पिटकुल ने उत्तराखण्ड शासन को प्रदान किया लाभांश के रूप में 11 करोड़ की धनराशि का चेक

News web media Uttarakhand : पिटकुल द्वारा उत्तराखण्ड शासन को लाभांश के रूप में 11 करोड़ की धनराशि का चेक प्रदान किया गया. सीएम पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में 11 करोड़ का लांभांश का चेक प्रबंध निदेशक पिटकुल ने सौंपा.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए विद्युत निगमों को पूरी सक्रियता से सहयोगी बनना होगा. राज्य स्थापना की मूल संकल्पना में उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाना था. उन्होंने कहा कि ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं.

राज्य सरकार का प्रयास है कि आगामी पांच सालों में उत्तराखण्ड में राज्य की मांग के हिसाब से ऊर्जा का उत्पादन हो. ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं. उन्होंने पिटकुल के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सितम्बर 2024 में पिटकुल के जिन 05 नये उपकेन्द्रों का शिलान्यास किया गया उनके कार्यों में तेजी लाई जाए.

प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी.ध्यानी ने कहा कि सीएम धामी के मार्गदर्शन में पिटकुल ने गत वर्ष 2022-2023 में रू0 26.99 करोड़ की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू0 141.67 करोड़ का लाभ अर्जित किया. विगत 03 वर्षों से उत्तराखण्ड शासन को प्रत्येक वर्ष रू० 5 करोड़ का लाभांश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि सीएम धामी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पिटकुल में विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं. वर्तमान में पिटकुल की ट्रॉसमिशन उपलब्धता भी 99.70 प्रतिशत है जिसके निर्धारित राष्ट्रीय मानकों 98 प्रतिशत से अधिक होने के फलस्वरूप पिटकुल को प्राप्त होने वाली प्रोत्साहन धनराशि के एक तिहाई भाग को विद्युत टैरिफ में छूट के रूप में सीधे दिये जाने से विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हो रहा है.

धामी सरकार सख्त: खाने-पीने की चीजों में थूक मिलाने पर कड़ा कानून लाने की तैयारी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में खाने-पीने की चीजों में जानबूझकर थूक मिलाने जैसी घृणित हरकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा है कि राज्य सरकार ऐसे कृत्यों को रोकने और अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए कड़े कानून बनाएगी.

खाद्य सुरक्षा और नैतिकता पर जोर
धामी सरकार ने हाल के दिनों में विभिन्न घटनाओं के बाद इस मुद्दे पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसे अपराध केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मानदंडों के खिलाफ भी हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “खाद्य पदार्थों में थूक मिलाना केवल एक अपराध नहीं है, यह हमारे समाज की नैतिकता और मानवता के खिलाफ एक घृणित हमला है. इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

सख्त कानून का प्रस्ताव
धामी सरकार ने राज्य के कानून विभाग को निर्देश दिया है कि वह ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान सुनिश्चित करे.

इस प्रस्तावित कानून के तहत:

थूक या किसी भी प्रकार की गंदगी को खाने-पीने की चीजों में मिलाने पर कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा.
दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा, जिसमें लंबे समय तक की कैद और भारी जुर्माना शामिल हो सकता है.
इस प्रकार की हरकत को जानलेवा अपराध की श्रेणी में भी रखा जा सकता है, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए सीधा खतरा है.

सरकार का कदम क्यों जरूरी?
देश के कई हिस्सों में खाने-पीने की वस्तुओं में थूक मिलाने जैसी घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई हैं, जिससे न केवल लोगों में भय और आक्रोश फैल रहा है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. खासकर, कोविड-19 महामारी के बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और इस तरह की हरकतें समाज में असुरक्षा की भावना को जन्म दे रही हैं.

सख्त सजा से अपराधियों में डर
राज्य सरकार का मानना है कि कठोर कानून और सख्त सजा से इस तरह की हरकतों पर लगाम लगाई जा सकेगी. सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और इन्हें जनता के सामने उदाहरण बनाकर पेश किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घृणित हरकत करने से पहले सौ बार सोचे.

धामी सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और ऐसे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा. हम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में हर व्यक्ति स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में अपना जीवन जी सके.”

उत्तराखंड में नासूर बना पलायन, 2.85 लाख घरों में लटके ताले

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड 9 नवंबर को अपना 24 वां स्थापना दिवस का जश्न मनाने जा रहा है. इन 24 वर्षों में प्रदेश ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए विकास के नए आयाम छुए हैं. लेकिन, इन सभी उपलब्धियों के बीच एक समस्या है, जो अब भी राज्य के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े कर रही है. वह है, उत्तराखंड के गांवों से हो रहा पलायन. खाली होते गांव और घटती आबादी,थमने का नाम नहीं ले रही है. विकास के साथ-साथ चल रही एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ी हो रही है. क्या इन 24 सालों में इस संकट का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. आइए समझते हैं आखिर देवभूमि उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या क्यों बनकर उभरी.

उत्तराखंड ने अपने 24 वर्षों के सफर में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिन्होंने राज्य में मूलभूत सुविधाओं के ढांचागत विकास को मजबूत किया है. लेकिन जब हम इस विकास की रफ्तार पर नज़र डालते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या इतने वर्षों का समय इन कार्यों के लिए बहुत ज्यादा नहीं है? राज्य गठन के बाद से ही पलायन उत्तराखंड का सबसे बड़ा और जटिल मुद्दा रहा है, जिसका समाधान अब तक स्पष्ट रूप से नजर नहीं आया. हालांकि विगत वर्षों में पलायन को रोकने के लिए सरकारों ने कई प्रयास किए है. उन्हीं में से एक है- एक पलायन निवारण आयोग का गठन. त्रिवेंद्र रावत जब मुख्यमंत्री थे तब इस आयोग का गठन किया था. लेकिन मौजूदा समय में किसी भी सरकार के लिए पलायन को रोकना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.

2.85 लाख घरों में लटके ताले
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि पलायन के चलते उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में 2.85 लाख घरों में ताले लटके हैं. यही नहीं, 1,034 गांव घोस्ट विलेज घोषित किए जा चुके हैं. यानी इन गांवों में कोई नहीं रहता और वहां के घर खंडहर में तब्दील हो गए हैं. करीब 2000 गांव ऐसे हैं, जिनके बंद घरों के दरवाजे पूजा अथवा किसी खास मौके पर ही खुलते हैं. गांवों से पलायन का असर असर खेती पर भी पड़ रहा है. सरकार भी मानती है कि 2001 से अब तक 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील हो गई है. हालांकि, गैर सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो बंजर कृषि भूमि का रकबा एक लाख हेक्टेयर से अधिक हो सकता है.

रुद्रप्रयाग: दशज्यूला क्षेत्र की दशकों पुरानी सड़क की लंबित मांग अब हुई पूर्ण, क्षेत्रवासियों ने सीएम का जताया आभार

News web media Uttarakhand : जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत दशज्यूला क्षेत्र की कोटखाल-जगतोली मिसिंग मोटर मार्ग जरम्वाड तक मिलाने की स्वीकृति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 13 सितंबर 2024 को प्रदान की गई थी. दशकों से क्षेत्रवासी इस सड़क की मांग कर रहे थे. जगतोली दशज्यूला विकास महोत्सव 2024 को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सड़क निर्माण की घोषण की थी. मुख्यमंत्री को बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना था. किन्तु भारी वर्षा के कारण कार्यक्रम में शामिल नही हो पाए तथा उनके द्वारा वर्चुवल सम्बोधन में इस मोटर मार्ग की स्वीकृति की घोषणा की गई थी.

इस मोटर मार्ग की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आज 14 अक्टूबर, 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअली विधिवत भूमि पूजन के फलस्वरूप कार्य प्रारंभ हो गया है. इस मोटर मार्ग से दशज्यूला काण्डई क्षेत्र के 30 से अधिक गांव को एवं तल्ला नागपुर क्षेत्र की जनता को इस मोटर मार्ग का लाभ मिलेगा साथ ही क्षेत्र की जनता को गौचर आवागमन में सुगमता होगी. इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने पर क्षेत्रीय जनता द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया.

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से सभी क्षेत्रवासियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रूद्रप्रयाग क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता है. राज्य सरकार प्रदेश को सतत विकास की दृष्टि से देश में एक अलग पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की. राज्य सरकार उनके सपनों को पूरा करने का लगातार प्रयास कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है. विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है. केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. उन्होने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है.

इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर पंवार, अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. इन्द्रजीत बोस सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही.

नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम के चलते, आज ये रहेगा यातायात/डायवर्जन प्लान

News web media Uttarakhand : नैनीताल से जुड़ी खबर सामने आई है. नैनीताल में आज दिनांक-08/10/2024 को जनपद नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम है. इस दौरान हल्द्वानी शहर, भवाली और भीमताल क्षेत्र में डाइवर्जन/ट्रैफिक प्लान रहेगा. यह यातायात प्लान समय प्रातः 9:00 बजे से प्रभावी हो गया है.

शहर हल्द्वानी का यातायात/डायवर्जन प्लान देखें

जब वी.आई.पी. फ्लीट पंतनगर एयरपोर्ट से प्रस्थान करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को लालकुआं ओवर ब्रिज से पहले डिवाइडर के पास रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट कस्बा लालकुआं पास करेगी-

  1. गोलापार से आने वाले वाहनों को तीनपानी ओवर ब्रिज के उत्तरी छोर से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा.
  2. शहर हल्द्वानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से ज्योलिकोट की ओर भेजा जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट मोती नगर पास करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले वाहनो को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन तीनपानी तिराहा (डिबेर कट)पर होगी तब इंदिरा नगर कट, गोला पुल, कुंवरपुर कट, और खेड़ा चौकी के दोनों कटों पर मुख्य मार्ग की ओर आने वाला ट्रैफिक रोका जाएगा..

जब जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोला पुल पर होगी तब

शहर हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र को जाने वाला ट्रैफिक कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा.
नारीमन तिराहा से गोलापार को जाने वाला ट्रैफिक डायवर्ट कर कालटैक्स की ओर भेजा जाएगा.

  1. नैनीताल से शहर हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़/एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
    भीमताल से आने वाले ट्रैफिक को मैगी प्वाइंट से डायवर्ट कर एचएमटी तिराहे की ओर भेजा जाएगा और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

पर्वतीय क्षेत्र से हल्द्वानी की ओर आने वाले वाहनों के लिए देखें

अल्मोड़ा-बागेश्वर से आने वाले वाहन भवाली से मस्जिद तिराहा होते हुए नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से आने वाले वाहन रामगढ़ रोड से होते हुए भवाली से मस्जिद तिराहा से नंबर वन बैण्ड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से खुटानी बैण्ड से भवाली से नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.उक्त वाहनों को वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन जाते समय गोला पुल पर होगी और वापसी में जब लोकेशन सलड़ी में होगी तब टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

वापसी में जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन सलड़ी में होगी तब यह रहेगा यातायात.
नैनीताल से आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
तब हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र की ओर जाने वाले ट्रैफिक को कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा
तब तीन पानी से गोलापार को आने वाले ट्रैफिक को गौला पुल से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा
तब चोरगलिया से आने वाले ट्रैफिक को कुंवरपुर चौकी और खेड़ा चौकी पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन नारीमन तिराहा पास करेगी तब लालकुआं से हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को डिबेर कट के समीप डिवाइड पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोलापुल पर होगी तब हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

यातायात प्लान कैंचीधाम / भवाली/भीमताल क्षेत्र

जब वी.आई.पी. पन्तनगर हैलीपैड से कैचीधाम के लिए प्रस्थान करेगें उसके बाद अल्मोडा पिथौरागढ से आने वाले सभी प्रकार के वाहनो को क्वारब पुल से डायवर्जन कर बाया रामगढ होते हुए खुटानी तिराहा को भेजा जायेगा.

जब तक वी.आई.पी. खुटानी बैण्ड से पास नही होते तब तक के लिए खुटानी बैण्ड पर बैरियर लगाकर वाहनो को रोका जायेगा. वी.आई.पी. के खुटानी बैण्ड से पास करने पर ही वाहनो को छोडा जायेगा.

रानीखेत क्वारब पुल से भवाली को आने वाहनो को वी.आई.पी. के प्रस्थान तक खैरना पर रोका जायेगा प्रस्थान के बाद ही वाहनो को छोडा जायेगा.

भवाली से हल्दानी को जाने वाले वाहनो को भवाली मस्जिद तिराहा से डायवर्जन कर न0-1 बैण्ड से ज्योलीकोट होते हुए भेजें जायेगें.

भवाली / भीमताल क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रकार के भारी वाहनो का आवागमन बन्द रहेगा.

जब वी.आई.पी. का मन्दिर स्थल में कार्यक्रम रहेगा उस समय सभी प्रकार का यातायात सामान्य कर दिया जायेगा.

वी.आई.पी. के आगमन व प्रस्थान के समय पर हल्दानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से डायवर्जन कर ज्योलीकोट होते हुए न0-1 बैण्ड से मस्जिद तिराहा भवाली को भेजा जायेगा.

धामी सरकार ने तीन साल में शुरु किए दो मेडिकल कॉलेज

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल के दौरान, उत्तराखण्ड में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. धामी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है, और अब इसी सत्र से हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने जा रहा है. दोनों जगह की कुल 200 नई सीटें जुड़ने से उत्तराखण्ड में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर 625 हो गई है.

पुष्कर सिंह धामी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रदेश में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ही संचालित हो रहे थे. हालांकि तब तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पर भी काम शुरू हो चुका था. कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ ही एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता पर शुरू करने के निर्देश दिए.

जिसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूरा किया गया. जिसमें से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पहले पूरा होने पर यहां 2022 से ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. अब इसी क्रम में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य पूरा होने से इसी शैक्षिक सत्र से यहां भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है.

केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए 100 सीटें मंजूर कर दी हैं. इसके लिए अब काउंसिलिंग शुरू की जा रही है. इससे प्रदेश के और अधिक बच्चों को एमबीबीएस करने का मौका मिलेगा, इसके लिए उन्हें सरकारी फीस ही चुकानी है.

उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कॉलेज और सीटें
देहरादून -150
हल्द्वानी -125
श्रीनगर – 150
अल्मोड़ा -100
हरिद्वार -100
कुल 625

हमारी सरकार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के जरिए जहां स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है, वहीं इससे मेधावी छात्रों को भी अपने प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई सस्ती दरों पर करने का मौका मिलेगा. हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द पहले बैच की काउंसिलिंग शुरू होगी, जल्द ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करते हुए जरूरी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उतराखंड के चार गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार, सीएम धामी ने दी प्रदेशवासियों को बधाई

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गुंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़े गौरव की बात है. राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है. इसके अलावा, हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है. इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया था. राज्य सरकार उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है. जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी घट गई है.

नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर आदर्श स्थापित किया है.

इसी के परिणाम स्वरूप राज्य सरकार विगत कुछ समय में पूरी पारदर्शिता के साथ सत्रह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने में सफल हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी तेजी से कार्य किए जा रह हैं.

सचिवालय और जिला कारागार सुद्धोवाला ‘ईट राईट कैम्पस’ घोषित, मुख्य सचिव ने सौंपा प्रमाण पत्र

News web media Uttarakhand : भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, भारत सरकार (एफएसएसएआई) द्वारा उत्तराखण्ड सचिवालय एवं जिला कारागार परिसर, सुद्धोवाला को ईट राईट कैम्पस घोषित किया गया.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव, सचिवालय प्रशासन एवं महानिरीक्षक जेल को भारत सरकार द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र सौंपते हुए इस पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण, सराहनीय एवं कारगर बताया . उत्तराखण्ड सचिवालय,ईट राईट कैम्पस के रूप में प्रमाणीकृत देश के चुनिन्दा सचिवालय परिसरों में शामिल हो गया है.

सुरक्षित स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर भोजन उपलब्ध कराने एवं स्वच्छता के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा राज्य सचिवालय परिसर एवं जिला कारागार परिसर को ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है.

आज राज्य सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर मुख्य सचिव द्वारा भारत सरकार की ओर से निर्गत ईट राईट कैम्पस प्रमाण पत्र को सचिवालय प्रशासन के सचिव दीपेन्द्र चौधरी एवं उपमहानिरीक्षक जेल को विधिवत प्रदान किया गया. इस महत्वपूर्ण एवं कारगर पहल के लिए मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन की सराहना की और कार्यक्रम में मौजूद महानिरीक्षक जेल की ओर से ईट राईट कैम्पस प्रमाणीकरण हेतु किये गये प्रयासों की प्रशंसा की.

रतूड़ी ने इस उपलब्धि के लिए सचिवालय परिसर में कार्यशील विभिन्न खान-पान सेवाओं यथा इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन के फूड सुपरवाइजर को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षित एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ के मानक अनुसार अपनी सेवाएं बनाये रखने की कसौटी पर प्रतिदिन खरा उतरना चाहिए.

मार्च 2025 तक राज्य के शत प्रतिशत गांव में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू करना हमारा लक्ष्य: सीएम धामी

News web media Uttarakhand : मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड मैदान में ’स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं क्रॉस कंट्री मैराथन दौड़ को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया. इस अवसर पर सीएम धामी ने उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई एवं ’एक पेड़ मां’ के नाम अभियान के अंतर्गत परेड मैदान परिसर में पौधरोपण भी किया. सीएम धामी ने इस अवसर पर बालिकाओं को किशोरी किट का वितरण भी किया. इससे पहले सीएम धामी ने कार्यक्रम स्थल पर विश्वकर्मा पूजन किया और सभी को विश्वकर्मा दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की.

इस अवसर पर सीएम धामी ने पीएम नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं देते हुए प्रभु से उनके दीर्घायु की कामना की. सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी की स्वच्छता के प्रति सजगता, निष्ठा और नेतृत्व हम सबको प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि आज उनके जन्मदिवस के सुअवसर पर हम स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत कर रहे हैं. यह स्वच्छता पखवाड़ा 2 अक्टूबर को संपन्न होगा.

सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने पीएम बनने के बाद स्वच्छ भारत का मिशन शुरू किया था जिसके कारण आज देश के हर व्यक्ति के अंदर स्वच्छता का भाव उत्पन्न हुआ. सीएम धामी ने कहा कि पीएम के ऐतिहासिक और दूरदर्शी विजन ने भारत को स्वच्छता के नए आयामों पर पहुँचाया है. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में देशभर के अंदर करोडों शौचालय का निर्माण हुआ, कचरा प्रबंधन के लिए जरूरी सुविधाओं का विकास किया गया है और स्वच्छता को लेकर आम लोगों में जागरूकता आयी है.

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड भी स्वच्छता के मामले में सराहनीय प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है.उत्तराखंड को वर्ष 2017 में देश का चौथा ओडीएफ राज्य होने का गौरव प्राप्त हुआ. अब तक राज्य में कुल 5 लाख 37 हजार से अधिक शौचालय विहीन परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा 2600 से भी अधिक स्वच्छता कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है. 9000 से अधिक गांव में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का कार्य पूरा किया गया है. 77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की इकाइयां स्थापित कर ली गई हैं. सीएम धामी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक राज्य के शत प्रतिशत गांव में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा.

सीएम धामी ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में नगर निगम देहरादून द्वारा जो प्रयास किये जा रहे हैं वो सराहनीय हैं. नगर निगम द्वारा आमजन की सफाई से सम्बंधित समस्याओं के निराकरण हेतु स्वच्छता कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जो 24×7 संचालित होता है. इसके अलावा सफाई सुनिश्चित करने के लिए आठ टीमों का गठन करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे से निगरानी जैसे अभिनव प्रयास किये जा रहे हैं.

सीएम धामी ने कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत देश के पांच सबसे अच्छे शहरों में हमारे राज्य की राजधानी देहरादून को भी सम्मिलित किया गया है. यह हम सबके लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने की दिशा में हम एक अहम भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम ’स्वभाव स्वच्छता एवं संस्कार स्वच्छता’ रखी गई है. जिसके जरिये संदेश है कि हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है जिससे जन-जन के स्वभाव और संस्कार में स्वच्छता की भावना आए.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर हम शासन-प्रशासन के स्तर पर हम प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह प्रयास तभी सफल होंगे जब इसमें जनभागीदारी होगी. उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने स्तर पर गांव, शहर, मोहल्ले इत्यादि को स्वच्छ बनाने का प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि स्वच्छता को केवल एक दिन का औपचारिक कार्यक्रम न बनाकर बल्कि इसे हमें अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा. उन्होंने कहा कि आज हमने यहां पर पौधरोपण किया है और जो स्वच्छता की शपथ ली है, वो हमारे राज्य को साफ सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के हमारे संकल्प को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे. मुख्यमंत्री ने समस्त प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि आइए हम सब मिलकर अपने आसपास साफ सफाई की जिम्मेदारी लें और हम एक स्वस्थ व स्वच्छ उत्तराखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ें.

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिस दिन से हमारे स्वभाव में स्वच्छता आ जाएगी, तो उस दिन से प्रदेश भी स्वच्छ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आज प्रदेशभर में एक हजार से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

 

उत्तरकाशी के मोरी में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.0 रही तीव्रता

News web media Uttarakhand : उत्तरकाशी के मोरी में आज शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता तीन रही। भूकंप का केंद्र बिंदु सिंगतुर वन क्षेत्र, उत्तरकाशी-हिमाचल बॉर्डर बताया गया है। हालांकि किसी भी प्रकार हानि की कोई सूचना नहीं है।

तहसील/थाना, चौकियों द्वारा दूरभाष पर ली गई सूचनानुसार जनपद में जिला मुख्यालय व समस्त तहसील/थाना/चौकियों क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए हैं। किसी प्रकार की क्षति की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जनपद में कुशलता हैं।

भूकंप का समय प्रातः- 11:56:32IST
भूकंप की तीव्रता- 03.00
अक्षांश: 31.03N
देशांतर: 78.09 E
गहराई: 05 किमी0भूकंप के हल्के झटकों में बड़ी चेतावनी

राजधानी देहरादून में भी 26 अगस्त रविवार रात भूकंप के हल्के झटके लगे थे। तीव्रता के पैमाने पर भूकंप बेशक हल्का था, लेकिन इसके पीछे बड़ी चेतावनी थी। खतरे की यह घंटी उन गगनचुंबी इमारतों के लिए थी जो दून से गुजर रही भूकंप रेखा के ऊपर या आसपास बनी हैं। पिछले दिनों देहरादून के मास्टर प्लान में भूकंप रेखा को चिह्नित कर उस पर निर्माण को रोकने की पैरोकारी की गई। शासन ने इस पर मुहर भी लगाई।
इसके बावजूद भूकंप रेखा के इर्द-गिर्द लगातार ऊंची इमारतें बन रही हैं, जो दून के लिए खतरा बन रही हैं। देहरादून भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। यहां राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और शहंशाही आश्रम से मेन बाउंड्री थ्रस्ट फाल्ट लाइन और मोहंड के आसपास से हिमालयन फ्रंट थ्रस्ट फाल्ट लाइन गुजरती है। दून घाटी में 29 अन्य भूकंपीय फाल्ट लाइनें भी हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऊंची आवासीय व व्यावसायिक इमारतें बन रही हैं।