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139 करोड़ के बिजली बिल दबाए बैठे उत्तराखंड में सरकारी विभाग, भुगतान को दो दिन का अल्टीमेटम

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) का 139 करोड़ 88 लाख रुपये का बिजली बिल सरकारी विभाग दबाए बैठे हैं। अब मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को बकाया भुगतान 20 मार्च तक कराने के आदेश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी पत्र में कहा गया, चूंकि केंद्र सरकार विद्युत वितरण क्षेत्र में सुधार को आरडीएसएस योजना चला रही है। जिसके तहत यूपीसीएल को सुधारीकरण का अनुदान मिलेगा। अनुदान की एक शर्त ये भी है कि इसके लिए सभी सरकारी विभागों का बकाया बिजली बिल जमा होना चाहिए। लिहाजा, उन्होंने सभी विभागों को तत्काल पैसा जमा कराने को कहा है। 20 मार्च तक इसकी सूचना भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।

आरडीएसएस से यूपीसीएल को मिलने हैं 2,600 करोड़

संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत यूपीसीएल को 2,600 करोड़ मिलेंगे। इस रकम से यूपीसीएल का आपूर्ति इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। बिजली चोरी रुकेगी। बिजली लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। योजना में बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने के लिए एबी केबिल बिछाई जाएंगी। इसके अलावा सभी स्टेशन की क्षमता को भी बढ़ाने का काम किया जाएगा।

सरकारी विभागों पर बकाया

अल्मोड़ा-6.69 करोड़ रुपये

बागेश्वर-1.02 करोड़ रुपये

चमोली-2.39 करोड़ रुपये

चंपावत-1.14 करोड़ रुपये

देहरादून-11.97 करोड़ रुपये

हरिद्वार-61.83 करोड़ रुपये

नैनीताल-13.42 करोड़ रुपये

पौड़ी-1.55 करोड़ रुपये

पिथौरागढ़-3.40 करोड़ रुपये

रुद्रप्रयाग-1.15 करोड़ रुपये

टिहरी-5.45 करोड़ रुपये

ऊधमसिंह नगर-25.37 करोड़ रुपये

उत्तरकाशी-4.44 करोड़ रुपये

 

उत्तराखंड में 19 अप्रैल को होगा पहले चरण में मतदान, पांच सीटों पर होगी वोटिंग

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान 19 अप्रैल को होगा, जिसमें प्रदेश की पांचों सीटों पर नागरिकों का वोटिंग प्रक्रिया में शामिल होगा। इस चरण के दौरान, राज्य के नागरिक अपने नेताओं का चयन करने के लिए वोट डालेंगे, जिसके फलस्वरूप नई सरकार का गठन होगा।
यह चरण उत्तराखंड की राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह निर्णायक रूप से प्रदेश के भविष्य को निर्धारित करेगा। नागरिकों को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्तराखंड चुनाव आयोग ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं और लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित किया गया है।

श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन बलिया, उत्तर प्रदेश में हो रहा हैं।

News web media uttarakhand :देहरादून/बलिया,उत्तरप्रदेश में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन आचार्य पंडित सिद्धनाथ जी एंव अन्य विद्वान पंडितों के सानिध्य मे दिनांक 12 मार्च से 19 मार्च तक हो रहा हैं।इस आध्यात्मिक आयोजन में ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद, उत्तराखंड के अध्यक्ष सिद्ध नाथ उपाध्याय भी सम्मिलित हो रहें हैं।आपकी जन्म भूमि बलिया में इसका आयोजन हो रहा हैं।आज कें श्रीमद्भागवत कथा में बिशेष रूप में भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म दिन उत्सव मनाया जायेगा ।

 

 

लोकसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले होली का तोहफा,देहरादून में क्या है पेट्रोल डीजल के दाम,जानिए कितना पड़ा असर

News web media Uttarakhand : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम कम कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पेट्रोल के रेट आज यानि शुक्रवार को 93.11 ₹/L हो गया है। जो कि एक दिन पहले 95.21 ₹/L था। इस तरह पेट्रोल के दाम में दो रूपए 10 पैसे का अंतर आया है।
इसके साथ ही हरिद्वार में 92.60 ₹/L जबकि चमोली में 95.85 ₹/L दाम है। डीजल का दाम देहरादून में 87.95 ₹/L हो गया है। जो कि एक दिन पहले 90.29 ₹/L पर पहुंच गया था। इस तरह डीजल में दो रूपए 34 पैसे की कमी आई है। हरिद्वार में डीजल 87.43 ₹/L जबकि चमोली में 90.64 ₹/L पर आ गया है। पेट्रोल डीजल के दाम कम होने से हर चीज के दाम पर असर पड़ता है। जिससे घरेलू सामान और अन्य चीजों के दाम भी कम हो सकते हैं।
बता दें कि इस माह होली का त्यौहार भी है। इससे पूर्व सरकार ने सिलेंडर के दाम भी 100 रूपए तक कम कर दिया। जिससे लोगों को दो गुनी राहत मिली है। प्राइवेट नौकरी करने वाले अंकित काला का कहना है कि रोज कार्यालय जाने के लिए दो से चार किमी जाना पड़ता है। ऐसे में सेलरी का काफी हिस्सा पेट्र्रोल भराने में चला जाता है। पेट्रेाल डीजल के दाम कम होने से काफी राहत मिलेगी।
चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले से वे काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि इसका चुनाव पर असर जरूर पड़ता है। डॉ सुमेश ने कहा कि चुनाव से पहले भले ही सरकार ने ये फैसला लिया हो लेकिन आम आदमी को इससे फायदा ही होगा। जितने भी समय रेट कम रहेंगे। जेब पर कम असर पड़ेगा। रूचि नेगी का कहना है कि महंगाई बहुत बढ़ती जा रही है। पेट्रोल डीजल के दाम से घर का हर आइटम महंगा हो गया है। सरकार ने फेस्टिव सीजन में महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है।

उत्तराखंड में कब डाले जाएंगे वोट, जानिए पांच लोकसभा सीटों पर मतदान की तारीख

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। 4 जून को मतगणना होगी। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं टिहरी, गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल और अल्मोड़ा।
चुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। देश भर में सात चरणों में मतदान होगा। आज से ही आचार संहिता लागू हो गई है। उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीट हैं। चुनाव के लिए भाजपा पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
टिहरी गढ़वाल सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट और अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है। पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव लगाया है।
कांग्रेस ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टिहरी गढ़वाल सीट से जोत सिंह गुनसोला, पौड़ी सीट से गणेश गोदियाल और अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा पर दांव खेला गया है। दो सीटों हरिद्वार व नैनीताल पर अभी भी सस्पेंस बना है। बता दें कि 2019 में हुए चुनाव की घोषणा 10 मार्च को हुई थी। तब उत्तराखंड में पहले चरण में ही 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। 23 मई को मतगणना हुई थी।

नई दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा शुरू, एक घंटे का सफर, जानिए किराया और शिड्यूल

News web media Uttarakhand : नई दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए अब हवाई सेवा शुरू हो गई है। एलायंस एयर विमान दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल टी-3 से पिथौरागढ़ नैनीसैनी एयर पोर्ट के लिए अप्रैल माह से नियमित रूप से चलेगा। जिसका किराया लगभग 7 हजार होगा और पिथौरागढ़ से दिल्ली की यात्रा में करीब 1 घंटा लगेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए प्रारम्भ हो रही एलायंस एयर की हवाई सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए आज औपचारिक रूप से विमान सेवा का शुभारंभ कर दिया गया है। विमान के संचालन से सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एयर कनेक्टिविटी और सुदृढ़ होगी।
साथ ही सीमांत जनपदों एवं देश की राजधानी की कनेक्टविटी सीधे तौर पर जुड़ जायेगी। उन्होंने कहा पिथौरागढ़ से दिल्ली जाने में 12 से 15 घंटे लगते हैं। इस सेवा के शुरू होने से यात्रियों को सुविधा होगी एवं समय की बचत होगी। साथ ही पिथौरागढ़ क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर सीमांत क्षेत्र का विकास शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई सेवा का विस्तार हो रही है। बता दें कि धामी सरकार पिथौरागढ़ जनपद में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिश में जुटी है। पिथौरागढ़ जिले की धार्मिक महत्व वाली दो चोटियों के हेलीकॉप्टर से दर्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। आदि कैलाश और ओम पर्वत के हवाई दर्शन कराने की योजना बनाई गई है। सरकार का कहना है कि इस कदम से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन के लिए हेली सेवा अप्रैल से होगी शुरू..

News web media Uttarakhand : पर्यटन विभाग आदि कैलाश और ओम पर्वत हेली दर्शन योजना की शुरुआत अगले महीने से करने जा रहा है। इसके तहत पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय से यात्रा की शुरुआत होगी। यह यात्रा अप्रैल-मई और इस साल अक्तूबर से अगले साल मार्च तक ट्रायल के तौर पर चलेगी। व्यास घाटी में हेली सेवा के माध्यम से आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्राएं कराई जाएंगी। हेली सेवा की शुरुआत पिथौरागढ़ से होगी। पहले दिन पिथौरागढ़ हेलीपैड से गुंजी और गुंजी के होम स्टे में रात्रि विश्राम, दूसरे व तीसरे दिन हेली सेवा गुंजी से नाबिडांग और जौलिंकौंग के साथ ही कालापानी व पार्वती सरोवर एटीवी के माध्यम से यात्राएं कराने के बाद वापस गुंजी के होम स्टे में प्रवास कराया जाएगा।

चौथे दिन गुंजी से पिथौरागढ़ वापसी हेली के माध्यम से यात्रा पूरी होगी। पर्यटन विभाग का कहना हैं कि इससे एक ओर जहां स्थानीय होम स्टे संचालकों, परिवहन संचालकों, दुकानदारों को शीतकाल में व्यावसाय सुलभ होगा तो दूसरी ओर जनजातीय संस्कृति, खानपान, वेशभूषा, लोककलाओं की जानकारी पर्यटकों को मिलेगी।

समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, जानिए कब होगा उत्तराखंड में लागू

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब नियमावली बनने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने विधानसभा से यूसीसी विधेयक को पास कर राजभवन भेजा। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा।
यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई मामलों में कानूनी प्रावधान बदल जाएंगे। हरिद्वार लोकसभा सीट: धर्मसंकट में फंसी भाजपा, कांग्रेस, कहां फंसा प्रत्याशियों के चयन का मामला उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया।उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है।
इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंडियों से भी समिति ने संवाद किया। सरकार का दावा है कि समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।

सीएम धामी का गोपेश्वर में आज रोड शो, प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं कि गिरफ्तारियां

 

News web media Uttarakhand :  गोपेश्वर में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लाभार्थी सम्मान समारोह में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर में गोपेश्वर पहुंचेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे।

सीएम धामी गोपेश्वर खेल मैदान में हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे। वहाँ से नगर के चौराहे तक कार से जाएंगे और फिर उनकी कार से रोड शो के साथ पुलिस मैदान में कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोपेश्वर नगर के मुख्य चौराहे पर अंकिता हत्याकांड का खुलासा करने के साथ-साथ, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया।

देश भर में लागू हुआ CAA, अब क्या होंगे बड़े बदलाव, जानें हर एक बात

News web media Uttarakhand :  नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं इससे ठीक पहले केंद्र ने ये बड़ा फैसला लिया। सीएए के लागू होते ही बगैर दस्तावेज के अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदुओं, सिखों (गैर-मुस्लिम) को नागरिकता मिलेगी। सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया था। बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसी के चलते अब तक यह कानून लागू नहीं हो सका था। 11 मार्च की शाम को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सीएए लागू किए जाने के बाद हर किसी के मन में सवाल यही है कि आखिर इससे क्या बदलाव होंगे।

सीएए लागू होने का क्या असर होगा

सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद केंद्र सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। सरकार ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। इसमें बाहर से आए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। ये भी बताना होगा कि उन्होंने भारत में एंट्री कब ली थी। इसके बाद जरूरी जांच पड़ताल की जाएगी और फिर उन आवेदकों को नागरिकता मिल सकेगी।

सीएए कानून क्या है

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है। यह उन्हें अवैध माइग्रेशन की कार्रवाई के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है। सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।

सीएए पर विपक्ष क्यों उठा रहा सवाल

सीएए के नियमों को लेकर देश के प्रमुख विपक्षी दल सवाल खड़े करते रहे हैं। 2019 में जब ये एक्ट केंद्र सरकार संसद में लाई थी तो यह तर्क दिया गया कि ये कानून भेदभावपूर्ण है। यह मुसलमानों को टारगेट करता है, जो देश की आबादी का लगभग 15 फीसदी हैं। हालांकि, सरकार बताती है कि चूंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम बहुल इस्लामी गणराज्य हैं, इसलिए वहां के मुसलमानों को उत्पीड़ित अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता है। हालांकि, सरकार ये आश्वस्त करती है कि अन्य समुदायों के आवेदन की समीक्षा केस-दर-केस के आधार पर की जाएगी।

नागरिकता के लिए प्रवासी कैसे कर सकते हैं आवेदन?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि CAA में नागरिकता को लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। होम मिनिस्ट्री ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। जिसमें आवेदन करने वालों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बिना पूरे डॉक्यूमेंट्स के भारत में कब प्रवेश किया। उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

CAA के नोटिफिकेशन की टाइमिंग पर सवाल

सीएए लगभग चार साल पहले संसद से पास हो गया था। संसदीय प्रक्रिया के मैनुअल में बताए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी कानून के लिए नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। या फिर संसद के दोनों सदनों की अधीन विधान समितियों से विस्तार की मांग की जानी चाहिए। 2020 से गृह मंत्रालय संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है। हालांकि, दिसंबर 2023 में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए को लागू करना बीजेपी की प्रतिबद्धता थी। हालांकि, अब सीएए अधिसूचना की टाइमिंग पर विपक्ष सवाल इसलिए उठा रहा क्योंकि जल्द ही लोकसभा चुनावों की घोषणा होने वाली है। उसके बाद आदर्श आचार संहिता लागू जाएगी।

CAA के नए नियमों के तहत कितने लोग नागरिकता मांग सकते हैं?

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत रजिस्ट्रेशन के जरिए भारतीय नागरिकता दी जाती है। नौ राज्य गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं, जहां लोगों को नागरिकता दी गई। इनमें असम और पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य हैं जहां ये मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है। सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है।