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उनके बोलने का समय पूरा हो गया था..ममता के आरोपों पर सरकार ने दिया जवाब

News web media uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो रही है, जिसमें कई राज्यों के सीएम मौजूद हैं, इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, लेकिन वह बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं. सीएम ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और उनका माइक बंद कर दिया गया. उनके इन आरोपों को सरकार ने खारिज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि उनके बोलने का समय पूरा हो गया था, जिसकी वजह से उनका माइक बंद कर दिया गया.

दिल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक को बजट में हुए भेदभाव का आरोप लगाते हुए विपक्ष के दलों ने बायकॉट किया है, जिसके बावजूद ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होती नजर आईं, लेकिन वह कुछ ही समय में इस बैठक को छोड़कर बाहर निकल गईं. ममता ने बैठक से बाहर आकर मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि बैठक में उनके बोलने पर रोक लगा दिया गया और माइक बंद किया गया.

बोलते समय बंद किया गया माइक

ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है, जब बैठक के दौरान उन्होंने फंड की मांग की तो उनके माइक को बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में उन्हें केवल 5 मिनट ही बोलने का समय दिया गया. ममता ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गैर एनडीए शासित राज्यों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है.

बैठक में ममता ने कौन से मुद्दे उठाए ?

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बैठक बीच में छोड़ कर आई हूं. उन्होंने बताया कि चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10-12 मिनट तक बात की, लेकिन जब मेरी बारी आई तो मुझे सिर्फ 5 मिनट में ही रोक दिया गया, जो कि गलत है. ममता ने बताया कि वो बैठक में इसलिए शामिल हुईं थी क्योंकि कई मुद्दों को उठाना था, जिनमें सहकारी संघवाद को मजबूत करना क्योंकि एक राज्य मजबूत है, तो संघ मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि मेरे साथ कई क्षेत्रों की आकांक्षाएं हैं जिनके लिए मैं यहां पर हूं, मेरा आज यही कहना था कि सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए, मैं उन सभी राज्यों की ओर से बोल रही हूं जिन्हें वंचित रखा गया है, दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव क्यों?

बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट में बंगाल सहित कई राज्यों को वंचित रखा गया है और कहा कि बजट पूरी तरह से राजनीतिक रूप से पक्षपाती है. ममता ने कहा कि नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय अधिकार दें या योजना आयोग को वापस लाएं. विपक्ष की ओर से, मैं सहकारी संघवाद को मजबूत करने के लिए यहां हूं, लेकिन सरकार सहकारी संघवाद के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने मनरेगा फंड की बात करते हुए कहा कि पिछले तीन सालों से बंगाल को मनरेगा फंड से वंचित रखा गया है, कुछ भी भुगतान नहीं किया गया.

केंद्र सरकार ने खारिज किए आरोप

केंद्र सरकार ने ममता के लगाए गए इन आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि ममता बनर्जी के किए जा रहे सभी दावे गलत हैं. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी का माइक समय खत्म होने पर बंद किया गया था, यहां तक कि समय बताने के लिए बेल भी नहीं बजाई गई थी. आगे उन्होंने बताया कि नाम के आधार पर ममता बनर्जी की बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के स्थान पर बोलने दिया गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने जल्दी बोलने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्हें जल्दी वापस लौटना था.

माइक बंद करने का आरोप है झूठा- वित्त मंत्री

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सरकार पर जो आरोप लगाए हैं उन सभी आरोपों के बारे में बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम ममता इस बैठक का हिस्सा थीं और हम सभी उन्हें सुना है. उन्होंने कहा कि हर राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने के लिए एक लिमिटेड समय दिया गया था और उस समय को दिखाने के लिए उनकी टेबल पर एक स्क्रीन लगाई गई थी. वित्त मंत्री ने बताया कि ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो कि पूरी तरह से झूठ है. आगे उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है. उन्हें सच बोलना चाहिए, न कि झूठ पर बनाई गई एक कहानी.

बेईमानी का रोना रो रहे- प्रहलाद जोशी

ममता बनर्जी के इस आरोपों पर मीडिया ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से भी बात की. जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि नीति आयोग की बैठक में क्या हुआ है, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह तथाकथित इंडी गठबंधन बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वह कांग्रेस को कितना सम्मान वह देती हैं, यह सभी जानते हैं. वे लोगों के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं, वे बेईमानी का रोना रो रहे हैं.

युवाओं-मध्यम वर्ग को मिलेगी नई ताकत- प्रधानमंत्री मोदी, जानिए और क्या-क्या बोले बजट पर पीएम मोदी

News web media Utttarakhand :  आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों और युवाओं को प्रगति की राह पर अग्रसर करेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और यह बजट उनकी आर्थिक प्रगति को बनाए रखने में सहायक होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बजट युवाओं को अनगिनत अवसर प्रदान करेगा और मिडिल क्लास को नई ताकत देगा।

इसके अलावा, जनजातीय समाज, दलित, और पिछड़े वर्गों को सशक्त करने के लिए इस बजट में मजबूत योजनाएं शामिल की गई हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में यह बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम सब मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे। इस बजट में लघु उद्योगों के लिए ऋण की आसानी बढ़ाने वाली नई योजनाओं का ऐलान किया गया है। विनिर्माण और निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को हर जिले तक ले जाने के लिए बजट में अहम घोषणा की गई है। यह बजट स्टार्टअप, नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ढेर सारे नए अवसर लेकर आया है।’

भारतीय राजदूत के रूप में विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में किया गया नियुक्त

News web media Uttarakhand : अमेरिका में भारत के नए राजदूत के नाम का एलान कर दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया है।  आपको बता दें कि क्वात्रा इसी महीने विदेश सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। अब उन्हें अमेरिका में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद जनवरी में तरनजीत सिंह संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से रिक्त पड़ा था। क्वात्रा का कार्यकाल इस वर्ष 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। क्वात्रा की जगह विक्रम मिस्री को विदेश सचिव नियुक्त किया गया है। विदेश सचिव बनने से पहले विनय मोहन क्वात्रा, भारत के दूत के रूप में चीन, अमेरिका, फ्रांस में काम कर चुके हैं।

भारत-अमेरिका के संबंधों में उथल-पुथल के बीच क्वात्रा की नियुक्ति
अमेरिका के राजूदत के तौर पर विनय क्वात्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब भारत-अमेरिका संबंधों में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका ने हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा पर भी सवाल उठाए थे, और रूस के साथ भारत के संबंधों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा भारत पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित तौर पर हत्या करने की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है। भारतीय मूल के विवेक गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिकी अधिकारियों के कहने पर उसे अमेरिका भेज दिया गया था।

ये लोग भी बन चुके हैं रिटायर होने के बाद राजूदत
2011 में यूपीए शासनकाल के दौरान भारत सरकार ने निरुपमा राव को विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद अमेरिका का राजूदत बनाया गया था। वे 2011 से 2013 तक इस पद पर रही थीं। उनके बाद वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर, अरुण कुमार सिंह, नवतेज सरना, हर्षवर्धन श्रृंगला और तरनजीत सिंह संधू ने यह कार्यभार संभाला। हालांकि, ये सभी रिटायर नहीं हुए थे। वैसे और भी कई ऐसे रिटायर आईएफएस अधिकारी रहे हैं, जो इस महत्वपूर्ण पद को संभाल चुके हैं। इनमें 1966 बैच के आईएफएस अधिकारी कंवल सिब्बल नवंबर 2003 में विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद 2004 से 2007 तक रूस में भारत के राजदूत रहे। इसके अलावा 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी रंजन मथाई 2013 में विदेश सचिव के पद से रिटायर हुए। उन्हें उसी साल दिसंबर महीने में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था।

उत्तराखंड में UCC लागू करने को लेकर सीएम 22 को करेंगे समीक्षा बैठक, नियमावली लगभग तैयार

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संदर्भ में सभी 17 संबंधित विभागों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की योजना बनाई है, जो 22 जुलाई को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए तैयारियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

बैठक में यूसीसी नियमावली और क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के साथ-साथ अन्य सभी सदस्यों की उपस्थिति रहेगी। इस सत्र में गृह, राजस्व, पुलिस और विधायी विभागों के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे, जो यूसीसी कानून को लागू करने की प्रक्रिया पर विस्तार से विचार करेंगे।

गृह विभाग के सचिव के साथ बैठक में शादियों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और कानून लागू करने से पहले यूसीसी एक्ट की 10 हजार प्रतियां छापने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

सरकार और यूसीसी क्रियान्वयन समिति इस समय यह विचार कर रही है कि सितंबर से यूनिफॉर्म सिविल कोड के नियमों को लागू कर दिया जाए। इसके बाद नवंबर तक पूरी तरह से यूसीसी कानून को अमल में लाने की योजना है। इस योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा के लिए विधायी विभाग के सचिव के साथ एक महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।

सीयूईटी यूजी परीक्षा में कितने अंक वाले होंगे पास? जानें सभी वर्गों के लिए पासिंग मार्क्स

News web media Uttarakhand : कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा कुल 800 अंकों की होती है। निश्चित ही विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन पाने के लिए अधिक से अधिक अंक लाने होते हैं। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि सीयूईटी यूजी परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक क्या है, तो आपको बता दें कि एनटीए की तरफ से कोई न्यूनतम उत्तीर्ण अंक सुनिश्चित नहीं किया गया है। सीयूईटी परीक्षा में कई अलग-अलग पाठ्यक्रम और कार्यक्रम हैं, जिनमें से प्रत्येक के लिए सीयूईटी उत्तीर्णता अंक और अन्य पूर्वापेक्षाएं अलग-अलग हैं।

सभी वर्गों के लिए पासिंग मार्क्स क्या है?
अनुमानित आंकड़े के अनुसार सीयूईटी यूजी परीक्षा पास करने के लिए कम से कम 300 से 400 अंक विद्यार्थियों को लाने ही चाहिए। सामान्य और ओबीसी (OBC) श्रेणियों के लिए सीयूईटी उत्तीर्ण अंक 400 से 450 के बीच होने की उम्मीद है। सीयूईटी सेक्शन-। भाषा A और B दोनों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 80 से 90 के बीच होंगे। सीयूईटी के सेक्शन-। डोमेन विशिष्ट विषयों को पास करने के लिए कम से कम 120 अंक प्राप्त करना आवश्यक है।

कई पारंपरिक परीक्षाओं के विपरीत, जिनमें उत्तीर्णता के लिए एक निश्चित अंक होता है, सीयूईटी में कोई मानक उत्तीर्णता अंक नहीं है जो सभी पाठ्यक्रमों, विषयों और कॉलेजों पर लागू हो।

सीयूईटी उत्तीर्ण अंकों का अनुमानित वर्गीकरण 

  • बहुत अच्छा स्कोर 700+ है, और सामान्यीकृत स्कोर 200 से ऊपर होने की उम्मीद है।
  • सीयूईटी में अच्छे अंक 500-650 के बीच होते हैं, तथा सामान्यीकृत अंक 170-200 के बीच होते हैं।
  • सीयूईटी में औसत स्कोर 400-600 के बीच होता है, और सामान्यीकृत स्कोर 140-170 के बीच होता है।
  • सीयूईटी में न्यूनतम स्कोर 200-400 के बीच होगा, तथा सामान्यीकृत स्कोर 110-130 के बीच होगा।

कट-ऑफ का निर्धारण कौन और कैसे करता है?

परीक्षा बोर्ड जल्द ही सीयूईटी यूजी परीक्षा कट-ऑफ की घोषणा करेगा। भाग लेने वाले संस्थान अपने कट-ऑफ स्कोर निर्धारित करेंगे। मेरिट सूची पर विचार करने के लिए छात्रों को अपेक्षित कट-ऑफ अंक के बराबर या उससे अधिक अंक प्राप्त करने होंगे।

मंगलौर उपचुनाव को लेकर गरमाई सियासत,भाजपा-कांग्रेस पहुंची निर्वाचन आयोग,हरीश रावत ने दिया धरना

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान सम्पन्न हो गया है। मंगलौर सीट पर दो पक्षों में हुए विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा इस मामले में आमने सामने आ चुकी हैै। दोनों ने ही निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरिद्वार देहात कार्यालय में जाकर घटना के विरोध में धरना दिया है।
हरीश रावत ने हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत से यह घटना हुई। मंगलौर मंगलौर विधानसभा के लिबरहेडी में हुए विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून को ज्ञापन सौंपा।कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस प्रशासन एवं मतदान कर्मियों की मौजूदगी में गोलीबारी एवं बाहरी राज्यों से गुंडे लाकर घटना को अंजाम दिया। उधर मंगलाैर में किसान इंटर कॉलेज मुंडलाना में लोगों ने धीमी गति से मतदान का आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि वह सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन ढाई बजे तक भी उनका नंबर नहीं आया। जिसके बाद हंगामा हो गया। बाद में भारी पुलिस बल तैनात किए गए।
भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर साजिश से मंगलोर चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि वहां हुई घटना को लेकर बाहर से आए कांग्रेसियों ने अफवाह फैलाकर माहौल खराब कर मतदान प्रभावित करने की कोशिश की हैं। सचिवालय स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में आर आर वी पुरुषोत्तम से हुई मुलाकात में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के साथ राजपुर विधायक खजान दास समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान सौंपे गए पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि आज मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में मतदान के समय जो घटना घटित हुई, उसको लेकर पूर्ण रूप से बाहरी विधानसभा से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मंगलौर विधानसभा में घूमकर अफवाह फैलाने का काम किया है।
आरोप लगाया कि वर्ग विशेष में झूठी अपवाहें फैलाकर वहां का माहौल खराब करने की साजिश को अंजाम दिया गया। इस सबके पीछे उनका प्रयास वहां के चुनाव को प्रभावित किये जाने का था। कांग्रेस द्वारा पूर्णतया सोची समझी रणनीति के तहत इस घटनाक्रम को अंजाम दिया है जो पूरी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए विधानसभा उपचुनाव के जिन बूथों पर चुनाव उल्लंघित हुआ है वहां की निष्पक्ष जांच करते हुये आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, नीट परीक्षा विवाद पर होगा निर्णय

News web media Uttarakhand  :  नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं. उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच आज उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का विरोध किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि परीक्षा रद्द होने से उन लाखों छात्रों को नुकसान होगा जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी.

नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में निम्नलिखित मुद्दों पर कहा है

  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है यह तो स्पष्ट है. अगर परीक्षा वाले दिन ही बच्चों को पेपर मिला था और उसे याद किया गया इसका मतलब पेपर केवल स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ था, लेकिन अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि आप जानते हैं कि हम यह क्यों पूछ रहे हैं? यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि लीक और परीक्षा के बीच समय अंतराल अधिक नहीं था तो यह दोबारा परीक्षा के लिए प्रतिकूल है और यदि समय अंतराल व्यापक है तो यह दर्शाता है कि लीक व्यापक था. यदि पवित्रता प्रभावित होती है तो पुनः परीक्षण करना पड़ता है, लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है. अगर हम देखें कि यह लीक सोशल मीडिया पर था तो यह बेहद व्यापक है. अगर यह टेलीग्राम व्हाट्सएप के माध्यम से है तो यह जंगल की आग की तरह फैल गया होगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने एनटीए को पेपर प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने की प्रक्रिया से संबंधित 11 सवालों पर जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम यह जनना चाहते हैं कि पेपर लीक की टाइमलाइन और पेपर के बीच के अंतराल कितना है. 23 लाख से ज्यादा छात्र हैं और बड़े पैमाने पर अगर इसमें गड़बड़ी है तो हमें पेपर रद्द करना होगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा बैंक लॉकर में पेपर कब भेजे गए, क्या समय था परीक्षा का? एनटीए के वकील ने कहा कि 5 मई, दोपहर 2 बजे. देश में 4700 और 15 केंद्र विदेश में बनाए गए थे. इस परीक्षा में 24 लाख कैंडिडेट बैठे. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा विदेश कैसे भेजे गए? एनटीए ने कहा कि एंबेसी के जरिए. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा देश में किसी अधिकारी के जरिए या किस तरह शहरों में पेपर भेजे गए? एनटीए ने कहा हम जानकारी करके बताते हैं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा कि यह कैसे कहा जा सकता है कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ हुई है?
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि तो प्रश्नपत्र का लीक होना एक स्वीकृत तथ्य है. इस पर एसजी ने कहा कि पटना में एक जगह जहां अपराधी को गिरफ्तार किया गया है और जो छात्र लाभार्थी थे उनके परिणाम रोक दिए गए हैं.
  • याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है. एनटीए का कहना है कि ये सब छोटे स्तर पर हुआ. इसकी जांच सीबीआई कर रही है, जबकि मामले में 6 एफआईआर हुईं और अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जांच कर रही है. यह पेपर लीक कहां तक है, जबकि पटना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड और राजस्थान तक सामने आया है.
  • याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है.
  • उन्होंने कहा कि परीक्षा की साख से समझौता किया गया है. अगर प्रणालीगत स्तर पर धोखाधड़ी की साजिशों के लाभार्थियों को बेदाग लोगों से अलग नहीं किया जा सकता है तो इस अदालत ने पहले एक फैसले में माना है कि एक भी उम्मीदवार को अनुचित तरीकों से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • छात्रों के वकील ने कहा कि कुल 6 FIR बिहार, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में हुई हैं. अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जांच कर रही है, लेकिन परीक्षा की साख नहीं रह गई. एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है, यह बड़े पैमाने पर है और प्रणालीगत स्तर पर है. एनटीए का कहना है कि अभी तक वे निश्चित नहीं हैं कि गलती प्रणालीगत स्तर पर है या नहीं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि आपके मुताबिक पूरी परीक्षा रद्द किया जाना ही हल है. एसजी ने कहा कि मान लीजिए मुझे गलत पेपर मिल गया तो दूसरा दिया जा सकता है. परीक्षकों को भी नहीं पता था कि पेपर एसबीआई में हैं या केनरा में, कोई आकस्मिक पेपर नहीं है. गलत पेपर दे दिया गया इसलिए सही बांट दिया गया बाद में, इनमें से कुछ केंद्रों पर 30 मिनट अतिरिक्त दिए गए. वकील ने कहा लेकिन 1563 में अनुग्रह अंकों के साथ 6 छात्र ऐसे थे जिन्होंने पूर्ण अंक प्राप्त किए. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि ठीक है 1563 में से 6 को पहले पूरे अंक मिले, दोबारा परीक्षण के बाद नहीं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने बड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा आखिर हमें बताएं कि री-टेस्ट क्यों जरूरी है? इस पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने कहा कि परीक्षा लीक हुई. पूरा सिस्टम फेल हुआ. साख खत्म हो गई परीक्षा की, गलत हुआ है.
  • उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस को संगठित अपराध के सबूत मिले हैं. मैंने नीचे एक टेबल दी है. 2021 में केवल तीन उम्मीदवारों को पूरे 720 अंक मिले थे. 2020 में केवल एक उम्मीदवार था. इस बार इतिहास में 67 छात्रों को पूरे अंक मिले. सीजेआई ने कहा कि 67 में से कितनों को ग्रेस मार्क्स मिले? क्या यह कहना सही है कि 1563 छात्र उस केंद्र से उपस्थित हुए जहां प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित किया गया था?
  • वकील ने कहा कि जो पेपर इस्तेमाल किया जाना था वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ( तिजोरी) में था और जो आकस्मिक योजना के तौर पर रखा जाना था वह केनरा बैंक में था. लीक होने के बाद एनटीए ने कहा कि इस्तेमाल होने वाला प्रश्न केनरा बैंक से है और इससे समय की हानि हुई भी.
  • छात्रों के वकील ने कहा कि परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 4 मई को एक टेलीग्राम चैनल ने खुलासा किया कि यह प्रश्न पत्र है और ये उत्तर हैं. 5 मई को परीक्षा थी.
  • सीनियर वकील ने कहा कि हम इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी किया गया था और परिणाम 14 जून को था. इसे पहले ही स्थगित कर 4 जून किया गया. कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र मांगे और 5 मई को परीक्षा हुई, इस तरह घोटाला हुआ.
  • याचिकाकर्ता छात्रों के वकीलों ने कहा कि हम चाहते हैं कि नीट-यूजी की परीक्षा रद्द कर दी जाए.
  • अब सुप्रीम कोर्ट लंच के बाद सुनवाई करेगा. बैंच सुनवाई के लिए 2 बजे बैठेगी.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम सभी वकीलों की दलील नहीं सुन सकते. सिर्फ कुछ ही पक्ष रखें.
  • परीक्षा को रद्द न करने की मांग करने वाले गुजरात स्थित छात्रों की ओर से पेश वकील का उल्लेख किया गया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि कृपया मामले का निपटारा होने तक प्रतीक्षा करें.
  • NEET-UG परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है.

केंद्र सरकार ने अपने हलफना में कहा है कि नीट का इम्तिहान होने के बाद कुछ गड़बड़ियां, धोखाधड़ी, चीटिंग के मामले कथित तौर पर सामने आए हैं. इन्हीं के चलते चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में जब अभी तक ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं जो इशारा करते हैं की देशभर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या धोखाधड़ी हुई है. यह सही नहीं होगा कि पूरे एग्जाम को रद्द कर दिया जाए.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने आरोपों की जांच पहले ही शुरू कर दी है और 23 जून को जांच का जिम्मा संभालने के बाद इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं. नीट परीक्षा में धांधली का विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया. इसमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन भी शामिल हैं.

काउंसलिंग हो चुकी स्थगित

एनटीए ने 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी और 6 जून को परिणाम घोषित किए गए थे. 8 जुलाई को निर्धारित सुनवाई से पहले NEET UG 2024 के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी, लेकिन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा में महीने के अंत तक काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है. अभी तक नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.

 

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर सीबीआई को जारी किया नोटिस

Dehradun Milap : आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

बताया गया कि इसी तारीख पर सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और इसके बाद जारी रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई होगी।

कोर्ट में क्या बोले केजरीवाल के अधिवक्ता

केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जहां यहां ट्रिपल टेस्ट का दूर-दूर तक आरोप लगाया गया हो। इस मामले में चार लोगों को जमानत मिल चुकी है। केजरीवाल को दो साल बाद गिरफ्तार किया गया है।

सिंघवी ने तर्क दिया कि केजरीवाल को ईडी मामले में ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई है और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। केजरीवाल कोई घोषित अपराधी या आतंकवादी नहीं हैं। केजरीवाल सिर्फ कुछ अंतरिम राहत की मांग कर रहे हैं।

उत्तराखंड में अधिकारियों के बंपर तबादले, देखें पूरी लिस्ट

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड शासन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. शासन ने मंगलवार को 15 आईएएस सहित कुल 17 अफसरों के तबादले कर दिए हैं. देर रात इसके आदेश जारी किए गए.

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से आवास, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से शहरी विकास और सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा से आपदा प्रबंधन विभाग का दायित्व हटा दिया गया है. आईएएस शैलेश बगौली को फिर गृह सचिव की जिम्मेदारी दी गई है.

लोकसभा चुनाव के दौरान उनसे गृह सचिव का प्रभार हटा कर सचिव दिलीप जावलकर को दे दिया गया था. बगौली कारागार का भी जिम्मा देखेंगे. बगौली को सचिव सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी से मुक्त कर दिया गया है. जावलकर को सहकारिता का प्रभार दिया गया है.

कार्मिक सतर्कता विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के विभागों को यथावत रखते हुए उन्हें आवास, आयुक्त आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के प्रभार दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण से मुक्त किया गया है. बाकी विभाग यथावत रहेंगे.

अध्ययन अवकाश से लौटे सचिव नितेश झा को शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी व विज्ञान प्रौद्योगिकी का जिम्मा दिया गया है. सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास और निदेशक मत्स्य का जिम्मा दिया गया. सचिव रंजीत कुमार सिन्हा से आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाएं हटा दिए गए हैं. उन्हें तकनीकी शिक्षा का जिम्मा दिया गया है.

सचिव हरि चंद्र सेमवाल को पंचायती राज से मुक्त करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास व आयुक्त खाद्य का जिम्मा दिया गया है. सचिव चंद्रेश यादव से जनगणना, संस्कृत शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग हटाते हुए पंचायती राज का जिम्मा दिया गया है. सचिव बृजेश कुमार संत से समाज कल्याण, आयुक्त समाज कल्याण, अध्यक्ष बहुउद्देश्यीय, वित्त विकास निगम हटाकर ये सभी प्रभार सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को दिए गए हैं. खैरवाल से नियोजन हटा दिया गया है. संत से आयुक्त खाद्य हटाकर उन्हें सचिव परिवहन और आयुक्त परिवहन का प्रभार दिया गया है.

सचिव डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय से आवास, आयुक्त आवास, अपर मुख्य प्रशासक आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना, वित्त एवं निदेशक ऑडिट हटाकर कृषि एवं कृषक कल्याण का प्रभार दिया गया है. सचिव विनोद कुमार सुमन को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास व सहकारिता हटाकर सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास, सचिव एसडीएमए, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित दिए गए हैं. भारतीय संचार सेवा के अधिकारी दीपक कुमार को सचिव जनगणना, संस्कृत शिक्षा व आईएफएस पराग मधुकर धकाते को विशेष सचिव जलागम का जिम्मा दिया गया है.

CLAT 2025: क्लैट परीक्षा 2025 के लिए 7 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी होगा

News web media Uttarakhand  : कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (सीएनएलयू) कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी) 2025 के लिए अधिसूचना 7 जुलाई को आधिकारिक वेबसाइट consortiumofnlus.ac.in पर जारी करेगा। सीएनएलयू से पाठ्यक्रम, आवेदन प्रक्रिया और परामर्श प्रक्रिया सहित परीक्षाओं के बारे में महत्वपूर्ण विवरण साझा करने की उम्मीद है। CNLU की आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, “CLAT 2025 का विज्ञापन 7 जुलाई, 2024 को प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित होने वाला है।” इससे पहले, CLAT 2025 परीक्षा की तारीखों की घोषणा मई में की गई थी, बयान के अनुसार, प्रवेश परीक्षा 1 दिसंबर, 2024 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा दोपहर 2 से 4 बजे तक एक ही पाली में आयोजित की जाएगी। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) भारत के 22 राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर कानून कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। परीक्षा का संचालन कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा किया जाता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर इन संस्थानों का प्रतिनिधित्व करता है। CLAT 2025: पात्रता मानदंड, CLAT UG 2025 के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कम से कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। एससी/एसटी छात्रों के लिए 40 फीसदी अंक जरूरी है. साथ ही 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।
लाॅ प्रेप देहरादून के निदेशक एस.एन.उपाध्याय ने बताया कि बीते वर्ष इस परीक्षा से 23 एनएलयू जुड़े थे। इस साल एनएलयू अगरतला भी जुड़ा है। यानी इस बार 24 एनएलयू के लिए यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा में 120 मिनट में विद्यार्थियों को 120 प्रश्न हल करने होंगे। इसमें 24 प्रश्न अंग्रेजी, 24 प्रश्न लाजिकल रीजनिंग, 32 प्रश्न लीगल रीजनिंग, 28 प्रश्न सामान्य ज्ञान/सम-सामयिक व 12 प्रश्न अंक गणित के होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। प्रत्येक गलत जवाब पर 1/4 अंक काट लिए जाएंगे। सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चार हजार और एससी-एसटी व बीपीएल वर्ग को 3500 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा।