Blog

नई दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा शुरू, एक घंटे का सफर, जानिए किराया और शिड्यूल

News web media Uttarakhand : नई दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए अब हवाई सेवा शुरू हो गई है। एलायंस एयर विमान दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल टी-3 से पिथौरागढ़ नैनीसैनी एयर पोर्ट के लिए अप्रैल माह से नियमित रूप से चलेगा। जिसका किराया लगभग 7 हजार होगा और पिथौरागढ़ से दिल्ली की यात्रा में करीब 1 घंटा लगेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए प्रारम्भ हो रही एलायंस एयर की हवाई सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए आज औपचारिक रूप से विमान सेवा का शुभारंभ कर दिया गया है। विमान के संचालन से सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एयर कनेक्टिविटी और सुदृढ़ होगी।
साथ ही सीमांत जनपदों एवं देश की राजधानी की कनेक्टविटी सीधे तौर पर जुड़ जायेगी। उन्होंने कहा पिथौरागढ़ से दिल्ली जाने में 12 से 15 घंटे लगते हैं। इस सेवा के शुरू होने से यात्रियों को सुविधा होगी एवं समय की बचत होगी। साथ ही पिथौरागढ़ क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर सीमांत क्षेत्र का विकास शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई सेवा का विस्तार हो रही है। बता दें कि धामी सरकार पिथौरागढ़ जनपद में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिश में जुटी है। पिथौरागढ़ जिले की धार्मिक महत्व वाली दो चोटियों के हेलीकॉप्टर से दर्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। आदि कैलाश और ओम पर्वत के हवाई दर्शन कराने की योजना बनाई गई है। सरकार का कहना है कि इस कदम से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन के लिए हेली सेवा अप्रैल से होगी शुरू..

News web media Uttarakhand : पर्यटन विभाग आदि कैलाश और ओम पर्वत हेली दर्शन योजना की शुरुआत अगले महीने से करने जा रहा है। इसके तहत पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय से यात्रा की शुरुआत होगी। यह यात्रा अप्रैल-मई और इस साल अक्तूबर से अगले साल मार्च तक ट्रायल के तौर पर चलेगी। व्यास घाटी में हेली सेवा के माध्यम से आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्राएं कराई जाएंगी। हेली सेवा की शुरुआत पिथौरागढ़ से होगी। पहले दिन पिथौरागढ़ हेलीपैड से गुंजी और गुंजी के होम स्टे में रात्रि विश्राम, दूसरे व तीसरे दिन हेली सेवा गुंजी से नाबिडांग और जौलिंकौंग के साथ ही कालापानी व पार्वती सरोवर एटीवी के माध्यम से यात्राएं कराने के बाद वापस गुंजी के होम स्टे में प्रवास कराया जाएगा।

चौथे दिन गुंजी से पिथौरागढ़ वापसी हेली के माध्यम से यात्रा पूरी होगी। पर्यटन विभाग का कहना हैं कि इससे एक ओर जहां स्थानीय होम स्टे संचालकों, परिवहन संचालकों, दुकानदारों को शीतकाल में व्यावसाय सुलभ होगा तो दूसरी ओर जनजातीय संस्कृति, खानपान, वेशभूषा, लोककलाओं की जानकारी पर्यटकों को मिलेगी।

समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, जानिए कब होगा उत्तराखंड में लागू

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब नियमावली बनने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने विधानसभा से यूसीसी विधेयक को पास कर राजभवन भेजा। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा।
यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई मामलों में कानूनी प्रावधान बदल जाएंगे। हरिद्वार लोकसभा सीट: धर्मसंकट में फंसी भाजपा, कांग्रेस, कहां फंसा प्रत्याशियों के चयन का मामला उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया।उत्तराखंड की अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है।
इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंडियों से भी समिति ने संवाद किया। सरकार का दावा है कि समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।

सीएम धामी का गोपेश्वर में आज रोड शो, प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं कि गिरफ्तारियां

 

News web media Uttarakhand :  गोपेश्वर में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लाभार्थी सम्मान समारोह में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर में गोपेश्वर पहुंचेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे। इसके बाद वह नगर में रोड शो भी करेंगे।

सीएम धामी गोपेश्वर खेल मैदान में हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे। वहाँ से नगर के चौराहे तक कार से जाएंगे और फिर उनकी कार से रोड शो के साथ पुलिस मैदान में कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोपेश्वर नगर के मुख्य चौराहे पर अंकिता हत्याकांड का खुलासा करने के साथ-साथ, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया।

देश भर में लागू हुआ CAA, अब क्या होंगे बड़े बदलाव, जानें हर एक बात

News web media Uttarakhand :  नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं इससे ठीक पहले केंद्र ने ये बड़ा फैसला लिया। सीएए के लागू होते ही बगैर दस्तावेज के अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदुओं, सिखों (गैर-मुस्लिम) को नागरिकता मिलेगी। सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया था। बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसी के चलते अब तक यह कानून लागू नहीं हो सका था। 11 मार्च की शाम को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सीएए लागू किए जाने के बाद हर किसी के मन में सवाल यही है कि आखिर इससे क्या बदलाव होंगे।

सीएए लागू होने का क्या असर होगा

सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद केंद्र सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। सरकार ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। इसमें बाहर से आए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। ये भी बताना होगा कि उन्होंने भारत में एंट्री कब ली थी। इसके बाद जरूरी जांच पड़ताल की जाएगी और फिर उन आवेदकों को नागरिकता मिल सकेगी।

सीएए कानून क्या है

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है। यह उन्हें अवैध माइग्रेशन की कार्रवाई के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है। सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।

सीएए पर विपक्ष क्यों उठा रहा सवाल

सीएए के नियमों को लेकर देश के प्रमुख विपक्षी दल सवाल खड़े करते रहे हैं। 2019 में जब ये एक्ट केंद्र सरकार संसद में लाई थी तो यह तर्क दिया गया कि ये कानून भेदभावपूर्ण है। यह मुसलमानों को टारगेट करता है, जो देश की आबादी का लगभग 15 फीसदी हैं। हालांकि, सरकार बताती है कि चूंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम बहुल इस्लामी गणराज्य हैं, इसलिए वहां के मुसलमानों को उत्पीड़ित अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता है। हालांकि, सरकार ये आश्वस्त करती है कि अन्य समुदायों के आवेदन की समीक्षा केस-दर-केस के आधार पर की जाएगी।

नागरिकता के लिए प्रवासी कैसे कर सकते हैं आवेदन?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि CAA में नागरिकता को लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। होम मिनिस्ट्री ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। जिसमें आवेदन करने वालों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बिना पूरे डॉक्यूमेंट्स के भारत में कब प्रवेश किया। उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

CAA के नोटिफिकेशन की टाइमिंग पर सवाल

सीएए लगभग चार साल पहले संसद से पास हो गया था। संसदीय प्रक्रिया के मैनुअल में बताए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी कानून के लिए नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। या फिर संसद के दोनों सदनों की अधीन विधान समितियों से विस्तार की मांग की जानी चाहिए। 2020 से गृह मंत्रालय संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है। हालांकि, दिसंबर 2023 में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए को लागू करना बीजेपी की प्रतिबद्धता थी। हालांकि, अब सीएए अधिसूचना की टाइमिंग पर विपक्ष सवाल इसलिए उठा रहा क्योंकि जल्द ही लोकसभा चुनावों की घोषणा होने वाली है। उसके बाद आदर्श आचार संहिता लागू जाएगी।

CAA के नए नियमों के तहत कितने लोग नागरिकता मांग सकते हैं?

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत रजिस्ट्रेशन के जरिए भारतीय नागरिकता दी जाती है। नौ राज्य गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं, जहां लोगों को नागरिकता दी गई। इनमें असम और पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य हैं जहां ये मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है। सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है।

नए कानून के तहत न हो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर की गई मांग

News web media Uttarakhand : निर्वाचन आयोग में रिक्त पड़े चुनाव आयुक्त दो पदों को भरने के लिए जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक होने वाली है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार नए कानून  चुनाव आयुक्त (सेवा की शर्तें और व्यवसाय का संचालन) अधिनियम, 2023 के तहत चुनाव आयुक्त की नियुक्ति न होने दे।

कांग्रेस नेता जया ठाकुर की तरफ से यह याचिका अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद डाली गई है। चुनाव आयोग में फिलहाल आयुक्तों के तीन पदों में से दो पद खाली हैं। सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही निर्वाचन आयोग में इकलौती सदस्य रह गए हैं। इससे पहले अनूप पांडे फरवरी में चुनाव आयुक्त पद से रिटायर हुए।

आजादी से पहले बने रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए पहली एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू,सीएम धामी ने भी किया सफर

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर एक्सप्रेस के संचालन में टनकपुर से देहरादून तक अनेक महत्वपूर्ण शहरों को सीधे जोड़ा गया है, जिससे लोगों को सुविधा होगी। इस एक्सप्रेस के माध्यम से बनबसा, खटीमा, पीलीभीत, भोजीपुरा, बरेली सिटी, बरेली जंक्शन, चंदोसी, मुरादाबाद, नजीबाबाद, लक्सर, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों को यात्रा करने का आसानी से विकल्प भी मिलेगा और उनका समय भी बचेगा।
इसके साथ ही यह ट्रेन सेवा इन शहरों से मां पूर्णागिरी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात का एक बेहतर विकल्प भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी ट्रेन से टनकपुर से खटीमा तक की यात्रा की तथा ट्रेन में यात्रियों से मुलाकात कर उनका फीडबैक लिया तथा सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रही हैं। पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं तथा आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है । 2014 के बाद से भारतीय रेल एक नए रूप में हमारे सम्मुख है।
आज जहां एक ओर ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म करके भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर आज भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। दुर्गम पहाड़ो के बीच से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक ट्रेन का संचालन होना किसी सपने का साकार होने जैसा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर तेज गति से कार्य चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है और जल्दी ही इसमें भी काम शुरू हो जायेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तराखंड के छह स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। देहरादून से आनन्द विहार के बीच इसी वर्ष वन्दे भारत ट्रेन का संचालन होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
अब शीघ्र ही हमें देहरादून से अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमने मॉ पूर्णागिरी धाम में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाये जाने के उद्देश्य से पूर्णागिरी मंदिर रोपवे के निर्माण हेतु 45 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही ककरालीगेट से पूर्णागिरी धाम तक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने एवं श्रद्धालुओं की सुलभ सुविधाओं हेतु केदारनाथ की तर्ज पर मास्टर प्लान बनाये जाने हेतु योजना तैयार की जा रही है। शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत हरिद्वार तथा ऋषिकेश की तर्ज पर घाट का निर्माण किया जाएगा जहां प्रातः एवं सायं काल आरती प्रतिदिन भव्य रूप से की जाएगी।

 

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में पहुंचे, जंगल सफारी से किया काजीरंगा की प्राकृतिक खूबसूरती का लिया आनंद

News web media Uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में जंगल सफारी के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने जीप से काजीरंगा की प्राकृतिक खूबसूरती को देखा। इसके बाद पीएम ने हाथी की सवारी भी की। उनके दौरे से जुड़ी तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी जंगल सफारी का पूरा आनंद ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यहां नेशनल पार्क की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से भी मुलाकात की।  प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार सुबह असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभयारण्य में हाथी और जीप सफारी की।  पीएम मोदी ने काजीरंगा नेशनल पार्क की खूबसूरती को अपने कैमरे में भी कैद किया। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले उद्यान के ‘सेंट्रल कोहोरा रेंज’ के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी की और उसके बाद उसी रेंज के अंदर जीप सफारी की।

काजीरंगा नेशनल पार्क में पीएम मोदी के साथ उद्यान निदेशक सोनाली घोष और अन्य वरिष्ठ वन अधिकारी भी मौजूद रहे। काजीरंगा नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने हाथियों को संभालने वाले महावतों से भी मुलाकात की। अपने सफारी के दौरान पीएम मोदी ने काजीरंगा की महिला वन रक्षकों की टीम ‘वन दुर्गा’ के सदस्यों से भी मुलाकात की। नेशनल पार्क में इस टीम ने वन्यजीवों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, अनुप्रिया पटेल को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा

 

News web media Uttarakhand :  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में अपना दल (सोनेलाल) प्रमुख अनुप्रिया पटेल को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की खतरे के आकलन रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय का ये फैसला आया है.

गौरतलब है कि, इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. उन्नत सुरक्षा कवर के अनुसार, पटेल की चौबीसों घंटे सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कमांडो तैनात किए जाएंगे.

बता दें कि, Z श्रेणी की सुरक्षा के तहत, कुल 33 सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाते हैं, जिनमें वीआईपी के घर पर रहने वाले 10-सशस्त्र स्टैटिक गार्ड, छह राउंड-द-क्लॉक पीएसओ, तीन शिफ्ट में 12-सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो, शिफ्ट में दो चौकीदार और तीन ट्रेंड ड्राइवर शामिल होते हैं.

गौरतलब है कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय देश के महत्वपूर्ण लोगों पर खतरों को लेकर नियमित बैठकें करता है. स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ बढ़ते तनाव के बीच जनवरी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को Z+ सुरक्षा दी गई थी.

होली पर प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर के लिए चलेंगी पवन हंस बसें, आलमबाग से मिलेगी सुविधा

 

News web media Uttarakhand : होली पर यात्रियों की सुविधा के लिए आलमबाग बस टर्मिनल से प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी के लिए एसी वाॅल्वो पवन हंस बसों का संचालन किया जाएगा। कुल आठ बसों को चलाया जाएगा। इनके टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी गई है।

यह बसें आलमबाग बस टर्मिनल से तीन शहरों के बीच रोजाना आवागमन करेंगी। बसों की समयसारिणी तय कर दी गई है। आलमबाग टर्मिनल से वाराणसी के लिए सुबह आठ बजे, दोपहर तीन और रात 10 बजे पवन हंस बस चलेगी। ऐसे ही प्रयागराज के लिए शाम छह, सात व आठ व रात 10 बजे एवं गोरखपुर के लिए सुबह 10:30 बजे वोल्वो रवाना होगी।

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि परिवहन निगम की सभी एसी बस सेवाओं के किराये में 10 फीसदी की छूट चल रही है। यात्री इस छूट का लाभ 31 मार्च तक ले सकेंगे। इस दौरान यात्री परिवहन निगम की वॉल्वो, शताब्दी, स्लीपर, जनरथ बसों में सस्ते किराये में सफर कर सकते हैं।