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मणिपुर में कई एजेंसियों के संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने बरामद किए 32 अवैध हथियार

News web media Uttarakhand :  : मणिपुर में सुरक्षा बलों ने हाल ही में कई जिलों में संयुक्त अभियान चलाकर 114 अवैध हथियार, विस्फोटक और सैन्य उपकरण बरामद किए हैं, जिससे क्षेत्र में हथियारों की बढ़ती तस्करी और असुरक्षा की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। ​

मुख्य बरामदगी:

काकचिंग और थौबल जिले: सुरक्षा बलों ने इन जिलों में खोजी अभियानों के दौरान तीन कार्बाइन, एक एयर गन राइफल, नौ मिलीमीटर पिस्तौल, दो सिंगल बैरल गन, 14 हैंड ग्रेनेड, एक 51 मिमी मोर्टार, दो एमके-III ग्रेनेड और 4.755 किलोग्राम विस्फोटक आईईडी बरामद किए।

इंफाल पश्चिम जिला: यहां सुरक्षा बलों ने एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, एक कार्बाइन मशीन गन, एक .32 कैलिबर देशी पिस्तौल, दो 51 मिमी मोर्टार, ग्रेनेड और गोला-बारूद जब्त किए।

इन अभियानों में भारतीय सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल और इन्डो-तिब्बतन सीमा पुलिस शामिल थीं, जो क्षेत्र में अवैध हथियारों की तस्करी और उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए समन्वित प्रयास कर रही हैं।​

यहां उल्लेखनीय है कि मणिपुर में म्यांमार के नागरिक युद्ध में शामिल होकर लौटे उग्रवादियों द्वारा हथियारों का उपयोग बढ़ाया गया है, जिससे क्षेत्र में असुरक्षा की स्थिति और बढ़ गई है। ​

सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई क्षेत्र में बढ़ते हथियारों के अवैध प्रसार को रोकने और शांति-व्यवस्था स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

इन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग

News web media Uttarakhand : 8वें वेतन आयोग के गठन को जब से केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिली है, तब से सरकारी कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है. लाखों सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग लागू होते ही, उनकी सैलरी में अच्छा खासा इजाफा हो जाएगा.

हालांकि, कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जो 8वें वेतन आयोग के अंतर्गत नहीं आएंगे. यानी 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी उनके यहां सैलरी नहीं बढ़ेगी. चलिए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही ये भी बताते हैं कि 8वां वेतन आयोग लागू होने से आपकी सैलरी में कितना इजाफा होगा.

किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग

देश में फिलहाल 7वां वेतन आयोग लागू है. ये वेतन आयोग साल 2014 में गठित हुआ था और इसे साल 2016 में लागू किया गया था. आमतौर पर भारत में हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है, देश का पहला वेतन आयोग 1946 में गठित किया गया था. चलिए, अब आपको बताते हैं कि किन सरकारी कर्मचारियों पर 8वां वेतन आयोग लागू नहीं होगा.

दरअसल, जो भी कर्मचारी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) या किसी ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी होते हैं या फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज होते हैं, वो पे कमीशन के दायरे से बाहर होते हैं. यानी इन लोगों पर वेतन आयोग लागू नहीं होता. इनकी सैलरी और भत्तों के लिए नियम अलग होते हैं. यही वजह है कि 8वां वेतन आयोग इन लोगों पर लागू नहीं होगा.

8वें वेतन आयोग में कैसे बढ़ेगी सैलरी?

8वें वेतन आयोग में सैलरी हाइक फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है. यानी सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर सीधे 51000 हो जाएगी. हालांकि, ये अभी तय नहीं हुआ है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होगा.

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?

फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए किया जाता है. इसे मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू किया जाता है और इसके आधार पर नए वेतन की गणना की जाती है.

इसे ऐसे समझिए कि फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर पड़ता है. उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,500 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो उसकी कुल सैलरी 15,500 × 2.57 = 39,835 होगी.

उत्तरकाशी के कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा के लिए सीएम धामी ने किया 15 बसों का फ्लैग ऑफ

News web media Uttarakhand : मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से उत्तरकाशी जनपद के कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा के लिए 15 बसों का फ्लैग ऑफ किया. सीएम धामी ने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए बस की सुविधा उपलब्ध होने से उन्हें विद्यालय आवागमन में समय की बचत होगी. इस तरह के नवाचार से बच्चों को पठन-पाठन में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह सराहनीय प्रयास किया गया है.

उत्तरकाशी जनपद के नगरीय क्षेत्र के 15 कलस्टर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा जिला खनिज न्यास फाउण्डेशन की मद एवं अन्टाईड फण्ड से 15 बस क्रय की स्वीकृति प्रदान की गयी. प्रति बस के लिए 20 लाख की दर से कुल 03 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई. जिन प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह बस की सुविधा दी जा रही है, उनमें विकासखण्ड नौगांव के लिए 05, विकासखण्ड भटवाडी और विकासखण्ड डुण्डा के लिए 03-03, विकासखण्ड पुरोला के लिए 02 जबकि विकासखण्ड चिन्यालीसौड और विकासखण्ड मोरी के लिए 01-01 बस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

8 वर्षों में यूपी को आर्थिक शक्ति बनाने में BJP की ‘डबल इंजन सरकार’ की भूमिका, योगी आदित्यनाथ का बयान

News web media Uttarakhand : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार के आठ साल पूरे होने पर, राज्य के संघर्षशील स्थिति से आर्थिक महाशक्ति बनने तक के सफर को लेकर गर्व जताया। उन्होंने ‘डबल इंजन सरकार’ के मॉडल को इस सफलता का श्रेय दिया, जिसमें राज्य और केंद्रीय सरकार के बीच मजबूत सहयोग को प्रमुख कारण बताया।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि बीजेपी की सरकार ने कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिकीकरण के क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है। उन्होंने राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के द्रुत विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि 2025 तक उत्तर प्रदेश का GSDP ₹32 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

उत्तर प्रदेश में कृषि वृद्धि दर में सुधार हुआ है, जो 2016-17 में लगभग 5% थी और अब 13.5% से अधिक हो गई है। इसके साथ ही, राज्य में बड़ी संख्या में औद्योगिक परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है, जैसे नोएडा में दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण।

योगी आदित्यनाथ ने इसे बीजेपी सरकार की सेवा, सुरक्षा और सुशासन की प्रतिबद्धता का परिणाम बताया, जिसने उत्तर प्रदेश को भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

देवभूमि पत्रकार यूनियन का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

News web media Uttarakhand :- विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु भूषण खंडूरी ने देवभूमि पत्रकार यूनियन (पंजी.) के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र के तीन स्तंभों के साथ साथ आज भी मीडिया के दायित्व महत्वपूर्ण बने हुए हैं। इसकी जिम्मेदारी अत्यंत आवश्यक हैं। मीडिया के बदलते स्वरूप के बावजूद आज भी प्रिंट मीडिया की प्रमाणिकता कायम है।

स्थानीय उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित शपथ ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्रीमती ऋतु भूषण खंडूरी ने कहा कि आज की पत्रकारिता की भूमिका देश व समाज को सही दिशा देने में सक्षम है।

वहीं विषम परिस्थितियों से निपटने व पत्रकार हित में पत्रकार यूनियनें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। प्रेस समाज का आईना है। एक ओर जहां प्रेस को आलोचना करनी चाहिए, वहीं अच्छी बातों को भी उजागर करना चाहिए।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष जी द्वारा देवभूमि पत्रकार यूनियन की नवनिर्वाचित प्रदेश कार्यकारिणी व जिला कार्यकारिणी को पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण कराई।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि आज मीडिया व पत्रकार में घालमेल हो गया है। जबकि दोनों का कार्य अलग अलग है। आज पत्रकार अपने को मीडिया कहने लगे हैं। आज निरंतर बदलते प्रेस के स्वरूप के कारण पत्रकार का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। आज हर कोई पत्रकार बन गया है। जिस कारण प्रेस की विश्वनीयता आम जनमानस में संदेहजनक बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार संगठन एवं यूनियनों को विषम परिस्थितियों में पत्रकारिता कर रहे पत्रकार साथियों के हितों के लिए तत्पर रहना चाहिए।

इनके अतिरिक्त राज्यमंत्री विनोद उनियाल, सरोजनी सेमवाल, अरुण शर्मा, डी डी मित्तल, पंडित विजेंद्र कुमार ममगई, डॉ. एम आर सकलानी, पंडित सुभाष चंद्र जोशी आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती जी के चित्र पर दीपार्चन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। थोड़ा विलंब से पहुंचे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी जी ने उपस्तिथि पत्रकारों से उनकी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि पत्रकार कभी भी अपनी समस्याएं लेकर मुझसे मिल सकते हैं। उनके समाधान हेतु सदैव मेरा प्रयास रहेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने की तथा संचालन प्रदेश महासचिव डॉ. वी डी शर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश एवं नगर के सैंकड़ों की संख्या में सम्मानित पत्रकारगण, कवि, साहित्यकार, समाजसेवी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में जल्द होगी 789 अतिथि शिक्षकों की तैनाती

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में जल्द ही 789 अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जाएगी.

प्रवक्ता संवर्ग के इन शिक्षकों को प्रदेश के पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में कला वर्ग के विभिन्न विषयों के सापेक्ष नियुक्त किया जायेगा. शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इन शिक्षकों की शीघ्र तैनाती के निर्देश दिए हैं.

राज्य सरकार ने प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रवक्ता संवर्ग के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और राज्य लोक सेवा आयोग से प्रवक्ता शिक्षकों के मिलने में हो रही देरी को देखते हुए एक बार फिर कला वर्ग में 789 और अतिथि प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी. जिसमें हिन्दी विषय में 193, भूगोल 90, अर्थशास्त्र 194, नागरिकशास्त्र 217 तथा इतिहास विषय में 95 अतिथि शिक्षक शामिल है.इन सभी अतिथि प्रवक्ताओं को मेरिट के आधार पर जनपद आवंटित कर दिये गये हैं, जहां विभिन्न राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इन्हें संवर्गवार व विषयवार नियुक्त दी जायेगी.

जिसमें चमोली में विभिन्न विषयों के 101 अतिथि प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी. इसी तरह पिथौरागढ़ में 98, पौड़ी 154, अल्मोड़ा 90, उत्तराकशी 22, टिहरी 61, नैनीताल 39, चम्पावत 44, बागेश्वर 55, रूद्रप्रयाग 61, देहरादून 19, ऊधमसिंह नगर 42 तथा हरिद्वार में 3 अतिथि शिक्षक शामिल हैं.

कला वर्ग के सभी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्र माध्यमिक विद्यालयों में दी जायेगी. इस संबंध में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को अतिथि शिक्षकों की शीघ्र तैनाती के निर्देश दिये हैं. इसस पहले विभाग द्वारा विज्ञान वर्ग में 157 अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की गई. प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के दृष्टिगत कला वर्ग के विषयों के 789 अतिथि प्रवक्ताओं की मेरिट सूची तैयार कर जनपदों को भेज दी गई है. इन अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों के सापेक्ष शीघ्र तैनाती देने हेतु सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये है.

बांग्लादेश सेना ने ढाका में प्रदर्शनों और सुरक्षा चिंताओं के बीच ऑपरेशन्स बढ़ाए, शांति बनाए रखने की कोशिश

News web media Uttarakhand : बांग्लादेश की सेना ने ढाका में बढ़ते प्रदर्शनों और सुरक्षा चिंताओं के बीच अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है। विशेष रूप से फरवरी 2025 में शुरू हुए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ के तहत, सरकार ने हजारों लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अधिकांश शेख हसीना के समर्थक थे। यह अभियान गाज़ीपुर में छात्रों और नागरिकों पर हमले के बाद शुरू किया गया था, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया था। सेना की बढ़ी हुई उपस्थिति और उनके ऑपरेशन्स ने राजधानी ढाका में सुरक्षा स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने शांति बनाए रखने के लिए सेना को तैनात किया है, लेकिन विपक्षी दल इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला मानते हैं। इस बढ़ती सेना की उपस्थिति और कार्रवाई ने देश के भीतर और बाहर चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि यह नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन की संभावना को लेकर कई सवालों को जन्म देता है।

बांग्लादेश में होने वाले चुनावों को लेकर भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और सुरक्षा को लेकर राज्य ने कई कदम उठाए हैं। सेना की तैनाती और नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

ऋषिकेश: पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज, जानिए पूरा मामला

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और ऋषिकेश से विधायक प्रेम चंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल पर अधिकारियों की अनुमति के बिना सरकारी भूमि पर सड़क बनाने के आरोप में सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी. पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि यह मुकदमा यमकेश्वर के उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल की अदालत में दर्ज किया गया है. पीयूष अग्रवाल ने यह सड़क अपने प्रस्तावित होटल तक पहुंचने के लिए बनाई है.

उन्होंने बताया कि एक जांच रिपोर्ट में सरकारी जमीन पर मुख्य मार्ग से नीचे की ओर बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से 24 मीटर लंबी, चार मीटर चौड़ी और डेढ़ मीटर गहरी सड़क का निर्माण किए जाने की बात सामने आने के बाद पीयूष अग्रवाल के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज करने से पहले उपराजस्व निरीक्षक सीएस पुंडीर ने इस संबंध में जांच की थी और अपनी रिपोर्ट यमकेश्वर के उपजिलाधिकारी को सौंपी थी.

सीएस पुंडीर ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि यह सरकारी जमीन लक्ष्मण झूला क्षेत्र की मराल ग्राम पंचायत, पट्टी उदय पुर तल्ला के अंतर्गत गांव खैरखाल तोक में है, जिसका खसरा नंबर 5889 है. रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी दस्तावेजों में यह जगह एक झाड़ी के रूप में दर्ज है. जिलाधिकारी चौहान ने वर्तमान राजस्व उप निरीक्षक वीएस गुसाईं से दोबारा इस मामले की जांच करने को कहा, जिसमें फिर इन आरोपों की पुष्टि हुई.

इसके बाद, दो दिन पहले चन्याल की अदालत में अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया. हाल में उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पहाड़-मैदान पर ‘असंसदीय टिप्पणी’ करने को लेकर विरोधों का सामना कर रहे प्रेमचंद अग्रवाल को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

अब चहल-धनश्री पति-पत्नी नहीं, कोर्ट ने तलाक पर लगाई मुहर

News web media Uttarakhand : भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है. आज यानी 20 मार्च को चहल और धनश्री सुनवाई के लिए बांद्रा के फैमिली कोर्ट पहुंचे थे, जहां कोर्ट ने उनके तलाक की ज्वॉइंट पेटेशन को स्वीकार करते हुए तलाक को मंजूरी दे दी है.

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो गया है और इसी आधिकारिक पुष्टि चहल की ओर से केस लड़ रहे वकील नितिन कुमार ने की है. उन्होंने 20 फरवरी को कोर्ट की हियरिंग खत्म होने के बाद कहा, ‘कोर्ट ने तलाक की डिक्री दे दी है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की संयुक्त याचिका स्वीकार कर ली है. इसलिए अब चहल-धनश्री पति-पत्नी नहीं हैं.’

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक की खबर की पुष्टि हो चुकी है. हाल ही में ये खबर भी सामने आई है कि तलाक पर युजवेंद्र चहल, धनश्री वर्मा को एलिमनी के तौर पर 4.75 करोड़ रुपये देने वाले हैं. इसमें से क्रिकेटर ने 2.37 करोड़ रुपये पहले ही चुका दिए हैं.

बताते चलें, युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने 5 फरवरी को तलाक की अर्जी दी थी, जिसे लेकर 20 मार्च को फैसला होना है. दोनों ने ही शादी बचाने के लिए 6 महीने के कूलिंग ऑफ पीरियड के लिए मना कर दिया था, जिसके बाद ही बांद्रा फैमिली कोर्ट में दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी गई.

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन मिले थे. धनश्री कोरियोग्राफर हैं, जो उन दिनों ऑनलाइन डांस क्लासेस दे रही थीं, उनके स्टूटेंड में चहल भी शामिल हो गए थे. वहीं से चहल और धनश्री के बीच दोस्ती हुई और फिर प्यार हुआ. दोनों ने कोरोना काल के दौरान ही 22 दिसंबर 2020 को शादी रचा ली थी.

आगरा विवाद के बीच औरंगजेब के कृत्यों को महिमामंडित करना देशद्रोह: योगी आदित्यनाथ का कड़ा बयान

News web media Uttarakhand : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ऐतिहासिक आक्रमणकारियों की महिमामंडन को देशद्रोह के समान बताते हुए इसे ‘नई भारत’ में अस्वीकार्य करार दिया है। यह बयान महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है।

बहराइच में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा, “आक्रमणकारियों की महिमामंडन करना देशद्रोह को बढ़ावा देना है, जिसे नई भारत स्वीकार नहीं करेगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो हमारे पूर्वजों का अपमान करते हैं और आक्रमणकारियों की प्रशंसा करते हैं, वे हमारी संस्कृति और विरासत का अनादर कर रहे हैं।

यह टिप्पणी उस समय आई है जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। VHP ने सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शन किए हैं, जिसमें मजार को हटाने की मांग की गई है। यह विवाद औरंगजेब की विरासत और उनके शासनकाल में हिंदू समुदाय पर कथित अत्याचारों को लेकर लंबे समय से चली आ रही बहस का हिस्सा है।

इतिहासकारों के अनुसार, औरंगजेब के शासनकाल में साम्राज्य का विस्तार हुआ, लेकिन उनके प्रशासनिक और धार्मिक नीतियों के कारण साम्राज्य में कई चुनौतियाँ भी आईं। उनकी नीतियाँ आज भी बहस का विषय हैं, विशेष रूप से धार्मिक सहिष्णुता और प्रशासनिक निर्णयों के संदर्भ में।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह टिप्पणी ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की महिमामंडन और आलोचना पर चल रही राष्ट्रीय बहस में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो समाज के विभिन्न वर्गों में प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर रही है।