आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन के लिए हेली सेवा अप्रैल से होगी शुरू..

News web media Uttarakhand : पर्यटन विभाग आदि कैलाश और ओम पर्वत हेली दर्शन योजना की शुरुआत अगले महीने से करने जा रहा है। इसके तहत पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय से यात्रा की शुरुआत होगी। यह यात्रा अप्रैल-मई और इस साल अक्तूबर से अगले साल मार्च तक ट्रायल के तौर पर चलेगी। व्यास घाटी में हेली सेवा के माध्यम से आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्राएं कराई जाएंगी। हेली सेवा की शुरुआत पिथौरागढ़ से होगी। पहले दिन पिथौरागढ़ हेलीपैड से गुंजी और गुंजी के होम स्टे में रात्रि विश्राम, दूसरे व तीसरे दिन हेली सेवा गुंजी से नाबिडांग और जौलिंकौंग के साथ ही कालापानी व पार्वती सरोवर एटीवी के माध्यम से यात्राएं कराने के बाद वापस गुंजी के होम स्टे में प्रवास कराया जाएगा।

चौथे दिन गुंजी से पिथौरागढ़ वापसी हेली के माध्यम से यात्रा पूरी होगी। पर्यटन विभाग का कहना हैं कि इससे एक ओर जहां स्थानीय होम स्टे संचालकों, परिवहन संचालकों, दुकानदारों को शीतकाल में व्यावसाय सुलभ होगा तो दूसरी ओर जनजातीय संस्कृति, खानपान, वेशभूषा, लोककलाओं की जानकारी पर्यटकों को मिलेगी।

समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, जानिए कब होगा उत्तराखंड में लागू

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब नियमावली बनने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने विधानसभा से यूसीसी विधेयक को पास कर राजभवन भेजा। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा।
यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई मामलों में कानूनी प्रावधान बदल जाएंगे। हरिद्वार लोकसभा सीट: धर्मसंकट में फंसी भाजपा, कांग्रेस, कहां फंसा प्रत्याशियों के चयन का मामला उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया।उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है।
इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंडियों से भी समिति ने संवाद किया। सरकार का दावा है कि समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।

सीएम धामी का गोपेश्वर में आज रोड शो, प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं कि गिरफ्तारियां

 

News web media Uttarakhand :  गोपेश्वर में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लाभार्थी सम्मान समारोह में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर में गोपेश्वर पहुंचेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे।

सीएम धामी गोपेश्वर खेल मैदान में हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे। वहाँ से नगर के चौराहे तक कार से जाएंगे और फिर उनकी कार से रोड शो के साथ पुलिस मैदान में कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोपेश्वर नगर के मुख्य चौराहे पर अंकिता हत्याकांड का खुलासा करने के साथ-साथ, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया।

आजादी से पहले बने रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए पहली एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू,सीएम धामी ने भी किया सफर

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर एक्सप्रेस के संचालन में टनकपुर से देहरादून तक अनेक महत्वपूर्ण शहरों को सीधे जोड़ा गया है, जिससे लोगों को सुविधा होगी। इस एक्सप्रेस के माध्यम से बनबसा, खटीमा, पीलीभीत, भोजीपुरा, बरेली सिटी, बरेली जंक्शन, चंदोसी, मुरादाबाद, नजीबाबाद, लक्सर, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों को यात्रा करने का आसानी से विकल्प भी मिलेगा और उनका समय भी बचेगा।
इसके साथ ही यह ट्रेन सेवा इन शहरों से मां पूर्णागिरी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात का एक बेहतर विकल्प भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी ट्रेन से टनकपुर से खटीमा तक की यात्रा की तथा ट्रेन में यात्रियों से मुलाकात कर उनका फीडबैक लिया तथा सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रही हैं। पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं तथा आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है । 2014 के बाद से भारतीय रेल एक नए रूप में हमारे सम्मुख है।
आज जहां एक ओर ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म करके भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर आज भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। दुर्गम पहाड़ो के बीच से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक ट्रेन का संचालन होना किसी सपने का साकार होने जैसा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर तेज गति से कार्य चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है और जल्दी ही इसमें भी काम शुरू हो जायेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तराखंड के छह स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। देहरादून से आनन्द विहार के बीच इसी वर्ष वन्दे भारत ट्रेन का संचालन होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
अब शीघ्र ही हमें देहरादून से अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमने मॉ पूर्णागिरी धाम में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाये जाने के उद्देश्य से पूर्णागिरी मंदिर रोपवे के निर्माण हेतु 45 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही ककरालीगेट से पूर्णागिरी धाम तक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने एवं श्रद्धालुओं की सुलभ सुविधाओं हेतु केदारनाथ की तर्ज पर मास्टर प्लान बनाये जाने हेतु योजना तैयार की जा रही है। शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत हरिद्वार तथा ऋषिकेश की तर्ज पर घाट का निर्माण किया जाएगा जहां प्रातः एवं सायं काल आरती प्रतिदिन भव्य रूप से की जाएगी।

 

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने हरक रावत को लगाई फटकार, सीबीआई को तीन माह में स्टेटस रिपोर्ट देने के निर्देश

News web media Uttarakhand :  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के मामले में सुनवाई की. रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व डिविजनल फॉरेस्‍ट अधिकारी किशन चंद को कड़ी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को 3 माह के भीतर स्‍टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं. सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है.

दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरण कार्यकर्ता और अधिवक्ता गौरव बंसल की ओर से एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में नेशनल पार्क में बाघ सफारी और पिंजरा बंद जानवरों के लिए एक स्‍पेशल चिड़ियाघर बनाने के उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी. इस याचिका के बाद ही सुप्रीम कोर्ट की यह कड़ी टिप्पणी आई है.

जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “यह एक ऐसा मामला है जहां ब्‍यूरोक्रेट्स और राजनेताओं ने लोगों के भरोसे के सिद्धांत को कूड़दान में फेंक दिया है.” पीठ ने सख्‍त लहजे में यह भी कहा, “उन्होंने (हरक सिंह रावत और किशन चंद) ने कानून की घोर अवहेलना की है और कमर्श‍ियल मकसद के लिए टूरिस्म को बढ़ावा देने के बहाने बिल्डिंग निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई की है.”

उत्तराखंड में अब 10 हजार हेक्टेयर भूमि में उगाई जाएगी जड़ी-बूटी, 500 वन पंचायते शामिल

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में 500 वन पंचायतों समेत कुल 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जड़ी-बूटियों की खेती आरंभ की जाएगी। इस परियोजना के अंतर्गत, वन पंचायतों के लिए 628 करोड़ रुपये की लागत के साथ 11 हर्बल एरोमा टूरिज्म पार्क भी विकसित किए जाएंगे।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन पंचायतों की कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित होते हुए इस बात का जिक्र किया कि दस हजार लोगों को जड़ी-बूटी उगाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत, गाँवों से लगे वनों की संरक्षा करते हुए स्थानीय ग्रामीणों की मौलिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 1930 में वन पंचायत व्यवस्था की शुरुआत हुई थी। वन पंचायतों की स्थापना, सीमांकन और प्रबंधन का कार्य राजस्व विभाग के दायरे में है, जबकि तकनीकी सहायता के लिए वन विभाग जिम्मेदार है।

प्रथम चरण में 200 और दूसरे चरण में 300 वन पंचायतों को शामिल किया जाएगा, जिसमें कुल मिलाकर 628 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इस योजना के अलावा, निजी भूमि में भी जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी। इस कार्यशाला में प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन के प्रमुख वन संरक्षक गिरजा शंकर पांडेय, प्रशासन के प्रमुख वन संरक्षक बीपी गुप्ता, जायका विजय कुमार, कपिल लाल, गढ़वाल नरेश कुमार, निशांत वर्मा, राम भरोसे आदि मौजूद रहेंगे। संचालन वन दरोगा कल्पना रावत ने किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलीला मैदान, बड़कोट उत्तरकाशी में आयोजित ‘लाभार्थी सम्मान समारोह’ में किया प्रतिभाग

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलीला मैदान, बड़कोट उत्तरकाशी में आयोजित ‘लाभार्थी सम्मान समारोह’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने नगर पंचायत पुरोला को नगर पालिका परिषद पुरोला बनाए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को सामग्री, चेक एवं कृषि उत्पादन संगठन जखोल को खेती बागवानी के काम में आने वाले ड्रोन केन्द्र के संचालन हेतु दस लाख रूपये का ड्रोन प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने लखपति दीदी योजना, ईजा-बोई शगुन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को देय अनुदान व योजना राशि के चेक वितरित किए एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवास की चाबी प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, निःशुल्क खाद्यान्न, निःशुल्क इलाज, किसानों के विकास, गरीबों के आवास, सीमाओं की सुरक्षा, प्रत्येक नागरिक को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा ऑल वेदर रोड के माध्यम से चार धाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने का कार्य हुआ है। राज्य सरकार ने कड़ा नकल विरोधी कानून लाकर नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने का काम किया है। उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता विधेयक पास किया है।

आज से चार शहरों के लिए शुरू होगी फ्लाइट, मात्र इतने रुपये में करें अयोध्या दर्शन, ये है शेड्यूल

News web media Utttarakhand :  देवभूमि से अयोध्या धाम के दर्शन हवाई सेवा से सिर्फ 1999 रुपये में होंगे। यह छूट 7006 रुपये फ्लाइट के टिकट पर 20 मार्च तक रहेगी। इसके अलावा पंतनगर, वाराणसी और अमृतसर के लिए भी उद्घाटन के दिन 1999 रुपये किराया रहेगा, जबकि नियमित उड़ान पर पूरा किराया लिया जाएगा।

सभी उड़ानों का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को जौलीग्रांट हवाई पट्टी में करेंगे। उत्तराखंड के जौलीग्रांट एयरपोर्ट (हवाई अड्डा) से राज्य सरकार एयर कनेक्टिविटी योजना के तहत बुधवार से तीन बड़े शहर अयोध्या, वाराणसी और अमृतसर के लिए नियमित फ्लाइट सेवा शुरू करने जा रही है।

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया, सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग ने बुधवार से शुरू होने जा रही उड़ानों का शेड्यूल और किराया तय कर लिया है। कहा, सरकार ने अयोध्या धाम जाने वाली फ्लाइट का किराया 7006 रुपये में बड़ी छूट देते हुए 20 मार्च तक 1999 रुपये तय किया है।

इससे अयोध्या धाम और श्रीराम मंदिर के दर्शन करने वालों को समय के साथ प्रति टिकट पर 5,000 रुपये का आर्थिक लाभ मिलेगा, जबकि दून से अमृतसर, वाराणसी और पंतनगर की फ्लाइट का किराया उद्घाटन के दिन 6 और 7 मार्च को 1999 रुपये रहेगा। तिवारी ने बताया, अयोध्या के लिए प्रत्येक सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को फ्लाइट उड़ान भरेगी।

कहा, छूट सिर्फ 20 मार्च तक के शेड्यूल के किराये पर रहेगी। इसके बाद पूरा किराया लिया जाएगा, जबकि दून से पंतनगर का किराया 4,500 रुपये, पंतनगर से वाराणसी का किराया 6,400 रुपये तय किया गया है। दोनों जगह उद्घाटन उड़ान के बाद 23 मार्च से नियमित उड़ानें मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार से उड़ेंगी। इसके अलावा दून से अमृतसर के लिए हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान नियमित उड़ानें प्रत्येक सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को उड़ेंगी। यहां नियमित उड़ान का किराया 4,850 रुपये तय किया गया है।

ये रहेगा उड़ान का समय
देहरादून से अयोध्या धाम के लिए तय शेड्यूल के दिन सुबह 9:40 बजे उड़ने वाली उड़ान 11:30 बजे अयोध्या पहुंचेगी, जबकि अयोध्या से तय शेड्यूल से अयोध्या से 12:15 बजे उड़ने वाली उड़ान 1:55 बजे देहरादून पहुंचेगी।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा का परिणाम किया घोषित

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश परीक्षा-2022 की मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। उत्तराखंड न्यायिक सेवा के लिए पात्र उम्मीदवारों को आयोग अब साक्षात्कार के लिए बुलाएगा। आयोग के प्रभारी सचिव अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि पांच से नौ दिसंबर के बीच, मुख्य परीक्षा और कंप्यूटर परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद, 55 उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के लिए किया गया है।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश परीक्षा-2022 की मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। उत्तराखंड न्यायिक सेवा के लिए पात्र उम्मीदवारों को आयोग अब साक्षात्कार के लिए बुलाएगा। आयोग के प्रभारी सचिव अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि पांच से नौ दिसंबर के बीच, मुख्य परीक्षा और कंप्यूटर परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद, 55 उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के लिए किया गया है।

साक्षात्कार के दौरान, सभी आवेदकों के दस्तावेजों की समीक्षा भी की जाएगी। उन्होंने जो आवेदन किया है और दावे किए हैं, उन्हें उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा। साक्षात्कार की संबंधित सूचना शीघ्र ही आयोग द्वारा जारी की जाएगी।

उत्तराखंड की धामी सरकार की सौगात, 31 पदक विजेता खिलाड़ियों का सरकारी नौकरी के लिए किया गया सलेक्ट

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए् योजनाएं शुरू कर रहे है, इसके साथ ही घोषणाएं कर रहे हैं। वहीं अब उत्तराखंड के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को धामी सरकार बड़ा तोहफा दी है।
धामी सरकार का एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी की मुराद पूरी कर दी है।
बता दें उत्तराखंड में खिलाड़ियों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने और उनके सुरक्षित भविष्य को लेकर पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए धामी सरकार उन्हें सीधे नौकरी दे रही है।
धामी सरकार की इस वादे के तहत पिछले दिनों खेल निदेशालय, उत्तराखण्ड, देहरादून के द्वारा खेल नीति-2021 के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाडियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित / अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने के लिएआवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। जिसके अन्तर्गत 156 पदों के सापेक्ष कुल 120 आवेदन पत्र खेल निदेशालय को मिले। स्क्रीनिंग समिति ने इनमें से समस्त 120 आवेदन पत्रों में कुल 31 आवेदकों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन देने के लिए संस्तुति दी है और अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों के सत्यापन किया जा रहा है।
पदक विजेता खिलाड़ियों को छह विभागों में ग्रेड वेतनमान 2000 हजार रुपये से लेकर ग्रेड वेतनमान 5400 तक की नौकरी में 31 खिलाड़ियों का अंतिम चयन हेतु प्रमाण पत्रों की सत्यापन किया जा रहा है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने आउट ऑफ टर्न जॉब के लिए चयनित सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खेल और खिलाड़ियों के प्रति एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड की धामी सरकार प्रदेश में लगातार खेल को बढ़ावा देने व खिलाड़ियो के प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है।

दक विजेता खिलाड़ियों को छह विभागों में ग्रेड वेतनमान 2000 हजार रुपये से लेकर ग्रेड वेतनमान 5400 तक की नौकरी में 31 खिलाड़ियों का अंतिम चयन हेतु प्रमाण पत्रों की सत्यापन किया जा रहा है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने आउट ऑफ टर्न जॉब के लिए चयनित सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खेल और खिलाड़ियों के प्रति एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड की धामी सरकार प्रदेश में लगातार खेल को बढ़ावा देने व खिलाड़ियो के प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है।

मंत्री ने बताया उत्तराखंड खेल नीति 2021 के तहज अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित/ अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में फैसला लिया गया था जिसके अंतर्गत 31 पदक विजेता खिलाड़ियों का विभिन्न विभागों हेतु चयन किया गया है। चयनित खिलाड़ियों के मूल प्रमाण पत्रों व पुलिस सत्यापन चल रहा है। सत्यापन पूरा होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियुक्ति पत्र सौंपेगे।