देहरादून समेत पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी से लौटी ठंड,जानिए कब तक रहेगा ऐसा मौसम

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। आज सुबह से प्रदेश भर के कई इलाकों में बारिश का क्रम जारी है। देहरादून समेत पहाड़ों के जिलों में बारिश से ठंड लौट आई है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की सूचना है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक मार्च तक प्रदेशभर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने से मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से चार दिन तक बारिश-बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई थी।
इसके चलते तापमान में तेजी से गिरावट होने से कड़ाके की ठंड होगी। बारिश-बर्फबारी से मैदान से लेकर पहाड़ तक के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। बागेश्वर जिले में हिमपात की संभावना बनी है। निचले भू-भाग में दोपहर बाद रिमझिम वर्षा हो रही है। किसानों को अच्छी वर्षा का इंतजार था। रबी की फसल को राहत मिलेगी। एक बार फिर से ठंड लौट आई है। गुरुवार को सुबह से आसमान में बाछल छाए रहे।
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने एक बार फिर राज्य में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में 27 और 28 तारीख को कुछ जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है
वहीं जिला देहरादून में भी कही कही भारी बारिश हो सकती है उसके साथ साथ जो पहाड़ी जिले है चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा जैसे जिलों में 3200 मीटर से ऊपर वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी इन दो दिनों में देखने को मिलेगी इसलिए इन दो दिनों में पहाड़ के अधिकाशं जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।

सीएम का सख्त संदेश, मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी नहीं बर्दाश्त

News web media Uttarakhand : क्षेत्रवाद को लेकर अपने ही नेताओं की बयानबाजी को लेकर असहज भाजपा अब उनका इलाज करने की तैयारी में है। वहीं आज सीएम धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने सख्त संदेश दिया कि मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पार्टी बड़बोले नेताओं के विवादित और संवेदनशील मुद्दे पर बोलने से बचने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में जिस तरह से पार्टी नेताओं के क्षेत्रवाद के मुद्दे पर बार-बार बयान आ रहे हैं, उनका विपक्ष भी उसी अंदाज में जवाब दे रहा है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के मामले में उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य में कुछ लोगों द्वारा जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है, उसे किसी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता। हमने कांग्रेस नेताओं से भी संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी न करने की आग्रह किया है। पार्टी के लोगों को इस बारे में दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

पार्टी को असहज करता रहा है कतिपय नेताओं का बर्ताव
कैबिनेट मंत्री का विवादित बयान कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी भाजपा हरिद्वार में पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर असहज हो चुकी है। चैंपियन जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पिछले एक साल के दौरान कई ऐसे मामले आए, जिनमें भाजपा और उसकी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।

सल्ट के पार्टी विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम में हुआ विवाद रहा हो या फिर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की परिवहन विभाग अधिकारी से कहासुनी या फिर सरकार के एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का मामला रहा हो। इन सभी मामलों में विपक्ष को पार्टी और सरकार पर हमला बोलने का अवसर मिला। लेकिन पार्टी अपने विवादित नेताओं का इलाज नहीं कर पाई। लेकिन अब ऐसे संकेत हैं कि पार्टी नेतृत्व इस पर कड़ा रुख अख्तियार करेगा।

सरकारी कर्मचारियों को विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य, CS ने दिए निर्देश

News web media Uttarkhand : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को अनिवार्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को पात्र लिखकर राज्य सर्कार के अधीन काम करने वाले विवाहित कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि यूसीसी के तहत 26 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसी क्रम में हर एक जिले में नामित नोडल अधिकारी को अपने जिले में कार्यरत सभी विवाहित कर्मचारियों का विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध योजना बनानी होगी.

सीएस ने कहा कि सभी डीएम और विभागध्यक्ष सुनिश्चित करें कि विवाह पंजीकरण कि प्रक्रिया तय समय-सीमा में पूरी हो. इस संबंध में हर एक जिले को नियमित रूप से अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी. इसके अलावा हर एक विभाग में सम्बंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जो अपने विभाग के सभी विवाहित कर्मचारियों का पंजीकरण सुनिश्चित कराएगा.

मुख्य सचिव ने कहा है कि UCC पोर्टल पर निर्बाध पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए निदेशक, आई.टी.डी.ए उत्तराखंड को सभी जनपदों और विभागों को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है. यदि किसी जनपद या विभाग को तकनीकी सहयोग की आवश्यकता हो तो वे आई.टी.डी.ए के निदेशक से तत्काल समन्वय स्थापित कर सकते हैं.

उत्तराखंड बजट सत्र: बजट पास होते ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित,बना ये रिकॉर्ड,जानिए क्या खास,किसको मिला कितना

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र- 2025 आज पांचवें दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। आज बजट पारित किया गया।बजट सत्र में भू कानून समेत दस विधेयक पारित हुए थे। पह​ली बार शनिवार को भी सदन की कार्यवाही हुई।

सदन की शुरूआत हंगामे के साथ हुई। जिसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस बीच स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने भी आपत्ति जताई और ​विपक्षी विधायकों के व्यवहार पर नाराज हो गई। जिसके बाद कांग्रेस के विधायक लखपत बुटोला ने गुस्से में पर्चा फाड़कर सदन से बाहर चले गए। ​
किसी तरह से मामला शांत कराया गया। इसके बाद शिक्षा के मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने स्कूलों के जर्जर भवन का मुद्दा उठाया। जिस पर विपक्ष के कई विधायकों ने स्कूली शिक्षा को लेकर अपनी बात रखी। कांग्रेस के कई विधायकों ने बजट के कटौती का प्रस्ताव भी रखा। बाद में बजट पास किया गया । गुरुवार को वित्त मंत्री ने सदन पटल पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 101175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्र संचालन का रिकॉर्ड टूट गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने शुक्रवार को एक दिन में बिना ब्रेक सबसे लंबा 11 घंटे 51 मिनट तक सदन की कार्यवाही का संचालन कर अपना ही पूर्व का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले 28 फरवरी, 2024 को 11 घंटे 20 मिनट तक सत्र संचालन का रिकॉर्ड था। सदन के भीतर दिए गए बयान पर वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है।

इन विभागों का इतना है बजट
1) निर्वाचन के विभाग के लिए रूपये 81 करोड़ 62 लाख धनराशि स्वीकृत गई हैं। (2) वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय और अन्य सेवाओं के लिए 18190 करोड़ 74 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (3) सहकारिता के अन्तर्गत 161 करोड़ 46 लाख 62 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। (4) सिंचाई एवं बाढ़ के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए 1897 करोड़ 73 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी। (5) पर्यटन विभाग के अन्तर्गत होने वाले खर्चों की पूर्ति के लिए 478 करोड़ 76 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। (6) औद्यानिक विकास के लिए रूपये 653 करोड़ 07 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (7) शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण और संस्कृति के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए 11909 करोड़ 19 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (8) वन के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए रूपये 1114 करोड़ 83 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (9) जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए रुपये 3967 करोड़ 03 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।। (10) कृषि कर्म और अनुसंधान के अन्तर्गत रूपये 1259 करोड़ 94 लाख 66 हजार करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाये। (11) चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के अन्तर्गत सरकार ने 4292 करोड़ 95 लाख 35 हजार की बजट धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (12) ग्राम्य विकास के अन्तर्गत होने वाले खर्चों को चुकाने के लिए सरकार ने 2856 करोड़ 02 लाख 02 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (13) लोक निर्माण विभाग (PWD) के लिए सरकार ने 2882 करोड़ 08 लाख 20 हजार का बजट स्वीकृत किया हैं। (14) पशुपालन विभाग के लिए बजट में 932 करोड़ 94 लाख 22 हजार का बजट पास किया गया हैं। (15) श्रम और रोजगार के विभाग के लिए बजट में 508 करोड़ 89 लाख 44 हजार रुपए का प्रावधान किया गया हैं। (16) राज्य सरकार की विकास योजनाओं के लिए सरकार ने 2682 करोड़ 91 लाख 72 हजार रुपए का बजट रखा हैं। (17) खाद्य विभाग का बजट सरकार ने 937 करोड़ 54 लाख 90 हजार रखा हैं। (18) विधानसभा के खर्चे के लिए 106 करोड़ 94 लाख का बजट (19)- मंत्रिमंडल के खर्च के लिए 101 करोड़ 42 लाख का बजट (20)- न्याय प्रशाशन के लिए 521 करोड़ 67 लाख का बजट (21)- राजस्व एवं सामान्य प्रशासन के लिए 2 हजार 500 करोड़ का बजट (22)- आबकारी विभाग के लिए 45 करोड़ 82 लाख का बजट (23)- लोकसेवा आयोग के लिए 33 करोड़ 93 लाख का बजट (24)- पुलिस और जेल के लिए 3 हजार 3 करोड़ 70 लाख का बजट (25)- सूचना विभाग के लिए 406 करोड़ 46 लाख का बजट (26)- ऊर्जा का बजट 1659 करोड़ 59 लाख का बजट। (27)- उद्योग विभाग के लिए 515 करोड़ 7 लाख का बजट। (28)- परिवहन के लिए 396 करोड़ 94 लाख का बजट। (29)- अनुसूचित जनजातियों के लिए 2555 करोड़ 93 लाख रुपए का बजट पास हुआ हैं।

उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने पर रोक, नया भू कानून विधानसभा में पास,जानिए क्या होंगे नियम

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में अब बाहरी राज्यों के लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान नहीं होगा। उत्तराखंड बजट सत्र के चौथे दिन विधानसभा में नया भू कानून पास हो गया। जिसके तहत केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन के लिए खरीद की अनुमति राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है।
बाकि 11 जिलो में पूर्णत प्रतिबंधित रहेगी। सीएम धामी ने सत्र में बताया कि हमारा संकल्प उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों, को भू माफियाओं से बचाए रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन के लिए खरीद की अनुमति जो कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी।
उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को 11 जनपदों में समाप्त कर केवल जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा आवासीय परियोजन हेतु 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय के लिए शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे समाप्त कर, अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी।
विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है।
राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू सुधारों की नींव रखी है। भू प्रबंधन एवं भू सुधार पर आगे भी अनवरत रूप से कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा हम उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने का संकल्प है। जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ, ये चिंता हमेशा मन में थी। उन्होंने कहा उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग है। उन्होंने कहा जब से स्व. श्री अटल जी ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन/कानून में हमने सभी को समाहित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सबकी जन भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं। बीते कुछ वर्षों में देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोगों द्वारा विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही थी। उन्होंने कहा भू प्रबंधन एवं भू सुधार कानून बनने के पश्चात इसपर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी। इससे असली निवेशकों और भू माफियाओं के बीच का अंतर भी साफ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा इसके साथ की नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेकहोल्डर से विचार लिए थे। इस नए प्रावधानों में राज्यवासियों के विचार लिए गए हैं, सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं तहसील स्तर पर भी अपने जिलों में लोगों से सुझाव लिए गए। सभी के सुझाव के अनुरोध ये कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य मूल स्वरूप बना रहे, यहां का मूल अस्तित्व बचा रहे। इसके लिए इस भू सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू, सीएम धामी ने लॉन्च किया पोर्टल

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पोर्टल लॉन्च किया है. उत्तराखंड में अब रिलेशनशिप, शादी, लिव-इन, बहुविवाह और संपत्ति जैसी चीजें पहले जैसे नहीं रहेंगी.

अब प्रदेश में शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है. राज्य में हर धर्म के लोगों के लिए तालाक के लिए एक जैसे कानून होगा. बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाएं अवैध हो गई हैं.

आइये जानते हैं, प्रदेश में अब क्या-क्या बदलेगा.
6 महीने के अंदर शादी का रजिस्ट्रेशन
अब सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया हैड. लोगों को ऑनलाइन ही अपने विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने की सहूलियत मिलेगी. उन्हें इसके लिए किसी भी सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने की जरुरत नहीं होगी. 27 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है. शादी के छह माह के अंदर-अंदर अब रजिस्ट्रेशन करवाना होगा

राष्ट्रीय खेलः स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करेंगी 141 टीमें

News web media Uttarakhand : 38 वें राष्ट्रीय खेल के दौरान खिलाड़ियों और मेहमानों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 141 टीमों का गठन किया गया है. 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक यह टीमें अलर्ट मोड में रहेंगी. इस दौरान जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग ने बड़े स्तर पर राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां की हैं. स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार-राज्य स्तर पर राज्य नोडल अधिकारी, उप नोडल अधिकारी व सह नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. जनपद स्तर पर जिला नोडल अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी और सह नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बनाए गए हैं. एंबुलेंस हेतु जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप स्टेडियम, रायपुर, देहरादून के धनवन्तरी ब्लॉक में 10 बैडेड अस्पताल खिलाड़ियों हेतु संचालित किया जाएगा. इसी तरह, आईजीआईसीएस स्टेडियम, गोला पार हल्द्वानी में दो बैडेट अस्पताल संचालित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त मात्रा में औषधियां, उपकरण क्रय किए जा रहे हैं.

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार-डॉ० तरूण टम्टा, प्रमुख अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, नैनीताल को कुमाऊं मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है. डॉ टम्टा ने स्पोर्ट्स मेडिसन में शिक्षा प्राप्त की है. निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, गढ़वाल मंडल पौड़ी गढ़वाल के स्तर पर डॉ केएस नेगी को गढ़वाल मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है. नोडल अफसरों को स्थलीय निरीक्षण करने के लिए कहा गया है.

इस तरह की हैं विभाग की तैयारियां

1-प्राइमरी हेल्थ केयर, सेकेंड्री हेल्थकेयर व टर्रसियरी हेल्थ केयर के नोडल अधिकारी और सह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं. सेकेंड्री हेल्थ केयर, जो जिला चिकित्सालय है, उनमें चिकित्सा विशेषज्ञ जैसे-न्यूरो, कार्डिक, हैड इंजरी एवं स्पाइन इंजरी को उक्त अवधियों में ऑन-कॉल (24×7) रखे गए हैं.

2-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन कॉल (24×7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है. खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा ईकाईयों में ऑन-कॉल (24×7) टीमें तैनात की गई हैं. प्रत्येक जनपद में सूचीबद्ध चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है.

3-प्रत्येक खेल व शिफ्ट में एक टीम बनाई गई है, जिसमें डॉक्टर-01, नर्सिंग स्टॉफ-02, फिजियोथेरेपिस्ट-02(महिला/पुरुष) व वार्ड ब्वाय-01 को टीम में रखा गया है और 01 टीम को स्टैंड बाय रखा गया है.

4-सभी खेल स्थलों में 01-एएलएस एंड 01-बीएलएस एंबुलेंस की तैनाती चिकित्सकीय दल के साथ की गई है. 01 बीएलएस एंबुलेंस को स्टैंड बाय रखा गया है.

5-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन-कॉल (24×7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है. खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा इकाईयों में ऑन-कॉल (24×7) टीमें तैनात की गई है.

तैयारियों का ये भी लेखा-जोखा

150 डॉक्टर, 300 नर्सिंग स्टॉफ, 25 फिजियोथेरेपिस्ट, 30 फार्मासिस्ट व 50 वार्ड ब्वाय तैनात किए गए हैं.

115 एंबुलेंस राष्ट्रीय खेलों के दौरान तैनात रहेंगी. ये एंबुलेंस विभागीय और 108 सेवा की हैं.

05 बैड एम्स ऋषिकेश के ट्रामा विभाग में दिनांक 28 जनवरी 2025 से दिनांक 14 फरवरी 2025 तक) रिजर्व रहेंगे. आवश्यकता पड़ने पर एयरलिफ्ट की सुविधा हेली एंबुलेंस के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी.

50 चिकित्साधिकारियों को एम्स ऋषिकेश में कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. यह चिकित्साधिकारी समस्त जनपद के हैं.

“राष्ट्रीय खेल हमारे राज्य के लिए गौरव का क्षण है. खिलाड़ियों और मेहमानों को उच्चतम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा गया है.

उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर बोले असदुद्दीन ओवैसी,आप केवल मुसलमानों की शादियां और तलाक रोक रहे

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी में है. इसकी को लेकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है. ओवैसी ने कहा कि जब आप हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम को अपवाद दे रहे हैं तो इसे यूसीसी नहीं कहा जा सकता है और यह आदिवासियों पर भी लागू नहीं होगा. ये कैसा यूनिफ्रॉम सिविल कोड? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आप केवल मुसलमानों की शादियाँ और तलाक रोक रहे हैं.

ओवैसी ने आगे कहा कि आप यूनिफ्रॉम सिविल कोड की बात करते हैं, लेकिन अगर कोई हिंदू धर्म से किसी अन्य धर्म में परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी. उन्होंने कहा कि वे वक्फ को बर्बाद करने और उसकी संपत्तियों को लूटने के लिए यह बिल ला रहे हैं.’ जैसे सीएए पर विरोध हुआ था, वैसे ही अगर वक्फ संशोधन बिल पास हुआ तो भी विरोध होगा. इससे पहले उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सोमवार को राज्य सचिवालय में आयोजित एक बैठक के दौरान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली को मंजूरी दे दी.

अधिकारियों के अनुसार, यह विकास विधायी विभाग द्वारा मैनुअल की सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद हुआ. मंजूरी के बारे में बोलते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 के चुनावों से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. धामी ने कहा कि हमने 2022 में उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि हमारी सरकार बनते ही हम यूसीसी बिल लाएंगे. हम इसे ले आये. मसौदा समिति ने इसका मसौदा तैयार किया, यह पारित हुआ, राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी और यह एक अधिनियम बन गया. ट्रेनिंग की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हर चीज का विश्लेषण करने के बाद हम जल्द ही तारीखों की घोषणा करेंगे.

यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भाजपा सरकार ने पिछले साल 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा के एक विशेष सत्र के दौरान यूसीसी विधेयक पेश किया था और इसे एक दिन बाद 7 फरवरी को आरामदायक बहुमत के साथ पारित किया गया था. उत्तराखंड विधानसभा के बाद, फरवरी में यूसीसी विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 मार्च को इस पर हस्ताक्षर किए, जिससे उत्तराखंड के लिए यूसीसी अधिनियमित करने वाला भारत का पहला राज्य बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया.

उतराखंड कैबिनेट ने दी यूसीसी की नियमावली को मंजूरी, प्रदेश में जल्द होगा लागू

News web media Uttarakhand : सोमवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता( यूसीसी) की नियमावली को मंजूरी दे दी है. अब इसे जल्द ही प्रदेश में लागू किया जा सकेगा.

सीएम धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इसमें यूसीसी का प्रस्ताव लाया गया. इस दौरान कैबिनेट ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. सीएम धामी ने कहा कि 2022 में हमारी सरकार ने यूसीसी बिल लाकर जनता से किया वादा पूरा किया था.

तब से हम इसकी सारी प्रक्रियाएं पूरी कर इसे जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.यह उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है कि हमारा प्रदेश सबसे पहले यूसीसी लागू करेगा. सब तैयारियां पूरी हो गई हैं. जल्द हम इसे लागू करेंगे.

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा. फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी. इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है. मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे.

उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे. सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी. मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी.

निकाय चुनाव के बीच गरमाई सियासत, BJP ने बताया देहरादून की मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों का क्या होगा?

News web media Uttarakhand : देहरादून में निकाय चुनाव के बीच एक बार फिर मलिन बस्तियों का मुद्दा गरमाने लगा है। निकाय चुनाव के बीच ही एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार के मलिन बस्तियों को सुरक्षित करने के अध्यादेश को लेकर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में एक बार फिर मलिन बस्तियों पर खतरा मंडरा रहा है।
हाईकोर्ट पहले ही इस मामले पर सरकार से जबाव तलब कर चुका है। इस तरह से भाजपा सरकार मलिन बस्तियों के मामले में घिरती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस को निकाय चुनाव में बड़ा मुद्दा मिल गया है। साथ ही भाजपा सरकार पर हमलावर है।
इस बीच भाजपा ने मलिन बस्तियों के कांग्रेसी भ्रम पर पलटवार कर कहा की हम किसी को बेघर नहीं होने देंगे। बता दें कि देहरादून में मलिन बस्तियां हमेशा से ही भाजपा, कांग्रेस दोनों के लिए सियासी वोट बैंक माना जाता रहा है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कांग्रेस द्वारा भाजपा के संकल्प पत्र पर उठाए सवालों का ज़बाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा फैलाई जा रही यह पूरी तरह निराधार और सरासर झूठ है। कहा की इसी तरह की भ्रांतियां हमारे इसी विपक्षी दल द्वारा केदारनाथ उपचुनाव में भी फैलाई जाती रही थी। यही काम वह मालिन बस्तियों को लेकर कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि जो भी लोग इनमें निवास कर रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, भाजपा सरकार उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि हम ही अध्यादेश लाकर गरीब लोगों का संरक्षण कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट है कि उनके सुनियोजित पुनर्वास की व्यवस्था होने तक किसी को भी हटाया नहीं जाएगा। क्योंकि वे सभी लोग हमारे हैं और गरीब तबका या साधनहीन लोगों को हम लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत या अन्य योजना के तहत लगातार व्यवस्थाएं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम किसी को भी बेघर नहीं होने देंगे, हम किसी को भी अतिक्रमण या अन्य व्यवस्था के नाम पर परेशान किए जाने के पक्ष में नहीं हैं। हमारी सरकार की मंशा स्पष्ट है, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगातार करोड़ों लोगों के घर का सपना पूरा की मुहिम को उत्तराखंड में भी तेजी से आगे बढ़ाना। कहा कि लिहाजा जो इस प्रकार की भ्रांतियां फैलाई जा रही है यह बिल्कुल तथ्यहीन है और पार्टी ऐसी राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करती है। महामंत्री ने बताया कि कार्यकर्ता संकल्प पत्र को लेकर घर-घर पहुंच रहे हैं। जिसमें जनसंपर्क और कमरा बैठक से सरकार की उपलब्धि और हमारा आगे का संकल्प क्या है, दोनों विषयों पर जनता से चर्चा की जा रही है।