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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तीन संदिग्ध आतंकियों की तलाश, बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू

News web media Uttarakhand : जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब स्थानीय लोगों ने तीन संदिग्ध आतंकियों को इलाके में घूमते हुए देखा। घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। कठुआ के हीरानगर सेक्टर में यह संदिग्ध गतिविधि देखी गई, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ इलाका है और पहले भी घुसपैठ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, संदिग्धों ने सेना की वर्दी पहन रखी थी और वे जंगलों की ओर जाते हुए देखे गए। तुरंत अलर्ट जारी कर इलाके की घेराबंदी की गई। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीमों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ड्रोन और स्निफर डॉग्स की भी मदद ली जा रही है।

इलाके के स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है और लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। पूरे ऑपरेशन पर आला अधिकारी निगरानी बनाए हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तीन संदिग्ध आतंकियों की तलाश, बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू

News web media Uttarakhand : जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब स्थानीय लोगों ने तीन संदिग्ध आतंकियों को इलाके में घूमते हुए देखा। घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। कठुआ के हीरानगर सेक्टर में यह संदिग्ध गतिविधि देखी गई, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ इलाका है और पहले भी घुसपैठ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, संदिग्धों ने सेना की वर्दी पहन रखी थी और वे जंगलों की ओर जाते हुए देखे गए। तुरंत अलर्ट जारी कर इलाके की घेराबंदी की गई। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीमों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ड्रोन और स्निफर डॉग्स की भी मदद ली जा रही है।

इलाके के स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है और लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। पूरे ऑपरेशन पर आला अधिकारी निगरानी बनाए हुए हैं।

संकट के समय भारत को एकजुट और मजबूत बनाता है संविधान: मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई

News web media Uttarakhand : भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कक्षों और बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधा के उद्घाटन समारोह में कहा कि जब भी देश संकट का सामना करता है, संविधान उसे एकजुट और मजबूत बनाए रखता है।

गवई ने कहा, “जब संविधान का मसौदा तैयार किया जा रहा था, तब कुछ लोगों ने इसे अत्यधिक संघीय और कुछ ने अत्यधिक एकात्मक बताया।” इस पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने उत्तर दिया था कि संविधान न तो पूरी तरह संघीय है और न ही पूरी तरह एकात्मक, बल्कि यह ऐसा संविधान है जो भारत को शांति और युद्ध दोनों समयों में एकजुट और मजबूत बनाए रखेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने संविधान के मार्गदर्शन में विकास की दिशा में कदम बढ़ाया है, जबकि हमारे पड़ोसी देशों की स्थिति अलग है। उन्होंने कहा, “जब भी देश में संकट आया है, वह एकजुट और मजबूत रहा है, और इसका श्रेय संविधान को जाता है।”

मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय हर नागरिक तक पहुंचे।

यशस्वी सोलंकी बनीं पहली महिला नौसेना अधिकारी, राष्ट्रपति की एडीसी नियुक्त

News web media Uttarakhand :  लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हें राष्ट्रपति का एडीसी (एड-डे-कैंप) नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राष्ट्रपति के एडीसी का कार्य राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करना और आधिकारिक प्रोटोकॉल सुनिश्चित करना होता है। राष्ट्रपति के पास सामान्यतः पांच एडीसी होते हैं—तीन सेना से, एक नौसेना से और एक वायुसेना से।

यशस्वी सोलंकी की नियुक्ति महिलाओं के लिए उच्च सैन्य पदों में अवसरों की बढ़ती उपलब्धता को दर्शाती है। यह कदम भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति की मंजूरी के एक दिन बाद केंद्र ने की 3 नए सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति, न्यायपालिका में बड़ा बदलाव

News web media Uttarakhand :  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के एक दिन बाद आई। ये नियुक्तियाँ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 26 मई की सिफारिशों के आधार पर की गई हैं। नए नियुक्त न्यायाधीशों में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश ए.एस. चंदुरकर शामिल हैं।

इन तीनों न्यायाधीशों को 30 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। इनकी नियुक्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 पूरी हो जाएगी।

यह नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश गवई के कार्यकाल की शुरुआत में हुई है, जो 14 मई को पदभार ग्रहण करने वाले दूसरे अनुसूचित जाति समुदाय से मुख्य न्यायाधीश हैं।

इन नियुक्तियों के साथ-साथ, कॉलेजियम ने पांच नए हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और चार मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है। इसके अलावा, 22 हाईकोर्ट न्यायाधीशों का स्थानांतरण भी प्रस्तावित किया गया है, जो न्यायपालिका में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इन नियुक्तियों से न्यायपालिका में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और वरिष्ठता को प्राथमिकता देने की परंपरा को बल मिला है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कॉलेजियम के निर्णयों, न्यायाधीशों की प्रोफाइल और संपत्ति घोषणाओं को सार्वजनिक करना शुरू किया है, जिससे न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।

30 मई को सीएम रेखा गुप्ता सरकार के हो रहे 100 दिन पूरे, पेश करेंगी अपना रिपोर्ट कार्ड

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को बताया कि 30 मई को उनकी सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं. इस खास अवसर पर वह अपनी सरकार से जुड़े रिपोर्ट कार्ड को पेश करेंगी. इस रिपोर्ट में बताया जाएगा कि अब तक दिल्ली सरकार की तरफ से जनता के हित के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं.

उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार ने दिल्ली की जनता के लिए चौबीस घंटे काम किया है. हम एक दिन भी नहीं बैठे हैं. हमने यह कोशिश की है कि दिल्ली की जनता के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो.

उन्होंने कहा कि हमारा यह कर्तव्य बन जाता है कि जिस दिल्ली की जनता ने हमें सत्ता में पहुंचाया, उन्हें हम यह बताएं कि हमारी सरकार ने अब तक उनके लिए क्या-क्या काम किए हैं? हम लोग दिल्ली में कौन-कौन सी योजनाएं लेकर आए हैं? हमने कौन-कौन से फैसले लिए हैं?

उन्होंने जलभराव की समस्या को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने दावा किया कि इस बार दिल्ली में कहीं पर भी जलभराव की समस्या पैदा नहीं हुई. अब तक तीन बार दिल्ली में भारी बारिश हो चुकी है. लेकिन, व्यवस्थित तरीके से पानी की निकासी हो रही है. कहीं पर भी जलभराव की समस्या नहीं हुई है. अगर बारिश हो रही है, तो जाहिर सी बात है कि थोड़ा बहुत पानी कहीं न कहीं जमा रह जाता है, लेकिन अब यह लंबे समय तक नहीं रहेगा, क्योंकि हमने पानी की निकासी की पूरी व्यवस्था की है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि दिल्ली में कहीं पर भी जलभराव की समस्या न हो.

उन्होंने आगे कहा कि 30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा सभी नालों से निकाला गया. हमने समुचित तरीके से नालों की सफाई की है. इस बार दिल्ली में सबसे कम जलभराव की समस्या है. एक-एक जलभराव वाले चिन्हित स्थलों के लिए हमने नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की थी, जिसकी निगरानी की जा रही है. अगर कोई भी अधिकारी इस मामले में कोताही बरतते पाया गया, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कोरोना के मामलों को लेकर कहा कि हमने स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली हैं. हम हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. हम कोरोना के मामलों पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.

उत्तराखण्ड को मिली बड़ी सौगात, सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना को मिली मंजूरी

News web media Uttarakhand : पिथौरागढ़ जनपद में गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट क्षमता की सिरकारी भ्योल रूपसिया बगड जल विद्युत परियोजना के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की लगातार कोशिशें आज रंग लाई. इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 29.997 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर आज वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (Forest Advisory Committee) द्वारा विचार किया गया. नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई.

यह परियोजना पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रूप से डिजाइन की गई है. लगभग एक किलोमीटर सुरंग निर्माण और अधिकांश संरचनाएं भूमिगत होने के कारण वन भूमि पर प्रभाव नगण्य रहेगा. परियोजना क्षेत्र में कोई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य या ईको-सेंसिटिव जोन नहीं है, और न ही इससे किसी प्रकार का विस्थापन होगा.

परियोजना से प्रतिवर्ष अनुमानित 529 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखण्ड की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को स्थायी एवं अस्थायी रोजगार, आधारभूत ढांचे का विकास और पलायन पर नियंत्रण जैसे अनेक लाभ होंगे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परियोजना को स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह परियोजना उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और समर्थन से राज्य को ऊर्जा और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि मिली है. राज्य सरकार जनकल्याण के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. यह परियोजना उत्तराखण्ड के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला बनेगी.”

गौरतलब है कि विगत में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से अपनी भेंट के दौरान इस परियोजना की स्वीकृति का अनुरोध किया था.

69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर उत्तर प्रदेश में अभ्यर्थियों का उग्र विरोध, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

News web media Uttarakhand :  उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा उबाल पर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण नियमों के उल्लंघन पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने के बाद, अभ्यर्थियों ने लखनऊ के इको गार्डन में 600 से अधिक दिनों तक धरना दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिले और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई और कई योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित किया गया। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरक्षण में विसंगति की बात स्वीकार की थी और बेसिक शिक्षा विभाग को न्यायसंगत समाधान के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ा।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और भर्ती प्रक्रिया में सुधार नहीं होता।

भारत की आपत्ति के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट दिया, सभी शर्तें पूरी बताईं

News web media Uttarakhand :  भारत की आपत्ति के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट पैकेज जारी किया है, यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने सभी आवश्यक लक्ष्य पूरे किए हैं। IMF के संचार विभाग की निदेशक, जूली कोज़ैक ने कहा कि बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया है और कुछ सुधारों में प्रगति की है, जिसके कारण कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।

यह बेलआउट पैकेज पाकिस्तान के लिए $7 बिलियन के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी। अब तक, पाकिस्तान को इस कार्यक्रम के तहत $2.1 बिलियन मिल चुके हैं।

भारत ने इस वित्तीय सहायता पर आपत्ति जताई थी, यह आरोप लगाते हुए कि यह धनराशि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने IMF से इस बेलआउट पैकेज पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।

IMF ने पाकिस्तान को 11 नई शर्तें भी दी हैं, जिनमें बजट अनुमोदन, बिजली बिलों पर ऋण सेवा अधिभार बढ़ाना और आयात प्रतिबंधों को हटाना शामिल हैं। IMF ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इन शर्तों का पालन न करने से आगामी भुगतान प्रभावित हो सकते हैं।

गांधी परिवार पर ₹142 करोड़ की अवैध आय प्राप्त करने का ईडी का आरोप

News web media Uttarakhand : दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ₹142 करोड़ की अपराध से अर्जित राशि का लाभ उठाया है। ईडी के अनुसार, यह धनराशि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों से प्राप्त किराए और अन्य आय से संबंधित है, जिसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) ने अधिग्रहित किया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से अर्जित संपत्ति प्राप्त की, बल्कि उसे बनाए भी रखा, जो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दंडनीय है। एजेंसी ने नवंबर 2023 में एजेएल से जुड़ी ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था।

यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गांधी परिवार ने एजेएल की संपत्तियों को धोखाधड़ी से यंग इंडियन के माध्यम से अधिग्रहित किया। ईडी ने 2021 में इस मामले की जांच शुरू की थी और हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है।

अदालत ने ईडी को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता स्वामी को आरोपपत्र की एक प्रति प्रदान करे। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।