सीएम धामी ने बाल संवाद कार्यक्रम में विद्यार्थियों से किया सीधा संवाद

News web media Uttarakhand :  सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटक आवास गृह, टनकपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चम्पावत जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से बाल संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सीधा संवाद स्थापित किया. कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों में खेल गतिविधियों की प्रगति की जानकारी प्राप्त करना तथा खिलाड़ियों से उनकी आवश्यकताओं और सुझावों पर चर्चा करना रहा.

सीएम धामी ने रा.इ.का. चम्पावत के गौरव, रा.इ.का. पाटी की प्रीति, रा.बा.इ.का. टनकपुर की कंचन, रा.इ.का. चौमेल के सागर एवं रा.बा.इ.का. चम्पावत की मोनिका से बातचीत कर खेल सुविधाओं, संसाधनों और प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ली. विद्यार्थियों ने सीएम धामी को बताया कि वे सीएम धामी उदीयमान खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना से नियमित लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे उनके खेल कौशल को संवारने में मदद मिल रही है.

सीएम धामी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे पढ़ाई के साथ खेलों को भी बराबर महत्व दें. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड केवल देवभूमि नहीं, बल्कि खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है. उन्होंने युवाओं को अमृतकाल का सारथी बताते हुए अनुशासन, समय प्रबंधन और कठिन परिश्रम के महत्व पर बल दिया.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को सशक्त मंच देने और खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने राज्य की खेल नीति और मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे प्रयासों को युवाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया.

इस अवसर पर चम्पावत, पाटी, चौमेल, टनकपुर और चमदेवल क्षेत्र के विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और शिक्षण स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

उत्तराखंड सरकार का बड़ा प्रशासनिक फैसला: 5 IAS अफसरों की जिम्मेदारियों में बदलाव, 4 को मिली बड़ी जिम्मेदारी, 1 से हटाया गया अतिरिक्तभार

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने राज्य प्रशासन में एक बड़ा बदलाव करते हुए पांच आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया है। मंगलवार, 25 जून 2025 को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, यह परिवर्तन प्रशासनिक दक्षता और नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

सरकार द्वारा जारी आदेश में जिन अधिकारियों के विभाग बदले गए हैं, उनमें प्रमुख सचिव, सचिव, और विशेष सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। चार अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ देकर उनका कद बढ़ाया गया है, वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी से कुछ विभाग का भार कम किया गया है ताकि वे विशेष कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

सूत्रों के अनुसार, यह फेरबदल लंबे समय से विचाराधीन था और अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है। माना जा रहा है कि आगामी समय में और भी प्रशासनिक बदलाव हो सकते हैं, खासकर 2025 की दूसरी छमाही के विकास और बजट लक्ष्य को देखते हुए।

सरकार ने सभी नवनियुक्त अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम शासन-प्रशासन में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और कुशलता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

उत्तराखंड में महिला नीति का खाका तैयार: 57 विभाग मिलकर संवारेंगे महिलाओं का भविष्य, बनेगा देश के लिए मिसाल

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य की पहली “महिला नीति” का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस नीति का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। खास बात यह है कि इस नीति को लागू करने में राज्य के 57 विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जो इसे देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बना सकती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए इस मसौदे में महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, नेतृत्व विकास और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। नीति में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं, अकेली महिलाओं, दिव्यांग महिलाओं और बुजुर्ग महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाओं का खाका भी शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को “नारी सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम” बताया है और कहा कि इससे महिलाओं की भागीदारी राज्य के विकास में और अधिक मजबूत होगी।

जल्द ही इस नीति को अंतिम रूप देकर कैबिनेट में पेश किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति उत्तराखंड को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।

कोविड-19 को लेकर धामी सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, ये निर्देश जारी, जानिए क्या करें क्या न करें

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में कोविड-19 को लेकर धामी सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी तंत्र और संसाधनों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में भी संक्रमण को लेकर हालात पूरी तरह सामान्य हैं।
इसके बावजूद राज्य सरकार किसी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। संभावित जोखिमों से बचाव और सतर्कता के मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत सभी जिलों में निगरानी तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करने, अस्पतालों में आवश्यक संसाधन और व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने तथा संक्रमण से बचाव के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में फिलहाल कोविड को लेकर स्थिति पूरी तरह सामान्य है, लेकिन किसी भी संभावित जोखिम के लिए हमें पूरी तरह तैयार रहना होगा। इसी क्रम में प्रदेशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं, उपकरणों और मानव संसाधनों को सक्रिय मोड में रखा गया है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर किसी खतरे की स्थिति घोषित नहीं की गई है। न ही कोई नया वेरिएंट सक्रिय रूप से फैल रहा है। संक्रमितों में भी केवल मामूली लक्षण पाए जा रहे हैं और वे सामान्य इलाज से घर पर ही ठीक हो रहे हैं। फिर भी संभावित खतरों से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह सतर्क और तैयार है।
नए वेरिएंट की समय रहते पहचान स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कोविड पॉजिटिव सभी सैंपल को WGS (Whole Genome Sequencing ) हेतु भेजा जाए ताकि संभावित नए वेरिएंट की समय रहते पहचान हो सके। कोविड प्रबंधन में लगे स्टाफ के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग कराई जाए और राज्य को प्रतिदिन स्थिति की रिपोर्ट भेजी जाए।

क्या करें-

  • छींकते या खांसते समय रूमाल/टिशू से नाक-मुंह ढकें।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह धोते रहें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी और पौष्टिक आहार लें।
  • खांसी-बुखार जैसे लक्षण हों तो डॉक्टर से परामर्श लें।
  • लक्षण होने पर मास्क पहनें और दूसरों से दूरी रखें।
  • बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें।

 

क्या न करें –

  • इस्तेमाल किए गए टिश्यू या रुमाल का दोबारा उपयोग न करें।
  • हाथ मिलाने से बचें।
  • लक्षण वाले लोगों के संपर्क से दूरी रखें।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें।
  • आंख, नाक और मुंह बार-बार न छुएं।
  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।
  • सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

 

उत्तराखण्ड को मिली बड़ी सौगात, सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना को मिली मंजूरी

News web media Uttarakhand : पिथौरागढ़ जनपद में गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट क्षमता की सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की लगातार कोशिशें आज रंग लाई. इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 29.997 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर आज वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (Forest Advisory Committee) द्वारा विचार किया गया. नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई.

यह परियोजना पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रूप से डिजाइन की गई है. लगभग एक किलोमीटर सुरंग निर्माण और अधिकांश संरचनाएं भूमिगत होने के कारण वन भूमि पर प्रभाव नगण्य रहेगा. परियोजना क्षेत्र में कोई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य या ईको-सेंसिटिव जोन नहीं है, और न ही इससे किसी प्रकार का विस्थापन होगा.

परियोजना से प्रतिवर्ष अनुमानित 529 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखण्ड की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को स्थायी एवं अस्थायी रोजगार, आधारभूत ढांचे का विकास और पलायन पर नियंत्रण जैसे अनेक लाभ होंगे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परियोजना को स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह परियोजना उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और समर्थन से राज्य को ऊर्जा और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि मिली है. राज्य सरकार जनकल्याण के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. यह परियोजना उत्तराखण्ड के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला बनेगी.”

गौरतलब है कि विगत में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से अपनी भेंट के दौरान इस परियोजना की स्वीकृति का अनुरोध किया था.

अब उत्तराखंड के मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’

News web media Utttarakhand : एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के मदरसों के पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने की घोषणा की है. उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के इस बड़े फैसले के तहत, राज्य के लगभग 450 रजिस्टर्ड मदरसों में पढ़ने वाले छात्र अब भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की कहानी को अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ेंगे. इस पहल का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें भारतीय सेना के बलिदान और वीरता से परिचित कराना है.

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का एक विशेष चैप्टर इंटरमीडिएट स्तर (कक्षा 11 और 12) तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

यह कदम न केवल छात्रों को आधुनिक इतिहास और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें देश के प्रति गर्व और सम्मान की भावना से भी जोड़ेगा. मुफ्ती कासमी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न केवल धार्मिक और पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करें, बल्कि देश की वीर गाथाओं से भी प्रेरणा लें. ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की बहादुरी का प्रतीक है, और इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना हमारे लिए गर्व की बात है.”

ऑपरेशन सिंदूर, जो हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक संचालित किया गया, पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स को निशाना बनाने का एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अपनी सामरिक कुशलता और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया, जिसमें स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम ने भी अहम भूमिका निभाई. इस अभियान ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता के संदेश को भी मजबूत किया.

मुख्य सेवक संवाद के तहत युवक एवं महिला मंगल दलों के साथ सीएम धामी ने किया संवाद

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक संवाद के तहत प्रदेशभर से आए युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों के साथ सीएम धामी आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संवाद किया. इस अवसर पर सीएम धामी ने घोषणा की कि मंगल दलों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 04 हजार रूपये से बढ़ाकर 05 हजार रूपये की जायेगी. मंगल दलों को आत्मनिर्भर बनाने और ऋण सुविधा प्रदान करने के लिए नीति बनाई जायेगी. मंगल दलों को डिजिटल मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य स्तर पर एक पोर्टल बनाया जायेगा, जिससे प्रत्येक युवा और महिला मंगल दल को एक दूसरे से जोड़ा जायेगा.

सीएम धामी ने मंगल दलों द्वारा सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मंगल दल उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. युवक एवं महिला मंगल दल प्रदेश की सामाजिक चेतना को मजबूत करने, लोक परंपराओं को संजोने और गांव-गांव में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपदाओं के समय मंगल दल ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका निभाते हैं और जनजागरूकता अभियानों में भी आगे रहते हैं. सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार मंगल दलों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है. उन्होंने कहा कि मंगल दलों को स्वरोजगार के लिए 50 हजार रुपये से 3.5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है.

सीएम धामी ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत 5 करोड रूपये, मुख्यमंत्री ग्रामीण खेलकूद एवं स्वास्थ्य संवर्धन योजना के अन्तर्गत 2 करोड़ रूपये से अधिक, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 60 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत 10 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है. युवाओं को तकनीकि और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पं० दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 21 करोड़ रूपये से अधिक का प्राविधान किया गया है. सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए भी निरंतर प्रयासरत है और स्थानीय मेलों व पर्वों के आयोजन के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है.

मंगल दलों के सुझाव

उत्तरकाशी के आजाद डिमरी ने कहा कि मंगल दलों को मिलने वाली राशि 04 हजार रूपये से बढ़नी चाहिए. बागेश्वर की खृष्टि कोरंगा ने कहा कि लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिल सके इसके लिए ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर होने वाली विभिन्न बैठकों में मंगल दलों को भी शामिल किया जाना चाहिए. चम्पावत की मोनिका ने कहा कि जनहित में महत्वपूर्ण जानकारियों एवं सूचनाओं के लिए पोर्टल बनाया जाना चाहिए. चमोली के सुरजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि ग्राम स्तर पर मंगल दलों को डिजिटल प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. हरिद्वार के मनोज चौहान ने कहा कि योग और फिटनेस पर राज्य में अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

उत्तराखंड पुलिस का ‘ऑपरेशन प्रहार’, सीएम धामी के नेतृत्व में साइबर अपराधियों पर करारा वार

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड की शांत वादियों से एक तेज़ संदेश पूरे देश में गूंजा है, “अपराधी चाहे देश के किसी कोने में छिपा हो, उत्तराखंड पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी.” मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने एक ऐतिहासिक अभियान चलाकर यह सन्देश न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे राष्ट्र को दिया है. ‘ऑपरेशन प्रहार’, साइबर अपराधियों पर करारा प्रहार करने वाला यह अभियान अपने आप में एक मिसाल बन गया है. देश के इतिहास में पहली बार उत्तराखंड पुलिस के निर्देशन में एक साथ 17 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा आदि में बड़ी छापेमारी की गई. इस सघन और रणनीतिक कार्रवाई में 290 से अधिक साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई.

यह कोई सामान्य पुलिसिया कार्रवाई नहीं थी. यह उस दूरदर्शिता और साहसिक निर्णय का परिणाम है, जिसकी नींव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साइबर हमले की एक बड़ी घटना के बाद रखी थी. कुछ माह पूर्व उत्तराखंड साइबर हमलों का शिकार बना था, तब मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट संदेश दिया था साइबर अपराधी अब सुरक्षित नहीं रहेंगे. उन्होंने पुलिस महकमे को टेक्नोलॉजिकल रूप से सशक्त करने के आदेश दिए, साइबर थानों की पुनर्रचना की और इंटेलिजेंस नेटवर्क को विस्तार दिया.

इसका प्रत्यक्ष परिणाम ‘ऑपरेशन प्रहार’ के रूप में सामने आया, जिसमें न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से यह दिखाया गया कि उत्तराखंड अब केवल पर्यटन और तीर्थाटन का केन्द्र ही नहीं, बल्कि साइबर क्राइम से लड़ने में भी एक मॉडल स्टेट बन चुका है. मुख्यमंत्री धामी का गुड गवर्नेंस मॉडल सिर्फ योजनाओं या घोषणाओं तक सीमित नहीं है, यह उनके हर एक्शन में भी साफ नजर आता है. उनके नेतृत्व में शासन की सक्रियता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तीनों ही स्तरों पर परिलक्षित होती है. इस सफल कार्रवाई ने जहां उत्तराखंड पुलिस की कार्यकुशलता को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है, वहीं मुख्यमंत्री धामी के मजबूत नेतृत्व और त्वरित निर्णय क्षमता को भी फिर से प्रमाणित किया है.

राजधानी देहरादून में तेज आवाज वाले 15 सायरन लगाए जाएंगे, डीएम ने 25 लाख का बजट किया जारी

News web media Uttarakhand : दून में तेज आवाज वाले 15 इलेक्ट्रानिक सायरन लगाने के लिए डीएम सविन बंसल ने 25 लाख का बजट जारी कर दिया। इससे जल्द शहर में तेज आवाज वाले 15 नए सायरन लग जाएंगे। यह न सिर्फ हवाई आपातकाल बल्कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी काम आएंगे। डीएम सविन बंसल ने बताया कि मॉक ड्रिल में यह सामने आया कि दून में लगे सायरन की आवाज काफी कम है।

इसके बाद निर्णय लिया गया कि शहर की जरूरत के हिसाब से ऊंची आवाज वाले सायरन लगवाए जाएं। इसके लिए शनिवार को बैठक कर शहर में 15 नए इलेक्ट्रानिक सायरन लगाने को मंजूरी दी गई। इसमें 10 सायरन आठ किमी  दूरी की क्षमता वाले होंगे, जबकि पांच सायरनों की आवाज 16 किमी तक जा सकेगी।

इन सायरनों को पुलिस थानों व चौकियों पर लगाया जाएगा। इन्हें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा, जहां से सभी सायरन एक साथ बज सकेंगे। डीएम ने बताया कि यह रकम अनटाइड फंड से दी गई है। सायरन की खरीद के लिए क्रय आदेश जारी कर दिया गया है।

उधर रैपिड कम्युनिकेशन सिस्टम लगाने के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।इसके लिए भी जल्द बजट जारी कर दिया जाएगा। त्वरित संचार प्रणाली से सूचनाओं को बहुत तेजी से और प्रभावी ढंग  से प्रसारित किया जा सकेगा।

उत्तरकाशी: गंगनानी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश, 5 यात्रियों की मौत-2 घायल

News web media Uttarakhand : इस समय उत्तरकाशी के गंगनानी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. हेलीकॉप्टर में 6 से 7 यात्री सवार थे. 5 यात्रियों की मौत की सूचना है, वहीं दो घायल बताए जा रहे हैं. उत्तरकाशी के डीएम मौके के लिए रवाना हो गए हैं. यात्रियों से भरा हेलीकॉप्टर देहरादून से हर्षिल हेलीपैड के लिए निकाला था. गंगनानी से आगे नाग मंदिर के नीचे भागीरथी नदी के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना बताई जा रही है.

घटनास्थल के लिए पुलिस, सेना के जवान, आपदा प्रबंधनटीम, एंबुलेंस, तहसीलदार भटवाड़ी और BDO भटवाड़ी के साथ ही राजस्व टीम की रवाना हो गई है. घटना सुबह 9 बजे की बताई जा रही है. हेलीकॉप्टर प्राइवेट कंपनी का बताया जा रहा है.