सीएम केजरीवाल ने एथलीट तेजस्विन शंकर को मेडल पहनाकर किया सम्मानित

News web media Uttarakhand : एशियन गेम्स में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वाले एथलीट तेजस्विन शंकर को सीएम अरविंद केजरीवाल ने मेडल पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही भविष्य में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। दिल्ली के मालवीय नगर निवासी तेजस्विन शंकर ने सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।

सीएम ने कहा कि तेजस्विन शंकर ने एशियन गेम्स की डीकेथलॉन स्पर्धा में भारत को रजत पदक दिलाया। इस दौरान उन्होंने नया नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया। तेजस्विन शंकर दिल्ली सरकार की मिशन एक्सिलेंस स्कीम के लाभार्थी हैं। सीएम ने कहा युवाओं में अपार प्रतिभा है, केवल उनका साथ देना है और उन्हें आगे बढ़ाना है। इस दौरान स्थानीय विधायक सोमनाथ भारती और तेजस्विन के परिवार के लोग भी मौजूद थे।

भारतीय वायु सेना को मिली नई पहचान, 91 वीं वर्षगांठ पर बदला गया सेना का झंडा

News web media uttarakhand : भारतीय वायुसेना का एक और नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना को नया झंडा मिल गया है। वायु सेना अध्यक्ष चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने परेड के दौरान झंडा बदलने के साथ वायु योद्धाओं को शपथ भी दिलाई है। बता दे कि कल यानी रविवार को वायु सेना की 91 वीं वर्षगांठ थी। इस खास मौके पर वायु सेना नया झंडा मिल गया है। इस खास मौके पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को 91वें वायु सेना स्थापना दिवस पर सभी भारतीय वायु सेना कर्मियों को शुभकामनाएं दीं। भारतीय वायु सेना ने रविवार सुबह प्रयागराज के बमरौली वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक परेड के साथ 91वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत की।

वायु सेना दिवस भारतीय वायु सेना (IAF) को देश के सशस्त्र बलों में आधिकारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक है, जिसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। हर साल यह दिन भारतीय वायु सेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मनाया जाता है। वायु सेना को आधिकारिक तौर पर 1932 में यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फ़ोर्स की सहायक सेना के रूप में स्थापित किया गया था और पहला ऑपरेशनल स्क्वाड्रन 1933 में बनाया गया था। आपको बता दें कि पुराने झंडे को उतारने के बाद मध्य वायु कमान के संग्रहालय में उसे सुरक्षित रखा जाएगा। इससे पहले भारतीय नौसेना के झंडे में भी बदलाव किया जा चुका है। स्वतंत्रता के बाद 1951 में वायु सेना का ध्वज बनाया गया था। वर्तमान ध्वज नीले रंग का है। इसमें ऊपर बाएं कोने पर तिरंगा है, जबकि दाएं कोने पर नीचे वायु सेना का गोल निशान है।

नए झंडे में हुए ये बदलाव..

वायु सेना के नए झंडे मे गोल आकृति को हटाया गया है जो अंग्रेजों के दौर में भी थी। इसे हटाकर भारत को प्रतिबिंबित करने वाला ध्वज बनाया गया है। नया ध्वज भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करेगा। नए ध्वज में शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट पर सिंह अंकित है और उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते शब्द है। सिंह के नीचे हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है भारतीय वायु सेना। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है।

 

यूपी के प्रतापगढ़ जंक्शन समेत 3 रेलवे स्टेशन के बदले नाम,

News web media Uttarakhand :  उत्तर प्रदेश के तीन स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं। रेलवे ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में तीन स्टेशनों का नाम बदलने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने जुलाई में इन स्टेशनों के नाम बदलने को मंजूरी दी थी। इन स्टेशनों में प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू स्टेशन और बिशनाथगंज स्टेशन शामिल हैं।

रेलवे की ओर से प्रेस रिलीज कर बताया कि प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन कर दिया गया। अंतू रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां चंद्रिका देवी धाम अंतू और बिशनाथगंज का नाम बदलकर शनिदेव धाम बिशनाथगंज कर दिया गया है। प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने केंद्र से तीन स्टेशनों का नाम बदलने का आग्रह किया था।

इन तीन स्टेशनों के नाम बदले
प्रतापगढ़
अंतू
बिशनाथगंज

अब इन नामों से होगी पहचान
प्रतापगढ़ – मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन
अंतू – मां चंद्रिका देवी धाम अंतू
बिशनाथगंज – शनिदेव धाम बिशनाथगंज

दो दिन में किए 9000 करोड़ के निवेश पर एमओयू,

News web media Uttarakhand :  दिसंबर में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए अंतरराष्ट्रीय रोड शो से उत्तराखंड में निवेश की बारिश शुरू हो गई है। लंदन और बर्मिंघम में दो दिन के रोड शो में सरकार ने निवेशकों के साथ 9000 करोड़ के निवेश पर एमओयू किया है। बुधवार को दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 7000 करोड़ के निवेश पर एमओयू किया गया। जबकि पहले दिन 2000 करोड़ का एमओयू हुआ था।

औद्योगिक समूह कयान जेट के साथ दो अलग-अलग एमओयू में 4500 करोड़ और उषा ब्रेको के साथ 1000 करोड़, बर्मिंघम में अलग-अलग कंपनियों के साथ 1500 करोड़ के एमओयू शामिल हैं। कयान जेट केबल कार प्रोजेक्ट में निवेश करेगा, साथ ही औली, दयारा बुग्याल और मुनस्यारी में स्की रिसॉर्ट विकसित करने पर भी सहमति बनी है। उषा ब्रेको लिमिटेड हरिद्वार और अन्य जनपदों में रोपवे में निवेश करेगी।

मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में निवेशकों के साथ हुई बैठक में शिक्षा, पर्यटन, आईटी और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विभिन्न 80 उद्योग घरानों ने भाग लिया। इसके बाद सीएम और प्रतिनिधियों ने इंडिया हाउस और पार्लियामेंट हाउस का दौरा भी किया। राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने टूर एंड ट्रेवलिंग क्षेत्र से जुड़े प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों के राज्य में बेहतर परिवहन तकनीक पर विचार साझा किए। इस मौके सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद थे।

निवेशकों को दिया सम्मेलन में आने का निमंत्रण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को लंदन में हुई बैठक में प्रदेश में दिसंबर में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए निवेशकों को निमंत्रण दिया। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड को वैश्विक पर्यटन डेस्टीनेशन बनाने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। राज्य में वेलनेस और ग्रामीण पर्यटन में कई संभावनाएं हैं। ऋषिकेश योग और आध्यात्म की वैश्विक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यूरोप से लेकर अन्य देशों के पर्यटक हर साल बड़ी तादात में योग आध्यात्म के लिए राज्य में आते हैं। सरकार विश्वस्तरीय कन्वेशनर सेंटर की स्थापना के लिए निवेशकों से बात कर रही है।

वहीं, सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित जी-20 समिट के सफल आयोजन से ब्रिटेन और भारत के रिश्तों को और अधिक मजबूती मिली है। सरकार ने निवेशक सम्मेलन में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है, जो प्रदेश की आर्थिकी को नई गति में सहायक साबित होगा। वहीं, भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने प्रदेश सरकार की विभिन्न नीतियों और सकारात्मक विजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश की राष्ट्रीय राजधानी से कुछ दूरी पर होने के कारण दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए वीकेंड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो गया है। उच्चायुक्त ने अपने पुराने अनुभवों को याद कर लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी से जुड़े स्मरण साझा किए।

 

लंदन में सीएम धामी ने किया 2 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन

NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND : प्रदेश में विकास के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार जुटे हुए हैं। इसी क्रम में प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। सीएम धामी रोड शो के लिए लंदन गए हुए हैं। जहां एक उन्होंने बड़ी कंपनी के साथ MOU साइन किया। आपको बता दे कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर लंदन से बड़ी खबर सामने आई है। रोपवे निर्माण में दुनिया की अग्रणी फ्रांसीसी कंपनी पोमा के साथ उत्तराखंड में रोप वे- केबल कार, निर्माण के लिए 2000 करोड़ का एमओयू साइन किया। सीएम धामी की उपस्थिति में एमओयू साइन किया गया।

इसके साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए लंदन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला रोड शो मंगलवार को किया गया हैं। रोड के जरिए प्रदेश सरकार उत्तराखंड में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण और शिक्षा क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही सीएम धामी ने लंदन में निवेशकों के साथ संवाद भी किया।

सीएम धामी का फोकस पर्यटन के साथ-साथ इकोलॉजी और इकॉनमी पर भी है। उनका कहना हैं कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। ऐसे में रोपवे जैसे विकल्प उत्तराखण्ड में जहां एक ओर पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ने के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोंण से भी ये बेहतर सिद्ध होगा।

 

निवेश के लिए सीएम धामी जाएंगे विदेश, आज से चार दिन का दौरा

News web media uttarakhand : पहले दुनिया की दिग्गज कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल सीएम की अगुवाई में 25 सितंबर को लंदन के लिए रवाना होगा। वहां 26, 27 व 28 सितंबर तक रोड शो और बैठकें होंगी और निवेशक सम्मेलन का निमंत्रण दिया जाएगा। लंदन दौरे से पहले सीएम की फ्रांस और स्पेन की दो नामी कंपनियों से पर्यटन सेक्टर में निवेश के लिए मुलाकात होगी। उनके रिस्पांस से राज्य सरकार उत्साहित है। मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, फ्रांसीसी पोमा ग्रुप रोपवे के क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। कंपनी के साथ 26 सितंबर को लंदन में बैठक होगी, जिसमें प्रदेश में इको फ्रेंडली मोबिलिटी पर चर्चा होगी।

इस संबंध में मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार फ्रांसीसी पोमा ग्रुप रोपवे के क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। इस कंपनी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगामी 26 सितंबर को लंदन में बैठक करेंगे , जिसमें प्रदेश में इको फ्रेंडली मोबिलिटी पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त इसी दिन अन्य उधोगपतियों से बैठक करने के उपरांत वह आगामी 27 सितंबर को बर्मिंघम में डब्ल्यूएमजी वार्बिक मैन्यूफैक्चरिंग ग्रुप एवं टीवीएस नॉर्टन ग्रुप के साथ भी वार्ता करेंगे। इतना ही नहीं उनकी कन्वेंशन सेंटर संचालित करने वाली कंपनी फिरा बार्सिलोना (स्पेन) ग्रुप से भी मीटिंग फिक्स हुई है। वह बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में भी तेलंगाना की तरह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का अनुरोध करेंगे।

जेईई मेन जनवरी में, नीट का आयोजन मई में

News web media uttarakhand :  राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने मंगलवार को अगले शैक्षणिक सत्र में होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर दिया है। जेईई मेन 2024 दो सत्रों में आयोजित की जाएगी। जेईई मेन 2024 पहले सत्र की परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरे सत्र की परीक्षा अप्रैल 2024 में आयोजित की जाएगी। वहीं मेडिकल कॉलेजों में स्नातक कोर्सों में दाखिले के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET 2024) 5 मई 2024 को होगी। जेईई मेन पहले सत्र की परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी 2024 तक और दूसरे सत्र की जेईई मेन की परीक्षा 1 अप्रैल 2024 से 15 अप्रैल 2024 तक आयोजित होगी।

कोर्सेस के लिए होती है परीक्षा

जेईई मेन के जरिए अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी कोर्सों में आईआईआईटी, एनआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलता है। एनटीए परीक्षा कैलेंडर 2024 के अनुसार, संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) 15 से 31 मई 2024 तक आयोजित की जाएगी। सीयूईटी पीजी 11 से 28 मार्च 2024 तक आयोजित की जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की रार्ष्टीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) का आयोजन भी अगले साल 2024 में 10 जून से 21 जून तक किया जाएगा।

लाखों परीक्षार्थी लेते हैं हिस्सा

उल्लेखनीय है कि जेईई मेन में करीब 12 लाख , नीट यूजी में करीब 20 लाख, यूजीसी नेट में करीब 9 लाख, सीयूईटी में करीब 19 लाख छात्र भाग लेते हैं। एनटीए का परीक्षा कैलेंडर ऑफिशियल वेबसाइट https://www.nta.ac.in/  पर या यहां दिए जा रहे डायरेक्ट लिंक पर देखा जा सकता है।

क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने के लिए हाई कोर्ट में दायर याचिका का BCI ने समर्थन किया

News web media Uttarakhand: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका का समर्थन किया है. क्योंकि इससे देश के अधिक नागरिकों को परीक्षा में शामिल होने और कानून को करियर के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा।

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT), जो कि कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा अंग्रेजी भाषा में आयोजित किया जाता है, इस बार CLAT परीक्षा-दिसंबर 2024 और 2023 में आयोजित होने वाली है। याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि CLAT (UG) परीक्षा भेदभाव करती है. उन सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने में विफल रहता है जिनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि क्षेत्रीय भाषाओं में निहित है।

बीसीआई ने अपने जवाब में कहा कि कानूनी शिक्षा नियमों के अनुसार, एकीकृत पांच-वर्षीय और तीन-वर्षीय कानून पाठ्यक्रमों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए, लेकिन संस्थान अंग्रेजी भाषा के अलावा किसी भी भाषा में शिक्षा की अनुमति देने के लिए खुला है। . इसमें कहा गया है कि यदि कानूनी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी के अलावा अन्य है, तो छात्रों को अंग्रेजी को अनिवार्य पेपर के रूप में लेना होगा।

आपको बता दें, बीसीआई की ओर से हलफनामे में यह भी कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया याचिकाकर्ता द्वारा अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने के उठाए गए मुद्दे का समर्थन करता है। बीसीआई ने आगे कहा है कि 05 फरवरी को आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) को 23 भाषाओं अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

लॉ प्रेप दून के निर्देश एस.एन उपाध्याय ने बताया कि बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया का कदम स्वागत योग्य है और छात्रों को हिंदी में परीक्षा देने का अधिकार मिलना चाहिए। जिससे की कानून के क्षेत्र में हिंदी भाषा को बढ़ावा मिलेगा।

 

नीट पीजी 2023 कट-ऑफ 30 प्रतिशत तक रखने की मांग

News web media Uttarakhand :  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नीट पीजी 2023 के लिए कट-ऑफ मानदंडों में संशोधन के संबंध में बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को एक पत्र लिखा है। आईएमए ने नीट पीजी 2023 कट-ऑफ को 30 प्रतिशत तक कम करने की मांग की है ताकि अधिकांश सीटें क्लिनिकल (नैदानिक) और नॉन क्लिनिकल (गैर-नैदानिक) दोनों शाखाओं में भरी जा सकें।

आईएमए ने अपने पत्र में कहा है कि जब देश में कोरोना से लोगों की मौत हो रही थी, तब डॉक्टरों ने अपना घर छोड़ दिया और देश की जमकर सेवा की। अब समय आ गया है कि सरकार नीट-पीजी 2023 के लिए कटऑफ अंक कम करके उनकी निःस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें मान्यता दे। आईएमए ने एक पत्र में लिखा है, अगर सरकार कट ऑफ को कम करती है तो बड़ी संख्या में इच्छुक डॉक्टर देश भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए दाखिला ले सकेंगे और एक भी स्नातकोत्तर सीट खाली न रहे।

मौजूदा समय में नीट पीजी 2023 के लिए सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत, एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 40 प्रतिशत, और दिव्यांग के लिए 40 प्रतिशत कटऑफ निर्धारित है।

सीयूईटी 12वीं के अंकों की मेरिट से दाखिले की केवल इस साल छूट मिल सकती है

NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के कॉलेजों में इस साल सीयूईटी से दा​खिलों में छूट मिल सकती है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस साल सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की वजह से गढ़वाल केंद्रीय विवि के तीनों परिसरों के साथ ही संबद्ध 102 कॉलेजों में भी सीटें खाली रह गईं। 20 हजार से ज्यादा सीटों को भरने के लिए छात्र संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान को यूजीसी ने बैठक कर गढ़वाल विवि कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था।

समिति ने तय किया था कि विवि के स्तर से इस पर निर्णय लेने के बाद यूजीसी को इसका प्रस्ताव दोबारा भेजा जाएगा। पांच सितंबर को विवि की कार्यकारी परिषद की 24वीं बैठक हुई, जिसके मिनट्स अब विवि ने जारी कर दिए हैं। इस बैठक में अकादमिक परिषद के बिना सीयूईटी दाखिलों के निर्णय पर मुहर लगाई गई। तय किया गया कि इसका प्रस्ताव यूजीसी को भेजा जाएगा।

छूट केवल इस सत्र के लिए ही लागू
यह भी तय किया गया कि यूजीसी से एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) जारी होने के बाद विवि की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर खाली सीटें 12वीं के अंकों के आधार पर भरने के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। बैठक में ये भी तय हुआ कि यह छूट केवल इस सत्र के लिए ही लागू होगी। भविष्य में इसे नजीर नहीं माना जाएगा।

यानी ये स्पष्ट निर्णय लिया गया कि भविष्य में केवल सीयूईटी देने वाले छात्रों को ही विवि व इसके संबद्ध कॉलेजों में दाखिला मिल पाएगा। विवि प्रशासन ने परिषद के निर्णय के तहत प्रस्ताव यूजीसी को भेज दिया था, लेकिन दिल्ली में जी-20 समिट के चलते तीन दिन तक सभी दफ्तर बंद थे। माना जा रहा कि इस सप्ताह यूजीसी से निर्देश मिलेंगे और बिना सीयूईटी दाखिलों की राह खुल सकती है।