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कोलकाता रेप-हत्याकांड पर प्रियंका गांधी ने CM ममता से की ये अपील, काम करने वाली महिलाओं को लेकर जताई चिंता

News web media Uttarakhand : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार (12 अगस्त) को पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सख्त कार्रवाई करने और न्याय सुनिश्चित करने की गुजारिश की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर स्थानीय पुलिस रविवार (11 अगस्त) तक मामले को नहीं सुलझा पाती है तो उनका प्रशासन मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप देगा। उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए।
कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्याकांड को लेकर क्यों हो रहा है

विरोध प्रदर्शन? कोलकाता जूनियर डॉक्टर पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए लगातार चार दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है। इन विरोध प्रदर्शनों ने पूरे पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं बाधित कर दी हैं। बढ़ते दबाव के जवाब में, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार (12 अगस्त) को अपने पद और सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा- ममता बनर्जी की सरकार मामले में सख्त कार्रवाई करे

प्रियंका गांधी ने इस घटना को “दिल दहला देने वाला” बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा भारत में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। प्रियंका गांधी ने कहा, ”कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा देश में बहुत बड़ा मुद्दा है और इस​के लिए ठोस प्रयास की जरूरत है। मेरी राज्य सरकार से अपील है कि इस मामले में त्वरित और सख्त से सख्त कार्रवाई हो और पीड़िता के परिवार और साथी डॉक्टरों को न्याय मिले।”

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उत्तराखंड में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के निर्देश जारी, प्रमुख सचिव ने अल्पसंख्यक कल्याण को लिखा पत्र

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, डॉ. गीता खन्ना ने राज्य में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की जांच के लिए शासन को निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून के जिस मदरसे में 30 बच्चों के स्वास्थ्य के खराब होने की सूचना मिली थी, वह न तो मदरसा बोर्ड में पंजीकृत है और न ही शिक्षा विभाग में।

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार के दृष्टिकोण से गंभीर है, इसलिए इसकी तत्काल जांच आवश्यक है।

आयोग ने शासन को लिखे अपने पत्र में बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मदरसा पिछले 10-12 वर्षों से बिना किसी पंजीकरण के संचालित हो रहा है। इसे जुमे की नमाज के दौरान एकत्रित चंदे से चलाया जा रहा है। इस मदरसे के छात्रावास में 55 बच्चे रह रहे हैं, जो सभी बिहार के मूल निवासी हैं।

बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। मदरसे में बाहरी बच्चों की उपस्थिति को भी आयोग ने चिंताजनक बताया और इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

आज दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हुई बारिश, अगले दो दिन भी मौसम खराब

News web media Utttarakhand : आज दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई, जिससे मौसम काफी खुशनुमा हो गया है। सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा था, जिससे ठंडक महसूस हो रही थी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक घंटे में कई क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है।

इससे पहले गुरुवार को भी राजधानी दिल्ली में 2.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो इस मौसम में ताजगी का अहसास करा रही है।

मौसम का मिजाज सामान्य रहा, जहां अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर और न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि शनिवार और रविवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

इस अवधि में आसमान में हल्के बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।

गुरुवार की सुबह से ही आसमान में हल्के बादलों का डेरा रहा। कुछ इलाकों में हल्की फुहारों के साथ बारिश भी हुई। दिनभर बादलों और सूरज के बीच लुका-छिपी का खेल चलता रहा, लेकिन अंत में तेज धूप निकल आई, जिससे उमस और बढ़ गई। पूसा, सफदरजंग, लोधी रोड, रिज, मयूर विहार और डीयू में मामूली बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि पालम में बारिश की मात्र ट्रेस मिली।

अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम को तेज हवाओं के चलते तापमान में थोड़ी गिरावट आई, वहीं नमी का स्तर 100 से 72 प्रतिशत के बीच दर्ज किया गया।

उत्तराखंड में रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को तोहफा, रोडवेज बसों में कर सकेंगीं निशुल्क यात्रा

News web media Uttarakhand : हर साल की परंपरा को जारी रखते हुए, इस साल भी प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर एक विशेष तोहफा प्रदान किया है। इस दिन बहनों के लिए एक अनूठी सुविधा के रूप में, राज्य सरकार ने उन्हें रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी है।

यह योजना बहनों को न केवल अपने भाइयों के पास आसानी से पहुँचने में मदद करती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सहयोग प्रदान करती है।

इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और सामाजिक संबंधों को मजबूती देना है। इस प्रकार रक्षाबंधन के दिन बसों में मुफ्त यात्रा की यह सुविधा बहनों के लिए एक महत्वपूर्ण सौगात साबित होती है, जिससे वे अपने भाइयों के साथ इस पावन पर्व का आनंद बिना किसी वित्तीय चिंता के उठा सकती हैं।

सीबीएसई जल्द जारी करेगा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम

News web media Uttarakhand : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम जारी करने वाला है.सीबीएसई कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा के परिणाम की घोषणा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, नतीजे कभी भी घोषित किए जा सकते हैं. इस परीक्षा में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स रिजल्ट जारी होने के बाग सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट्स या डिजिलॉकर पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकेंगे.

सीबीएसई की वेबसाइटों पर छात्रों को अपना परिणाम देखने के लिए रोल नंबर, स्कूल नंबर और एडमिट कार्ड आईडी दर्ज करना होगा. इस साल, कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा में कुल 1,32,337 छात्रों ने भाग लिया था. परीक्षा 15 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी.परीक्षा में छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था ताकि वे अच्छे से प्रश्न पत्र पढ़ सकें.

सीबीएसई के अनुसार, पिछले साल के फाइनल रिजल्ट में 10वीं क्लास की पास प्रतिशत 93.06 रहा था. इस बार कंपार्टमेंट परीक्षा के नतीजे की घोषणा बहुत जल्दी की जाएगी.12वीं के कंपार्टमेंट रिजल्ट जारी हो चुका है. अब 10वीं के रिजल्ट का इंतजार है. 12वीं कंपार्टमेंट परीक्षा में लड़कियों की पास प्रतिशत 33.47 और लड़कों की 27.90 रहा.

सीबीएसई के नियमों के अनुसार, हर विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है परीक्षा पास करने के लिए. छात्रों को सिर्फ मैन विषयों में फेल होने पर ही कंपार्टमेंट परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाता है. यह छात्रों को अपने एक साल को बर्बाद होने से बचाता है. सीबीएसई ने इस साल रिवैल्यूएशन के लिए भी मौका दिया है, जिसमें छात्र अपने अंकों को सुधार सकते हैं. जो स्टूडेंट्स इस परीक्षा में भी पास नहीं हो पाएंगे उन्हें फिर अगले साल की मेन परीक्षा में शामिल होना होगा.

दिल्ली में जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन की बड़ी रैली, सीएम मान और सुनीता केजरीवाल पहुंचे

News web media Utttarakhand : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर इंडिया गठबंधन ने जंतर मंतर पर एक विशाल रैली का आयोजन किया है। यह रैली अब आरंभ हो चुकी है, और मंच पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी जैसे विभिन्न दल भी इस रैली में शामिल हो रहे हैं।

इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी बिगड़ती सेहत को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और संदीप पाठक मंच पर पहुंच चुके हैं।

फिलहाल इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति नहीं है। इस बीच, मंच पर आप विधायक दिलीप पांडेय अपने संबोधन के जरिए मुद्दे पर रोशनी डाल रहे हैं।

उनके बोलने का समय पूरा हो गया था..ममता के आरोपों पर सरकार ने दिया जवाब

News web media uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो रही है, जिसमें कई राज्यों के सीएम मौजूद हैं, इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, लेकिन वह बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं. सीएम ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और उनका माइक बंद कर दिया गया. उनके इन आरोपों को सरकार ने खारिज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि उनके बोलने का समय पूरा हो गया था, जिसकी वजह से उनका माइक बंद कर दिया गया.

दिल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक को बजट में हुए भेदभाव का आरोप लगाते हुए विपक्ष के दलों ने बायकॉट किया है, जिसके बावजूद ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होती नजर आईं, लेकिन वह कुछ ही समय में इस बैठक को छोड़कर बाहर निकल गईं. ममता ने बैठक से बाहर आकर मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि बैठक में उनके बोलने पर रोक लगा दिया गया और माइक बंद किया गया.

बोलते समय बंद किया गया माइक

ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है, जब बैठक के दौरान उन्होंने फंड की मांग की तो उनके माइक को बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में उन्हें केवल 5 मिनट ही बोलने का समय दिया गया. ममता ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गैर एनडीए शासित राज्यों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है.

बैठक में ममता ने कौन से मुद्दे उठाए ?

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बैठक बीच में छोड़ कर आई हूं. उन्होंने बताया कि चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10-12 मिनट तक बात की, लेकिन जब मेरी बारी आई तो मुझे सिर्फ 5 मिनट में ही रोक दिया गया, जो कि गलत है. ममता ने बताया कि वो बैठक में इसलिए शामिल हुईं थी क्योंकि कई मुद्दों को उठाना था, जिनमें सहकारी संघवाद को मजबूत करना क्योंकि एक राज्य मजबूत है, तो संघ मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि मेरे साथ कई क्षेत्रों की आकांक्षाएं हैं जिनके लिए मैं यहां पर हूं, मेरा आज यही कहना था कि सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए, मैं उन सभी राज्यों की ओर से बोल रही हूं जिन्हें वंचित रखा गया है, दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव क्यों?

बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट में बंगाल सहित कई राज्यों को वंचित रखा गया है और कहा कि बजट पूरी तरह से राजनीतिक रूप से पक्षपाती है. ममता ने कहा कि नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय अधिकार दें या योजना आयोग को वापस लाएं. विपक्ष की ओर से, मैं सहकारी संघवाद को मजबूत करने के लिए यहां हूं, लेकिन सरकार सहकारी संघवाद के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने मनरेगा फंड की बात करते हुए कहा कि पिछले तीन सालों से बंगाल को मनरेगा फंड से वंचित रखा गया है, कुछ भी भुगतान नहीं किया गया.

केंद्र सरकार ने खारिज किए आरोप

केंद्र सरकार ने ममता के लगाए गए इन आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि ममता बनर्जी के किए जा रहे सभी दावे गलत हैं. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी का माइक समय खत्म होने पर बंद किया गया था, यहां तक कि समय बताने के लिए बेल भी नहीं बजाई गई थी. आगे उन्होंने बताया कि नाम के आधार पर ममता बनर्जी की बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के स्थान पर बोलने दिया गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने जल्दी बोलने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्हें जल्दी वापस लौटना था.

माइक बंद करने का आरोप है झूठा- वित्त मंत्री

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सरकार पर जो आरोप लगाए हैं उन सभी आरोपों के बारे में बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम ममता इस बैठक का हिस्सा थीं और हम सभी उन्हें सुना है. उन्होंने कहा कि हर राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने के लिए एक लिमिटेड समय दिया गया था और उस समय को दिखाने के लिए उनकी टेबल पर एक स्क्रीन लगाई गई थी. वित्त मंत्री ने बताया कि ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो कि पूरी तरह से झूठ है. आगे उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है. उन्हें सच बोलना चाहिए, न कि झूठ पर बनाई गई एक कहानी.

बेईमानी का रोना रो रहे- प्रहलाद जोशी

ममता बनर्जी के इस आरोपों पर मीडिया ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से भी बात की. जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि नीति आयोग की बैठक में क्या हुआ है, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह तथाकथित इंडी गठबंधन बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वह कांग्रेस को कितना सम्मान वह देती हैं, यह सभी जानते हैं. वे लोगों के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं, वे बेईमानी का रोना रो रहे हैं.

युवाओं-मध्यम वर्ग को मिलेगी नई ताकत- प्रधानमंत्री मोदी, जानिए और क्या-क्या बोले बजट पर पीएम मोदी

News web media Utttarakhand :  आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों और युवाओं को प्रगति की राह पर अग्रसर करेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और यह बजट उनकी आर्थिक प्रगति को बनाए रखने में सहायक होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बजट युवाओं को अनगिनत अवसर प्रदान करेगा और मिडिल क्लास को नई ताकत देगा।

इसके अलावा, जनजातीय समाज, दलित, और पिछड़े वर्गों को सशक्त करने के लिए इस बजट में मजबूत योजनाएं शामिल की गई हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में यह बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम सब मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे। इस बजट में लघु उद्योगों के लिए ऋण की आसानी बढ़ाने वाली नई योजनाओं का ऐलान किया गया है। विनिर्माण और निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को हर जिले तक ले जाने के लिए बजट में अहम घोषणा की गई है। यह बजट स्टार्टअप, नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ढेर सारे नए अवसर लेकर आया है।’

भारतीय राजदूत के रूप में विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में किया गया नियुक्त

News web media Uttarakhand : अमेरिका में भारत के नए राजदूत के नाम का एलान कर दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया है।  आपको बता दें कि क्वात्रा इसी महीने विदेश सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। अब उन्हें अमेरिका में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद जनवरी में तरनजीत सिंह संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से रिक्त पड़ा था। क्वात्रा का कार्यकाल इस वर्ष 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। क्वात्रा की जगह विक्रम मिस्री को विदेश सचिव नियुक्त किया गया है। विदेश सचिव बनने से पहले विनय मोहन क्वात्रा, भारत के दूत के रूप में चीन, अमेरिका, फ्रांस में काम कर चुके हैं।

भारत-अमेरिका के संबंधों में उथल-पुथल के बीच क्वात्रा की नियुक्ति
अमेरिका के राजूदत के तौर पर विनय क्वात्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब भारत-अमेरिका संबंधों में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका ने हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा पर भी सवाल उठाए थे, और रूस के साथ भारत के संबंधों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा भारत पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित तौर पर हत्या करने की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है। भारतीय मूल के विवेक गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिकी अधिकारियों के कहने पर उसे अमेरिका भेज दिया गया था।

ये लोग भी बन चुके हैं रिटायर होने के बाद राजूदत
2011 में यूपीए शासनकाल के दौरान भारत सरकार ने निरुपमा राव को विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद अमेरिका का राजूदत बनाया गया था। वे 2011 से 2013 तक इस पद पर रही थीं। उनके बाद वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर, अरुण कुमार सिंह, नवतेज सरना, हर्षवर्धन श्रृंगला और तरनजीत सिंह संधू ने यह कार्यभार संभाला। हालांकि, ये सभी रिटायर नहीं हुए थे। वैसे और भी कई ऐसे रिटायर आईएफएस अधिकारी रहे हैं, जो इस महत्वपूर्ण पद को संभाल चुके हैं। इनमें 1966 बैच के आईएफएस अधिकारी कंवल सिब्बल नवंबर 2003 में विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद 2004 से 2007 तक रूस में भारत के राजदूत रहे। इसके अलावा 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी रंजन मथाई 2013 में विदेश सचिव के पद से रिटायर हुए। उन्हें उसी साल दिसंबर महीने में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था।

उत्तराखंड में UCC लागू करने को लेकर सीएम 22 को करेंगे समीक्षा बैठक, नियमावली लगभग तैयार

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संदर्भ में सभी 17 संबंधित विभागों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की योजना बनाई है, जो 22 जुलाई को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए तैयारियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

बैठक में यूसीसी नियमावली और क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के साथ-साथ अन्य सभी सदस्यों की उपस्थिति रहेगी। इस सत्र में गृह, राजस्व, पुलिस और विधायी विभागों के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे, जो यूसीसी कानून को लागू करने की प्रक्रिया पर विस्तार से विचार करेंगे।

गृह विभाग के सचिव के साथ बैठक में शादियों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और कानून लागू करने से पहले यूसीसी एक्ट की 10 हजार प्रतियां छापने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

सरकार और यूसीसी क्रियान्वयन समिति इस समय यह विचार कर रही है कि सितंबर से यूनिफॉर्म सिविल कोड के नियमों को लागू कर दिया जाए। इसके बाद नवंबर तक पूरी तरह से यूसीसी कानून को अमल में लाने की योजना है। इस योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा के लिए विधायी विभाग के सचिव के साथ एक महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।