उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा सड़क हादसा, बस खाई में गिरने से 36 की मौत कई घायल

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है. मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर गई है. हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई लोग घायल हुए हैं. चार घायलों को एयरलिफ्ट भी किया गया है. तीन घायलों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है. मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम मौके पर है.

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला इलाके के पास सोमवार को यात्रियों से भरी बस नदी में गिर गई. बस में 55 से ज्यादा यात्री सवार थे. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा. एसएसपी अल्मोड़ा मौके पर पहुंच गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची हैं. हादसे में 36 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने अल्मोड़ा सड़क हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए सड़क हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों की शीघ्र कुशलता की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है.’

बस नैनीडांडा के किनाथ से रामनगर जा रही थी. जैसे ही बस मार्चुला के पास पहुंची तो सारड बैंड के पास नदी में गिर गई. बस के नदी में गिरते ही चीख-पुकार मच गई. कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कुछ लोग बस से छिटककर नीचे गिर गए. घायल लोगों ने ही जानकारी दूसरों तक पहुंचाई. सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य चलाया. घायलों को अस्पताल ले जाने का काम किया. बस सवार 36 यात्रियों की मौत हो गई. जबकि कई लोग घायल हैं.

बस 40 सीटर थी. बस में 55 से ज्यादा यात्री थे. आपदा प्रबंधन अधिकारी अल्मोड़ा विनीत पाल ने बताया कि 36 यात्रियों की मौत हो चुकी है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. टीम रेस्क्यू में जुटी है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए. सीएम ने मृतक परिजनों को 4-4 लाख रूपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया है. आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए गए हैं.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में बस हादसे पर सचिव आपदा प्रबंधन,आयुक्त कुमाऊं मंडल और डीएम अल्मोड़ा से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और बचाव और राहत कार्य तेजी से चलाने के निर्देश दिए.

डीएम देहरादून को भी रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख के लिए विशेष रूप से वहां भेजा जा रहा है. एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई हैं.रेस्क्यू और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं.

अल्मोड़ा में हुए हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया. उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए सड़क हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों की शीघ्र कुशलता की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है. प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे.

सीएम धामी का राज्य कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट, इतना बढ़ाया महंगाई भत्ता

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को धनतेरस के मौके पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और तदर्थ बोनस देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

राज्य सरकार ने 14 मार्च, 2024 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत 7वें वेतनमान के सरकारी कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2024 से 50% महंगाई भत्ता देने की मंजूरी दी थी. इसके बाद भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार इसे 1 जुलाई, 2024 से बढ़ाकर 53% कर दिया है. ये भत्ता सभी नियमित, पूर्णकालिक, कार्यप्रभारित कर्मचारी और UGC से जुड़े पदाधिकारियों को मिलेगा.

सीएम धामी ने दीपावली पर्व पर प्रदेशवासियों को दी 130 नई बसों की सौगात

News web media Utttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रविवार उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में 130 नई बसों को शामिल कर राज्य के विकास में एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ रही है. आधुनिक तकनीक से युक्त नई बसें हमारे राज्य के परिवहन तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी. ये बसें न केवल यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन गतिविधियों में भी नई ऊर्जा का संचार भी करेंगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों की तुलना में चुनौतीपूर्ण हैं. राज्य के दुर्गम और सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए हमारे परिवहन नेटवर्क पर ही निर्भर हैं.

सीएम धामी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. ऐसे में प्रभावी परिवहन तंत्र न केवल यात्रियों की सुविधा के लिए अति-आवश्यक है, बल्कि आर्थिक विकास में भी अपना योगदान देता है. राज्य के हर कोने को बेहतर सड़क नेटवर्क और विश्वसनीय परिवहन सेवाओं से जोड़ना हमारा संकल्प है. उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड परिवहन निगम को मजबूती प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. जहाँ कुछ वर्ष पूर्व तक हमारा परिवहन निगम 500 करोड़ से भी अधिक के घाटे में था. पिछले तीन वर्षों से परिवहन निगम लगातार मुनाफे में है. इसके लिए उन्होंने परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की प्रशंसा भी की.

सीएम धामी ने कहा कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं. आज अनेक क्षेत्रों में उत्तराखण्ड देश की अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल है. नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में राज्य को प्रथम स्थान मिला है, इसे बनाये रखना हमारे लिए चुनौती है. राज्य की जीएसडीपी तेजी से बढ़ी है और बेरोजगारी दर घटी है.

जल्द ही बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों का भी समावेश किया जायेगा. सरकार अपने चालक-परिचालकों की समस्याओं से भी भलीभांति परिचित है. इसके लिए चाहे डीए में बढ़ोतरी हो, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना हो या निगम में भर्तियों के माध्यम से मैन-पावर की समस्या का समाधान करना हो, हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं. इस दीपावली के अवसर पर सेवाएं देने वाले चालकों, परिचालकों और तकनीकी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि देने का भी फैसला किया गया है.

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि सीएम धामी के नेतृत्व में एक ही बार में बसों के बेड़े में 10 प्रतिशत की वृद्धि राज्य के लिए एक बड़ी सौगात है. इससे जहां लोगों का आवागमन सुगम होगा वहीं लोगों को अपनी विरासत से जोड़ने का कार्य मुख्यमंत्री ने किया है. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम को और फायदे में लाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है. आईएसबीटी का सौन्दर्यीकरण के साथ ही अतिक्रमण को रोकने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे.

सीएम धामी ने की न्याय विभाग की समीक्षा बैठक, कोर्ट के मामलों पर ठोस पैरवी की ‘वकालत’

News web media Uttarakhand  : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में न्याय विभाग से संबंधित विभिन्न विषयों पर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों में ठोस पैरवी की जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड युवा राज्य है. राज्य के समग्र विकास के लिए हम सबको नई कार्य संस्कृति के साथ आगे बढ़ना है.

सीएम धामी न ने कहा कि न्यायालयों से संबंधित मामलों में कार्यवाही में तेजी लाने के लिए डिजिटल माध्यमों का अधिकतम उपयोग किया जाये. यह सुनिश्चित किया जाए राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर पैरवी मजबूती के साथ हो. राज्य की विकास यात्रा में सबको सहयात्री बनकर कार्य करना है.

सभी को अपने कार्यों और दायित्वों का पूरे मनोयोग से निर्वहन करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कार्य संस्कृति में नवाचार जरूरी है, परम्परा से हटकर हमें अभिनव प्रयोग पर अधिक ध्यान दिया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य के जनहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर बेहतर पैरवी के लिए शासन और सरकारी अधिवक्ताओं के बीच नियमित समन्वय होना जरूरी है. कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए परफोर्मेंस आधारित दृष्टिकोण होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यों में सुधार की संभावनाएं हमेशा रहती है, समस्याओं को कम कर समाधान की ओर विशेष ध्यान दिया जाए.

त्योहारी सीजन में ट्रेन से सफर करने की सोच रहे तो यहां मिलेगी पूरी जानकारी,नहीं तो पड़ जाएंगे मुश्किल में

News web media Uttarakhand :  त्योहारी सीजन में लोगों के लिए घर जाने के लिए ट्रेन ही सबसे बड़ा सहारा होता है। ऐसे में अभी से लोग दीपावली पर घर जाने के लिए ट्रेन की टिकट बुक करने में जुट गए हैं। धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज और छठ पूजा पर लोग घर में त्योहार मनाने के लिए पहुंचते हैं।
ऐसे में रेलवे की ओर से भी त्योहार सीजन की स्पेशल ट्रेन चलाने की प्लानिंग रहती है, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके। अगर आप त्योहारों में घर जाने के लिए ट्रेन से टिकट करने की सोच रहे हैं तो ये काम इतना आसान नहीं होगा।
साथ ही राजधानी समेत दूसरे इलाकों से घर के लिए ट्रेन पकड़ने वाले लोगों के लिए स्पेशल ट्रेन की भी सुविधा सिर्फ हरिद्वार से ही मिलेगी। इस बार रेलवे ने हरिद्वार से दो अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। एक ट्रेन हरिद्वार-हावड़ा स्पेशल, जबकि दूसरी हरिद्वार से मुजफ्फरपुर के लिए चलाई जाएगी। घर जाने के लिए यात्रियों को हरिद्वार से ही ट्रेन बुक करनी पड़ रही है। देहरादून से कोई स्पेशल ट्रेन नहीं मिलेगी। बता दें कि इससे पहले समर वेकेशन्स के देहरादून को दो स्पेशल ट्रेनें मिलीं थी। इनमें देहरादून से एक ट्रेन 4312 हावड़ा तक तो दूसरी मुजफ्फरपुर तक चलाई गई थी। लेकिन इस बार हरिद्वार से ही स्पेशल ट्रेन संचालित होंगी। अभी से इन ट्रेनों में 150 से ज्यादा वेटिंग है। लोगों को टिकट मिलना मुश्किल हो रहा है।

ये ट्रेनें संचालित
गोरखपुर एक्स. 5006

मुजफ्फरपुर एक्स. 5002

जनता एक्स. 15120

मसूरी एक्स. 14042 20

काठगोदाम एक्स. 14120

लखनऊ वंदेभारत 22546

अमृतसर एक्स. 14631

पिटकुल ने उत्तराखण्ड शासन को प्रदान किया लाभांश के रूप में 11 करोड़ की धनराशि का चेक

News web media Uttarakhand : पिटकुल द्वारा उत्तराखण्ड शासन को लाभांश के रूप में 11 करोड़ की धनराशि का चेक प्रदान किया गया. सीएम पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में 11 करोड़ का लांभांश का चेक प्रबंध निदेशक पिटकुल ने सौंपा.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए विद्युत निगमों को पूरी सक्रियता से सहयोगी बनना होगा. राज्य स्थापना की मूल संकल्पना में उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाना था. उन्होंने कहा कि ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं.

राज्य सरकार का प्रयास है कि आगामी पांच सालों में उत्तराखण्ड में राज्य की मांग के हिसाब से ऊर्जा का उत्पादन हो. ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं. उन्होंने पिटकुल के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सितम्बर 2024 में पिटकुल के जिन 05 नये उपकेन्द्रों का शिलान्यास किया गया उनके कार्यों में तेजी लाई जाए.

प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी.ध्यानी ने कहा कि सीएम धामी के मार्गदर्शन में पिटकुल ने गत वर्ष 2022-2023 में रू0 26.99 करोड़ की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू0 141.67 करोड़ का लाभ अर्जित किया. विगत 03 वर्षों से उत्तराखण्ड शासन को प्रत्येक वर्ष रू० 5 करोड़ का लाभांश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि सीएम धामी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पिटकुल में विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं. वर्तमान में पिटकुल की ट्रॉसमिशन उपलब्धता भी 99.70 प्रतिशत है जिसके निर्धारित राष्ट्रीय मानकों 98 प्रतिशत से अधिक होने के फलस्वरूप पिटकुल को प्राप्त होने वाली प्रोत्साहन धनराशि के एक तिहाई भाग को विद्युत टैरिफ में छूट के रूप में सीधे दिये जाने से विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हो रहा है.

धामी सरकार सख्त: खाने-पीने की चीजों में थूक मिलाने पर कड़ा कानून लाने की तैयारी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में खाने-पीने की चीजों में जानबूझकर थूक मिलाने जैसी घृणित हरकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा है कि राज्य सरकार ऐसे कृत्यों को रोकने और अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए कड़े कानून बनाएगी.

खाद्य सुरक्षा और नैतिकता पर जोर
धामी सरकार ने हाल के दिनों में विभिन्न घटनाओं के बाद इस मुद्दे पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसे अपराध केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मानदंडों के खिलाफ भी हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “खाद्य पदार्थों में थूक मिलाना केवल एक अपराध नहीं है, यह हमारे समाज की नैतिकता और मानवता के खिलाफ एक घृणित हमला है. इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

सख्त कानून का प्रस्ताव
धामी सरकार ने राज्य के कानून विभाग को निर्देश दिया है कि वह ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान सुनिश्चित करे.

इस प्रस्तावित कानून के तहत:

थूक या किसी भी प्रकार की गंदगी को खाने-पीने की चीजों में मिलाने पर कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा.
दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा, जिसमें लंबे समय तक की कैद और भारी जुर्माना शामिल हो सकता है.
इस प्रकार की हरकत को जानलेवा अपराध की श्रेणी में भी रखा जा सकता है, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए सीधा खतरा है.

सरकार का कदम क्यों जरूरी?
देश के कई हिस्सों में खाने-पीने की वस्तुओं में थूक मिलाने जैसी घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई हैं, जिससे न केवल लोगों में भय और आक्रोश फैल रहा है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. खासकर, कोविड-19 महामारी के बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और इस तरह की हरकतें समाज में असुरक्षा की भावना को जन्म दे रही हैं.

सख्त सजा से अपराधियों में डर
राज्य सरकार का मानना है कि कठोर कानून और सख्त सजा से इस तरह की हरकतों पर लगाम लगाई जा सकेगी. सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और इन्हें जनता के सामने उदाहरण बनाकर पेश किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घृणित हरकत करने से पहले सौ बार सोचे.

धामी सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और ऐसे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा. हम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में हर व्यक्ति स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में अपना जीवन जी सके.”

उत्तराखंड में नासूर बना पलायन, 2.85 लाख घरों में लटके ताले

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड 9 नवंबर को अपना 24 वां स्थापना दिवस का जश्न मनाने जा रहा है. इन 24 वर्षों में प्रदेश ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए विकास के नए आयाम छुए हैं. लेकिन, इन सभी उपलब्धियों के बीच एक समस्या है, जो अब भी राज्य के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े कर रही है. वह है, उत्तराखंड के गांवों से हो रहा पलायन. खाली होते गांव और घटती आबादी,थमने का नाम नहीं ले रही है. विकास के साथ-साथ चल रही एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ी हो रही है. क्या इन 24 सालों में इस संकट का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. आइए समझते हैं आखिर देवभूमि उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या क्यों बनकर उभरी.

उत्तराखंड ने अपने 24 वर्षों के सफर में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिन्होंने राज्य में मूलभूत सुविधाओं के ढांचागत विकास को मजबूत किया है. लेकिन जब हम इस विकास की रफ्तार पर नज़र डालते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या इतने वर्षों का समय इन कार्यों के लिए बहुत ज्यादा नहीं है? राज्य गठन के बाद से ही पलायन उत्तराखंड का सबसे बड़ा और जटिल मुद्दा रहा है, जिसका समाधान अब तक स्पष्ट रूप से नजर नहीं आया. हालांकि विगत वर्षों में पलायन को रोकने के लिए सरकारों ने कई प्रयास किए है. उन्हीं में से एक है- एक पलायन निवारण आयोग का गठन. त्रिवेंद्र रावत जब मुख्यमंत्री थे तब इस आयोग का गठन किया था. लेकिन मौजूदा समय में किसी भी सरकार के लिए पलायन को रोकना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.

2.85 लाख घरों में लटके ताले
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि पलायन के चलते उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में 2.85 लाख घरों में ताले लटके हैं. यही नहीं, 1,034 गांव घोस्ट विलेज घोषित किए जा चुके हैं. यानी इन गांवों में कोई नहीं रहता और वहां के घर खंडहर में तब्दील हो गए हैं. करीब 2000 गांव ऐसे हैं, जिनके बंद घरों के दरवाजे पूजा अथवा किसी खास मौके पर ही खुलते हैं. गांवों से पलायन का असर असर खेती पर भी पड़ रहा है. सरकार भी मानती है कि 2001 से अब तक 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील हो गई है. हालांकि, गैर सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो बंजर कृषि भूमि का रकबा एक लाख हेक्टेयर से अधिक हो सकता है.

रुद्रप्रयाग: दशज्यूला क्षेत्र की दशकों पुरानी सड़क की लंबित मांग अब हुई पूर्ण, क्षेत्रवासियों ने सीएम का जताया आभार

News web media Uttarakhand : जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत दशज्यूला क्षेत्र की कोटखाल-जगतोली मिसिंग मोटर मार्ग जरम्वाड तक मिलाने की स्वीकृति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 13 सितंबर 2024 को प्रदान की गई थी. दशकों से क्षेत्रवासी इस सड़क की मांग कर रहे थे. जगतोली दशज्यूला विकास महोत्सव 2024 को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सड़क निर्माण की घोषण की थी. मुख्यमंत्री को बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना था. किन्तु भारी वर्षा के कारण कार्यक्रम में शामिल नही हो पाए तथा उनके द्वारा वर्चुवल सम्बोधन में इस मोटर मार्ग की स्वीकृति की घोषणा की गई थी.

इस मोटर मार्ग की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आज 14 अक्टूबर, 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअली विधिवत भूमि पूजन के फलस्वरूप कार्य प्रारंभ हो गया है. इस मोटर मार्ग से दशज्यूला काण्डई क्षेत्र के 30 से अधिक गांव को एवं तल्ला नागपुर क्षेत्र की जनता को इस मोटर मार्ग का लाभ मिलेगा साथ ही क्षेत्र की जनता को गौचर आवागमन में सुगमता होगी. इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने पर क्षेत्रीय जनता द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया.

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से सभी क्षेत्रवासियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रूद्रप्रयाग क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता है. राज्य सरकार प्रदेश को सतत विकास की दृष्टि से देश में एक अलग पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की. राज्य सरकार उनके सपनों को पूरा करने का लगातार प्रयास कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है. विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है. केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. उन्होने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है.

इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर पंवार, अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. इन्द्रजीत बोस सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही.

नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम के चलते, आज ये रहेगा यातायात/डायवर्जन प्लान

News web media Uttarakhand : नैनीताल से जुड़ी खबर सामने आई है. नैनीताल में आज दिनांक-08/10/2024 को जनपद नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम है. इस दौरान हल्द्वानी शहर, भवाली और भीमताल क्षेत्र में डाइवर्जन/ट्रैफिक प्लान रहेगा. यह यातायात प्लान समय प्रातः 9:00 बजे से प्रभावी हो गया है.

शहर हल्द्वानी का यातायात/डायवर्जन प्लान देखें

जब वी.आई.पी. फ्लीट पंतनगर एयरपोर्ट से प्रस्थान करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को लालकुआं ओवर ब्रिज से पहले डिवाइडर के पास रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट कस्बा लालकुआं पास करेगी-

  1. गोलापार से आने वाले वाहनों को तीनपानी ओवर ब्रिज के उत्तरी छोर से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा.
  2. शहर हल्द्वानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से ज्योलिकोट की ओर भेजा जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट मोती नगर पास करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले वाहनो को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन तीनपानी तिराहा (डिबेर कट)पर होगी तब इंदिरा नगर कट, गोला पुल, कुंवरपुर कट, और खेड़ा चौकी के दोनों कटों पर मुख्य मार्ग की ओर आने वाला ट्रैफिक रोका जाएगा..

जब जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोला पुल पर होगी तब

शहर हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र को जाने वाला ट्रैफिक कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा.
नारीमन तिराहा से गोलापार को जाने वाला ट्रैफिक डायवर्ट कर कालटैक्स की ओर भेजा जाएगा.

  1. नैनीताल से शहर हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़/एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
    भीमताल से आने वाले ट्रैफिक को मैगी प्वाइंट से डायवर्ट कर एचएमटी तिराहे की ओर भेजा जाएगा और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

पर्वतीय क्षेत्र से हल्द्वानी की ओर आने वाले वाहनों के लिए देखें

अल्मोड़ा-बागेश्वर से आने वाले वाहन भवाली से मस्जिद तिराहा होते हुए नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से आने वाले वाहन रामगढ़ रोड से होते हुए भवाली से मस्जिद तिराहा से नंबर वन बैण्ड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से खुटानी बैण्ड से भवाली से नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.उक्त वाहनों को वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन जाते समय गोला पुल पर होगी और वापसी में जब लोकेशन सलड़ी में होगी तब टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

वापसी में जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन सलड़ी में होगी तब यह रहेगा यातायात.
नैनीताल से आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
तब हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र की ओर जाने वाले ट्रैफिक को कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा
तब तीन पानी से गोलापार को आने वाले ट्रैफिक को गौला पुल से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा
तब चोरगलिया से आने वाले ट्रैफिक को कुंवरपुर चौकी और खेड़ा चौकी पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन नारीमन तिराहा पास करेगी तब लालकुआं से हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को डिबेर कट के समीप डिवाइड पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोलापुल पर होगी तब हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

यातायात प्लान कैंचीधाम / भवाली/भीमताल क्षेत्र

जब वी.आई.पी. पन्तनगर हैलीपैड से कैचीधाम के लिए प्रस्थान करेगें उसके बाद अल्मोडा पिथौरागढ से आने वाले सभी प्रकार के वाहनो को क्वारब पुल से डायवर्जन कर बाया रामगढ होते हुए खुटानी तिराहा को भेजा जायेगा.

जब तक वी.आई.पी. खुटानी बैण्ड से पास नही होते तब तक के लिए खुटानी बैण्ड पर बैरियर लगाकर वाहनो को रोका जायेगा. वी.आई.पी. के खुटानी बैण्ड से पास करने पर ही वाहनो को छोडा जायेगा.

रानीखेत क्वारब पुल से भवाली को आने वाहनो को वी.आई.पी. के प्रस्थान तक खैरना पर रोका जायेगा प्रस्थान के बाद ही वाहनो को छोडा जायेगा.

भवाली से हल्दानी को जाने वाले वाहनो को भवाली मस्जिद तिराहा से डायवर्जन कर न0-1 बैण्ड से ज्योलीकोट होते हुए भेजें जायेगें.

भवाली / भीमताल क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रकार के भारी वाहनो का आवागमन बन्द रहेगा.

जब वी.आई.पी. का मन्दिर स्थल में कार्यक्रम रहेगा उस समय सभी प्रकार का यातायात सामान्य कर दिया जायेगा.

वी.आई.पी. के आगमन व प्रस्थान के समय पर हल्दानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से डायवर्जन कर ज्योलीकोट होते हुए न0-1 बैण्ड से मस्जिद तिराहा भवाली को भेजा जायेगा.