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नेशनल गेम्स की सफलता पर हैदराबाद में प्रेजेंटेशन देंगी मंत्री

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों को किस तरह इतनी कामयाबी से कराया अब देश के सभी राज्य सरकारे इसे जान पाएगी. खेल मंत्री रेखा आर्या 7 और 8 मार्च को हैदराबाद में इस पर प्रेजेंटेशन देंगी. मंगलवार को हुई बैठक में इसकी रूपरेखा तय की गई है.

खेल मंत्री ने बताया कि 7- 8 मार्च को तेलंगाना के हैदराबाद में एक मंथन शिविर आयोजित किया जा रहा है. इस शिविर में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडावीया के अलावा सभी राज्यों के खेल मंत्री भी शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें पूर्व ओलंपियन और विभिन्न खेलों के कोच भी शिरकत करेंगे.

खेल मंत्री रेखा आर्या नें बताया कि उन्हें भी इस मंथन शिविर में उत्तराखंड की तरफ से प्रेजेंटेशन देनी है. प्रेजेंटेशन में इसका पूरा विवरण होगा कि किस तरह उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन किया है. इसके अलावा 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए देश के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को तैयार करने की रणनीति पर भी मंथन किया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि हमारे पास जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण हैं, हमारे खिलाड़ी को वह सभी उपकरण अभ्यास के लिए उपलब्ध होने चाहिए. बैठक में इसके अलावा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की गई. खेल मंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी को यूजीसी समेत अन्य संस्थाओं से मान्यता की जरूरत होगी उसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए.

प्रयागराज महाकुंभ ड्यूटी से लौटने के बाद एसडीआरएफ के जवानों का सीएम धामी ने किया अभिनंदन

News web media Uttarakhand : हरिद्वार कुंभ में प्रयागराज महाकुंभ के अनुभव काम आयेंगे. एसडीआरएफ टीम ने महाकुंभ में अपनी दक्षता का कुशल परिचय देकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है. यह बात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में एसडीआरएफ के 112 कार्मिकों के वापस आने पर आयोजित महाकुंभ प्रयागराज 2025 अभिनन्दन कार्यक्रम में बात कही. इस मौके पर उन्होंने एसडीआरएफ की टीम को पुरस्कार स्वरूप 5 लाख रुपए का चेक भी सौंपा.

सीएम धामी ने महाकुंभ प्रयागराज में बेहतर सेवाएं देने पर एसडीआरएफ की टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये अनुभव हरिद्वार के 2027 कुंभ में काम आयेंगे. कुंभ को भव्य रूप से आयोजित करने में मदद भी मिलेगी. इस महाकुंभ से हमारे जवानों का आत्मविश्वास बढ़ा है तथा भीड़ का कुशल प्रबंधन करने में सफल होंगे.

सीएम धामी ने कहा कि सनातन धर्म के महासंगम की चुनौती को संभालना चुनौतीपूर्ण कार्य था. बेहतर व्यवस्थाओं और प्रबंधन से यूपी के साथ ही उत्तराखंड सरकार का सर ऊंचा हुआ है. यही अनुभव 2027 के कुंभ में मददगार साबित होंगे. हमारा प्रयास है कि वाहनों के लिए सुनियोजित पार्किंग व्यवस्था हो जिसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है.

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. इन चुनौतियों से पार पाने के लिए एसडीआरएफ द्वारा सराहनीय कार्य किए गए हैं. श्रेष्ठ आपदा प्रबंधन में एसडीआरएफ की अहम भूमिका रही है. आपदा प्रबंधन के लिए क्विक रिस्पॉन्स और अत्याधुनिक उपकरणों से राज्य में आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिली है.

सुकमा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दो नक्सलियों के मारे जाने की खबर

News web media Uttarakhand : शनिवार सुबह छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में दो नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान के दौरान दो नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. अभी भी इलाके में रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है. एक अधिकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ किस्टाराम थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जंगल में हुई है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की एक टीम शनिवार सुबह जंगल में नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी. तभी नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाना शुरू कर दी.

दरअसल, सुरक्षा बलों को जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर जीआरडी की और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान सुरक्षा बलों ने पूरे जंगल को घेर लिया. इस टीम में जिला रिजर्व गार्ड (DRG), कोबरा और सीआरपीएफ की एलीट यूनिट के जवान शामिल हैं. फिलहाल दो नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अभी भी रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है. नक्सलियों के शवों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं. वहीं सुरक्षा बल अभी भी जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्य है. नक्सलियों के खात्मे के लिए राज्य में सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहा हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद इसमें काफी तेजी आई है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है. जिसके चलते आए दिन राज्य में सुरक्षा बल नक्सलियों को मुठभेड़ के दौरान मौत के घाट उतार रहे हैं.

नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि सैकड़ों नक्सली मुठभेड़ के दौरान मारे गए हैं. हालांकि, नक्सल विरोधी इन अभियानों में कई जवानों को भी शहादत देनी पड़ी है.

नासिक, हरिद्वार और उज्जैन… प्रयागराज के बाद कब-कहां लगेंगे कुंभ मेले? जानिए सबकुछ

 News web media Uttarakhand : उत्तर  प्रदेश के प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेला 2025 संपन्न हो चुका है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों तक चला महाकुंभ मेला कई मायनों में अद्भुत रहा है। साधु, संतों और संन्यासियों समेत देश-दुनिया की बड़ी हस्तियों ने पवित्र स्नान किया। गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

कहां होगा अगला महाकुंभ?

प्रयागराज के बाद अगला महाकुंभ महाराष्ट्र के नासिक जिले में आयोजित होगा। 2027 में नासिक से लगभग 38 किमी दूर त्र्यंबकेश्वर में कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नासिक में 17 जुलाई से 17 अगस्त तक कुंभ मेला चलेगा।
महाराष्ट्र सरकार एक नए प्राधिकरण का गठन करेगी। यही प्राधिकरण महाकुंभ मेले का आयोजन देखेगा। नासिक में पिछला सिंहस्थ कुंभ मेला 2015-16 में आयोजित किया गया था। नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल किया जाता है।

इन चार स्थानों पर होता है कुंभ

भारत में चार शहरों में कुंभ मेले का आयोजन होता है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, उत्तराखंड के हरिद्वार, महाराष्ट्र के नासिक और मध्य प्रदेश के उज्जैन में कुंभ होता है। हर तीन साल में इनमें से किसी भी स्थान पर एक कुंभ मेला पड़ता है। 12 साल में आयोजित होने वाला मेला पूर्ण कुंभ कहलाता है। छह साल में अर्ध कुंभ होता है। महाकुंभ 144 साल बाद होता है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 144 साल बाद पड़ा है।

ये हैं अगले कुंभ मेले

  • हरिद्वार में 2021 में लगा था पूर्ण कुंभ। अब 2033 में लगेगा अगला पूर्ण कुंभ।
  • नासिक में पिछला सिंहस्थ कुंभ मेला 2015-16 में आयोजित किया गया था। अब 2027 में आयोजित होगा।
  • उज्जैन में 2028 में कुंभ मेला लगेगा। यहां आखिरी कुंभ मेला 2016 में लगा था।

कहां-किस नदी के तट पर होता है महाकुंभ

नासिक कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होता है। हरिद्वार में गंगा और उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे कुंभ मेला लगता है। प्रयागराज में गंगा-यमुना और अदृश्य नदी सरस्वती के संगम पर कुंभ का भव्य आयोजन किया जाता है। कुंभ मेले की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि करोड़ों श्रद्धालु बिना किसी निमंत्रण के इस भव्य एवं दिव्य मेले का हिस्सा बनते हैं।2027 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ

2027 में उत्तराखंड के हरिद्वार में अर्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड की सरकार ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि 2027 में उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन किया जाएगा। हम संतों, साधुओं और धार्मिक संगठनों के लोगों के साथ चर्चा करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि कुंभ में सर्वोत्तम व्यवस्थाएं हों और लोगों को इसका लाभ मिले।

कुंभ मेला के अखाड़े

कुंभ मेलों में अखाड़ों का सबसे खास महत्व है। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत विशाल जूलुस में अमृत स्नान करते हैं। अखाड़ों की भव्यता देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं। बता दें कि अखाड़ों की स्थापना आदि शंकराचार्य ने किया था। इसके पीछे का उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना था। पहले सिर्फ चार अखाड़े थे। मगर बाद में इनकी संख्या 13 हो गई। इनमें से सात अखाड़े भगवान शिव की आराधना करते हैं। बाद में किन्नर अखाड़ा की भी स्थापना हुई।

वैष्णव संप्रदाय के अखाड़े

  • निर्वाणी अनी अखाड़ा
  • निर्मोही अखाड़ा
  • दिगंबर अखाड़ा

शैव संन्यासी संप्रदाय के अखाड़े

  • जूना अखाड़ा
  • अग्नि अखाड़ा
  • आवाहन अखाड़ा
  • महानिर्वाणी अखाड़ा
  • निरंजनी अखाड़ा
  • आनंद अखाड़ा पंचायती
  • श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा

उदासीन संप्रदाय के अखाड़े

  • बड़ा उदासीन अखाड़ा
  • नया उदासीन अखाड़ा
  • निर्मल अखाड़ा

रेलवे ने चलाई 17 हजार से ज्यादा ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में कुल 17,152 ट्रेनें चलाईं। पिछले कुंभ की तुलना में यह संख्या चार गुना अधिक है। इसमें 7,667 विशेष और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं। रेलवे के मुताबिक प्रयागराज के 9 रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की। रेलवे ने ड्रोन और 1186 सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार अब दमकल की गाड़ियों से प्रदेश के सभी जिलों में महाकुंभ का जल पहुंचाएगी।

देहरादून समेत पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी से लौटी ठंड,जानिए कब तक रहेगा ऐसा मौसम

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। आज सुबह से प्रदेश भर के कई इलाकों में बारिश का क्रम जारी है। देहरादून समेत पहाड़ों के जिलों में बारिश से ठंड लौट आई है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की सूचना है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक मार्च तक प्रदेशभर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने से मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से चार दिन तक बारिश-बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई थी।
इसके चलते तापमान में तेजी से गिरावट होने से कड़ाके की ठंड होगी। बारिश-बर्फबारी से मैदान से लेकर पहाड़ तक के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। बागेश्वर जिले में हिमपात की संभावना बनी है। निचले भू-भाग में दोपहर बाद रिमझिम वर्षा हो रही है। किसानों को अच्छी वर्षा का इंतजार था। रबी की फसल को राहत मिलेगी। एक बार फिर से ठंड लौट आई है। गुरुवार को सुबह से आसमान में बाछल छाए रहे।
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने एक बार फिर राज्य में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में 27 और 28 तारीख को कुछ जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है
वहीं जिला देहरादून में भी कही कही भारी बारिश हो सकती है उसके साथ साथ जो पहाड़ी जिले है चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा जैसे जिलों में 3200 मीटर से ऊपर वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी इन दो दिनों में देखने को मिलेगी इसलिए इन दो दिनों में पहाड़ के अधिकाशं जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।

सुप्रीमकोर्ट का यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के मामले में सुनवाई से इंकार, जानिए क्या कहा!

News web media Uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने वाली याचिका में सुनवाई से इंकार कर दिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद विशेषज्ञों की निगरानी में यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जलाने का फैसला लिया गया था. इसे लेकर विरोध हो रहा था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह यूनियन कार्बाइड प्लांट में कचरे के निपटान से संबंधित मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि इस मामले की निगरानी पहले से ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट कर रहा है.

मामले में जस्टिस बी. आर. गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सुनवाई की है. साथ ही याचिका खारिज हो गई है. इस पूरे मामले को अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ही देखेगी. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पीथमपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में गुरुवार से कचरा को जलाए जाना था. सुप्रीम राहत मिलने के बाद कंपनी अब इस दिशा में आगे बढ़ेगी.

दरअसल, यूका कचरा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उन पर असर पड़ेगा. इसे लेकर स्थानीय लेवल पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था. हालांकि कंपनी और सरकार का कहना था कि इससे कोई नुकसान है. सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. एक्सपर्ट की अनुमति के बाद ही यह फैसला लिया गया है. कंपनी ने भी कहा कि हमारे सारे कर्मचारी वहीं रह रहे हैं. उन्हें कोई नुकसान नहीं है.

ये है हाईकोर्ट का आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे के निपटान के लिए ट्रायल रन को मंजूरी दे दी है. इसमें 30 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा. यह काम तीन चरणों में होगा. पहले चरण में 135 किलो कचरा प्रति घंटा जलाया जाएगा. दूसरे में 180 किलो और तीसरे में 270 किलो प्रति घंटा कचरा जलाया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी.

सीएम का सख्त संदेश, मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी नहीं बर्दाश्त

News web media Uttarakhand : क्षेत्रवाद को लेकर अपने ही नेताओं की बयानबाजी को लेकर असहज भाजपा अब उनका इलाज करने की तैयारी में है। वहीं आज सीएम धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने सख्त संदेश दिया कि मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पार्टी बड़बोले नेताओं के विवादित और संवेदनशील मुद्दे पर बोलने से बचने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में जिस तरह से पार्टी नेताओं के क्षेत्रवाद के मुद्दे पर बार-बार बयान आ रहे हैं, उनका विपक्ष भी उसी अंदाज में जवाब दे रहा है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के मामले में उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य में कुछ लोगों द्वारा जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है, उसे किसी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता। हमने कांग्रेस नेताओं से भी संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी न करने की आग्रह किया है। पार्टी के लोगों को इस बारे में दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

पार्टी को असहज करता रहा है कतिपय नेताओं का बर्ताव
कैबिनेट मंत्री का विवादित बयान कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी भाजपा हरिद्वार में पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर असहज हो चुकी है। चैंपियन जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पिछले एक साल के दौरान कई ऐसे मामले आए, जिनमें भाजपा और उसकी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।

सल्ट के पार्टी विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम में हुआ विवाद रहा हो या फिर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की परिवहन विभाग अधिकारी से कहासुनी या फिर सरकार के एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का मामला रहा हो। इन सभी मामलों में विपक्ष को पार्टी और सरकार पर हमला बोलने का अवसर मिला। लेकिन पार्टी अपने विवादित नेताओं का इलाज नहीं कर पाई। लेकिन अब ऐसे संकेत हैं कि पार्टी नेतृत्व इस पर कड़ा रुख अख्तियार करेगा।

600 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी बदलने के मामले में ईडी का छापा, आरोपी के बैंक खाते में जमा दो करोड़ फ्रीज

News web media Uttarakhand : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विभिन्न भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से करीब 600 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को अवैध रूप से बदलने के मामले में छापा मारा। ईडी ने कई राज्यों में तलाशी के बाद आरोपी चिराग तोमर के बैंक खाते में जमा दो करोड़ रुपये की धनराशि को फ्रीज कर दिया।
ईडी ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 20 फरवरी को दिल्ली, राजस्थान के जयपुर और महाराष्ट्र के मुंबई में छापे मारे गए थे। यह मामला विभिन्न भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों में लगभग 600 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी बदलने और उसके बाद लाभार्थियों को धनराशि के हस्तांतरण से संबंधित है।
ईडी ने बताया कि मामले की जांच एक अखबार की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि चिराग तोमर नामक एक भारतीय नागरिक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाइट कॉइनबेस की नकल करने वाली फर्जी या नकली वेबसाइटों के इस्तेमाल के जरिये सैकड़ों पीड़ितों से दो करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि चुराने के आरोप में अमेरिका में जेल की सजा काट रहा है। तोमर को पिछले वर्ष नवंबर में अमेरिका की एक अदालत ने जेल की सजा सुनाई थी।
ईडी ने कहा कि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन द्वारा विश्वसनीय वेबसाइटों को इस तरह से धोखा दिया गया था कि जब वेबसाइट को खोजा जाता था, तो नकली वेबसाइट सबसे ऊपर दिखाई देती थी। जबकि नकली वेबसाइट बिल्कुल असली जैसी दिखती थी। केवल इसमें संपर्क विवरण अलग होता था। जब यूजर लॉगिन करते थे, तो नकली वेबसाइट इसे गलत दिखाती थी। इसलिए यूजर नकली वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क करते थे जो उन्हें तोमर के बनाए गए कॉल सेंटर से जोड़ता था।
जब आरोपियों को पीड़ितों के खातों तक पहुंच मिल जाती थी, तो वे उनकी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स को अपने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में स्थानांतरित कर देते थे। ईडी ने पाया कि चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी को वेबसाइट localbitcoins.com पर बेचा जाता था और भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों में भारतीय रुपये में परिवर्तित किया जाता था। इसके बाद पैसा तोमर और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था। ईडी ने कहा कि इस धोखाधड़ी से चिराग और उसके परिवार ने करीब 15 करोड़ रुपये कमाए।

सरकारी कर्मचारियों को विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य, CS ने दिए निर्देश

News web media Uttarkhand : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को अनिवार्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को पात्र लिखकर राज्य सर्कार के अधीन काम करने वाले विवाहित कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि यूसीसी के तहत 26 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसी क्रम में हर एक जिले में नामित नोडल अधिकारी को अपने जिले में कार्यरत सभी विवाहित कर्मचारियों का विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध योजना बनानी होगी.

सीएस ने कहा कि सभी डीएम और विभागध्यक्ष सुनिश्चित करें कि विवाह पंजीकरण कि प्रक्रिया तय समय-सीमा में पूरी हो. इस संबंध में हर एक जिले को नियमित रूप से अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी. इसके अलावा हर एक विभाग में सम्बंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जो अपने विभाग के सभी विवाहित कर्मचारियों का पंजीकरण सुनिश्चित कराएगा.

मुख्य सचिव ने कहा है कि UCC पोर्टल पर निर्बाध पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए निदेशक, आई.टी.डी.ए उत्तराखंड को सभी जनपदों और विभागों को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है. यदि किसी जनपद या विभाग को तकनीकी सहयोग की आवश्यकता हो तो वे आई.टी.डी.ए के निदेशक से तत्काल समन्वय स्थापित कर सकते हैं.

उत्तराखंड बजट सत्र: बजट पास होते ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित,बना ये रिकॉर्ड,जानिए क्या खास,किसको मिला कितना

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र- 2025 आज पांचवें दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। आज बजट पारित किया गया।बजट सत्र में भू कानून समेत दस विधेयक पारित हुए थे। पह​ली बार शनिवार को भी सदन की कार्यवाही हुई।

सदन की शुरूआत हंगामे के साथ हुई। जिसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस बीच स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने भी आपत्ति जताई और ​विपक्षी विधायकों के व्यवहार पर नाराज हो गई। जिसके बाद कांग्रेस के विधायक लखपत बुटोला ने गुस्से में पर्चा फाड़कर सदन से बाहर चले गए। ​
किसी तरह से मामला शांत कराया गया। इसके बाद शिक्षा के मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने स्कूलों के जर्जर भवन का मुद्दा उठाया। जिस पर विपक्ष के कई विधायकों ने स्कूली शिक्षा को लेकर अपनी बात रखी। कांग्रेस के कई विधायकों ने बजट के कटौती का प्रस्ताव भी रखा। बाद में बजट पास किया गया । गुरुवार को वित्त मंत्री ने सदन पटल पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 101175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्र संचालन का रिकॉर्ड टूट गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने शुक्रवार को एक दिन में बिना ब्रेक सबसे लंबा 11 घंटे 51 मिनट तक सदन की कार्यवाही का संचालन कर अपना ही पूर्व का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले 28 फरवरी, 2024 को 11 घंटे 20 मिनट तक सत्र संचालन का रिकॉर्ड था। सदन के भीतर दिए गए बयान पर वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है।

इन विभागों का इतना है बजट
1) निर्वाचन के विभाग के लिए रूपये 81 करोड़ 62 लाख धनराशि स्वीकृत गई हैं। (2) वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय और अन्य सेवाओं के लिए 18190 करोड़ 74 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (3) सहकारिता के अन्तर्गत 161 करोड़ 46 लाख 62 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। (4) सिंचाई एवं बाढ़ के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए 1897 करोड़ 73 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी। (5) पर्यटन विभाग के अन्तर्गत होने वाले खर्चों की पूर्ति के लिए 478 करोड़ 76 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। (6) औद्यानिक विकास के लिए रूपये 653 करोड़ 07 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (7) शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण और संस्कृति के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए 11909 करोड़ 19 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (8) वन के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए रूपये 1114 करोड़ 83 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। (9) जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास के अन्तर्गत होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि की पूर्ति के लिए रुपये 3967 करोड़ 03 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।। (10) कृषि कर्म और अनुसंधान के अन्तर्गत रूपये 1259 करोड़ 94 लाख 66 हजार करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाये। (11) चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के अन्तर्गत सरकार ने 4292 करोड़ 95 लाख 35 हजार की बजट धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (12) ग्राम्य विकास के अन्तर्गत होने वाले खर्चों को चुकाने के लिए सरकार ने 2856 करोड़ 02 लाख 02 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई हैं। (13) लोक निर्माण विभाग (PWD) के लिए सरकार ने 2882 करोड़ 08 लाख 20 हजार का बजट स्वीकृत किया हैं। (14) पशुपालन विभाग के लिए बजट में 932 करोड़ 94 लाख 22 हजार का बजट पास किया गया हैं। (15) श्रम और रोजगार के विभाग के लिए बजट में 508 करोड़ 89 लाख 44 हजार रुपए का प्रावधान किया गया हैं। (16) राज्य सरकार की विकास योजनाओं के लिए सरकार ने 2682 करोड़ 91 लाख 72 हजार रुपए का बजट रखा हैं। (17) खाद्य विभाग का बजट सरकार ने 937 करोड़ 54 लाख 90 हजार रखा हैं। (18) विधानसभा के खर्चे के लिए 106 करोड़ 94 लाख का बजट (19)- मंत्रिमंडल के खर्च के लिए 101 करोड़ 42 लाख का बजट (20)- न्याय प्रशाशन के लिए 521 करोड़ 67 लाख का बजट (21)- राजस्व एवं सामान्य प्रशासन के लिए 2 हजार 500 करोड़ का बजट (22)- आबकारी विभाग के लिए 45 करोड़ 82 लाख का बजट (23)- लोकसेवा आयोग के लिए 33 करोड़ 93 लाख का बजट (24)- पुलिस और जेल के लिए 3 हजार 3 करोड़ 70 लाख का बजट (25)- सूचना विभाग के लिए 406 करोड़ 46 लाख का बजट (26)- ऊर्जा का बजट 1659 करोड़ 59 लाख का बजट। (27)- उद्योग विभाग के लिए 515 करोड़ 7 लाख का बजट। (28)- परिवहन के लिए 396 करोड़ 94 लाख का बजट। (29)- अनुसूचित जनजातियों के लिए 2555 करोड़ 93 लाख रुपए का बजट पास हुआ हैं।