उत्तराखंड में सीएम धामी के निर्देश से शराब के ठेकों पर छापेमारी, ठेका संचालकों में हड़कंप

News web media Utttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मंगलवार को प्रशासन और आबकारी विभाग की टीम ने प्रदेश भर में 100 से अधिक शराब की दुकानों पर एक व्यापक छापेमारी अभियान चलाया। अचानक हुए इस अभियान ने शराब ठेका संचालकों में अफरातफरी मचा दी।

छापेमारी के दौरान कई दुकानों की जांच की गई, जिससे अवैध गतिविधियों और नियमों के उल्लंघन की संभावनाओं पर कड़ी नजर रखी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लंबे समय से प्रदेश में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग और शराब तस्करी की शिकायतें मिल रही थीं, जिस पर उन्होंने प्रशासन और आबकारी विभाग को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

इस निर्देश के तहत, मंगलवार को छापेमारी अभियान के दौरान पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, उधम सिंह नगर, चंपावत, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल जिलों में जांच की गई।

सीएम धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी दुकान पर ओवररेटिंग की शिकायतें सही पाई जाती हैं या स्टॉक और बिक्री रजिस्टर ठीक से मेंटेन नहीं किए गए हैं, तो उन दुकानों को सीज कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओवररेटिंग और शराब की तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ समय-समय पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को देवभूमि पत्रकार यूनियन,पंजी. ने आभार-पत्र भेंट किया

News web media Uttarakhand : देवभूमि पत्रकार यूनियन, पंजी. उत्तराखंड के प्रतिनिधि मंडल ने आज मुख्यमंत्री जी के कैम्प कार्यालय में उनसे भेंट कर आभार पत्र भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया । उल्लेखनीय रहे कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विगत दिनों स्थानीय सूचना निदेशालय का दौरा किया तथा गहन विभागीय निरीक्षण किया । इसी अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा पत्रकारों की चिर प्रतिक्षित मांग पत्रकार कल्याण कोष में 5 करोड़ की अतिरिक्त वृद्धि , पत्रकारों को जीवन बीमे की सुविधा, तहसील स्तरीय प्रेस मान्यता, पाक्षिक व मासिक समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को भी प्रेस मान्यता प्रदान करना आदि की घोषणा की गई। जिसकी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री जी के इन कदम की भूरि भूरी प्रसंसा की गई । मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करने वालों में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल, उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, डॉ. वी डी शर्मा, प्रदेश महासचिव, एस एन उपाध्याय, प्रदेश कोषाध्यक्ष, गोपाल सिंघल, प्रदेश सचिव, श्रीमती प्रेमलता भरतरी, हरीश खनेड़ा, जिला अध्यक्ष, नवीन जोशी, जिला महासचिव, रजत शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष आदि मौजूद थे । इस अवसर पर यूनियन के प्रदेश महासचिव डॉ. वी डी शर्मा ने पत्रकार हितों के लिए उठाए गए कदमों के प्रति माननीय मुखयमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके इन कदमों के प्रति पत्रकारों में हर्ष व संतोष व्याप्त है । पत्रकारों की बाकी मांगों के प्रति भी ध्यान देते हुए पत्रकारों के हितों के प्रति भविष्य में भी आपका सहयोग प्रदेश के पत्रकारों को मिलता रहेगा।

 

उत्तराखंड में एक बार फिर डोली धरती, देहरादून में 3.1 तीव्रता का भूकंप

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली है. रविवार की रात करीब 9:56 मिनट पर देहरादून में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है. भूकंप का केंद्र अक्षांश 30.10 उत्तर और देशांतर 78.07 पूर्व में देहरादून की 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था.

लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते ही हड़कंप मच गया. लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक भूकंप से किसी तरह के कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है..

500 करोड़ से धामी सरकार को गिराने की हुई थी कोशिश, इस विधायक ने कर दिया बड़ा खुलासा

News web media Uttarakhand : हाल के दिनों में सत्ता के गलियारों में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा कई दिनों तक गर्म रही। राजनेताओं की दिल्ली दौड़ के बीच राजनीतिक पारा चरम पर था। सत्ता परिवर्तन की जोर आजमाइश के पीछे एक सांसद का हाथ होने की बातें भी सामने आईं। हालांकि, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। अब गैरसैण में विधानसभा सत्र में सदन में जो गूंज सुनाई दी, उसने न सिर्फ अटकलों को हकीकत बताया, बल्कि यह सोचने पर भी विवश कर दिया कि नेतृत्व परिवर्तन की खिचड़ी पकाई तो जा रही थी। पर यह हांडी किसने चढ़ाई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। वही खानपुर विधायक उमेश कुमार ने 500 करोड़ रुपये से धामी सरकार को गिराने, उन्हें मुख्य्मंत्री पद से हटाने के गंभीर आरोप जरूर जड़ दिए।

उन्होंने सदन के साथ ही पत्रकार वार्ता में भी खुलकर गुप्ता बंधु का नाम लिया। उन्होंने कहा कि देहरादून में नामी बिल्डर सतेंदर साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने में भी गुप्ता बंधु का हाथ रहा है। साथ ही कहा कि जो गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका की राजनीती में भ्रष्टाचार का भूचाल लेकर आए, उन्हें उत्तरखंड में शरण देकर वाई और जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई।गैरसैण के भराड़ीसैण विधानसभा भवन में मानसून सत्र के दूसरे दिन निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नियम 58 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने प्रदेश सरकारों में राज्य गठन के समय वर्ष 2000 से शुरुआत करते हुए विभिन्न घोटालों का जिक्र किया और फिर अचानक गुप्ता बंधु का नाम लेकर सबको चौंका दिया।

उन्होंने 24 मई 2024 को पैसफिक गोल्फ एस्टेट स्थित फ्लैट से कूदकर जान देने वाले नामी बिल्डर सतेंदर साहनी का नाम लेते हुए भी गुप्ता बंधु को इसकी वजह बताया। हालांकि, आत्महत्या के इसी मामले में बिल्डर साहनी के सुसाइड नोट के आधार पर गुप्ता बंधु में से एक अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में कुछ समय बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।उन्होंने 500 करोड़ रुपये के प्रकरण में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सत्र के बाद पत्रकार वार्ता भी की। उन्होंने कहा कि गुप्ता बंधु के भ्रष्टाचार के कारण जब उनके करीबी जैकब जुमा को वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था, तब गुप्ता बंधु (अतुल, राजेश और अजय गुप्ता) वहां से फरार हो गए थे।

उस समय उत्तराखंड की तत्कालीन सरकार ने गुप्ता बंधु को न सिर्फ पनाह दी, बल्कि जेड श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान कर दी। हालांकि, उत्तराखंड की सरकार में उनका होल्ड वर्ष 2016 से था। तब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि गुप्ता बंधु के साथ उत्तराखंड की तत्कालीन सरकार ने तब सांठ-गांठ बढ़ाई, जब उन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर जैसा अति संवेदनशील नोटिस जारी कर रखा था। उमेश कुमार ने यह भी कहा कि गुप्ता बंधु के साथ किन राजनेताओं के संबंध हैं, इसकी ईडी और सीबीआई से जांच कराई जनि चाहिए। इसी मांग के अनुरूप बिल्डर साहनी आत्महत्या के मामले में पुलिस के पास ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बहाने दून में काला धन खपाने की योजना थी। बाबा साहनी को इसी तरह के ट्रांजेक्शन पर एतराज था। जब बात नहीं बनी तो उन पर करीब 1000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को अन्य माध्यम से पूरा करने या कंपनी छोड़ने का ऐसा दबाव बढ़ा कि, जिसे झेलने की जगह उन्हें मौत आसान रास्ता नजर आई।

वर्ष 1990 में गुप्ता ब्रदर्स यानी तीनों गुप्ता भाई अतुल, राजेश और अजय गुप्ता दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। इन लोगों ने जूतों और कंप्यूटर का छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे इनका धंधा चल निकला। हाथ में पैसे आए तो गुप्ता ब्रदर्स ने पांव पसारने शुरू किए। जल्द ही इन्होने खनन, इंजीनियरिंग, मीडिया और कई अन्य कारोबारों में भी हिस्सेदार खरीदी और दक्षिण अफ्रीका में प्रभावशाली शक्ति बन गए। आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपने संबंधों के आधार पर दक्षिण अफ्रीका में जमकर धांधली और घोटाले किए। इतना ही नहीं, इन लोगों ने सरकार से लेकर कंपनियों तक में अपने लोग सेट किए और जिसे जहां से चाहा वहां से हटवा भी दिया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुमाऊं कमिश्नर का छापा, चिकित्सकों की खुली पोल, CMO को किया तलब

News web media Uttarakhand : कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने आज हल्द्वानी से हैड़ाखान मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया. इसके साथ ही ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छापेमारी के लिए पहुंचे.

आज हल्द्वानी से हैड़ाखान मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान सड़क मार्ग से जुड़े ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया. कुमाऊं कमिश्नर ने जल जीवन मिशन के तहत अगले महीने तक ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए.

इसके बाद कुमाऊं कमिश्नर ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण के लिए पहुंचे. छापेमारी के दौरान वहां उन्होंने पाया कि डॉक्टर महीने में केवल दो दिन आकर पूरे महीने गायब रहते हैं और डॉक्टर की उपस्थिति वार्ड बॉय द्वारा लगाई जाती है. जिसे देख उनका पारा चढ़ गया. कुमाऊं कमिश्नर ने तत्काल इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया.

उत्तराखंड में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के निर्देश जारी, प्रमुख सचिव ने अल्पसंख्यक कल्याण को लिखा पत्र

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, डॉ. गीता खन्ना ने राज्य में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की जांच के लिए शासन को निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून के जिस मदरसे में 30 बच्चों के स्वास्थ्य के खराब होने की सूचना मिली थी, वह न तो मदरसा बोर्ड में पंजीकृत है और न ही शिक्षा विभाग में।

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार के दृष्टिकोण से गंभीर है, इसलिए इसकी तत्काल जांच आवश्यक है।

आयोग ने शासन को लिखे अपने पत्र में बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मदरसा पिछले 10-12 वर्षों से बिना किसी पंजीकरण के संचालित हो रहा है। इसे जुमे की नमाज के दौरान एकत्रित चंदे से चलाया जा रहा है। इस मदरसे के छात्रावास में 55 बच्चे रह रहे हैं, जो सभी बिहार के मूल निवासी हैं।

बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। मदरसे में बाहरी बच्चों की उपस्थिति को भी आयोग ने चिंताजनक बताया और इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

उत्तराखंड में UCC लागू करने को लेकर सीएम 22 को करेंगे समीक्षा बैठक, नियमावली लगभग तैयार

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संदर्भ में सभी 17 संबंधित विभागों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की योजना बनाई है, जो 22 जुलाई को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए तैयारियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

बैठक में यूसीसी नियमावली और क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के साथ-साथ अन्य सभी सदस्यों की उपस्थिति रहेगी। इस सत्र में गृह, राजस्व, पुलिस और विधायी विभागों के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे, जो यूसीसी कानून को लागू करने की प्रक्रिया पर विस्तार से विचार करेंगे।

गृह विभाग के सचिव के साथ बैठक में शादियों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और कानून लागू करने से पहले यूसीसी एक्ट की 10 हजार प्रतियां छापने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

सरकार और यूसीसी क्रियान्वयन समिति इस समय यह विचार कर रही है कि सितंबर से यूनिफॉर्म सिविल कोड के नियमों को लागू कर दिया जाए। इसके बाद नवंबर तक पूरी तरह से यूसीसी कानून को अमल में लाने की योजना है। इस योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा के लिए विधायी विभाग के सचिव के साथ एक महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।

मंगलौर उपचुनाव को लेकर गरमाई सियासत,भाजपा-कांग्रेस पहुंची निर्वाचन आयोग,हरीश रावत ने दिया धरना

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान सम्पन्न हो गया है। मंगलौर सीट पर दो पक्षों में हुए विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा इस मामले में आमने सामने आ चुकी हैै। दोनों ने ही निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरिद्वार देहात कार्यालय में जाकर घटना के विरोध में धरना दिया है।
हरीश रावत ने हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत से यह घटना हुई। मंगलौर मंगलौर विधानसभा के लिबरहेडी में हुए विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून को ज्ञापन सौंपा।कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस प्रशासन एवं मतदान कर्मियों की मौजूदगी में गोलीबारी एवं बाहरी राज्यों से गुंडे लाकर घटना को अंजाम दिया। उधर मंगलाैर में किसान इंटर कॉलेज मुंडलाना में लोगों ने धीमी गति से मतदान का आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि वह सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन ढाई बजे तक भी उनका नंबर नहीं आया। जिसके बाद हंगामा हो गया। बाद में भारी पुलिस बल तैनात किए गए।
भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर साजिश से मंगलोर चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि वहां हुई घटना को लेकर बाहर से आए कांग्रेसियों ने अफवाह फैलाकर माहौल खराब कर मतदान प्रभावित करने की कोशिश की हैं। सचिवालय स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में आर आर वी पुरुषोत्तम से हुई मुलाकात में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के साथ राजपुर विधायक खजान दास समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान सौंपे गए पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि आज मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में मतदान के समय जो घटना घटित हुई, उसको लेकर पूर्ण रूप से बाहरी विधानसभा से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मंगलौर विधानसभा में घूमकर अफवाह फैलाने का काम किया है।
आरोप लगाया कि वर्ग विशेष में झूठी अपवाहें फैलाकर वहां का माहौल खराब करने की साजिश को अंजाम दिया गया। इस सबके पीछे उनका प्रयास वहां के चुनाव को प्रभावित किये जाने का था। कांग्रेस द्वारा पूर्णतया सोची समझी रणनीति के तहत इस घटनाक्रम को अंजाम दिया है जो पूरी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए विधानसभा उपचुनाव के जिन बूथों पर चुनाव उल्लंघित हुआ है वहां की निष्पक्ष जांच करते हुये आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

उत्तराखंड में अधिकारियों के बंपर तबादले, देखें पूरी लिस्ट

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड शासन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. शासन ने मंगलवार को 15 आईएएस सहित कुल 17 अफसरों के तबादले कर दिए हैं. देर रात इसके आदेश जारी किए गए.

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से आवास, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से शहरी विकास और सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा से आपदा प्रबंधन विभाग का दायित्व हटा दिया गया है. आईएएस शैलेश बगौली को फिर गृह सचिव की जिम्मेदारी दी गई है.

लोकसभा चुनाव के दौरान उनसे गृह सचिव का प्रभार हटा कर सचिव दिलीप जावलकर को दे दिया गया था. बगौली कारागार का भी जिम्मा देखेंगे. बगौली को सचिव सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी से मुक्त कर दिया गया है. जावलकर को सहकारिता का प्रभार दिया गया है.

कार्मिक सतर्कता विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के विभागों को यथावत रखते हुए उन्हें आवास, आयुक्त आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के प्रभार दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण से मुक्त किया गया है. बाकी विभाग यथावत रहेंगे.

अध्ययन अवकाश से लौटे सचिव नितेश झा को शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी व विज्ञान प्रौद्योगिकी का जिम्मा दिया गया है. सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास और निदेशक मत्स्य का जिम्मा दिया गया. सचिव रंजीत कुमार सिन्हा से आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाएं हटा दिए गए हैं. उन्हें तकनीकी शिक्षा का जिम्मा दिया गया है.

सचिव हरि चंद्र सेमवाल को पंचायती राज से मुक्त करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास व आयुक्त खाद्य का जिम्मा दिया गया है. सचिव चंद्रेश यादव से जनगणना, संस्कृत शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग हटाते हुए पंचायती राज का जिम्मा दिया गया है. सचिव बृजेश कुमार संत से समाज कल्याण, आयुक्त समाज कल्याण, अध्यक्ष बहुउद्देश्यीय, वित्त विकास निगम हटाकर ये सभी प्रभार सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को दिए गए हैं. खैरवाल से नियोजन हटा दिया गया है. संत से आयुक्त खाद्य हटाकर उन्हें सचिव परिवहन और आयुक्त परिवहन का प्रभार दिया गया है.

सचिव डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय से आवास, आयुक्त आवास, अपर मुख्य प्रशासक आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना, वित्त एवं निदेशक ऑडिट हटाकर कृषि एवं कृषक कल्याण का प्रभार दिया गया है. सचिव विनोद कुमार सुमन को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास व सहकारिता हटाकर सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास, सचिव एसडीएमए, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित दिए गए हैं. भारतीय संचार सेवा के अधिकारी दीपक कुमार को सचिव जनगणना, संस्कृत शिक्षा व आईएफएस पराग मधुकर धकाते को विशेष सचिव जलागम का जिम्मा दिया गया है.

सी.एम. हेल्पलाईन पर लंबित शिकायतों का आगामी 15 दिनों में सकारात्मक निवारण किया जाए: सीएम धामी

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन से वर्चुअल माध्यम से सी.एम. हेल्पलाईन की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सी.एम हेल्पलाईन पर आयी सभी शिकायतों का समयबद्धता से निस्तारण किया जाए. आगामी 15 दिनों में लंबित शिकायतों का सकारात्मक निवारण किया जाए.

उन्होंने सख्त निर्देश दिये हैं कि जिन अधिकारियों ने पिछले एक माह में सी.एम हेल्पलाईन पोर्टल में लॉगइन नहीं किया है, संबंधित विभागीय शीघ्र उन अधिकारियों का यथाशीघ्र स्पष्टीकरण लें. यदि स्पष्टीकरण में संतोषजनक कारण नहीं बताया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय.

सीएम धामी ने कहा कि आने वाले समय में विभागों की कार्य के प्रति इस प्रकार की शिथिलता पाये जाने पर संबंधित विभागीय सचिव एवं विभागाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी तय की जायेगी. सीएम ने निर्देश दिये कि ब्लॉक लेबल अधिकारी से विभागीय सचिव तक सभी अधिकारी जन शिकायतों के समाधान के लिए शिकायतकर्ताओं से स्वयं नियमित संवाद करें. उन्होंने कहा कि संवाद से समरसता के भाव से कार्य करें.

सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जनपदों में प्रत्येक ब्लॉक में आयोजित होने वाली बीडीसी की बैठकों के लिए रोस्टर बनाया जाए. इन बैठकों में विकास से संबंधित विभागीय अधिकारियों और रेखीय विभागों के अधिकारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवाई जाय. बीडीसी की बैठकों में जनपद स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी का भी रोस्टर बनाकर उन्हें बैठकों में भेजा जाए. जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी भी प्रयास करें कि वे हर बीडीसी बैठक में रहें.

सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील दिवस का नियमित आयोजन किया जाए. जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जनपदों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तहसील दिवस में नियमित प्रतिभाग कर जन समस्याओं का समाधान करें. तहसील दिवस पर शिकायतों के निस्तारण संबंधी जानकारी सीएम धामी जन-समर्पण तहसील दिवस पोर्टल पर भी नियमित अपलोड किया जाए.

180 दिनों से अधिक समय से लंबित शिकायतों पर सीएम धामी ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने संबंधित विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि इन शिकायतों का जल्द समाधान किया जाए.इन शिकायतों में जो शिकायतें मांग से संबंधित हैं, उनका अलग से उल्लेख किया जाए. सीएम धामी ने कहा कि शिकायतों को क्लोज करना उद्देश्य न हो, बल्कि शिकायतों का समाधान किया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन मॉड्यूल के हिसाब से नियमित प्रशिक्षण कराया जाय. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण में संबंधित अधिकारी स्वयं उपस्थित रहे. सीएम धामी ने कहा कि सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष प्रत्येक माह के द्वितीय सप्ताह में सीएम हेल्पलाईन-1905 की विभागीय समीक्षा करें और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करें. सभी विभागों द्वारा समीक्षा बैठकों का कार्यवृत्त नियमित पोर्टल पर अपलोड किया जाए.

बैठक के दौरान सीएम धामी ने सी.एम. हेल्पलाईन पर प्राप्त हुई शिकायतों के शिकायतकर्ताओं से फोन से वार्ता की. जिन 07 शिकायतकर्ताओं से सीएम धामी ने वार्ता की उनमें से 03 शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान किया जा चुका है, जबकि 04 शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान किये जाने का आश्वासन सीएम धामी ने दिया.

सीएम धामी ने इस अवसर पर सी.एम. हेल्पलाईन के व्हाट्सएप चैटबोट का भी शुभारंभ किया. सीएम धामी ने कहा कि सी.एम हेल्पलाईन के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए.

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, रंजीत सिन्हा, बृजेश कुमार संत, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, निदेशक आई.टी.डी.ए. नितिका खण्डेलवाल, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे.