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उत्तराखण्ड को मिली बड़ी सौगात, सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना को मिली मंजूरी

News web media Uttarakhand : पिथौरागढ़ जनपद में गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट क्षमता की सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की लगातार कोशिशें आज रंग लाई. इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 29.997 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर आज वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (Forest Advisory Committee) द्वारा विचार किया गया. नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई.

यह परियोजना पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रूप से डिजाइन की गई है. लगभग एक किलोमीटर सुरंग निर्माण और अधिकांश संरचनाएं भूमिगत होने के कारण वन भूमि पर प्रभाव नगण्य रहेगा. परियोजना क्षेत्र में कोई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य या ईको-सेंसिटिव जोन नहीं है, और न ही इससे किसी प्रकार का विस्थापन होगा.

परियोजना से प्रतिवर्ष अनुमानित 529 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखण्ड की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को स्थायी एवं अस्थायी रोजगार, आधारभूत ढांचे का विकास और पलायन पर नियंत्रण जैसे अनेक लाभ होंगे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परियोजना को स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह परियोजना उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और समर्थन से राज्य को ऊर्जा और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि मिली है. राज्य सरकार जनकल्याण के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. यह परियोजना उत्तराखण्ड के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला बनेगी.”

गौरतलब है कि विगत में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से अपनी भेंट के दौरान इस परियोजना की स्वीकृति का अनुरोध किया था.

69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर उत्तर प्रदेश में अभ्यर्थियों का उग्र विरोध, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

News web media Uttarakhand :  उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा उबाल पर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण नियमों के उल्लंघन पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने के बाद, अभ्यर्थियों ने लखनऊ के इको गार्डन में 600 से अधिक दिनों तक धरना दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिले और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई और कई योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित किया गया। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरक्षण में विसंगति की बात स्वीकार की थी और बेसिक शिक्षा विभाग को न्यायसंगत समाधान के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ा।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और भर्ती प्रक्रिया में सुधार नहीं होता।

भारत की आपत्ति के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट दिया, सभी शर्तें पूरी बताईं

News web media Uttarakhand :  भारत की आपत्ति के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट पैकेज जारी किया है, यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने सभी आवश्यक लक्ष्य पूरे किए हैं। IMF के संचार विभाग की निदेशक, जूली कोज़ैक ने कहा कि बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया है और कुछ सुधारों में प्रगति की है, जिसके कारण कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।

यह बेलआउट पैकेज पाकिस्तान के लिए $7 बिलियन के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी। अब तक, पाकिस्तान को इस कार्यक्रम के तहत $2.1 बिलियन मिल चुके हैं।

भारत ने इस वित्तीय सहायता पर आपत्ति जताई थी, यह आरोप लगाते हुए कि यह धनराशि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने IMF से इस बेलआउट पैकेज पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।

IMF ने पाकिस्तान को 11 नई शर्तें भी दी हैं, जिनमें बजट अनुमोदन, बिजली बिलों पर ऋण सेवा अधिभार बढ़ाना और आयात प्रतिबंधों को हटाना शामिल हैं। IMF ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इन शर्तों का पालन न करने से आगामी भुगतान प्रभावित हो सकते हैं।

गांधी परिवार पर ₹142 करोड़ की अवैध आय प्राप्त करने का ईडी का आरोप

News web media Uttarakhand : दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ₹142 करोड़ की अपराध से अर्जित राशि का लाभ उठाया है। ईडी के अनुसार, यह धनराशि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों से प्राप्त किराए और अन्य आय से संबंधित है, जिसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) ने अधिग्रहित किया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से अर्जित संपत्ति प्राप्त की, बल्कि उसे बनाए भी रखा, जो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दंडनीय है। एजेंसी ने नवंबर 2023 में एजेएल से जुड़ी ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था।

यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गांधी परिवार ने एजेएल की संपत्तियों को धोखाधड़ी से यंग इंडियन के माध्यम से अधिग्रहित किया। ईडी ने 2021 में इस मामले की जांच शुरू की थी और हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है।

अदालत ने ईडी को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता स्वामी को आरोपपत्र की एक प्रति प्रदान करे। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।

अब उत्तराखंड के मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’

News web media Utttarakhand : एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के मदरसों के पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने की घोषणा की है. उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के इस बड़े फैसले के तहत, राज्य के लगभग 450 रजिस्टर्ड मदरसों में पढ़ने वाले छात्र अब भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की कहानी को अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ेंगे. इस पहल का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें भारतीय सेना के बलिदान और वीरता से परिचित कराना है.

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का एक विशेष चैप्टर इंटरमीडिएट स्तर (कक्षा 11 और 12) तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

यह कदम न केवल छात्रों को आधुनिक इतिहास और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें देश के प्रति गर्व और सम्मान की भावना से भी जोड़ेगा. मुफ्ती कासमी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न केवल धार्मिक और पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करें, बल्कि देश की वीर गाथाओं से भी प्रेरणा लें. ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की बहादुरी का प्रतीक है, और इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना हमारे लिए गर्व की बात है.”

ऑपरेशन सिंदूर, जो हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक संचालित किया गया, पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स को निशाना बनाने का एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अपनी सामरिक कुशलता और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया, जिसमें स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम ने भी अहम भूमिका निभाई. इस अभियान ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता के संदेश को भी मजबूत किया.

पंजाब में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सैन्य जानकारी लीक करने वाले 2 आरोपियों की गिरफ्तारी

News web media Uttarakhand : पंजाब के गुरदासपुर जिले में 19 मई 2025 को पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित संवेदनशील सैन्य जानकारी लीक की। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, इन दोनों ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की तैनाती, रणनीतिक स्थानों और सैनिकों की मूवमेंट की जानकारी ISI के हैंडलरों को दी।

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि 15 मई को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर इन दोनों की गिरफ्तारी की गई। इनके पास से तीन मोबाइल फोन और आठ जिन्दा कारतूस (.30 बोर) बरामद हुए हैं। मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में ISI के साथ संपर्क स्थापित होने की पुष्टि हुई है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।

यह गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच हुई है। इससे पहले, अमृतसर में भी एक दर्जी और एक मोची को सैन्य जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता को और स्पष्ट किया है।

नदी सूखी रख 5 जून तक चलेगा 9 हज़ार स्वयंसेवकों का स्वच्छता कार्य

News web media Uttarakhand : अहमदाबाद में साबरमती नदी को 5 जून 2025 तक सूखा रखा गया है ताकि वासना बैराज के गेटों की मरम्मत और नदी की गहन सफाई का कार्य किया जा सके। इस अभियान का नेतृत्व साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SRFDCL) और अहमदाबाद नगर निगम (AMC) द्वारा किया जा रहा है।

इस सफाई अभियान में लगभग 9,000 स्वयंसेवकों, 80 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), छात्रों और सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया है। पहले दिन ही नदी से 76 टन कचरा निकाला गया, जिसमें प्लास्टिक, कपड़े, कीचड़ और कच्चा सीवेज शामिल था।

सफाई कार्य गांधी आश्रम के पीछे के घाट से शुरू हुआ और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है, ताकि पानी के स्तर में बदलाव के कारण किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। अधिकारियों ने नागरिकों और संस्थाओं से इस अभियान में भाग लेने की अपील की है, जिससे साबरमती नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।

मुख्य सेवक संवाद के तहत युवक एवं महिला मंगल दलों के साथ सीएम धामी ने किया संवाद

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक संवाद के तहत प्रदेशभर से आए युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों के साथ सीएम धामी आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संवाद किया. इस अवसर पर सीएम धामी ने घोषणा की कि मंगल दलों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 04 हजार रूपये से बढ़ाकर 05 हजार रूपये की जायेगी. मंगल दलों को आत्मनिर्भर बनाने और ऋण सुविधा प्रदान करने के लिए नीति बनाई जायेगी. मंगल दलों को डिजिटल मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य स्तर पर एक पोर्टल बनाया जायेगा, जिससे प्रत्येक युवा और महिला मंगल दल को एक दूसरे से जोड़ा जायेगा.

सीएम धामी ने मंगल दलों द्वारा सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मंगल दल उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. युवक एवं महिला मंगल दल प्रदेश की सामाजिक चेतना को मजबूत करने, लोक परंपराओं को संजोने और गांव-गांव में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपदाओं के समय मंगल दल ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका निभाते हैं और जनजागरूकता अभियानों में भी आगे रहते हैं. सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार मंगल दलों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है. उन्होंने कहा कि मंगल दलों को स्वरोजगार के लिए 50 हजार रुपये से 3.5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है.

सीएम धामी ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत 5 करोड रूपये, मुख्यमंत्री ग्रामीण खेलकूद एवं स्वास्थ्य संवर्धन योजना के अन्तर्गत 2 करोड़ रूपये से अधिक, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 60 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत 10 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है. युवाओं को तकनीकि और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पं० दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 21 करोड़ रूपये से अधिक का प्राविधान किया गया है. सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए भी निरंतर प्रयासरत है और स्थानीय मेलों व पर्वों के आयोजन के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है.

मंगल दलों के सुझाव

उत्तरकाशी के आजाद डिमरी ने कहा कि मंगल दलों को मिलने वाली राशि 04 हजार रूपये से बढ़नी चाहिए. बागेश्वर की खृष्टि कोरंगा ने कहा कि लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिल सके इसके लिए ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर होने वाली विभिन्न बैठकों में मंगल दलों को भी शामिल किया जाना चाहिए. चम्पावत की मोनिका ने कहा कि जनहित में महत्वपूर्ण जानकारियों एवं सूचनाओं के लिए पोर्टल बनाया जाना चाहिए. चमोली के सुरजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि ग्राम स्तर पर मंगल दलों को डिजिटल प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. हरिद्वार के मनोज चौहान ने कहा कि योग और फिटनेस पर राज्य में अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

ट्रंप के दावे के बाद सेंसेक्स में भूकंप, भारत के सभी टैरिफ हटाने के आश्वासन पर 1,330 अंक की जोरदार छलांग

News web media Uttarakhand : अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा करने के बाद कि भारत ने सभी आयात शुल्क (टैरिफ) हटाने का प्रस्ताव दिया है, भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स ने आज लगभग 1,330 अंक की उछाल लगाई, जबकि निफ्टी भी बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ।

ट्रंप के इस बयान ने निवेशकों में भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। भारत के सभी टैरिफ खत्म करने के प्रस्ताव से वैश्विक व्यापार माहौल में सुधार की संभावना जताई जा रही है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंध और मजबूत हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह समझौता पूरा होता है, तो भारत के निर्यात और आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी। वहीं, घरेलू बाजार में भी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और विदेशी निवेश प्रवाह में इजाफा होगा।

इस घोषणा के बाद शेयर बाजार में बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में विशेष तेजी देखी गई। निवेशकों ने इसे वैश्विक आर्थिक स्थिरता की दिशा में सकारात्मक कदम माना है। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है और बाजार की नजरें आगामी सरकारों के कदमों पर टिकी हैं।

उत्तराखंड पुलिस का ‘ऑपरेशन प्रहार’, सीएम धामी के नेतृत्व में साइबर अपराधियों पर करारा वार

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड की शांत वादियों से एक तेज़ संदेश पूरे देश में गूंजा है, “अपराधी चाहे देश के किसी कोने में छिपा हो, उत्तराखंड पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी.” मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने एक ऐतिहासिक अभियान चलाकर यह सन्देश न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे राष्ट्र को दिया है. ‘ऑपरेशन प्रहार’, साइबर अपराधियों पर करारा प्रहार करने वाला यह अभियान अपने आप में एक मिसाल बन गया है. देश के इतिहास में पहली बार उत्तराखंड पुलिस के निर्देशन में एक साथ 17 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा आदि में बड़ी छापेमारी की गई. इस सघन और रणनीतिक कार्रवाई में 290 से अधिक साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई.

यह कोई सामान्य पुलिसिया कार्रवाई नहीं थी. यह उस दूरदर्शिता और साहसिक निर्णय का परिणाम है, जिसकी नींव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साइबर हमले की एक बड़ी घटना के बाद रखी थी. कुछ माह पूर्व उत्तराखंड साइबर हमलों का शिकार बना था, तब मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट संदेश दिया था साइबर अपराधी अब सुरक्षित नहीं रहेंगे. उन्होंने पुलिस महकमे को टेक्नोलॉजिकल रूप से सशक्त करने के आदेश दिए, साइबर थानों की पुनर्रचना की और इंटेलिजेंस नेटवर्क को विस्तार दिया.

इसका प्रत्यक्ष परिणाम ‘ऑपरेशन प्रहार’ के रूप में सामने आया, जिसमें न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से यह दिखाया गया कि उत्तराखंड अब केवल पर्यटन और तीर्थाटन का केन्द्र ही नहीं, बल्कि साइबर क्राइम से लड़ने में भी एक मॉडल स्टेट बन चुका है. मुख्यमंत्री धामी का गुड गवर्नेंस मॉडल सिर्फ योजनाओं या घोषणाओं तक सीमित नहीं है, यह उनके हर एक्शन में भी साफ नजर आता है. उनके नेतृत्व में शासन की सक्रियता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तीनों ही स्तरों पर परिलक्षित होती है. इस सफल कार्रवाई ने जहां उत्तराखंड पुलिस की कार्यकुशलता को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है, वहीं मुख्यमंत्री धामी के मजबूत नेतृत्व और त्वरित निर्णय क्षमता को भी फिर से प्रमाणित किया है.