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झारखंड के लिए शिवराज सिंह, जानिए चार राज्यों के लिए बीजेपी के प्रभारी

News web media Utttarakhand :  आने वाले समय में कई राज्यों में विधानसभा होने हैं. बीजेपी अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति की है. महाराष्ट्र में भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी और अश्विनी वैष्णव को चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है.

हरियाणा में धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश चुनाव प्रभारी और बिप्लब देब को प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है. वहीं झारखंड का जिम्मा शिवराज सिंह को सौंपा गया है. यहां हिमंत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी जी किशन रेड्डी को दी गई है.

देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव हुए थे. इसके परिणाम 4 जून को सामने आए. इन चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ. वह 240 पर ही सिमट गई. वहीं विपक्ष में इंडिया अलायंस 234 सीटें ही जीत पाईं. एनडीए (NDA) 293 सीटें जीत पाई. एनडीए ने केंद्र में सरकार बनाई. अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं.

इस वर्ष के अंत तक महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी ने सभी चारों राज्यों में प्रभारी और सह प्रभारी के नामों की घोषणा कर दी है.

एनसीईआरटी किताब से हटा बाबरी मस्जिद का नाम, जोड़े गए ये नए टॉपिक

News web media Uttarakhand : एनसीईआरटी की 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई रिवाइज्ड किताब मार्केट में आ चुकी है. इस किताब में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं. सबसे बड़ा बदलाव अयोध्या विवाद के टॉपिक को लेकर हुआ है, जहां किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र ही नहीं किया गया है. मस्जिद का नाम लिखने की जगह उसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ बताया गया है. अयोध्या विवाद के टॉपिक को चार की जगह दो पेज में कर कर दिया है.

एक अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या विवाद की जानकारी बताने वाले पुराने वर्जन भी हटा दिए गए हैं. इसमें गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक बीजेपी की रथयात्रा; कारसेवकों की भूमिका; 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा; बीजेपी शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन; और बीजेपी का अयोध्या में होने वाली घटनाओं पर खेद जताना शामिल है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार राजनीति विज्ञान की किताब में कौन से प्रमुख बदलाव हुए हैं.

12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद का परिचय मुगल सम्राट बाबर के जनरल मीर बाकी द्वारा निर्मित 16वीं शताब्दी की मस्जिद के रूप में किया गया. अब नई किताब में दिए चैप्टर में इसके बारे में कुछ इस तरह से जिक्र किया गया है, “एक तीन-गुंबद वाली संरचना, जो साल 1528 में श्री राम के जन्मस्थान स्थल पर बनाई गई थी, लेकिन संरचना के आंतरिक और बाहरी हिस्सों में हिंदू प्रतीकों और अवशेषों को साफ देखा जा सकता था.”

दो पन्नों से ज्यादा में अयोध्या विवाद का जिक्र करने वाली पुरानी किताब में फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला अदालत के आदेश पर फरवरी 1986 में मस्जिद के ताले खोले जाने के बाद ‘दोनों तरफ से’ लामबंदी के बारे में बात की गई थी. इसमें सांप्रदायिक तनाव, सोमनाथ से अयोध्या तक आयोजित रथ यात्रा, दिसंबर 1992 में राम मंदिर के निर्माण के लिए स्वयंसेवकों द्वारा की गई कार सेवा, मस्जिद का विध्वंस और उसके बाद जनवरी 1993 में हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र किया गया था. पुरानी किताब में बताया गया कि कैसे बीजेपी ने अयोध्या में हुई घटनाओं पर खेद व्यक्त किया और धर्मनिरपेक्षता पर गंभीर बहस का उल्लेख किया.

ऊपर बताई गई बातों को एक नए पैराग्राफ के साथ नई किताब में रिप्लेस किया गया है. नई किताब में लिखा गया है, “1986 में, तीन-गुंबद वाली संरचना के संबंध में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला अदालत ने संरचना के ताले को खोलने का फैसला सुनाया, जिससे लोगों को वहां पूजा करने की इजाजत मिली. यह विवाद कई दशकों से चल रहा था क्योंकि ऐसा माना जाता था कि तीन गुंबद वाली संरचना एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद श्री राम के जन्मस्थान पर बनाई गई थी.”

इसमें आगे लिखा गया है, “हालांकि, मंदिर का शिलान्यास किया गया था, फिर भी आगे निर्माण पर पाबंदी रही. हिंदू समुदाय को लगा कि श्री राम के जन्मस्थान से संबंधित उनकी चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है, जबकि मुस्लिम समुदाय ने संरचना पर अपने कब्जे को लिए आश्वासन मांगा. इसके बाद स्वामित्व अधिकारों को लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ा, जिसकी वजह से विवाद और कानूनी संघर्ष देखने को मिले. दोनों समुदाय लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे का निष्पक्ष समाधान चाहते थे. 1992 में ढांचे के विध्वंस के बाद कुछ आलोचकों ने तर्क दिया कि इसने भारतीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की.”

नई किताब में सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले का भी हुआ जिक्रराजनीति विज्ञान की किताब के नए वर्जन में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक सब-सेक्शन जोड़ा गया है. इसका शीर्षक- ‘कानूनी कार्यवाही से सौहार्दपूर्ण स्वीकृति तक’ है. इसमें कहा गया है कि किसी भी समाज में संघर्ष होना स्वाभाविक है, लेकिन एक बहु-धार्मिक और बहुसांस्कृतिक लोकतांत्रिक समाज में इन संघर्षों को आमतौर पर कानून की पालन करते हुए हल किया जाता है. किताब में आगे अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के 5-0 के फैसले का जिक्र है. उस फैसले ने मंदिर निर्माण के लिए रास्ता तैयार किया. इस साल ही मंदिर का उद्घाटन किया गया है.

किताब में आगे लिखा गया है, “फैसले ने विवादित स्थल को राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आवंटित कर दिया और संबंधित सरकार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए उचित स्थान आवंटित करने का निर्देश दिया. इस प्रकार, लोकतंत्र संविधान की समावेशी भावना को कायम रखते हुए हमारे जैसे बहुलवादी समाज में संघर्ष के समाधान के लिए जगह देता है.”

इसमें आगे लिखा गया है, “पुरातात्विक उत्खनन और ऐतिहासिक अभिलेखों जैसे साक्ष्यों के आधार पर कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए इस मुद्दे को हल किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समाज में बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया. यह एक संवेदनशील मुद्दे पर आम सहमति बनाने का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो भारत में लोगों के बीच निहित लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाता है.”

पुरानी किताब में विध्वंस के दौर के समय अखबार में लिखे आर्टिकल की तस्वीरें थीं, जिनमें 7 दिसंबर 1992 का एक आर्टिकल भी शामिल था. इसका शीर्षक था ‘बाबरी मस्जिद ध्वस्त, केंद्र ने कल्याण सरकार को बर्खास्त किया’. 13 दिसंबर, 1992 को छपे एक अखबार के आर्टिकल की एक हेडलाइन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह कहते हुए कोट किया गया है, ‘अयोध्या बीजेपी की सबसे खराब गलतफहमी है.’ नई किताब में सभी अखबारों की कटिंग को हटा दिया गया है.

सीएम धामी के निर्देश के बाद, 13 आईएएस अधिकारियों को दी गई प्रभारी की ज़िम्मेदारी-देखें लिस्ट

News web media Utttarakhand : लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद उत्तराखंड में योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड के 13 ज़िलों के लिए अलग अलग प्रमुख सचिव और सचिव आईएएस अधिकारियों को समन्वय की ज़िम्मेदारी सौंपी है.

ज़िलों में विकास कार्य समीक्षा और स्थानीय प्रशासन से समन्वय के लिए राज्य सरकार ने 13 वरिष्ठ आईएएस को उत्तराखंड के 13 ज़िलों में प्रभारी नामित किया गया है. जिससे प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों की गति को आगे बढ़ाया जा सके.

माना जा सकता है कि जिस तरह से चार धाम यात्रा के शुरूआती दौर में अव्यवस्थाओं और भीड़ प्रबंधन में सामंजस्य की कमी और समस्याओं की बढ़ोत्तरी हुई थी उसके बाद कमान खुद सीएम धामी ने संभाली थी. ऐसे में ये वो तरह सुपर ब्यूरोक्रेट्स हैं जिनके ज़िम्मे अब सरकार की योजनाओं को रफ़्तार देने की बहुत अहम ज़िम्मेदारी है.

चंद्रबाबू नायडू ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, चौथी बार बने आंध्र के सीएम

News web media Uttarakhand : तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू आज आंध्र प्रदेश के सीएम पद की शपथ लेंगे. नायडू का विजयवाड़ा के केसरपल्ली आईटी पार्क में 11 बजकर 27 मिनट पर शपथ लेने का कार्यक्रम है. चंद्रबाबू नायडू चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा विजयवाड़ा पहुंच चुके हैं.

नायडू के अलावा पवन कल्याण समेत 25 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. आंध्र प्रदेश विधानसभा की सदस्य संख्या (175) के अनुसार, मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 26 मंत्री हो सकते हैं. पवन कल्याण को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. इसमें चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकश भी शामिल हैं. आंध्र प्रदेश में टीडीपी-पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. NDA को 164 विधानसभा सीट मिली हैं. इनमें से टीडीपी को 135, जनसेना पार्टी को 21 और बीजेपी को 8 सीट मिली हैं.

 

 

इससे पहले आंध्र प्रदेश के गवर्नर अब्दुल नजीर ने नायडू को आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने का न्योता दिया. एनडीए नेताओं के अनुरोध के बाद राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने नायडू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.

शपथ से पहले क्या बोले नायडू?

चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को NDA विधायकों को संबोधित किया. नायडू ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी राज्य के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है और इसके लिए ‘आश्वासन’ दिया गया है. उन्होंने संकल्प जताया कि अमरावती आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी और पोलावरम परियोजना को पूरा किया जाएगा.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम को आर्थिक राजधानी और एक उन्नत विशेष शहर के रूप में विकसित किया जाएगा. टीडीपी प्रमुख ने हाल के चुनावों के बारे में एनडीए की भारी जीत को अभूतपूर्व बताया. नायडू के अनुसार, उन्होंने पहले भी कई चुनावों की समीक्षा की है, लेकिन 2024 के चुनावों ने उन्हें सबसे अधिक संतुष्टि दी है.

शपथग्रहण में कौन-कौन होगा शामिल

  • पीएम मोदी
  • अमित शाह
  • जेपी नड्डा
  • नितिन गडकरी
  • राजमोहन नायडू
  • जीतन राम मांझी
  • जी किशन रेड्डी
  • चिराग पासवान
  • जयंत चौधरी
  • एकनाथ शिंदे
  • मोहन यादव

ट्रैकिंग दल के साथ घटित दुर्घटना की सीएम ने मंडलायुक्त को दी मजिस्ट्रीरियल जांच के निर्देश

News web media Utttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक रूट पर मौसम खराब होने के कारण ट्रैकिंग दल के साथ घटित दुर्घटना की मजिस्टीरियल जांच के निर्देश दिये हैं। उक्त मजिस्टीरियल जाच करने हेतु आयुक्त, गढ़वाल मण्डल को नामित किया गया है। आयुक्त, गढ़वाल मण्डल को निर्देश दिये गये हैं कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर फंसे पर्यटकों की खोज एवं बचाव के लिए संचालित रेस्क्यू अभियान पर निरंतर नजर रखे रहे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान में हर संभव विकल्पों और संसाधनों का प्रयोग करने की भी हिदायत अधिकारियों को दी थी।
ज्ञांतव्य है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर हादसे की सूचना मिलते ही रातों-रात वायु सेना से लेकर निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर्स जुटाने के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू करने में दक्ष व अनुभवी रेस्क्यूअर्स की अनेक टीमों को तैयार कर अगले दिन तड़के ही कई दिशाओं से जमीनी व हवाई रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया और दोपहर होने तक सभी जीवित ट्रैकर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया था।
मुख्यमंत्री शुरू से इस अभियान को लेकर निरंतर जिलाधिकारी से अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री ने इस हादसे में ट्रैकर्स की मौत होने पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को इस रेस्क्यू अभियान में हर संभव विकल्पों पर कार्रवाई करने के साथ ही उत्कृष्ट संसाधनों एव विशेषज्ञ रेस्क्यूअर्स को जुटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि सहस़्त्रताल क्षेत्र में फंसे जीवित पर्यटकों के जीवन के रक्षा के लिए कोई भी कसर न रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जटिल व अत्यंत चुनौतीपूर्ण अभियान को तेजी से संचालित करने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सभी लोगों, विभागों व संगठनों ने पूरा प्रयास किया। फलस्वरूप इस हादसे में जीवित सभी व्यक्तियों को गत दिन ही सुरक्षित निकालने में सफलता मिली है।

PM मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर साधा निशाना, बोले- हम हारे कहां से भाई, ये एनडीए की महाविजय

News web media Uttarakhand :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता चुने जाने के बाद, शुक्रवार को संसदीय दल को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर एनडीए सरकार को सबसे सफल गठबंधन माना। संबोधन के दौरान, उन्होंने विपक्ष और उनके इंडी गठबंधन को मजबूती से घेरा। ईवीएम को लेकर भी विपक्षी गठबंधन को उन्होंने कड़ी से कड़ी आलोचना की।

एनडीए की एक बार फिर से महाजीत के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उच्चारों में देश को एक बड़ी सफलता की दिशा में देखने का संदेश दिया। उन्होंने चुनाव परिणामों की ताकत को अपनी सरकार के जीतने की प्रमुखता के रूप में पेश किया, और कहा कि विजय की सच्चाई उनकी सरकार के काम के जरिए प्रमाणित होती है।

साथ ही उन्होंने विपक्ष के आरोपों का मुखारण किया, कहा कि ईवीएम की अर्थी निकालने की योजना उनके देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से हटाने की चेष्टा थी। उन्होंने भी देश के लोकतंत्र की महत्ता को उजागर किया, और अपने विरोधियों की बातों का खंडन किया, कहते हुए कि भारत विदेश में एक महान लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा है।

उत्तराखंड में किस सीट पर कितने बजे आएगा परिणाम, इस वीआईपी सीट पर देरी से आएगा रिजल्ट

Dehradun Milap : मंगलवार 4 जून को लोकसभा चुनाव के​लिए हुए वोटिंग की मतगणना को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है।
कल सुबह 8 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश में 884 टेबल पर ईवीएम के मतों की गणना, जबकि डाक मतपत्रों की गिनती के लिए 218 टेबल लगाई गई है।
मतगणना के लिए 5500 से ज्यादा कर्मचारियों​की तैनाती रहेगी। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। कल सभी सीटों पर परिणाम आने हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी. निर्वाचन आयोग के अनुसार सबसे पहले लोकसभा चुनाव पोस्टल बैलेट की गणना होगी। सुबह 8:30 बजे से ईवीएम के वोट गिने जाएंगे। उत्तराखंड में करीब 58 फीसदी वोट पड़े थे। जबकि 1 लाख पोस्टल बैलेट से मतदान हुआ है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा है कि उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से चार पर परिणाम काउंटिंग शुरू होने के 5 से 6 घंटे के अंदर आ जाएंगे। जबकि एक लोकसभा सीट पर काउंटिंग में थोड़ा ज्यादा समय लगेगा।
इस एक सीट का रिजल्ट शाम 4 से 5 बजे तक आ सकता है। बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि अल्मोड़ा पिथौरागढ़, नैनीताल उधमसिंह नगर, टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीटों की मतगणना दोपहर 1 से 2 बजे तक पूरी हो जाएगी। इन चारों सीटों का परिणाम दोपहर 2 बजे तक घोषित हो जाएगा। पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट की मतगणना में देरी होगी। इस सीट पर मतगणना शाम 4 से 5 बजे तक पूरी होने की उम्मीद है। पौड़ी लोकसभा सीट पर पोस्टल बैलेट अधिक हैं। इस कारण इस लोकसभा सीट पर थोड़ा ज्यादा समय लगेगा।
कांग्रेस के पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिल छोटा नहीं करने को कहा है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि एग्जिट पोल से अपना मनोबल गिरने नहीं दें, बल्कि 4 जून को होने वाली मतगणना पर कड़ी नजर रखें।

अमृतसर में उत्तराखंडियों के साथ CM धामी ने किया संवाद, कांग्रेस-आप को लिया आड़े हाथों

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंजाब के अमृतसर में प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ संवाद किया। इस दौरान सीएम धामी ने अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पार्टियां भ्रष्टाचार के दल दल में धंसी हुई है। तो वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की।
प्रवासी उत्तराखंडियों के संवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 20 वर्ष में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। उन्होंने अपना एक एक पल देशवासियों को समर्पित किया है। पूरे पंजाब में लोगों का रुझान मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए बढ़ता जा रहा है।
तो वहीं, उन्होंने कहा कि लोगों ने पंजाब में अकाली दल, आप पार्टी और कांग्रेस की सरकार बना कर देख लिया है। आप शासन में नशा का कारोबार करने वाले बढ़ गए। पंजाब के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ये पार्टियां भ्रष्टाचार के दल दल में धंसी हुई है। इनके दावे खोखले हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी परिवार वाले, एक वर्ग विशेष की चिंता करने वाले और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोग हैं उन्होंने ठगबंधन बना लिया है, जिसे देश की जनता ने नकार दिया है। अब तक छह चरण के चुनाव हो चुके हैं और इन चुनाव में कश्मीर से कन्याकुमारी तक मोदी जी और भाजपा की लहर है।
सीएम धामी ने कहा कि लोगों ने मन बना लिया है और वो मोदी को समर्थन दे रहे हैं। मोदी जी के नेतृत्व में पूरे देश का विकास तेजी से आगे बढ़ा है। देश के अंदर ऐसे फैसले लिए गए हैं जिनका इंतजार लोगों को आजादी के समय से ही था। सीएए को लागू करना हो या फिर तीन तलाक का कानून। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कई निर्णय लिए गए हैं।
कहा कि आज उत्तराखंड हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने 2022 के चुनाव में जनता से यूसीसी का वादा किया था, जिसे हमने पूरा किया है। अब देवभूमि से निकली यह गंगोत्री पूरे देश को राह दिखाएगी। कहा कि पंजाब में धर्मांतरण एक चुनौती बन गया है, लेकिन हमने उत्तराखंड में इसके लिए कठोर कानून बनाया है।

उत्तराखंड: सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 3253 पदों पर भर्ती… डीएलएड वाले होंगे पात्र

News web media Uttarakhand : प्रदेश में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 3253 पदों पर भर्ती के लिए शिक्षा विभाग को चुनाव आयोग से मंजूरी मिल गई है। जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इसमें 1,250 पद वर्ष 2018, 2020 एवं 2021 की रुकी भर्ती के हैं। भर्ती के लिए बीएड डिग्री को अमान्य करने के बाद केवल डीएलएड वाले ही इन पदों पर भर्ती के पात्र होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए विभाग ने वर्ष 2018, 2020 एवं 2021 में 3099 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।

उस दौरान शिक्षक भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता बीएड और डीएलएड को मान्य किया गया था, लेकिन बाद में शासन ने एनआईओएस से डीएलएड को भी मान्य कर दिया। कुछ समय बाद शासन ने एनआईओएस से डीएलएड मान्य वाला आदेश रद्द कर दिया, जिससे भर्ती विवादों में उलझ गई। इसके बाद सरकार ने बीएड अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए अमान्य कर दिया है।

इसके लिए सेवा नियमावली 2012 में संशोधन किया गया है। हालांकि, इस संशोधन से पहले डीएलएड के साथ ही कुछ बीएड अभ्यर्थी 1849 पदों पर भर्ती हो चुके हैं। विभाग की ओर से अब पूर्व के अवशेष 1250 पदों के साथ ही वर्तमान में खाली 2033 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करनी है।

ब्राह्मण और बनियों में भी गरीब होते हैं, क्या उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए: पीएम मोदी

News web media Uttarakhand : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल उठाया कि क्या ब्राह्मण, बनियों में भी गरीब नहीं होते, क्या उनके बच्चों को भी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गरीब सवर्ण परिवार के बच्चों को भी 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया. पीएम मोदी ने इसी के साथ ओबीसी कोटे से मुस्लिमों को आरक्षण देने पर भी कांग्रेस पर हमला बोला.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस वाले ओबीसी का आरक्षण खत्म करके मुस्लिमों को दे देना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में ऐसा करके भी दिखाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन वाले इसे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने इसी के साथ ये भी कहा कि हमारी सरकार में ऐसा कभी नहीं हो सकता. दलितों, पिछड़ों का हक नहीं छिनने देंगे.

ओबीसी का हक छीनने की साजिश

प्रधानमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण में कटौती करने का ताजा उदाहरण पश्चिम बंगाल में सामने आया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किये जाने का मुद्दा उठाया और ममता बनर्जी पर सीधा हमला किया. पीएम ने कहा कि दो दिन पहले ही वहां कोलकाता हाईकोर्ट ने 77 मुस्लिम जातियों के आरक्षण को खत्म कर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा करके इंडिया गठबंधन वाले ओबीसी के हक पर डाका डालना चाहते हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान और अदालतें इनके लिए कोई मायने नहीं रखतीं. इनके लिए केवल वोट बैंक मायने रखता है.

वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा भी उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने में पूर्व सैनिकों के साथ बड़ा धोखा किया है. पीएम ने कहा कि हमने कांग्रेस के 500 करोड़ के बदले सवा लाख करोड़ रुपये दिये. वास्तविक वन रैंक वन पेंशन हमारी सरकार में लागू किया गया.

नौकरी देने के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हिमाचल के लोगों से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में एक लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, महिलाओं को 1500 रुपये देने का वादा किया, गोबर का पैसा देने का वादा किया था. पीएम ने इसी के साथ कांग्रेस पर तंज कसा कि यहां तो नौकरी की परीक्षा वाले आयोग पर ही ताला लगा दिया गया.