धामी मंत्रिमंडल की बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर, लोक और निजी संपत्ति अध्यादेश 2024 को मंजूरी

News web media uttarakhand : धामी मंत्रिमंडल की शुरू हुई बैठक में आठ प्रस्ताव पेश किए गए। इस दौरान यह सवाल उठाया गया कि सहायक लेखाकार के पदों की वरिष्ठता विभिन्न विभागों में अलग होती है। इस बारे में अब यह फैसला वित्त विभाग के अनुसार होगा। इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने अन्य कई निर्णय भी लिए गए|

आज सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक शुरू हुई, जिसमें कई बड़े फैसलों को हरी झंडी मिली। चर्चा के बाद उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इसके बाद उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई, जिसमें बड़े फैसलों को मंजूरी मिली।

इस एक्ट के बनने से दंगाइयों व प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई और वसूली का प्रावधान किया जा रहा है। दंगे या आंदोलन में अगर नुकसान किया गया तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। अध्यादेश लागू होने के लिए राजभवन भेजा जाएगा।

ये है अहम फैसले

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विभाग सुमाड़ी, श्रीनगर को तकनीकी शिक्षा विभाग की 5.335 एकड़ भूमि निशुल्क होगी स्थानांतरित।
  • उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे पहले एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी।
  • न्याय विभाग के अंतर्गत चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में चाइल्ड और जनरल कॉउंसलर की नियुक्ति की जाएगी।
  • औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत संयुक्त निदेशक खनन व संयुक्त निदेशक जीओलॉजी को अब संयुक्त निदेशक नाम से जाना जाएगा।
  • माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में अभी भर्ती पर रोक लगी है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत इस हेतु पहले से कमेटी गठित है। यही कमेटी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में भर्ती को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।
  • वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित्त विभाग के अधीन ही होंगे। इसके लिए एक सम्मिलित कैडर बना दिया गया है।
  • समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनसूचित जाति दशमेतर छात्रवृत्ति योजना में मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को बढ़ाया गया। केंद्र सरकार द्वारा जो संशोधन इस हेतु किये गए हैं, उसे  राज्य द्वारा अंगीकृत किये जाने को मंजूरी कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।
  • गृह विभाग के अंतर्गत दंगों और अशांति मामलों में सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूली, नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र अध्यादेश बनाने को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है।

 

बद्रीनाथ-केदारनाथ में जल्द शुरू होंगे अस्पताल, उपकरण खरीदने के लिए धामी कैबिनेट में मिली स्वीकृति

News web media Uttarakhand: उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा से पहले बद्रीनाथ और केदारनाथ में अस्पताल शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों के लिए उपकरण खरीदने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकृति मिल चुकी है।

डॉ. राजेश ने कहा कि इसके अलावा, चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुभवी और उच्च हिमालय में काम करने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल टीम को तैनात किया जा रहा है, ताकि तीर्थयात्रियों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वह चारधाम यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करा लें। उन्होंने बताया कि धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत के निर्देशानुसार, विभाग चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसके क्रम में चारधाम यात्रा की सभी तैयारियां तेजी से चल रही हैं।

डॉ. राजेश ने बताया कि सभी विभागों से कोऑर्डिनेशन किया जा रहा है। सभी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार चारधाम में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 150 लोगों की मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। इस टीम को हाई एल्टीट्यूड में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉक्टरों की तैनाती 15-15 दिनों के लिए की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार स्वास्थ्य विभाग रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में तैनात डॉक्टरों को चारधाम में तैनाती नहीं देगा। इसकी बजाय, कुमाऊं और अन्य जिलों से डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बद्रीनाथ और केदारनाथ के अस्पताल में उपकरण यात्रा से पहले उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए शॉर्ट टेंडर जारी होंगे। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच का प्रबंध किया जा रहा है। इस बार शुरुआती चरण से तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस रखा जाएगा। इन हैल्थ पॉइंट पर मरीजों के स्वास्थ्य की गहनता से जांच होगी। उसके बाद उन्हें आगे जाने दिया जाएगा। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि देवभूमि में आपका स्वागत है, लेकिन यात्रा से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करवा लें।

उत्तराखंड में खिलाड़ियों को अब सीधे मिल सकेगी सरकारी नौकरी, जानिए क्या किए गए हैं प्रावधान

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड में खिलाड़ियो को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। धामी सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों को बड़ी सौगात दी है। उत्तराखंड विधानसभा के पटल पर खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान वाला विधेयक पास हो गया है।
उत्तराखंड विधानसभा ने एक और ऐतिहासिक कदम आगे बढ़ाते हुए खिलाड़ियो को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का विधेयक मंजूर हो गया है। इस विधेयक के पास होने के बाद अब राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है, ताकि रोजगार के लिए उनका पलायन रुके जिसे विधानसभा के पटक पर खिलाड़ियों के हित में पास किया गया है।
उत्तराखंड की धामी सरकार हरियाणा राज्य की तर्ज पर उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता को 5400 ग्रेड पे व अन्य ग्रेड पे पर सीधे नौकरी देगी। प्रदेश के अंतराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को 5400 व अन्य ग्रेड पे पर सीधे नौकरी दिए जाने के विधानसभा के पटल पर हरी झंडी मिल गई है।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे नौकरी मिलने से उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उत्तराखंड को खेलभूमि के नाम से भी जाना जाएगा। उत्तराखंड पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे नौकरी देने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खेल एवं खिलाड़ियों के लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।आज हमारे खिलाड़ियों ने विश्वस्तर पर भारत देश का मान और सम्मान बढ़ाया है।
कहा कि राज्य सरकार भी खिलाड़ियों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है।सरकार द्वारा खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवर्ती योजना,आउट ऑफ टर्न जॉब की व्यवस्था,खेल मैदानों को सुदृढ करने की व्यवस्था सहित कई अन्य सुविधाएं की हैं।उन्होंने चार प्रतिशत आरक्षण को लागू किये जाने को लेकर कहा कि यह हमारे खिलाड़ियों के लिए ऐतिहासिक पल है।
कहा कि लंबे समय से हमारे खिलाड़ी सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे थे जिसके लिए उनके द्वारा लगातार प्रयास किया गया जो कि सफल भी हुआ है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस ऐतिहासिक क्षण की प्रदेश के सभी प्रतिभावान खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

 

देश के 100 शक्तिशाली भारतीयों में शामिल हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी,61वें नंबर पर आकर बनाया रिकॉर्ड

News web media Uttarakhand : देश के 100 शक्तिशाली भारतीयों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जगह मिली है। शक्तिशाली भारतीयों की सूची में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के 61वें सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन गए हैं। पिछले साल की सूची में सीएम धामी भारतीयों में 93वें नंबर पर थे। ऐसे में इस बार धामी ने लंबी छलांग लगाई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उनके फैसले के लिए धाकड़ धामी कहा जाने लगा है। जब से धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराया है। और इस दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड के सभी लोगों के लिए एक समान कानून लागू होगा। इसमें विवाह, तलाक, संपत्ति, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है।

धामी सरकार पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना रही है। इसी वजह से धामी शक्तिशाली भारतीयों में छलांग लगाने में कामयाब हुए है। इसके साथ ही धामी सरकार ने अब तक नकल विरोधी, भ्रष्ट्राचार विरोधी, अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान की वजह से विशेष पहचान मिली हैै। धामी सरकार ने उत्तराखंड में ‘देश का सबसे सख्त’ नकल विरोधी कानून लागू किया है।

इस कानून के तहत काफी कड़े प्रावधान किए गए हैं। नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ आजीवन कारावास या 10 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नकल माफिया की संपत्ति कुर्क भी की जाएगी। पेपर लीक करने वाले छात्रों पर भी सख्त एक्शन होगा।

इसके साथ ही धामी ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाकर एक मिसाल पेश की है। अब उत्तराखंड में भी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू है। सीएम धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई जारी है। जिससे भू माफिया के खिलाफ हड़कंप मचा हुआ है। सीएम धामी के ऐसे सख्त फैसलों की वजह से ही उनकी इमेज धाकड़ धामी की बन गई है। अब धामी सरकार के फैसलों को दूसरे राज्यों की सरकार भी फॉलो कर रही है।

 

 

आईपीएस पूर्व डीजीपी अशोक कुमार, जिन्हें हरियाणा सरकार ने खेल विश्वविद्यालय का कुलपति किया नियुक्त

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को हरियाणा सरकार ने खेल विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। अशोक कुमार ने 34 वर्षों से ज्यादा का समय देश में सिविल सेवा आईपीएस के तौर​पर सेवाएं दी हैं। अब अशोक कुमार खेल के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देंगे। अशोक कुमार ने हरियाणा खेल विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है।

अशोक कुमार 1989 बैच के आईपीएस हैं। जो कि उत्तराखंड के डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक के पद से रिटायर हुए हैं। वह नवंबर 2020 से 30 नवंबर 2023 तक उत्तराखंड के डीजीपी रहे। उनका जन्म 20 नवंबर 1964 को हरियाणा के पानीपत जिले के कुराना गांव में हुआ था।

अशोक कुमार ने गांव के ही सरकारी विद्यालय से अपनी स्कूलिंग पूरी की है। 12वीं के बाद उन्हें आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिला। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से ही थर्मल इंजीनियरिंग में एमटेक किया।

बतौर डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को लेकर कई अहम काम किए। अशोक कुमार के कार्यकाल में ऑपरेशन स्माइल, ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन मर्यादा, ड्रग्स फ्री देवभूमि जैसे समाज के लिए कई अहम अभियान भी चलाए गए। अशोक कुमार ने एक लेखक के तौर पर भी अपनी इमेज बनाई। उन्होंने ‘खाकी में इंसान’ पुस्तक भी लिखी। अशोक कुमार ने साइबर क्राइम पर साइबर एनकाउंटर्स पुस्तक प्रकाशित की है। अपनी नई पारी के बारे में सोशल मीडिया में जानकारी देते हुए अशोक कुमार ने लिखा कि बतौर आईपीएस अधिकारी 34 वर्षों से अधिक समय तक देश और समाज की सेवा करने के बाद, हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में एक नयी यात्रा शुरू करने जा रहा हूँ।

किशोरावस्था से ही खेल मेरे जीवन का अभिन्न अंग रहा है, मैं इस भूमिका के लिए अपना अधिकतम समर्पण और आप सभी के सहयोग से स्पोर्ट्स को एक नए आयाम तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध रहूँगा। मैं ईश्वर, अपने परिवार और प्रियजनों के आशीर्वाद और सहयोग के लिए आभारी हूँ। मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

 

दून-हरिद्वार में परिवहन निगम चलाएगा बसें, एसपीवी ही संभालेगी संचालन की जिम्मेदारी

News web media Uttarakhand :  देहरादून और हरिद्वार शहरों के भीतर परिवहन निगम ही बसों का संचालन करेगा। इसके लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड बनाई जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंपनी मुख्य रूप से पीएम ई-बस सेवा के अंतर्गत देहरादून शहर में 100 बसें और हरिद्वार में 50 बसें संचालित करेगी, जिसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। देहरादून शहर में 50 सीएनजी बसें चलाने का भी प्रस्ताव है। परिवहन निगम के अधीन एसपीवी बनाकर बसें संचालित करने का प्रारूप तैयार किया गया है।

परिवहन निगम मुनाफे में

परिवहन निगम लगातार दो साल से लाभ में चल रहा है। निगम का मुनाफा 2022-23 में 1655.92 करोड़ था। दिसंबर 2023 तक 2934.41 करोड़ का मुनाफा रिकॉर्ड किया गया। निगम की 1309 बसों में से 553 बसें पर्वतीय और 756 मैदानी क्षेत्रों में संचालित हो रही हैं। इनमें से 153 सीएनजी बसों सहित 1242 साधारण बसें, 17 एसी बसें और 50 वॉल्वों शामिल हैं। निगम ने अपनी व्यवस्थाओं में भी सुधार किया है। इसके लिए एचआरएमएस सिस्टम लागू किया गया। दुर्घटना रोकने को हमसफर एप, कार्यशाला की इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए एप, बसों में जीपीएस, 1500 एंड्रायड युक्त ई-टिकट मशीनें, ऑनलाइन बुकिंग, ई-ऑफिस आदि शामिल हैं।

दूसरी ओर, परिवहन विभाग राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य हासिल करने में सुस्त नजर आया है। इस वित्तीय वर्ष में दिसंबर 2023 तक 1475 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 952.65 करोड़ की ही प्राप्ति हो पाई है। हालांकि 2022 में विभाग ने 1155 करोड़ के सापेक्ष 1158.37 करोड़ राजस्व प्राप्ति की थी।

 

समान नागरिक संहिता को लेकर आया बड़ा अपडेट, राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया बिल, जानिए कब होगा लागू

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू हो सकती है। राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है। राजभवन की ओर से इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया। राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा।
उत्तराखंड विधानसभा से हाल ही में यूसीसी विधेयक बिल पास होने के बाद राजभवन की मंजूरी के लिए भेजा गया। अब इसे राष्ट्रपति भवन भेजा गया है। जहां से मंजूरी मिलने राज्य में यूसीसी कानून लागू हो जाएगा। उत्तराखंड में लागू होने के बाद देश के कई राज्यों में यूसीसी लाया जा सकता है। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है। यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई मामलों में कानूनी प्रावधान बदल जाएंगे।
उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया।

सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंडियों से भी समिति ने संवाद किया। सरकार का दावा है कि समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।

 

प्रति व्यक्ति आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि, जानिए धामी सरकार के बजट की चार बड़ी खूबियां

News web media Uttarakhand : धामी सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 89,230 करोड़ रूपए का बजट पेश किया है। जो पिछले वर्ष से 15.27 प्रतिशत अधिक है। उत्तराखंड की आर्थिक विकास की दर वर्ष 2022-23 में 7.63 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वर्ष 2023-24 में भी लगभग यही दर अनुमानित है। प्रति व्यक्ति आय में 12 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 60 हजार 201 रूपए रही।
नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार प्रदेश के 9 लाख 17 हजार 299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में प्रस्तुत बजट को समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत के चार स्तंभ, गरीब, युवा, महिला और किसान बताए हैं और हमारी सरकार द्वारा आज प्रस्तुत बजट इन्हीं को समर्पित है।

चार स्तंभों पर विशेष फोकस

गरीब कल्याणः मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए बजट में 5658 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसमें गरीबों के आवास के लिए 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति में 600 करोड़ और निशुल्क गैस रिफिल में 55 करोड़ की राशि शामिल है।

युवा कल्याणः मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा में कुल 1679 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़ भी शामिल है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर भी ध्यान दिया गया है।

अन्नदाताः मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भाइयों के लिए बजट राशि को बढ़ाया गया है। वर्ष 2024-25 में कुल 2415 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मिशन एप्पल, किसान पेंशन, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान रखा गया है।

नारीशक्तिः मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में लगभग 14,538 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना आदि में प्रावधान किए गए हैं।

किसी भी बच्चे को स्कूल में दाखिले से मना करने वाले प्रधानाचार्य और शिक्षकों पर होगी कड़ी कार्रवाई: राधा रतूड़ी

News web media Uttarakhand : सीएस राधा रतूड़ी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में किसी भी बच्चे को किसी भी कारण से सरकारी स्कूल में दाखिले से मना करने वाले प्रधानाचार्य या शिक्षकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सीएस ने सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में दस्तावेजों के अभाव में कोई भी सरकारी स्कूल किसी भी जरूरतमंद बच्चे को मना नही कर सकता है. सीएस राधा रतूड़ी ने अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू को तत्काल प्रभाव से इस सम्बन्ध में सभी सरकारी स्कूलों को आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं.

सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय मूल्यांकन अनुश्रवण समिति की पहली समीक्षा बैठक के दौरान सीएस राधा रतूड़ी ने देहरादून के आईएसबीटी क्षेत्र में भिक्षावृति को खत्म करने तथा उनके पुर्नवास हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट पर तत्काल कार्य आरम्भ करने के निर्देश विभाग को दिए हैं.

बैठक के दौरान राज्य में कुछ अनाथ, गरीब, भिक्षावृति में लिप्त, जरूरतमंद एवं प्रवासी मजदूरा के बच्चों को जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, राशन कार्ड आदि के न होने के कारण स्कूलों द्वारा दाखिला न दिए जाने के मामले संज्ञान में आए.

जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के मुद्दे को अत्यन्त संवेदशीलता से लेते हुए सीएस रतूड़ी ने अपर सचिव शिक्षा को इसके लिए रंजना राजगुरू को इस सम्बन्ध में नोडल बनाया है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में सरकारी स्कूलों द्वारा किसी भी बच्चे को बिना किसी भेदभाव के दाखिला दिया जाएगा.

बैठक के दौरान सीएस राधा रतूड़ी ने राज्य में बाल भिक्षावृति, बाल विवाह तथा बाल श्रम के मामलें पूरी तरह रोकने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को सटीक आंकडे़ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस सम्बन्ध में जल्द स्टेट रिर्सोस सेन्टर की स्थापना करने के भी निर्देश दिए हैं.

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, एच सी सेमवाल, अपर सचिव श्रीमती राजगुरु तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा मुख्यमंत्री के रूप में उन्हीं के कार्यकाल में गैरसैंण में विधानसभा भवन बना, विधानसभा सत्र आयोजित हुए

News web media Uttarakhand : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में एक घंटे का सांकेतिक मौन व्रत रखा। मौन व्रत के समापन पर उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने रघुपति राघव राजा राम भजन गाकर धामी सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की।  वर्तमान सरकार द्वारा गैरसैंण के अपमान और देहरादून में बजट सत्र कराने को लेकर सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने सांकेतिक मौन व्रत रखा। इस दौरान हरीश रावत ने कहा की सरकार द्वारा गैरसैंण की सतत् अवेहलना के विरोध में यह मौन व्रत है। हिमालयी राज्य की अवधारणा के साथ बने राज्य की सरकार को गैरसैंण में ठंड लग रही है। रावत ने कहा की अपनी ही पार्टी की सरकार द्वारा घोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी में बजट सत्र का आयोजन न करना, विधानसभा द्वारा पारित संकल्प की भी अवेहलना है।

पूर्व मुख्यमंत्री  हरदा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हीं के कार्यकाल में गैरसैंण में विधानसभा भवन बना, विधानसभा सत्र आयोजित हुए, भविष्य के बजट सत्र गैरसैंण में ही आयोजित होने का संकल्प भी पारित किया गया, रावत ने कहा कि उनके मौन व्रत का उद्देश्य सरकार को सद्बुद्धि आए इसकी कामना के साथ एक प्रायश्चित भी है। कहा कि अब उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि शायद गैरसैंण में सैकड़ों करोड़ रुपया खर्च कर उन्होंने कोई भूल कर दी हो। जन भावना का सही आकलन न कर पाना भी एक भूल ही होती है। पूर्व सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार गैरसैंण की अनदेखी कर रही है और गैरसैंण को लेकर उत्तराखंड में व्याप्त चुप्पी से उन्हें अब ऐसा लगने लगा है कि गैरसैंण में यह सारे प्रयास जनभावना का सही आकलन नहीं था।

यदि वास्तव में ऐसा है तो उनका यह मौन व्रत एक प्रायश्चित भी है। कहा कि देहरादून में सरकारी बजट सत्र और गैरसैंण में जन विकास बजट सत्र, जन भावना की अभिव्यक्ति का अभिनव प्रयास है, जिसके लिए उत्तराखंड कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दलों को बधाई। रावत ने कहा कि यह उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही है की यहां के जनप्रतिनिधियों को कुछ ज्यादा ही ठंड लगती है। उन्होंने बजट सत्र की अवधि को लेकर भी सवाल उठाए और कहा की प्रचंड बहुमत और डबल इंजन के सात साल बाद भी प्रदेश सरकार यदि गैरसैंण में कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों एवं पत्रकारों के लिए मूलभूत व्यवस्थाएं तक जुटा पाने में समर्थ नहीं रही तो दोष किसको दिया जाए।