Dehradun: कुंभ क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए लगेंगे भीड़ घनत्व सेंसर, संवेदनशील लोकेशन की होगी जियो फेंसिंग

भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट आ जाएगा। आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर के साथ ही संवेदनशील जगहों की जियो फेंसिंग भी होगी।

कुंभ 2027 में भीड़ नियंत्रण के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का खूब इस्तेमाल होगा। भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट आ जाएगा। आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर के साथ ही संवेदनशील जगहों की जियो फेंसिंग भी होगी।

हर बार कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी चुनौती है। 2010 के कुंभ में महाशिवरात्रि, फाल्गुन अमावस्या, मेष संक्रांति और चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान में 3.11 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। इसके बाद अर्द्धकुंभ 2016 में इन चारों स्नान पर 72 लाख और कुंभ 2021 में कोविड के बावजूद 66.25 लाख श्रद्धालु पहुंचे। इस बार राज्य सरकार ने मुख्य स्नान पर 1.5 से दो करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया है। पूरे कुंभ के दौरान चार माह में 17 से 21 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।

इस नाते भीड़ का नियंत्रण बड़ी चुनौती होगा। लिहाजा, भीड़ नियंत्रण व यातायात प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। भीड़ की रियल टाइम क्राउड मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा सभी जगहों पर भीड़ घनत्व सेंसर (क्राउड डेनसिटी सेंसर) लगाए जाएंगे, जो कि भीड़ बढ़ने पर अलर्ट दे देंगे। इसी हिसाब से प्रशासनिक अमला हरकत में आएगा।

कुंभ की सभी संवेदनशील लोकेशन की जियो फेंसिंग होगी, जिससे वहां होने वाली हर हलचल और भीड़ बढ़ने पर सैटेलाइट से पता चल जाएगा। साथ ही हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जिसमें हर अवधि में भीड़ के आने का फ्लो पता चल सकेगा। इसी कड़ी में आईटी विभाग यहां ईवी चार्जिंग लोकेटर और सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर भी बनाएगा।

कुंभ 2027 के लिए डिजिटल कुंभ के तौर पर भी तैयारी की जा रही है। कुंभ के दौरान व्यवस्थाएं बनाने में अधिक से अधिक एआई व अन्य तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
-नितेश झा, सचिव आईटी

उत्‍तराखंड के चार पालिटेक्निक में AI लैब स्थापित, छात्रों को मिलेगा मॉडर्न टेक्नोलॉजी का साथ

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चार पॉलिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य छात्रों को AI की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना है, जिसमें मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून । उत्तराखंड के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तहत राज्य के चार राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) प्रयोगशाला स्थापित की गईं हैं। ये प्रयोगशाला राजकीय पालिटेक्निक पित्थूवाला (देहरादून), रानीपोखरी (देहरादून), काशीपुर (ऊधम सिंह नगर) और द्वाराहाट (अल्मोड़ा) में शुरू की गई हैं। इस पहल से उत्तराखंड तकनीकी रूप से सशक्त युवाओं के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के माध्यम से छात्र अब पारंपरिक विषयों को आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण से पढ़ पा रहे हैं, जिससे उनके ज्ञान और कौशल में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा एनालिटिक्स जैसे उभरते हुए विषयों के साथ छात्रों को जोड़ने की दिशा में यह राज्य सरकार की एक अग्रणी पहल मानी जा रही है। इन प्रयोगशालाओं में आवश्यक कंप्यूटर संसाधन, साफ्टवेयर, हाई स्पीड इंटरनेट एवं प्रशिक्षित फैकल्टी की व्यवस्था की गई है, जिससे छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ तकनीकी अनुसंधान का भी अवसर मिल रहा है।

प्रविधिक शिक्षा निदेशालय की माने तो राज्य सरकार इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और इसका उद्देश्य युवाओं को भविष्य की तकनीकों से लैस करना है। प्रयोगशालाएं केवल इन चार संस्थानों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि राज्य के अन्य 71 पालिटेक्निक संस्थानों को भी इससे प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा। इससे पूरे राज्य में तकनीकी शिक्षा का स्तर सुधरेगा और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

पालीटेक्निक छात्रों की रुचि और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग और इंडस्ट्री सह सहयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी योजना बनाई जा रही है। इससे तकनीकी शिक्षा को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सकेगा।

ऐसे मिलेगा एआइ से छात्रों को लाभ

तकनीकी विषयों की समझ और व्यावहारिकता बढ़ेगी। एआइ के ज़रिए इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस आदि पारंपरिक विषयों में डाटा विश्लेषण, स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम, भविष्यवाणी माडल जैसे आधुनिक आयाम जोड़े जाते हैं। इससे छात्र किसी भी विषय को नई दृष्टि से समझ पाते हैं। आज की इंडस्ट्री आटोमेशन, रोबोटिक्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित है। इसका भी एआइ से लाभ मिलेगा।

समस्या सुलझाने की क्षमता में वृद्धि

एआइ का ज्ञान डिप्लोमा छात्रों को उद्योग की वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार तैयार करता है, जिससे वे सीधे काम के लिए तैयार रहते हैं। एआइ टूल्स और तकनीकों का इस्तेमाल कर छात्र रियल-लाइफ समस्याओं का विश्लेषण और समाधान कर पाते हैं। इससे उनमें जटिलताएं से जूझने, आत्म विश्वास एवं कौशल क्षमता विकसित होती हैं।

 

उत्तराखंड में लक्सर सब स्टेशन का बढ़ेगा लोड, पूहाना–रुड़की लाइन की बढ़ेगी करंट वहन क्षमता

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने पिटकुल की दो परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। लक्सर सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाई जाएगी और पूहाना-रुड़की ट्रांसमिशन लाइन को सुदृढ़ किया जाएगा। आयोग ने कुछ शर्तों के साथ स्वीकृति दी है और राज्य सरकार से वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। गलत जानकारी मिलने पर स्वीकृति रद्द हो सकती है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सशर्त मंज़ूरी दे दी है। पहली परियोजना हरिद्वार ज़िले के 132 केवी लक्सर सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाने से जुड़ी है, जबकि दूसरी परियोजना 220 केवी पूहाना–रुड़की ट्रांसमिशन लाइन की वहन क्षमता बढ़ाने से संबंधित है। आयोग ने दोनों प्रस्तावों की गहन समीक्षा करने के बाद सशर्त स्वीकृति जारी की है।

लक्सर सबस्टेशन से जुड़ी परियोजना में वर्तमान में तीन 40 एमवीए ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी कुल क्षमता 120 एमवीए है। सबस्टेशन पर कुल लोड लगभग 155 एमवीए तक पहुंच गया है और ट्रांसफार्मर लगभग 90 प्रतिशत तक ओवरलोड स्थिति में चल रहे हैं। इस कारण पिटकुल ने एक 40 एमवीए ट्रांसफार्मर को 80 एमवीए ट्रांसफार्मर से बदलने का प्रस्ताव दिया, जिससे कुल क्षमता बढ़कर 160 एमवीए हो जाएगी।

परियोजना की प्रारंभिक लागत 18.43 करोड़ थी, जिसे संशोधित डीपीआर में बढ़ाकर 24.36 करोड़ किया गया। आयोग ने तकनीकी समीक्षा के दौरान पाया कि प्रोजेक्ट के कुछ प्रस्ताव उचित नहीं हैं। इसलिए इन हिस्सों को अस्वीकृत कर दिया गया। हालांकि, आयोग ने ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने और उससे संबंधित उपकरणों जैसे करंट ट्रांसफार्मर आदि के कार्य को मंज़ूरी दे दी।

आयोग ने निर्देश दिया कि पिटकुल 15 दिनों में संशोधित लागत का विवरण प्रस्तुत करे और एक महीने के भीतर राज्य सरकार से इक्विटी अंशदान की स्वीकृति का प्रमाण दे। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि सभी कार्य प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के तहत किए जाएं।

दूसरी ओर, 220 केवी पूहाना–रुड़की लाइन से संबंधित परियोजना में वर्तमान में एसीएसआर ज़ेब्रा कंडक्टर उपयोग किए जा रहे हैं, जिनकी अधिकतम करंट वहन क्षमता लगभग 650 एम्पियर है। गर्मियों के दौरान यह लाइन 600 से 800 एम्पियर तक लोड वहन करती है, जिससे ओवरहीटिंग जैसी समस्या सामने आती हैं।

इस स्थिति को सुधारने के लिए पिटकुल ने लाइन को एचटीएलएस (हाई टेंपरेचर लो सैग) कंडक्टर से री-कंडक्टर करने का प्रस्ताव दिया, जिसकी करंट क्षमता लगभग 1600 एम्पियर है। परियोजना की लागत 13.95 करोड़ निर्धारित की गई थी, जिसे 15 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। आयोग ने परियोजना की तकनीकी व आर्थिक समीक्षा के बाद 12.89 करोड़ की मंज़ूरी दी और कुछ आवश्यक शर्तों के साथ कार्य आरंभ करने की अनुमति दी।

आयोग ने दोनों मामलों में यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल प्रस्तुत लागत को प्रावधिक माना जाएगा। अंतिम लागत का निर्धारण ट्रू-अप प्रक्रिया के समय किया जाएगा। यदि किसी भी स्तर पर गलत या अधूरी जानकारी सामने आती है, तो आयोग स्वीकृति को निरस्त कर सकता है। साथ ही, आयोग ने राज्य सरकार को सलाह दी कि वह इक्विटी अंशदान सुनिश्चित करे ताकि परियोजना बिना वित्तीय अड़चन के पूरी हो सकें।

UKSSSC की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा 16 नवंबर को होगी, आयोग ने जारी की नई डेट

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा की नई तिथि घोषित कर दी है। अब यह परीक्षा 16 नवंबर, 2025 को होगी। पहले यह 5 अक्टूबर को होने वाली थी। यह परीक्षा देहरादून और हल्द्वानी के 26 केंद्रों पर होगी। आयोग ने उप पुस्तकालय अध्यक्ष परीक्षा का परिणाम भी जारी कर दिया है।

 देहरादून:  उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) प्रस्तावित सहकारी निरीक्षक पदों की भर्ती परीक्षा 16 नवंबर, 2025 को आयोजित करेगा। पूर्व में प्रस्तावित पांच अक्टूबर को इस परीक्षा को आयोग ने स्थगित कर दिया था। सोमवार को परीक्षा की नयी तिथि घोषित की गई।

सहकारी निरीक्षक वर्ग-दो/ सहायक विकास अधिकारी (सहकारी) के 45 पदों के लिए लिखित परीक्षा देहरादून और हल्द्वानी के 26 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। प्रवेश पत्र कुछ समय बाद आयोग की वेबसाइट http://www.sssc.uk.gov.in पर अपलोड किए जाएंगे।

आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्ताेलिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि 16 नवंबर को सहकारी विभाग की समूह-ग की परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि आयोग ने बीती 12 अक्टूबर को प्रस्तावित सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-एक (रसायन विज्ञान) व प्राविधिक सहायक वर्ग-एक (अभियंत्रण शाखा) के 10 पदों के लिए भर्ती परीक्षा पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। आयोग जल्दी ही इस परीक्षा की भी नई तिथि घोषित करेगा।

Uttarakhand: चारधामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा से भी घूमेगा पर्यटन का पहिया, तैयारियां शुरू

चारधामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा से पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की तैयारी है। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की पूजा अर्चना होगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के प्रवास स्थल योग बदरी पांडुकेश्वर, ज्योतिर्मठ में नृसिंह मंदिर में शीतकाल में यात्रा संचालित होगी। यमुनोत्री धाम की खरसाली व गंगोत्री धाम की मुखबा में पूजा की जाएगी।

चारधामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा से पर्यटन कारोबार का पहिया घूमेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चारधामों के शीतकाल प्रवास स्थलों से यात्रा संचालित होगी। चारधाम यात्रा अंतिम चरण में है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो चुकी है।

दीपावली के बाद इसी माह केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की पूजा अर्चना होगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के प्रवास स्थल योग बदरी पांडुकेश्वर, ज्योतिर्मठ में नृसिंह मंदिर में शीतकाल में यात्रा संचालित होगी। यमुनोत्री धाम की खरसाली व गंगोत्री धाम की मुखबा में पूजा की जाएगी।

प्रवास स्थलों पर भक्तों के लिए तैयारियां
वर्ष 2024-25 में शीतकालीन यात्रा के दौरान चारधामों में 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मुख्यमंत्री धामी ने बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास ओंकारेश्वर मंदिर से शीतकालीन यात्रा का शुभांभ किया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखबा पहुंच कर पूरे देश में शीतकालीन यात्रा का संदेश दिया था।

इस बार सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्रवास स्थलों पर भक्तों के लिए तैयारियों में जुटी है।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि बीते वर्ष शीतकालीन यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु चारधामों के प्रवास स्थलों पर दर्शन के लिए आए थे।

सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा पूरे साल चलती रही है। यात्रा प्रदेश की अर्थव्यवस्था व पर्यटन कारोबार से जुड़ी है। शीतकालीन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा दी जाएगी।

Uttarakhand: मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होगा फायर सेफ्टी ऑडिट, स्वास्थ्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश

मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट होगा। स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में सख्त निर्देश देते हुए हा कि सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

जयपुर के एक अस्पताल आग लगने की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है। सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने समीक्षा बैठक में निर्देश सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश दिए।

         हर महीने मॉक ड्रिल प्रैक्टिस कर फायर सेफ्टी का ऑडिट किया जाएगा। अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अजय आर्य, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आरएस बिष्ट मौजूद रहे।

दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी के लिए सख्त निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए फायर से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया। सचिव ने स्प्रिंकलर, मोटर्स व अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्तूबर 2025 तक व सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवंबर 2025 दी जाएगी।

मरीजों व स्टाफ की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता : धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है। हमारी प्राथमिकता मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के सभी अस्पताल सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

देहरादून में दीपावली पर पटाखा बिक्री के लिए बने नियम:भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुकानों पर पूरी तरह प्रतिबंध, लाइसेंस के लिए आवेदन शुल्क तय

देहरादून में प्रशासन ने दिवाली को देखते हुए पटाखा बिक्री को लेकर कड़े और सख्त नियम लागू किए हैं। सार्वजनिक रास्तों और आंतरिक सड़क मार्ग पर पटाखा बिक्री पूरी तरह​प्रतिबंधित की गई है। साथ ही अगले साल से पटाखा बिक्री का लाइसेंस सिर्फ खुले मैदान में ही करने का निर्णय लिया गया है।

देहरादून के अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह ने दीपावली के पर्व पर आतिशबाजी के अस्थायी लाईसेंस जारी करने को लेकर व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगले वर्ष से पटाखा बिक्री केवल चिन्हित खुले मैदानों में ही पटाखा दुकान के लिए लाईसेंस निर्गत किए जाएंगे जिसमें उपस्थित समस्त व्यापारिक संगठनो के पदाधिकारियों ने अपनी सहमति दी है। पटाखा दुकान के लिए 850 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह ने व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों से व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करने की अपेक्षा की है। साथ ही पुलिस, फायर, प्रशासन के अधिकारियों को निर्धारित नियमानुसार लाईसेंस निर्गत करने की कार्यवाही के निर्देश दिए।

शहर में पटाखा दुकान के लिए प्रतिबन्धित क्षेत्र-
  • पल्टन बाजार-कोतवाली से घंटाघर, धामावाला बाजार-कोतवाली से बाबूगंज (आढत बाजार चौक तक) मोतीबाजार -पल्टन बाजार से पुरानी सब्जीमण्डी हनुमान चौक तक, हनुमान चौक-झण्डा मौहल्ला, रामलीला बाजार- बैण्ड बाजार तक, आनंद चौक से लक्ष्मण चौक तक, डिस्पेंसरी रोड का सम्पूर्ण क्षेत्र, घंटाघर से चकराता रोड पर हनुमान मंदिर तक सर्वे चौक से डीएवी कालेज देहरादून जाने वाली रोड़ करनपुर मुख्य बाजार (भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र)
  • समस्त सार्वजनिक रास्ता, सड़क एवं आंतरिक मार्ग पटाखा बिक्री हेेतु पूर्णतः प्रतिबन्धित किए गए है। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थान जहां फायर के वाहन प्रवेश नही कर सकते हैं पर पटाखे की दुकाने प्रतिबन्धित की गई हैं।
कड़े और सख्त नियम-
  • दुकान के बाहर फुटपाथ, सड़क पर पलंग एवं अन्य रैक लगाकर पटाखा बिक्री करने वालो के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
  • जिला प्रशासन द्वारा पटाखा लाईसेंस के लिए आवेदन शुल्क 850 निर्धारित किया गया है।
  • लाईसेंस के लिए आज से 13 अक्टूबर 2025 तक ही आवेदन किए जा सकते है, इसके बाद आवेदन प्राप्त नही किए जाएंगे।
  • लाईसेंस आवेदन हेतु आधार कार्ड, खाली दुकान के अन्दर स्वामी के फोटोग्राफ, पुलिस,फायर की एनओसी, दुकान का बिजली का बिल, दुकान की रजिस्ट्री या नगर निगम टैक्स रसीद लगानी अनिवार्य होगी तथा पटाखा दुकान हेतु निर्धारित समस्त सुरक्षा मानक पूर्ण करने पर ही पटाखा लाईसेंस निर्गत किए जाएंगे।
  • पटाखा गोदाम से फुटकर विक्रय करने की अनुमति नही दी जाएगी। दीपावली हेतु 17 से 21 अक्टूबर तक ही पटाखा बिक्री की अनुमति दी जाएगी।

लॉ प्रेप ट्यूटोरियल, देहरादून : क्लैट (सामान्य कानून प्रवेश परीक्षा) 2026 अभ्यर्थियों के लिए शुरू हुआ “The Ultimate Bootcamp”

देहरादून: CLAT 2026 की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है — “The Ultimate Bootcamp for CLAT 2026 Aspirants.” यह 20 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम उन छात्रों के लिए है जो भारत के शीर्ष अभ्यर्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर अपनी रैंक को ऊँचाइयों तक पहुँचाना चाहते हैं।

इस बूटकैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को संपूर्ण परीक्षा-उन्मुख मार्गदर्शन, अभ्यास और रणनीति विकास उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों को विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा संचालित लाइव क्लासेस, नियमित मॉक टेस्ट एवं उनके विस्तृत विश्लेषण, साथ ही स्पीड और एक्युरेसी बढ़ाने के लिए विशेष ड्रिल्स प्रदान की जाएँगी।

इसके अलावा, प्रत्येक छात्र को वन-टू-वन मेंटरशिप दी जाएगी ताकि उसकी व्यक्तिगत कमजोरियों और ताकतों पर कार्य किया जा सके। बूटकैंप का हिस्सा बनने वाले छात्रों को देश के Top 50 CLAT Aspirants के साथ सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रतियोगी माहौल में आत्मविश्वास और प्रदर्शन दोनों में सुधार होगा।

लॉ प्रेप ट्यूटोरियल देहरादू के निदेशक श्री एस.एन. उपाध्याय ने बताया कि यह आयोजन CLAT 2026 के अभ्यर्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा, जहाँ उन्हें देशभर के श्रेष्ठ छात्रों के साथ प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा का अनुभव मिलेगा।

इस विशेष प्रवेश परीक्षा का आयोजन लॉ प्रेप ट्यूटोरियल देहरादून (36 डी/ई, प्रथम तल, निम्बुवाला रोड, गढ़ी कैण्ट, देहरादून, उत्तराखंड – 248003) के केंद्र पर ऑफलाइन मोड में 12 अक्टूबर 2025 (शाम 2 बजे से 4 बजे तक) किया जाएगा।

कार्यक्रम के लिए पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है और सीटें सीमित हैं। इच्छुक विद्यार्थी शीघ्र आवेदन करें और प्रवेश परीक्षा में भाग लेकर इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनें।

📅 कोर्स अवधि: 20 दिन ऑनलाइन (1 से 20 नवंबर 2025)
🗓 ऑफ़लाइन परीक्षा तिथि: 12 अक्टूबर 2025 ( 2-4 pm)
⏳ पंजीकरण की अंतिम तिथि: 11 अक्टूबर 2025
🌐 अधिक जानकारी, रजिस्ट्रेशन हेतु: https://live.lawpreptutorial.com/clat-og-bootcamp/

बड़कोट स्थित महर्षि जमदग्नि आश्रम को “श्री परशुराम धाम” घोषित करने की मांग़*

News web media Uttarakhand: उत्तराखंड के घटक ब्राह्मण संगठनों के संयुक्त मंच ” उत्तराखंड ब्राह्मण समाज महासंघ, (पंजी.) ने उ.प्र. के पीलीभीत जनपद के जलालाबाद को “श्री परशुराम पुरी” घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री योगी जी का आभार व्यक्त करते हुए उनको हार्दिक शुभ कामनाएं प्रेषित की है।

वहीं बैठक में उत्तराखंड ब्राह्मण समाज महासंघ (पंजी.) ने उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर जी धामी जी से मांग की है कि बड़कोट स्थित महर्षि जमदग्नि आश्रम और सहस्राअर्जुन के किले के क्षेत्र को पूर्व मान्यताओं के अनुसार “श्री परशुराम धाम” घोषित करें।

यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान श्री परशुराम जी के जन्म स्थान के विषय में जनश्रुतियों, शास्त्रों पर आधारित प्रमाणों, ब्रिटिश सरकार के समय से प्राप्त राजस्व अभिलेखों के आधार पर सात विभिन्न स्थानों को उनका जन्म स्थान माना गया है। यह भगवान श्री परशुराम जी की लोकप्रियता, महत्व, श्रद्धा और भक्ति का प्रमाण है कि इन क्षेत्रों के वासी उन्हें अपने प्रदेश में जन्मा मानते हैं, और तदनुसार स्मारक व मंदिर भी मिलते हैं।  इनमें सबसे प्रमुख और प्रथम स्थान बड़कोट माना गया है।                                

बैठक की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के अध्यक्ष पंडित रामप्रसाद गौतम ने उक्त मांग करते हुए कहा कि ब्राह्मण बहुल राज्य आध्यात्मिक देवभूमि उत्तराखंड के हर अंचल में ग्राम देवताओं, स्थान देवताओं, पौराणिक स्थलों के उत्थान व विकास की तरह भगवान श्री विष्णु के छठे अंशावतार भगवान श्री परशुराम जी की जन्म स्थली बड़कोट व उत्तरकाशी का जीर्णोद्धार करके मार्ग को भी आलवेदर रोड प्रदान ताकि इस प्रदेश के ही नहीं, देश के तमाम क्षेत्र के लोगों को सुगमता से पहुंचने का अवसर प्राप्त हो सके। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।                           

महासंघ के महासचिव डॉ.वी.डी.शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी ब्राह्मण संगठनों को एकजुट हो कर इस पुनीत कार्य को सफल बनाने हेतु एक मंच पर आना चाहिए। सभी ब्राह्मण संगठनों व ब्राह्मण समाज को एकमत होकर राज्य सरकार से मांग करनी चाहिए। महासंघ के विधि सलाहकार सिद्धनाथ उपाध्याय जी ने कहा कि हमें अपने समाज के निर्बल व जरूरतमंद भाइयों की मदद हेतु आगे आना होगा।                         

बैठक में उत्तराखंड के थराली व धराली गांव में आपदा में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर प्रभु से प्रार्थना की गई। बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त पंडित थानेश्वर उपाध्याय, पंडित रामप्रसाद उपाध्याय, अविनाश कांत शर्मा, सूर्य प्रकाश भट्ट, अरुण शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

कांवड़ मेले के लिए जारी किया विशेष हेल्पलाइन नंबर, SSP बोले- हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा

कांवड़ मेले के लिए पुलिस ने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। पुलिस की ओर से जारी नंबर 91-9520625934 पर कांवड़ यात्रा से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत या सुझाव साझा किए जा सकते हैं। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सक्रिय रहेगा और इस पर प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा।

वहीं एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन की अध्यक्षता में हुई बैठक में एडीजी अभिसूचना एपी अंशुमान, आईजी यातायात एनएस नपच्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने जानकारी दी। वी मुरुगेशन ने निर्देश देते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा एक बड़ी चुनौती है, जिसे हम सबको मिलकर सकुशल संपन्न कराना है।

चार हजार पुलिस-अर्द्धसैनिक बल तैनात
कहा कि सभी जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखें और अफवाहों को फैलने से रोकें। कोई घटना छोटी नहीं होती, सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। एडीजी एपी अंशुमान ने कहा कि असामाजिक तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले कंटेंट पर विशेष निगरानी रखें।

आईजी एनएस नपच्याल ने कहा कि भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था का प्रबंधन हर छोटे व बड़े मेलों में महत्वपूर्ण है। यातायात की मॉनिटरिंग 24 घंटे की जाए। आईजी राजीव स्वरूप ने कहा कि सभी घटनाओं पर सतर्क दृष्टि बनाए रखें। यातायात प्लान को सुव्यवस्थित तरीके से लागू करने के निर्देश दिए। कोई भी वाहन सड़क किनारे पार्क नहीं होना चाहिए।