संचालन की अनुमति नहीं है। उन्हें रिंग रोड और रिंग रोड से आगे दिल्ली से दूर रखा जाएगा। हालांकि सामान्य यातायात के तहत वाणिज्यक बसों और दिल्ली में जो वाहन पहले से ही मौजूद रहेंगे, उन्हें रिंग रोड और दिल्ली की सीमाओं की ओर जाने की अनुमति रहेगी।

क्या दिल्ली मेट्रो चलेगी?

ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के सभी स्टेशनों पर यात्री मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों को 9 सितंबर की सुबह 5 बजे 10 सितंबर की रात 11 बजे तक अनुमति नहीं दी जाएगी। हवाई अड्डे से आने वाले यात्री या फिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए मेट्रो के इस्तेमाल की सलाह दी गई। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि 8-10 सितंबर सभी लोग मेट्रो से यात्रा करें।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने वालों के लिए सलाह

अगर आप 10 सितंबर की सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन सुबह 1 बजे से दोपहर के 1 बजे तक अजमेरी गेट की ओर यात्रा प्रभावित रहेगी। पुरानी दिल्ली जाने वाले ध्यान दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड की ओर से यात्रा प्रभावित रहेगी। इस दौरान हजरत निजामुद्दीन रेललवे स्टेशन की तरफ यात्रा करने वालों को मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करने को कहा गया है। हालांकि अगर वे सड़क मार्ग पर आने की अनिवार्यता है तो इसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा गलियारे तैयार किए गए हैं।

नई दिल्ली में इन इन रास्तों का करें चयन

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा वैसे तो यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे नियंत्रित और विनियमित क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें। लेकिन यदि यह अनिवार्य है तो नीचे दिए गए मार्गों के जरिए ही यात्रा करें, ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े और वे फंसे नहीं।

पूर्व-पश्चिम कोरिडोर: सन डायल/डीएनडी फ्लाईओवर-रिंग रोड-आश्रम चौक-मूलचंद अंडरपास-एम्स चौक-रिंग रोड-धौला कुआं-रिंग रोड-बरार स्क्वायर-नारायणा फ्लाईओवर से।

युधिष्ठिर सेतु-रिंग रोड-चंदगी राम अखाड़ा-मॉल रोड-आजादपुर चौक-रिंग रोड-लाला जगत नारायण मार्ग

उत्तर-दक्षिण गलियारा: रिंग रोड-आश्रम चौक-सराय काले खां-दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे-नोएडा लिंक रोड-पुस्ता रोड-युधिष्ठिर सेतु-आईएसबीटी कश्मीरी गेट-रिंग रोड-मजनू का टीला

इसके अलावा, एम्स चौक-रिंग रोड-धौला कुआं-रिंग रोड-बरार स्क्वायर-नारायणा फ्लाईओवर-राजौरी गार्डन जंक्शन-रिंग रोड-पंजाबी बाग जंक्शन-रिंग रोड-आजाद पुर चौक

एयरपोर्ट को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की सलाह

7 सितंबर की मध्यरात्रि से 10 सितंबर की रात 11.59 बजे तक हवाई अड्डे की तरफ जाने वाले लोगो को मेट्रो सेवा इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। लोगों को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (ऑरेंज) का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा जय वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की पहली महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष नियुक्त की गई

News web media uttarakhand : भारतीय रेलवे बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब किसी महिला के हाथों में रेलवे बोर्ड की कमान आई है. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन के तौर पर गुरुवार को जया वर्मा सिन्हा के नाम की घोषणा की गई थी और आज यानी 1 सितंबर 2023 को उन्‍होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्‍होंने अनिल कुमार लाहोटी की जगह ली है. जया अब तक रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के तौर पर सेवाएं दे रही थीं. चेयरमैन के रूप में जया का कार्यकाल पूरे 1 साल का होगा. जया से पहले विजयलक्ष्मी विश्वनाथन रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य के रूप में ख्‍याति प्राप्‍त कर चुकी हैं. लेकिन जया बोर्ड की पहली महिला अध्‍यक्ष और सीईओ के तौर पर जानी जाएंगीं

रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन जया वर्मा सिन्‍हा ने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय से शिक्षा प्राप्‍त की है. वे 1988 बैच की अधिकारी हैं. पिछले 35 साल से वो रेलवे में कार्यरत हैं और दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्व रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुकी हैं. कोलकाता से ढाका के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन उन्हीं के कार्यकाल का माना जाता है. उस वक्त वे ढाका में स्थित भारतीय दूतावास में रेलवे सलाहकार पद पर थीं.

हाल ही में बालासोर में हुए कोरमंडल एक्सप्रेस हादसे के समय में जया वर्मा सिन्‍हा ने काफी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उस समय वो काफी एक्टिव रही थीं और पूरे घटनाक्रम पर उन्‍होंने खास नजर बनाकर रखी थी. उस समय उनकी काफी तारीफ हुई थी. जया ने ही पीएमओ में भी घटना का प्रजेंटेशन दिया था. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन के तौर पर जया का कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक रहेगा.

अनिल कुमार लाहोटी ने इसी साल ग्रहण किया था पद

जया वर्मा सिन्‍हा से पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर अनिल कुमार लाहोटी पद संभाल रहे थे. उन्‍होंने इसी साल 1 जनवरी को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ का कार्यभाल संभाला था. 1984 बैच के रेलवे अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी का कार्यकाल 31 अगस्‍त 2023 को समाप्‍त हुआ है. रेलवे बोर्ड में उनकी एंट्री 17 दिसंबर 2022 को सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर हुई थी.

अब प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए बीएड नहीं डीएलएड की मान्यता अनिवार्य,सुप्रीम कोर्ट का फैसला

News web media uttarakhand : उत्तराखंड के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड नहीं बल्कि अब केवल डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) की मान्यता अनिवार्य होगी। आपको बता दे, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTI) की याचिका के आधार पर सुनाया था। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने उत्तराखंड सरकार से यह आग्रह किया है कि उत्तराखंड के निजी बीएड कॉलेजों में भी डीएलएड की पढ़ाई की अनुमति दी जाए, ताकि युवा अन्य राज्यों में पलायन न करें।

सुप्रीम कोर्ट का है यह निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा, कि प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों को डीएलएड की मान्यता प्राप्त होनी चाहिए, और बीएडधारक उम्मीदवारों को अब यह अवसर नहीं मिलेगा। आपको बता दे, इस निर्णय के पीछे उत्तराखंड के संदर्भ में राजस्थान हाईकोर्ट के एक निर्णय का प्रभाव है, और इसके परिणामस्वरूप उत्तराखंड में केवल कुछ कॉलेजों में ही 13 डायट में डीएलएड कोर्स चल रहा है, जिसमें हर साल केवल 650 छात्रों को ही दाखिला मिलता है।

डॉ. सुनील अग्रवाल ने प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती को लेकर दिया यह सुझाव
पूर्व में निजी कॉलेजों ने डीएलएड कोर्स की अनुमति मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे नहीं माना। इसके परिणामस्वरूप बहुत से युवा अन्य राज्यों में जाकर डीएलएड कोर्स कर रहे हैं। डॉ. सुनील अग्रवाल ने सरकार से मांग की कि प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में निजी कॉलेजों में डीएलएड कोर्स की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि अब NCTI को निजी कॉलेजों में डीएलएड कोर्स को संचालित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि युवाओं को यूपी और अन्य राज्यों में पलायन की आवश्यकता ना हो। अन्यथा, नई शिक्षा नीति के तहत NCTI ने दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए नए आवेदन स्वीकार नहीं करने का निर्णय लिया है।

एसएससी एसआई, सीएपीएफ का रिजल्ट जारी

News web media uttarakhand :  कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने 2022 के सीएपीएफ और दिल्ली पुलिस उप-निरीक्षक परीक्षा के अंतिम परिणाम जारी किए हैं। परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार अपना परिणाम ssc.nic.in नामक आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।

आयोग ने बताया कि 3,995 पुरुष और 281 महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए योग्य पाया गया है। 28 अगस्त से 9 सितंबर, 2023 तक, आयोग की वेबसाइट पर चयनित और गैर-चयनित उम्मीदवारों की विस्तृत सूची दी जाएगी। रिजल्ट में प्रत्येक पद के लिए चयनित उम्मीदवारों की श्रेणी, लिंग-वार संख्या और अंतिम चयनित उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंक दिखाए गए हैं।

SSC SI CAPF अंतिम परिणाम जानने के लिए  :-
1. पहले आधिकारिक वेबसाइट ssc.nic.in पर जाएं।
2. होमपेज पर सीएपीएफ एसआई 2022 के अंतिम परिणाम के लिंक पर क्लिक करें।
3. परिणाम एक पीडीएफ स्क्रीन पर दिखाई देगा।
4. अब सूची में अपना नाम देखें।
5. भविष्य में देखने के लिए परिणाम को डाउनलोड करें और उसका प्रिंटआउट ले लें।

UKPSC ने वन आरक्षी परीक्षा क़ो लेकर बड़ा अपडेट

NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND :  UKPSC ने वन आरक्षी परीक्षा – 2022 के अन्तर्गत अभ्यर्थियों का शारीरिक अर्हता परीक्षण / शारीरिक दक्षता परीक्षा कार्यक्रम विज्ञप्ति के माध्यम से जारी किया है। एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि, वन आरक्षी परीक्षा 2022 हेतु प्रकाशित विज्ञापन संख्या : A-2/E-5/DR/FG/2022-23. दिनांक 21 अक्टूबर, 2023 के क्रम में दिनांक 09 अप्रैल, 2023 को सम्पन्न लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा के पश्चात, दिनांक 18 मई, 2023 व दिनांक 26 जुलाई, 2023 को शारीरिक अर्हता परीक्षण / शारीरिक दक्षता परीक्षा हेतु सूची जारी की गयी थी।  उक्त सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की शारीरिक अर्हता परीक्षण / शारीरिक दक्षता परीक्षा राजीव गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, रायपुर, देहरादून में दिनांक 23 अगस्त, 2023 से दिनांक 26 अगस्त, 2023 तक आयोजित करायी जायेगी।

शारीरिक अर्हता परीक्षण / शारीरिक दक्षता परीक्षा कार्यक्रम

अभ्यर्थी शारीरिक अर्हता परीक्षण / शारीरिक दक्षता परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र आयोग की वेबसाइट psc.uk.gov.in से दिनांक 12 अगस्त, 2023 से डाउनलोड कर सकते है। इस संबंध में अभ्यर्थियों को पृथक से डाक द्वारा सूचना प्रेषित नहीं की जायेगी।

 

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) देहरादून की दाखिला परीक्षा दो दिसंबर को

News web media Uttarakhand : राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून (उत्तराखंड) के जुलाई 2024 टर्म के दाखिले के लिए लिखित परीक्षा चंडीगढ़ के सेक्टर-15 स्थित लाला लाजपत राय भवन में 2 दिसंबर, 2023 को होगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि संस्थान के दाखिले के लिए लड़के और लड़कियां दोनों ही अप्लाई कर सकते हैं। उम्मीदवार का जन्म 2 जुलाई 2011 से 1 जनवरी, 2013 के बीच में हुआ होना चाहिए। उम्मीदवार किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ता हो या 7वीं पास हो। चुने हुए उम्मीदवार को 8वीं कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। परीक्षा के लिखित हिस्से में अंग्रेजी, गणित और सामान्य ज्ञान के तीन पेपर होंगे।

लिखित परीक्षा पास होने पर मौखिक परीक्षा ली जाएगी जिसके बारे में बाद में सूचित किया जाएगा। प्रोस्पेक्टस-कम-एप्लीकेशन फार्म और पुराने प्रश्न पेपरों की पुस्तिका आरआईएमसी की वेबसाइट www.rimc.gov.in पर जनरल उम्मीदवार के लिए 600 रुपये और अनुसूचित जातियों/जनजातियों के उम्मीदवार के लिए 555 रुपये की ऑनलाइन अदायगी करके प्राप्त की जा सकती है। इस संबंधी अन्य जानकारी विभाग की वेबसाइट से हासिल की जा सकती है।

धामी सरकार का एक और बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, दो IAS और 50 PCS अफसरों का तबादला

News web media uttarakhand : देर रात धामी सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। दो आईएएस अफसर और 50 पीसीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया है। शासन ने कई जिलों के डिप्टी कलेक्टर भी इधर से उधर किए हैं। इस संबंध में देर रात को सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने आदेश जारी कर दिए हैं।

आदेशों के अनुसार एडीएम नैनीताल अशोक कुमार जोशी को एडीएम ऊधमसिंह नगर, राजस्व परिषद देहरादून में संबंध किए गए शिवकुमार बरनवाल को एडीएम पिथौरागढ़, एडीएम हरिद्वार वीर सिंह बुदियाल को एडीएम रुद्रप्रयाग, एडीएम रुद्रप्रयाग की जिम्मेदारी संभाल रहे दीपेंद्र सिंह नेगी को एडीएम हरिद्वार, एडीएम पिथौरागढ़ फिंचाराम को एडीएम नैनीताल के पद पर स्थानांतरित किया गया है।

15 पीसीएस अधिकारियों के हुए तबादले

शासन ने देर रात बाध्य प्रतीक्षा में शामिल 15 पीसीएस अधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर पद पर भेजा है। चंद्र शेखर को अल्मोड़ा, आशीष चंद्र घिल्डियाल को रूद्रप्रयाग, श्रेष्ठ गुनसोला व मंजीत सिंह गिल को पिथौरागढ़, सुनील कुमार को अल्मोड़ा, पूनम पंत को नैनीताल, नीलू चावला को देहरादून मुकेश चंद्र रमोला को उत्तरकाशी का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है।

इसके साथ ही अबरार अहमद को पौड़ी, विपिन चंद्र पंत को नैनीताल, नवाजिश खलीक को पौड़ी, शालिनी मौर्या को पौड़ी, मंजू को टिहरी, अजय वीर सिंह को हरिद्वार, आकाश जोशी को चंपावत, गौरव पांडेय को ऊधमसिंह नगर, यशवीर सिंह को पिथौरागढ़, अमृता को ऊधम सिंह नगर, हर गिरी को देहरादून का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है।

इन जिलों के डिप्टी कलेक्टर किए इधर से उधर

शासन ने बड़ा फेरबदल करते हुए कई जिलों के डिप्टी कलेक्टर इधर से उधर किए हैं। नैनीताल के योगेश सिंह मेहरा को देहरादून, हरिद्वार से बृजेश कुमार तिवारी उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग की डिप्टी कलेक्टर अपर्णा ढ़ौढियाल को देहरादून, अल्मोड़ा से गोपाल सिंह चौहान को हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर की सीमा विश्वकर्मा को अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ से अनुराग आर्य को बागेश्वर का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है।

जबकि नैनीताल में उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में उपनिदेशक नंदन सिंह नगन्याल अल्मोड़ा के डिप्टी कलेक्टर पद पर भेजा गया है। डिप्टी कलेक्टर मनीष कुमार सिंह को नैनीताल से हरिद्वार, प्रमोद कुमार को पौड़ी से नैनीताल, गौरव चटवाल को नैनीताल से ऊधमसिंह नगर भेजा गया है।

देवेंद्र सिंह टिहरी से रूद्रप्रयाग, प्रेमलाल टिहरी से हरिद्वार से शैलेंद्र सिंह नेगी को देहरादून से टिहरी, सौरभ असवाल को देहरादून से चंपावत,नूपुर को हरिद्वार से पौड़ी, लक्ष्मी राज चौहान को टिहरी से हरिद्वार, संदीप कुमार सिंह को पौड़ी से टिहरी, कृष्णनाथ गोस्वामी से टिहरी से नैनीताल भेजा गया है।

इसके साथ ही जितेंद्र वर्मा को रूद्रप्रयाग से बागेश्वर, जितेंद्र कुमार को उत्तरकाशी से हरिद्वार डिप्टी कलेक्टर पद पर भेजा गया है। जबकि नरेश चंद दुर्गापाल को देहरादून डिप्टी कलेक्टर के पद से हटाकर रुद्रपुर नगर निगम का नगर आयुक्त बनाया गया है। सीडीओ ऊधम सिंह नगर विशाल मिश्रा से नगर निगम रुद्रपुर के नगर आयुक्त का प्रभार हटा दिया गया है।

 

उत्तराखंड में आई फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। राज्य के सभी जिला अस्तपालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कह रहा है।

वहीं अब स्वास्थ्य विभाग ने कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि जैसा कि आप विदित है कि वर्तमान में कन्जक्टिवाइटिस (आई फ्लू) रोग एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है।

कंजंक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। अपने जनपद में कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु चिकित्सालय स्तर पर समस्त आवश्यक औषधियों की उपलब्धता एवं अन्य तैयारियां सुनिश्चित रखें। कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस के मध्य जागरूकता की जाये।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा यदि आपको अपनी आंखों में आई फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करके इलाज कराएं। खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें, इससे जोखिम बढ़ सकता है।

कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के लक्षण

आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण। कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) या आंख आना, कंजक्टिवा नाम की आंख की परत की जलन या सूजन है, जो आंख की पुतली के सफेद हिस्से को प्रभावित करती है, जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। कंजक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है।

1 आंखों में लाली आना
2 लगातार खुजली जलन होना धुंधली दृष्टि एवं नम आंखें
3 प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, सूजी हुई पलकें
4 पलकों का पपडी दार होना, दृष्टि संबंधित समस्याएंसंक्रमण को फैलने से

कैसे रोकें?

1 कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें।
2 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुए।
3 जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
4 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।

5 अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।

क्या करें

1 विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज करायें।
2 घर से बाहर या धूल में निकलने से पहले चश्मा पहनना।
3 अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें।

क्या ना करें

1 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं। आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
2 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें ।
3 खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं याँ आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें।
4 आंखे ठीक होने तक आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए।
5 काजल जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट को शेयर न करें।

युवाओं के लिए रोजगार , उत्तराखंड में जल्द होगी 1550 कांस्टेबलों की भर्ती

News web media Uttarakhand :-  उत्तराखंड के युवाओं के लिए जल्द रोजगार के नए अवसर खुलने जा रहे है। पुलिस विभाग में 1550 पदों पर भर्ती की जा रही है। इसके लिए पुलिस विभाग की ओर से राज्य लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा जा रहा है। प्रदेश के युवाओं को अब रोजगार का सुनहरा अवसर मिलेगा।  पुलिस विभाग में कुछ समय पहले सहायक सब इंस्पेक्टर के नए पद सृजित हुए हैं। इन पदों के सापेक्ष शासन ने 1700 हेड कांस्टेबलों की पदोन्नति करते हुए इन्हें एएसआई बनाया। हेड कांस्टेबल की पदोन्नति से रिक्त पदों पर कांस्टेबल पदोन्नत किए गए।

अब विभाग में कांस्टेबल के लगभग 1550 पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों को भरने की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में घोषणा की थी। इस क्रम में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर पदों को भरने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करते हुए इसका अधियाचन लोक सेवा आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं। अभी यह विषय भर्ती में आरक्षण और इसकी प्रक्रिया को लेकर लंबित चल रहा है। इसके बाद विभाग जल्द ही प्रस्ताव आयोग को भेज देगा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। अब जल्द ही प्रदेश के युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा होगा

कितनी होती है DM की सैलरी, क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं

News web media Uttarakhand : हमारे देश में आईएएस सबसे टॉप रैंक के अधिकारी होते हैं. आईएएस के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डीएम से लेकर कैबिनेट सेक्रेटरी तक की पोस्ट आती है. हमारे देश में बड़ी संख्या में युवा IAS बनने की तैयारी करते हैं, क्योंकि इस रैंक में अच्छी खासी सैलरी के साथ-साथ कई प्रकार की सुख सुविधाएं और तगड़ी पावर एवं रुतबा भी मिलता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक डीएम की कितनी सैलरी होती है, उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं और उनके पास पावर क्या होती हैं.

बता दें कि DM यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जिले स्तर का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है. इनके अंतर्गत सभी विभाग काम करते हैं. एक DM के पास संबंधित क्षेत्र में विकास के लिए नीतियां बनाने, सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के अधिकार होते हैं. इसके अलावा ज़िले में कर्फ्यू, धारा 144 लगाने जैसे लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े बड़े फ़ैसले लेने का अधिकार भी DM के पास होता है. एक डीएम भीड़ पर कार्रवाई करने का ऑर्डर भी दे सकता है.

 

कितनी मिलती है सैलरी और सुविधाएं
बता दें कि एक DM को हर महीने लगभग 80,000 रुपये की सैलरी दी जाती है. साथ ही उन्हें टीए, डीए, एचआरए समेत कई प्रकार के भत्ते भी दिए जाते हैं. इस तरह उनकी सैलरी 1 लाख रुपये से भी अधिक हो जाती है. साथ ही डीएम को कई प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं. जैसे उन्हें सरकार की तरफ से रहने के लिए बंगला दिया जाता है, सरकारी वाहन आने-जाने के लिए उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही उनके कामकाज के लिए उन्हें कार, ड्राइवर और नौकर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा उनके बंगले पर चपरासी, माली व कुक के अलावा अन्य कामों के लिए भी सहायक उपलब्ध होते हैं.