News web media Uttarakhand: उत्तराखंड के घटक ब्राह्मण संगठनों के संयुक्त मंच ” उत्तराखंड ब्राह्मण समाज महासंघ, (पंजी.) ने उ.प्र. के पीलीभीत जनपद के जलालाबाद को “श्री परशुराम पुरी” घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री योगी जी का आभार व्यक्त करते हुए उनको हार्दिक शुभ कामनाएं प्रेषित की है।
वहीं बैठक में उत्तराखंड ब्राह्मण समाज महासंघ (पंजी.) ने उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर जी धामी जी से मांग की है कि बड़कोट स्थित महर्षि जमदग्नि आश्रम और सहस्राअर्जुन के किले के क्षेत्र को पूर्व मान्यताओं के अनुसार “श्री परशुराम धाम” घोषित करें।
यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान श्री परशुराम जी के जन्म स्थान के विषय में जनश्रुतियों, शास्त्रों पर आधारित प्रमाणों, ब्रिटिश सरकार के समय से प्राप्त राजस्व अभिलेखों के आधार पर सात विभिन्न स्थानों को उनका जन्म स्थान माना गया है। यह भगवान श्री परशुराम जी की लोकप्रियता, महत्व, श्रद्धा और भक्ति का प्रमाण है कि इन क्षेत्रों के वासी उन्हें अपने प्रदेश में जन्मा मानते हैं, और तदनुसार स्मारक व मंदिर भी मिलते हैं। इनमें सबसे प्रमुख और प्रथम स्थान बड़कोट माना गया है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के अध्यक्ष पंडित रामप्रसाद गौतम ने उक्त मांग करते हुए कहा कि ब्राह्मण बहुल राज्य आध्यात्मिक देवभूमि उत्तराखंड के हर अंचल में ग्राम देवताओं, स्थान देवताओं, पौराणिक स्थलों के उत्थान व विकास की तरह भगवान श्री विष्णु के छठे अंशावतार भगवान श्री परशुराम जी की जन्म स्थली बड़कोट व उत्तरकाशी का जीर्णोद्धार करके मार्ग को भी आलवेदर रोड प्रदान ताकि इस प्रदेश के ही नहीं, देश के तमाम क्षेत्र के लोगों को सुगमता से पहुंचने का अवसर प्राप्त हो सके। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
महासंघ के महासचिव डॉ.वी.डी.शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी ब्राह्मण संगठनों को एकजुट हो कर इस पुनीत कार्य को सफल बनाने हेतु एक मंच पर आना चाहिए। सभी ब्राह्मण संगठनों व ब्राह्मण समाज को एकमत होकर राज्य सरकार से मांग करनी चाहिए। महासंघ के विधि सलाहकार सिद्धनाथ उपाध्याय जी ने कहा कि हमें अपने समाज के निर्बल व जरूरतमंद भाइयों की मदद हेतु आगे आना होगा।
बैठक में उत्तराखंड के थराली व धराली गांव में आपदा में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर प्रभु से प्रार्थना की गई। बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त पंडित थानेश्वर उपाध्याय, पंडित रामप्रसाद उपाध्याय, अविनाश कांत शर्मा, सूर्य प्रकाश भट्ट, अरुण शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।