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राष्ट्रीय खेल-1200 विशिष्ट खेल स्वयंसेवक भी होंगे तैनात

News web media Uttarakhand : राष्ट्रीय खेलों में 1200 विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी. नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के स्तर पर उत्तराखंड को यह स्वयंसेवक उपलब्ध कराए जाएंगे. उत्तराखंड अपने स्तर से भी करीब 2300 सामान्य स्वयंसेवकों को चयनित करने जा रहा है. विशिष्ट खेल स्वयंसेवक इनसे अलग होंगे. हालांकि सामान्य स्वयंसेवकों के साथ ही इन्हें भी व्यवहार और शिष्टाचार की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी.

उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के 38 वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है. यह आयोजन 28 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. तमाम तरह की व्यवस्थाओं को बनाने के लिए दो तरह के स्वयंसेवक अपना योगदान करेंगे. इसमें से सामान्य स्वयंसेवकों की भर्ती की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है. 30 हजार से ज्यादा लोगों ने स्वयंसेवक बनने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. इन सभी को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है. ऑनलाइन परीक्षा भी ली गई है. इसके परिणाम के आधार पर ही स्वयंसेवक भर्ती किए जाएंगे.

राष्ट्रीय खेल सचिचालय के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्या के अनुसार-सामान्य स्वयंसेवकों के अलावा विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी. नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के माध्यम से ये स्वयंसेवक उत्तराखंड को प्राप्त होंगे, जिनकी विभिन्न स्थानों पर तैनाती की जाएगी.

विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की ये है विशिष्टता

नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया इन विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को उपलब्ध कराता है. खेल पृष्ठभूमि वाले इन स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का अनुभव होता है. सामान्य स्वयंसेवकों को जहां पार्किंग, मेहमानों को लाने-ले जाने संबंधी अन्य सामान्य व्यवस्थाओं में उपयोग किया जाता है, वहीं विशिष्ट स्वयंसेवकों को खेल से सीधे जुड़ी व्यवस्थाओं में जिम्मेदारी दी जाती है. स्वयंसेवकों से संबंधित कार्य देख रहे प्रतीक जोशी के अनुसार-विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को प्रतिदिन एक हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा. सामान्य स्वयंसेवक का प्रतिदिन का मानदेय पांच सौ रूपये तय किया गया है.

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है. यह खुशी की बात है कि हर वर्ग राष्ट्रीय खेलों से किसी न किसी रूप में जुड़ने के लिए तैयार है. खेलों का यह बहुत बड़ा उत्सव है, जो कि उत्तराखंड में खेल विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा.

बीजेपी ने जारी किया अपना संकल्प पत्र, नड्डा ने किए ये बड़े ऐलान

News web media Uttarakhand : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई बड़े ऐलान किए हैं. साथ ही जेपी नड्डा ने विरोधियों पर भी जमकर निशाना साधा.

जेपी नड्डा की बड़ी बातें
दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये सब्सिडी देंगे.
होली दिवाली पर एक-एक सिलेंडर फ्री दिया जाएगा.
गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपये की मदद देंगे.
महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये दिए जाएंगे.
आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करेंगे.
5 लाख तक का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा भी दिया जाएगा.
वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन बढ़ाई जाएगी.
दिल्ली में अटल कैंटीन योजना शुरू की जाएगी.
झुग्गियों में 5 रुपये में भोजन की योजना.

बाबा सिद्दिकी की हत्या, सलमान खान के घर फायरिंग-सैफ अली खान पर हमले से है कोई कनेक्शन!

News web media Uttarakhand : 14 अप्रैल को सलमान खान के गैलेक्स अपार्टमेंट पर फायरिंग हुई. 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दिकी की हत्या हो गई. अब 16 जनवरी को सैफ अली खान पर चाकू से हमला हुआ. सैफ अली खान के बांद्रा वाले घर में अटैकर ने उन पर चाकू से हमला किया. इस हमले में वह घायल हो गए. अभी लीलावती अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

ये तीनों अलग-अलग घटनाएं हैं. पर सवाल एक ही है. आखिर मुंबई में हो क्या रहा. हमलावर इतनी आसानी से कैसे किसी वीआईपी को टारगेट कर दे रहे. क्या सैफ अली खान पर हुए हमले का सलमान खान के घर फायरिंग और बाबा सिद्दिकी मर्डर केस से कोई कनेक्शन है?

सबसे पहले जानते हैं कि सैफ अली खान के साथ क्या हुआ. सैफ अली खान के बांद्रा वाले घर में गुरुवार तड़के एक चोर घुस आया था. तब घर के सभी सदस्य सोए हुए थे. खुद सैफ अली खान भी गहरी नींद में थे. अटैकर सैफ के सबसे छोटे बेटे जहांगीर के कमरे में छिपा था. उस अटैकर को सबसे पहले सैफ अली खान के घर कामवाली नौकरानी ने देखा. इसके बाद वह जोर से चिल्लाई. आवाज सुनकर सैफ अली खान दौड़कर आए. निहत्थे ही सैफ ने अटैकर का मुकाबला किया. उन्होंने अपने बच्चे और नौकरानी को बचा तो लिया. मगर वह इस हाथापाई में घायल हो गए. अटैकर ने 6 बार सैफ को चाकू से हमला किया.

सूत्रों की मानें तो सैफ अली खान अपने छोटे बेटे जहांगीर और परिवार की रक्षा के लिए बगैर हथियार के ही अटैकर से भिड़ गए. चोर और सैफ के बीच खूब हाथापाई हुई. चोर ने चाकू से सैफ पर ताबड़तोड़ वार किए. पुलिस का कहना है कि चोर चोरी के इरादे से घर में घुसा था. पर जिस तरह की घटना हुई है, उससे लग नहीं रहा कि यह केवल चोरी के इरादा से है.

यह घटना आधी रात दो बजे की है. फिलहाल, पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है. मुंबई क्राइम ब्रांच की 8 टीमें जांच में जुटी हैं. लीलावती अस्पताल के डॉक्टर ने हेल्थ अपडेट दिया और कहा कि सैफ की हालत ठीक है. सर्जरी पूरी हो गई है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: आप ने नरेला और हरिनगर सीट पर बदले कैंडिडेट, अब इन्हें दिया मौका

News web media Uttarakhand : दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त माहौल है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने पूरी ताकत झोंक रखी है. आप ने विधानसभा चुनाव के लिए दो सीटों पर अपने कैंडिडेट को बदल दिया है. पार्टी ने अब नरेला विधानसभा सीट से शरद चौहान और हरिनगर विधानसभा सीट से सुरेंद्र सेतिया को कैंडिडेट बनाया है.

इनसे पहले आप ने नरेला सीट पर दिनेश भारद्वाज और हरिनगर सीट पर राजकुमारी ढिल्लों को उतारा था. आइए जानते हैं कि पार्टी की ओर से किए गए इस बदलाव की क्या वजह है.

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की ओर से नामांकन दाखिल करना जारी है. नामांकन से पहले आप ने नरेला और हरिनगर सीट से उम्मीदवार बदलकर सबको चौंका दिया. नरेला विधानसभा हॉट सीट बनी हुई है. वर्तमान में शरद चौहान ही इस सीट से आप के विधायक हैं.

उन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में धमाकेदार जीत दर्ज की थी. आप ने इस बार भी उन पर भरोसा जताते हुए उनको टिकट दिया था. मगर नरेला सीट के चुनावी गणित को समझते हुए पार्टी ने उनकी जगह दिनेश भारद्वाज को टिकट दे दिया.

ऐसे ही आप ने हरिनगर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक राजकुमारी ढिल्लो को टिकट दिया था. उम्मीदवारी का ऐलान होने के बाद से ही राजकुमारी ढिल्लो प्रचार भी कर रही थीं. एक रिपोर्ट के अनुसार, नरेला में प्रचार धीमी गति से चल रहा था. इसके बाद पार्टी ने एक बार फिर सर्वे कराया जिसमें को राजकुमारी ढिल्लो से मजबूत प्रत्याशी बताया गया. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने हरिनगर सीट से सुरेंद्र सेतिया को कैंडिडेट बनाने का ऐलान कर दिया. बता दें कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी.

जम्मू-कश्मीर: पीएम मोदी ने किया कश्मीर से सोनमर्ग को जोड़ने वाली जेड मोड़ टनल का उद्घाटन

News web media Uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में इस दौरान, केंद्रीय मंत्री मंत्री नितिन गडकरी, जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित अन्य अदिकारी मौजूद हैं. कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने सुरंग का दौरा किया. सुरंग के उद्घाटन के बाद उन्होंने सुरंग का निर्माण करने वाली टीम से बात की. कर्मियों ने पीएम मोदी को निर्माण में आई परेशानियों के बारे में भी बताया.

श्रीनगर-लेह हाइवे एनएच-1 पर गांदरबल में बनी टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी. ये 6.4 किलोमीटर लंबी डबल टनल है. बर्फबारी की वजह से हाईवे साल में छह महीने तो बंद ही रहता है लेकिन अब इस टनल की मदद से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी.

श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग पहुंचने में पहले एक घंटा लगता था पर अब टनल की मदद से महज 15 मिनट में ये दूरी तय कर ली जाएगी. इस टनल की मदद से गाड़ियों की स्पीड में भी इजाफा होगा. पहले जहां गाड़ियां 30 किमी प्रति घंटे चलती थी पर अब 70 किमी प्रति घंटा चल पाएंगी. पहले जहां इस इलाके को पार करने में तीन से चार घंटे लग जाया करते थे, अब इसकी दूरी 45 मिनट ही लगता है.

जेड मोड़ टनल से पर्यटन के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी बल मिलेगा. ये प्रोजेक्ट बहुत जरुरी है. आसान भाषा में कहें तो बर्फबारी के वक्त जिस सामान को हेलिकॉप्टर से ले जाना पड़ता था. वह अब सड़क मार्ग से लेकर जाया जा सकता है. इससे खर्चा भी कम पड़ेगा. हालांकि, जेड मोड़ टनल के इस्तेमाल में थोड़ा समय लगेगा. क्योंकि इसके आगे जोजिला टनल बनेगी. 2026 में जोजिला टनल का काम पूरा होगा, जिससे अमरनाथ गुफा, कारगिल और लद्दाख को हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी.

बता दें, इस प्रोजेक्ट की शुुरुआत साल 2012 में की गई थी. पीपीपी मॉडल के तहत बनी टनल का अगस्त 2023 तक शुरू हो जानी चाहिए थी पर कोरोना काल के कारण इसके निर्माण में देरी हुई. इसके बाद प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लग गई, जिससे टनल का उद्घाटन टलता रह गया. आसान भाषा में बोलें तो टनल को पूरा होने में कुल 12 साल लगे.

बता दें, अक्टूबर 2024 में आतंकवादियों ने टनल में काम करने वाले कर्मचारियों पर हमला कर दिया था. दो आतंकवादी गगनगीर स्थित मजदूरों के कैंप में घुस गए थे. उन्होंने फायरिंग भी की थी. टनल का निर्माण कर रही कंपनी के छह मजदूरों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी.

आईटीडीए और एन.आई.सी. द्वारा विकसित की गई विभिन्न डिजिटल परियोजनाओं का सीएम धामी ने किया शुभारंभ

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और NIC द्वारा विकसित की गई विभिन्न डिजिटल परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया.

इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा की चुनौतियां तथा डिजिटल युग में सार्वजनिक सेवाओं को अधिक दक्ष, तीव्र और समावेशी बनाने के लिए नई तकनीकी को आत्मसात करते हुए आईटीडीए और NIC द्वारा संयुक्त रूप से विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं. जिससे आम जनमानस को ऑल इन वन की तर्ज पर एक ही प्लेटफार्म पर आसानी से विविध प्रकार की सेवाएं मिल सकेगी. विभागों के कार्यों की प्रगति ऑनलाइन देखी जा सकेगी; जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि S3WaaS (Secure, Scalable and Sugamya website as a Service) फ्रेमवर्क में बनी समस्त विभागों की वेबसाइट साइबर सुरक्षा की दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगी.

सीएम धामी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि राज्य में ITDA को UIDAI द्वारा AUA (ऑथेंटिकेशन यूजर एजेंसी) -KUA(की यूजर एजेंसी) बनाया गया है. इसके उपरांत आधार ऑथेंटिकेशन एवं EKYC से संबंधित सेवाएं राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा विकसित किए गए पोर्टलों जैसे कि UCC, वर्चुअल रजिस्ट्री आदि के माध्यम से प्रदान की जा सकेगी.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य डाटा सेंटर ने भी साइबर अटैक के उपरांत अपने आप को इंप्रूव किया है. नियर डिजास्टर रिकवरी को सचिवालय में स्थापित किया गया है. यह बड़ी बात है कि उक्त नियर डिजास्टर रिकवरी में राज्य की विभिन्न संवेदनशील एप्लीकेशन व वेबसाइट को किसी भी आपात स्थिति होने की दशा में 15 मिनट के अंतराल में सुचारू किया जा सकता है. कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से राज्य डाटा सेंटर के अधीन सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर 24 *7 कार्यरत है. यह कदम उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत डिजिटल सिस्टम को और भी सशक्त और बेहतर किया जाने का सराहनीय प्रयास है.

सीएम धामी ने डिजिटल डिजिटलीकरण के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के लिए सभी विभागों को बेहतर सेटअप बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि अपनी विभागीय सूचनाओं को अपडेट रखें.
उन्होंने आईटीडीए को निर्देशित किया कि विकसित किए गए नए प्लेटफार्म पर सुगमता और तेजी से कार्य करने के लिए सभी विभागों का मार्गदर्शन करें.

मुख्यमंत्री ने NIC और आईटीडीए द्वारा विकसित किए गए प्रयासों की सराहना की तथा भविष्य में भी आईटीडीए और एन आई सी को आपसी समन्वय से उत्तराखंड में आईटी के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने को प्रेरित किया.

इस दौरान बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व एल फैनई, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, पंकज पांडेय, दीपेंद्र चौधरी, डॉ आर राजेश कुमार, निदेशक ITDA नीतिका खंडेलवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

संत आसाराम बापू को सुप्रीमकोर्ट से राहत, चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक मिली अंतरिम जमानत

News web media Uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर स्वयंभू संत आसाराम बापू को अंतरिम जमानत दे दी हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे और अंतरिम पर रिहा होने के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को चिकित्सा आधार पर 31मार्च तक अंतरिम जमानत दी है.

इसे आसाराम के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.

सीबीएसई कभी भी जारी कर सकता है सीटीईटी का रिजल्ट, ऐसे करे चेक

News web media Uttarakhand : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) दिसंबर 2024 का आयोजन 14 दिसंबर 2024 को हुआ था. परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे. अब सभी को रिजल्ट जारी होने का बेसब्री से इंतजार है. अगर आपने भी इस परीक्षा में भाग लिया है, तो यह जानकारी आपके लिए है. सीबीएसई (CBSE) जल्द ही केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने वाली है. रिजल्ट से संबंधित सभी अपडेट आप केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर देख सकते हैं.

सीबीएसई ने 01 जनवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा आंसर की जारी की थी. इसके बाद से अभ्यर्थी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट 10 से 12 जनवरी 2025 के बीच जारी किया जा सकता है. सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें.

पिछली बार कब आया था परिणाम
सीबीएसई हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा परीक्षा का आयोजन दो सत्रों में करती है. पिछले साल के रिकॉर्ड के मुताबिक, जुलाई 2024 में हुई परीक्षा का रिजल्ट 31 जुलाई को जारी हुआ था. जनवरी 2024 में हुई परीक्षा का रिजल्ट 15 फरवरी को घोषित किया गया था. इसी आधार पर उम्मीद की जा रही है कि 14 दिसंबर 2024 को हुई परीक्षा का परिणाम भी 15 जनवरी 2025 तक जारी हो सकता है.

ऐसे कर पाएंगे चेक
सबसे पहले ctet.nic.in पर विजिट करें.
होमपेज पर आपको “CBSE CTET 2024 Result Download Link” दिखाई देगा (रिजल्ट जारी होने के बाद यह लिंक एक्टिव होगा).
रिजल्ट विंडो में अपना नंबर और जन्मतिथि (Date of Birth) दर्ज करें.
जानकारी भरते ही आपका CTET स्कोरकार्ड पीडीएफ फॉर्मेट में स्क्रीन पर दिखेगा.
स्कोरकार्ड को डाउनलोड करें और भविष्य के लिए इसका प्रिंटआउट जरूर लें.

उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

News web media Utttarakhand : कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है. राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है. सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है.

उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है. लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था. लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है. मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया.

साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया. इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की. वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई.

सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए. इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है. इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया. सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की. साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए.

प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 2500 प्रति कुंतल था, जो 2024-25 में 4200 प्रति कुंतल हो गया है. इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है. किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है. इसके साथ ही सरकार ओपन मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है.

उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है. यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है. इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं.

पांचवीं और आठवीं क्लास में भी बच्चें हो सकते है फेल-इस राज्य ने स्कूली शिक्षा में किया बदलाव

News web media Uttarakhand : इस साल एजुकेशन सेक्टर में कई तरह के बदलाव देखे गए. विभिन्न राज्य नई शिक्षा नीति 2020 को भी स्कूल एजुकेशन में लागू करने के लिए नए नियम बना रहे हैं. अभी तक 5वीं और 8वीं क्लास की परीक्षा में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था लेकिन अब हरियाणा में ऐसा नहीं होगा. हरियाणा सरकार ने स्कूली शिक्षा में बहुत बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है.

हरियाणा में अब पांचवीं और आठवीं क्लास की नियमित रूप से परीक्षाएं ली जाएंगी. इसमें फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अगली क्लास में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. इन स्टूडेंट्स को 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देनी होगी. इसमें पास होने पर ही उन्हें अगली क्लास यानी 6 या 8 में एडमिशन दिया जाएगा. नए नियमों के अनुसार, अगर स्टूडेंट दोबारा वाली परीक्षा में भी फेल हो जाता है तो उसे उसी क्लास में रोक दिया जाएगा यानी रिपीट करना होगा.

शिक्षा विभाग के पुराने नियमों में 8वीं तक किसी भी स्टूडेंट को फेल करने का प्रावधान नहीं था. कम अंक होने पर भी स्टूडेंट्स को पास कर दिया जाता था. लेकिन अब केंद्र सरकार ने 8वीं तक फेल न करने की नीति बदल दी है. केंद्र के इस फैसले को हरियाणा में लागू भी कर दिया गया है. हरियाणा शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर अपडेट की जानकारी दी है. अन्य राज्य भी कुछ समय में इसे अपने यहां लागू कर सकते हैं.

हरियाणा के स्कूलों में क्लास 5 और 8 में पढ़ाई कर रहे किसी भी स्टूडेंट को फेल होने पर 2 महीने में दोबारा परीक्षा देनी होगी. इस दौरान स्टूडेंट का रिजल्ट सुधारने के लिए टीचर्स उन्हें स्पेशल गाइडेंस देंगे. स्टूडेंट्स को न सिर्फ स्टूडेंट के प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा, बल्कि उनके पैरेंट्स को भी जरूरी सहायता प्रदान करनी होगी. फिर शिक्षक स्टूडेंट के प्रदर्शन का आकलन करके उन्हें जरूरी टिप्स देंगे. स्कूल प्रिंसिपल पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट्स की लिस्ट बनाकर उनमें सुधार की निगरानी करेंगे.