मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने लिया केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा

News web media Uttarakhand : मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया. अपने इस दौरे में उन्होंने सबसे पहले केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

मुख्य सचिव ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का भी निरीक्षण किया. उन्होंने जानकारी दी कि इस पुल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में और अधिक सुविधा और सुगमता प्राप्त होगी. उन्होंने आस्था पथ पर बने रेन शेल्टरों का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इन रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सके कि शौचालय, मेडिकल सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं किस स्थान पर उपलब्ध हैं.

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कतार में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि वे ठंडे मौसम में भी आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें. उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर सरस्वती नदी के किनारे बने आस्था पथ तक की स्वच्छता व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और वहां स्थापित शौचालयों की स्थिति को परखा. इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम (ळडटछ) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बने सभी कॉटेजों की मरम्मत समय पर पूरी की जाए और उनकी साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और सुचारू रूप से पूरी कर ली जाएं.

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का भी निरीक्षण किया. इन स्थलों पर उन्होंने यात्रियों की भीड़ प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा, विश्राम और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की.

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं. यात्रा मार्ग से लेकर धाम क्षेत्र तक सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली गई हैं. जो कुछ शेष कार्य हैं, उन्हें भी यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, संचार सुविधा एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है. तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सभी पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित कर दिया गया है.

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि सुरक्षा दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. यात्रा मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है. अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से यात्रा मार्ग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यात्रा अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूर्व से ही विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्थान पर जाम की स्थिति न बने.पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके.

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद धामी सरकार ने उठाए सख्त कदम, पाकिस्तानी नागरिकों के पहचान की कार्रवाई तेज

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संबंध में सीसीएस की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रम में प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों के पहचान की कार्रवाई तेज कर दी गई है। बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सभी पाकिस्तानी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं।
जिसमें सामान्य पाकिस्तानी वीजा धारकों को 27 अप्रैल रविवार और मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल, 2025 तक पाकिस्तान वापसी के आदेश जारी हुए हैं। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड में देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल में वर्तमान में लगभग 250 पाकिस्तानी नागरिक प्रवास पर हैं।
जिनमें से 247 Long Term Visa पर भारत आए हुए। अधिकांशतः पाक हिंदू नागरिक हैं और 3 पाकिस्तानी नागरिक Short Term Visa पर प्रवास पर हैं। उत्तराखंड में Short Term Visa पर रह रहे 03 पाक नागरिकों में से 2 को वापस भेज दिया गया है एवं 1 को वापस भेजने की कार्यवाही की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर डीजीपी द्वारा समस्त जनपदों के एसएसपी/एसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। शॉर्ट टर्म वीजा (अल्पावधि वीजा) और मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानियों को जल्द से जल्द वापस भेजने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को इस बाबत पत्र लिखा है। इससे पहले बृहस्पतिवार को देहरादून में शॉर्ट टर्म वीजा पर देहरादून में रह रहे दो पाकिस्तानियों वापस भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि अभी हरिद्वार में एक पाकिस्तानी रह रहा है। उसे भी जल्द ही वापस भेज दिया जाएगा।

प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती की ओर से पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना व सुरक्षा के साथ आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल व कुमाऊं को प्रेषित पत्र भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार ने आतंकी घटना के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वैध वीजा को 27 अप्रैल से निरस्त कर दिया है। जबकि, मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे। डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सभी कार्रवाई तेज कर दी गई हैं। सभी जिलों से लगातार रिपोर्ट भी ली जा रही है।

काशीपुर में नवनिर्मित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का लोकार्पण, निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का शुभारंभ

News web media uttarakhand : सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय (ARTO), काशीपुर में हाल ही में नवनिर्मित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एक निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का भी शुभारंभ किया गया, जिसे अधिकारियों ने फ्लैग ऑफ किया।​

नवीन ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना से ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। ऑटोमेटेड प्रणाली के माध्यम से टेस्टिंग प्रक्रिया अधिक सटीक और निष्पक्ष होगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।​

निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का शुभारंभ क्षेत्रीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सेवा आपातकालीन स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी, जिससे जीवन रक्षा में मदद मिलेगी।​

इस पहल से काशीपुर क्षेत्र में परिवहन सेवाओं में सुधार और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

उत्तराखंड के मदरसों में अब राज्य शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू, हिंदी-उर्दू अनिवार्य, संस्कृत वैकल्पिक

Dehradun Milap : ​उत्तराखंड सरकार ने राज्य के मदरसों में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब सभी मदरसे उत्तराखंड राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम का पालन करेंगे, जिसमें हिंदी और उर्दू अनिवार्य विषय होंगे, जबकि संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि मदरसों के प्रधानाचार्यों को राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य मदरसा छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है, जिससे वे विज्ञान, गणित और सामाजिक अध्ययन जैसे विषयों में भी दक्षता प्राप्त कर सकें।​

इस कदम के तहत, राज्य के सभी 416 पंजीकृत मदरसों में संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जाएगा। इसके अलावा, कंप्यूटर शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना है, ताकि छात्रों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान प्राप्त हो सके। ​

इस निर्णय का उद्देश्य मदरसा छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ आधुनिक विषयों में भी पारंगत हो सकें। यह पहल राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भूस्खलन से तबाही, मलबे में दबी गाड़ियां, लोगों में दहशत

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कें धंसने की घटनाएं आम हो गई हैं। कई जगहों पर मलबा गिरने से सड़क मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल और टिहरी शामिल हैं।

राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण मकान ढहने और गाड़ियां मलबे में दबने की खबरें सामने आई हैं। मलबे में फंसी गाड़ियों को निकालने के लिए बचाव दल लगातार प्रयासरत हैं। NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी इलाकों में न जाएं।

वहीं, नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लोग भयभीत हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

सचिवालय का ई-ऑफिस हुआ अपग्रेड, कामकाज सुचारू, अब जिलों के लिए शुरू होगी प्रक्रिया

News web media Uttarakhand : सचिवालय का ई-ऑफिस एनआईसी ने अपग्रेड कर दिया है। इसके साथ ही पूरा कामकाज सुचारू हो चुका है। अब एनआईसी की टीम आईटीडीए के माध्यम से 12 अन्य क्षेत्रों में भी ई-ऑफिस का अपग्रेडेशन का काम चरणबद्ध करेगी।पिछले सप्ताह एनआईसी ने दो दिन तक ई-ऑफिस को अपग्रेड करने के लिए सचिवालय की सेवाएं बंद की थी।

अपर सचिव आईटी नितिका खंडेलवाल ने बताया कि अपग्रेडेशन का काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। सचिवालय की ई-ऑफिस सेवाएं सुचारू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि लेटेस्ट वर्जन आने के बाद सचिवालय ई-ऑफिस और ज्यादा सुरक्षित हो गया है।

अब 12 अन्य विभागों में ई-ऑफिस को अपग्रेड किया जाना है। अपर सचिव खंडेलवाल ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से एनआईसी की टीम यहां भी अपग्रेड करने का काम करेगी। जिलों व अन्य कार्यालयों में इसकी अलग से सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।

केदारनाथ के लिए हेली बुकिंग शुरू, जानिए किराया और बुक करने का प्रोसेस

News web media Uttarakhand : अगर आप हेलीकॉप्टर के जरिए सीधे केदारनाथ में उतरना चाहते हैं तो आज से इसके लिए बुकिंग शुरू हो रही है. यह हेली बुकिंग मंगलवार दोपहर 12 बजे से शुरू हो गई है. IRCTC की वेबसाइट से हेली टिकट बुक कराए जा सकते हैं. 2 मई से केदारनाथ यात्रा शुरू हो रही है.

कितना होगा केदारनाथ हेली का किराया-
-गुप्तकाशी से केदारनाथ का किराया 8532 रुपए
-फाटा से केदारनाथ 6062 रुपए
-सिरसी से केदारनाथ 6060 रुपए

हेली बुकिंग के बारे में IRCTC की तरफ से नियम-
हेलीकॉप्टर सेवा ऑनलाइन बुक करने के लिए उत्तराखंड सरकार के पोर्टल पर चारधाम और श्री हेमकुंड साहिब यात्रा पंजीकरण अनिवार्य है. अगर आपने पहले से पंजीकरण नहीं कराया है, तो पहले से पंजीकरण करवा लें और अंतिम समय की परेशानी से बचने के लिए “यात्रा पंजीकरण संख्या” प्राप्त करें.

यात्रा पंजीकरण के लिए https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर क्लिक करें.

चारधाम और श्री हेमकुंड साहिब यात्रा पंजीकरण साइन अप या अकाउंट बनाने के लिए heliyatra.irctc.co.in पर OTP के ज़रिए अपना ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर वेरिफाई करें.

यूजर आईडी/बुकर आईडी आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होगा और आपको अपना पासवर्ड बनाना होगा. फिर आप ऑनलाइन हेलीकॉप्टर टिकट बुक करने के लिए heliyatra.irctc.co.in पर लॉग इन कर सकते हैं.

एक से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए टिकट बुक करने हेतु समूह आईडी दर्ज करें या किसी एक व्यक्ति के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बुक करने हेतु विशिष्ट पंजीकरण संख्या दर्ज करें.

उत्तराखंड में मदरसों पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में मदरसों पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. राज्य सरकार बिना किसी मान्यता के चल रहे मदरसों को बंद कर रही है. इसके खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने आवेदन दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे देश भर के मदरसों को लेकर पहले से लंबित याचिका के साथ जोड़ लिया है.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने शुरू में कहा कि मदरसों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा के अधिकार कानून की स्थिति या उनकी फंडिंग को लेकर जानकारी मांगने में कुछ गलत नहीं दिखता. अगर याचिकाकर्ता को कोई समस्या है, तो वह हाई कोर्ट जा सकता है. जमीयत के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध करते हुए पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया.

कपिल सिब्बल ने जिस आदेश की बात कही, उसे 21 अक्टूबर 2024 को तत्कालीन चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमीयत उलेमा ए हिंद की ही याचिका पर दिया था. उस आदेश में कोर्ट ने यूपी के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सभी छात्रों को स्कूलों में ट्रांसफर करने की कार्रवाई पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने सरकारी अनुदान वाले मदरसों से गैर मुस्लिम छात्रों को हटाने के राज्य सरकार के फैसले पर भी रोक लगाई थी. यूपी सरकार की इस कार्रवाई का आधार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की तरफ से जून, 2024 में सभी राज्यों के लिए आया एक निर्देश था. कोर्ट ने उस निर्देश पर भी रोक लगा दी थी.

कपिल सिब्बल ने जजों को बताया कि इस मामले में सभी राज्यों को नोटिस भेजा गया था. इस पर आगे सुनवाई होनी है. अब उत्तराखंड के मामले के लिए हाई कोर्ट जाने के लिए कहना सही नहीं होगा. कपिल सिब्बल की इस दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह इस आवेदन को मुख्य मामले के साथ सुनेंगे.

देहरादून में नवरात्रि व्रत के दौरान कुट्टू के आटे से बनी खाद्य सामग्री खाने से करीब 100 लोग बीमार

News web media Utttarakhand : देहरादून में नवरात्रि व्रत के दौरान कुट्टू के आटे से बनी खाद्य सामग्री का सेवन करने के बाद करीब 100 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। प्रभावित लोगों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक बताई जा रही है। यह घटना शहर के विभिन्न हिस्सों में सामने आई, जहां लोगों ने व्रत के दौरान कुट्टू के आटे से बने पकवान खाए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों को खाने के कुछ घंटों बाद ही उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। बीमार हुए लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।

प्रशासन ने कुट्टू के आटे की बिक्री करने वाले दुकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है और आशंका जताई जा रही है कि आटा दूषित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और किसी भी तरह की अस्वस्थता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है।

इस घटना के बाद, प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

देहरादून-हरिद्वार के लच्छीवाला टोल प्लाजा पर बढ़ेगा शुल्क, आम आदमी की जेब होगी ढ़ीली, जानिए कितना पड़ रहा भार

News web media Uttarakhand : देहरादून-हरिद्वार के लच्छीवाला टोल प्लाजा पर शुल्क बढ़ने जा रहा है। जिसके बाद लच्छीवाला टोल पर वाहन चालकों को अधिक शुल्क देना होगा। इसका असर आम आदमी पर पड़ना तय है। इससे जहां किराया बढ़ेगा उसके साथ ही बुकिंग पर जाने वाली गाड़ियां टैक्स को भी सवारियों से ही वसूलेंगी।

देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर लच्छीवाला टोल प्लाजा पर टैक्स में बढ़ोत्तरी होने वाली है। वाहन श्रेणी के अनुसार टोल टैक्स में पांच से लेकर 30 रुपये तक बढ़ोतरी की गई है। कार-जीप का एक तरफ का टोल टैक्स 105 से बढ़कर 110 रुपये हो जाएगा।
लच्छीवाला टोल प्लाजा के 20 किमी के दायरे में रह रहे लोगों के निजी वाहनों के लिए मासिक पास की सुविधा है। 2021 में इनका मासिक पास 275 रुपये में बनता था। इसके बाद 2022 में 315, 2023 में 330 और 2024 में 340 रुपये शुल्क कर दिया गया। मासिक पास के लिए दस रुपये बढ़ाकर 350 रुपये किया गया है। टोल टैक्स बढ़ने पर परिवहन निगम भी किराए में बढ़ोत्तरी करता है। रोडवेज बसों में भी किराया कुछ बढ़ सकता है। इसके अलावा टैक्सी और प्राइवेट बसों का किराया भी बढ़ने की संभावना है। बता दें कि स्थानीय लोग टोल का लगातार विरोध कर रहे हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को इसमें छूट देने की मांग कर रहे है। लेकिन इस पर अभी किसी तरह की राहत​ मिलती हुई नजर नहीं आ रही है।

  • कार, जीप, वैन और हल्के मोटर वाहन को सिंगल यात्रा फीस के लिए 110 रुपये, जबकि उसी दिन वापसी करने पर 160 रुपये देने होंगे।
  • हल्के वाहनों को मासिक पास के लिए 3585 रुपये, टोल प्लाजा पर पंजीकृत व्यावसायिक वाहन को एकल यात्रा के लिए 55 रुपये देने होंगे।
  • हल्के व्यावसायिक वाहन, हल्के माल वाहन या मिनी बस को सिंगल यात्रा के लिए 175 रुपये और उसी दिन वापसी करने पर 260 रुपये, मासिक पास के लिए 5790 रुपये देने होंगे।
  • टोल पर पंजीकृत वाहन को एक तरफ के 85 रुपये देने होंगे। बस या ट्रक को सिंगल यात्रा के लिए 365 रुपये और उसी दिन वापसी पर 545 रुपये भुगतान करना होगा।
  • टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर दायरे वाले स्थानीय-गैर व्यावसायिक वाहनों को मासिक पास के लिए 350 रुपये का भुगतान करना होगा।