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उत्तराखंड में नासूर बना पलायन, 2.85 लाख घरों में लटके ताले

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड 9 नवंबर को अपना 24 वां स्थापना दिवस का जश्न मनाने जा रहा है. इन 24 वर्षों में प्रदेश ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए विकास के नए आयाम छुए हैं. लेकिन, इन सभी उपलब्धियों के बीच एक समस्या है, जो अब भी राज्य के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े कर रही है. वह है, उत्तराखंड के गांवों से हो रहा पलायन. खाली होते गांव और घटती आबादी,थमने का नाम नहीं ले रही है. विकास के साथ-साथ चल रही एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ी हो रही है. क्या इन 24 सालों में इस संकट का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. आइए समझते हैं आखिर देवभूमि उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या क्यों बनकर उभरी.

उत्तराखंड ने अपने 24 वर्षों के सफर में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिन्होंने राज्य में मूलभूत सुविधाओं के ढांचागत विकास को मजबूत किया है. लेकिन जब हम इस विकास की रफ्तार पर नज़र डालते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या इतने वर्षों का समय इन कार्यों के लिए बहुत ज्यादा नहीं है? राज्य गठन के बाद से ही पलायन उत्तराखंड का सबसे बड़ा और जटिल मुद्दा रहा है, जिसका समाधान अब तक स्पष्ट रूप से नजर नहीं आया. हालांकि विगत वर्षों में पलायन को रोकने के लिए सरकारों ने कई प्रयास किए है. उन्हीं में से एक है- एक पलायन निवारण आयोग का गठन. त्रिवेंद्र रावत जब मुख्यमंत्री थे तब इस आयोग का गठन किया था. लेकिन मौजूदा समय में किसी भी सरकार के लिए पलायन को रोकना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.

2.85 लाख घरों में लटके ताले
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि पलायन के चलते उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में 2.85 लाख घरों में ताले लटके हैं. यही नहीं, 1,034 गांव घोस्ट विलेज घोषित किए जा चुके हैं. यानी इन गांवों में कोई नहीं रहता और वहां के घर खंडहर में तब्दील हो गए हैं. करीब 2000 गांव ऐसे हैं, जिनके बंद घरों के दरवाजे पूजा अथवा किसी खास मौके पर ही खुलते हैं. गांवों से पलायन का असर असर खेती पर भी पड़ रहा है. सरकार भी मानती है कि 2001 से अब तक 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील हो गई है. हालांकि, गैर सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो बंजर कृषि भूमि का रकबा एक लाख हेक्टेयर से अधिक हो सकता है.

रुद्रप्रयाग: दशज्यूला क्षेत्र की दशकों पुरानी सड़क की लंबित मांग अब हुई पूर्ण, क्षेत्रवासियों ने सीएम का जताया आभार

News web media Uttarakhand : जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत दशज्यूला क्षेत्र की कोटखाल-जगतोली मिसिंग मोटर मार्ग जरम्वाड तक मिलाने की स्वीकृति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 13 सितंबर 2024 को प्रदान की गई थी. दशकों से क्षेत्रवासी इस सड़क की मांग कर रहे थे. जगतोली दशज्यूला विकास महोत्सव 2024 को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सड़क निर्माण की घोषण की थी. मुख्यमंत्री को बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना था. किन्तु भारी वर्षा के कारण कार्यक्रम में शामिल नही हो पाए तथा उनके द्वारा वर्चुवल सम्बोधन में इस मोटर मार्ग की स्वीकृति की घोषणा की गई थी.

इस मोटर मार्ग की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आज 14 अक्टूबर, 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअली विधिवत भूमि पूजन के फलस्वरूप कार्य प्रारंभ हो गया है. इस मोटर मार्ग से दशज्यूला काण्डई क्षेत्र के 30 से अधिक गांव को एवं तल्ला नागपुर क्षेत्र की जनता को इस मोटर मार्ग का लाभ मिलेगा साथ ही क्षेत्र की जनता को गौचर आवागमन में सुगमता होगी. इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने पर क्षेत्रीय जनता द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया.

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से सभी क्षेत्रवासियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रूद्रप्रयाग क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता है. राज्य सरकार प्रदेश को सतत विकास की दृष्टि से देश में एक अलग पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की. राज्य सरकार उनके सपनों को पूरा करने का लगातार प्रयास कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है. विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है. केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. उन्होने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है.

इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर पंवार, अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. इन्द्रजीत बोस सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही.

नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम के चलते, आज ये रहेगा यातायात/डायवर्जन प्लान

News web media Uttarakhand : नैनीताल से जुड़ी खबर सामने आई है. नैनीताल में आज दिनांक-08/10/2024 को जनपद नैनीताल में वीआईपी कार्यक्रम है. इस दौरान हल्द्वानी शहर, भवाली और भीमताल क्षेत्र में डाइवर्जन/ट्रैफिक प्लान रहेगा. यह यातायात प्लान समय प्रातः 9:00 बजे से प्रभावी हो गया है.

शहर हल्द्वानी का यातायात/डायवर्जन प्लान देखें

जब वी.आई.पी. फ्लीट पंतनगर एयरपोर्ट से प्रस्थान करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को लालकुआं ओवर ब्रिज से पहले डिवाइडर के पास रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट कस्बा लालकुआं पास करेगी-

  1. गोलापार से आने वाले वाहनों को तीनपानी ओवर ब्रिज के उत्तरी छोर से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा.
  2. शहर हल्द्वानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से ज्योलिकोट की ओर भेजा जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट मोती नगर पास करेगी हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले वाहनो को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन तीनपानी तिराहा (डिबेर कट)पर होगी तब इंदिरा नगर कट, गोला पुल, कुंवरपुर कट, और खेड़ा चौकी के दोनों कटों पर मुख्य मार्ग की ओर आने वाला ट्रैफिक रोका जाएगा..

जब जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोला पुल पर होगी तब

शहर हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र को जाने वाला ट्रैफिक कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा.
नारीमन तिराहा से गोलापार को जाने वाला ट्रैफिक डायवर्ट कर कालटैक्स की ओर भेजा जाएगा.

  1. नैनीताल से शहर हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़/एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
    भीमताल से आने वाले ट्रैफिक को मैगी प्वाइंट से डायवर्ट कर एचएमटी तिराहे की ओर भेजा जाएगा और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

पर्वतीय क्षेत्र से हल्द्वानी की ओर आने वाले वाहनों के लिए देखें

अल्मोड़ा-बागेश्वर से आने वाले वाहन भवाली से मस्जिद तिराहा होते हुए नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से आने वाले वाहन रामगढ़ रोड से होते हुए भवाली से मस्जिद तिराहा से नंबर वन बैण्ड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.
मुक्तेश्वर से खुटानी बैण्ड से भवाली से नंबर वन बैंड से हल्द्वानी की ओर आएंगे.उक्त वाहनों को वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन जाते समय गोला पुल पर होगी और वापसी में जब लोकेशन सलड़ी में होगी तब टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहे पर रोका जाएगा.

वापसी में जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन सलड़ी में होगी तब यह रहेगा यातायात.
नैनीताल से आने वाले ट्रैफिक को टूटा पहाड़ और एचएमटी तिराहा पर रोका जाएगा.
तब हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्र की ओर जाने वाले ट्रैफिक को कॉल टैक्स तिराहा पर रोका जाएगा
तब तीन पानी से गोलापार को आने वाले ट्रैफिक को गौला पुल से पहले डिवाइडर पर रोका जाएगा
तब चोरगलिया से आने वाले ट्रैफिक को कुंवरपुर चौकी और खेड़ा चौकी पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन नारीमन तिराहा पास करेगी तब लालकुआं से हल्द्वानी की ओर आने वाले ट्रैफिक को डिबेर कट के समीप डिवाइड पर रोका जाएगा.
जब वी.आई.पी. फ्लीट की लोकेशन गोलापुल पर होगी तब हल्द्वानी से लालकुआं की ओर जाने वाले ट्रैफिक को पुराना तीनपानी तिराहा पर रोका जाएगा.

यातायात प्लान कैंचीधाम / भवाली/भीमताल क्षेत्र

जब वी.आई.पी. पन्तनगर हैलीपैड से कैचीधाम के लिए प्रस्थान करेगें उसके बाद अल्मोडा पिथौरागढ से आने वाले सभी प्रकार के वाहनो को क्वारब पुल से डायवर्जन कर बाया रामगढ होते हुए खुटानी तिराहा को भेजा जायेगा.

जब तक वी.आई.पी. खुटानी बैण्ड से पास नही होते तब तक के लिए खुटानी बैण्ड पर बैरियर लगाकर वाहनो को रोका जायेगा. वी.आई.पी. के खुटानी बैण्ड से पास करने पर ही वाहनो को छोडा जायेगा.

रानीखेत क्वारब पुल से भवाली को आने वाहनो को वी.आई.पी. के प्रस्थान तक खैरना पर रोका जायेगा प्रस्थान के बाद ही वाहनो को छोडा जायेगा.

भवाली से हल्दानी को जाने वाले वाहनो को भवाली मस्जिद तिराहा से डायवर्जन कर न0-1 बैण्ड से ज्योलीकोट होते हुए भेजें जायेगें.

भवाली / भीमताल क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रकार के भारी वाहनो का आवागमन बन्द रहेगा.

जब वी.आई.पी. का मन्दिर स्थल में कार्यक्रम रहेगा उस समय सभी प्रकार का यातायात सामान्य कर दिया जायेगा.

वी.आई.पी. के आगमन व प्रस्थान के समय पर हल्दानी से भीमताल को जाने वाले ट्रैफिक को भीमताल तिराहा से डायवर्जन कर ज्योलीकोट होते हुए न0-1 बैण्ड से मस्जिद तिराहा भवाली को भेजा जायेगा.

जुकरबर्ग ने जेफ बेजोस को पछाड़ा, बनें दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति

News web media Uttarakhand : फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा के को-फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग वर्तमान में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. जुकरबर्ग ने जेफ बेजोस को पछाड़ दिया है.

ब्लूमबर्ग बिलियनेर्स इंडेक्स के अनुसार, तीन अक्टूबर को जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 206.2 अरब डॉलर हो गई है. यह पूर्व अमेजन सीईओ बेजोस की कुल संपत्ति 205 अरब डॉलर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क जुकरबर्ग दुनिया के सबसे रईस इंसान एलन मस्क से महज 50 अरब डॉलर पीछे हैं.

खबर के मुताबिक, जुकरबर्ग की मेटा में अपनी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उनकी कुल संपत्ति में 78 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है. जुकरबर्ग का दूसरा सबसे रईस इंसान बनना बताता है कि इस बार मेटा के बढ़ते मुनाफे से निवेशक खुश हैं.

रिपोर्ट की मानें तो गुरुवार को मेटा का शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई 582.77 डॉलर पर बंद हुआ है. यह जनवरी की शुरुआत से लगभग करीब 68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को दिखाता है. जनवरी में मेटा के शेयरों की कीमत 346.29 डॉलर थे. वॉल स्ट्रीट ने मेटा का सालभर उत्साह बढ़ाया.

कंपनी की तिमाही आय रिपोर्ट विश्लेषकों के अनुमान से अधिक रही है. बता दें, मेटा ने जुलाई में बताया था कि उसकी दूसरी तिमाही की बिक्री 22 प्रतिशत से बढ़कर 39.07 बिलियन डॉलर हो गई है.

धामी सरकार ने तीन साल में शुरु किए दो मेडिकल कॉलेज

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल के दौरान, उत्तराखण्ड में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. धामी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है, और अब इसी सत्र से हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने जा रहा है. दोनों जगह की कुल 200 नई सीटें जुड़ने से उत्तराखण्ड में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर 625 हो गई है.

पुष्कर सिंह धामी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रदेश में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ही संचालित हो रहे थे. हालांकि तब तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पर भी काम शुरू हो चुका था. कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ ही एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता पर शुरू करने के निर्देश दिए.

जिसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूरा किया गया. जिसमें से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पहले पूरा होने पर यहां 2022 से ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. अब इसी क्रम में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य पूरा होने से इसी शैक्षिक सत्र से यहां भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है.

केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए 100 सीटें मंजूर कर दी हैं. इसके लिए अब काउंसिलिंग शुरू की जा रही है. इससे प्रदेश के और अधिक बच्चों को एमबीबीएस करने का मौका मिलेगा, इसके लिए उन्हें सरकारी फीस ही चुकानी है.

उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कॉलेज और सीटें
देहरादून -150
हल्द्वानी -125
श्रीनगर – 150
अल्मोड़ा -100
हरिद्वार -100
कुल 625

हमारी सरकार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के जरिए जहां स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है, वहीं इससे मेधावी छात्रों को भी अपने प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई सस्ती दरों पर करने का मौका मिलेगा. हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द पहले बैच की काउंसिलिंग शुरू होगी, जल्द ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करते हुए जरूरी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

अब ये होगा अरविंद केजरीवाल का नया पता, मनीष सिसोदिया भी होंगे शिफ्ट

News web media Uttarakhand : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल कल यानि शुक्रवार को सरकारी बंगला खाली करने वाले हैं. सरकारी आवास छोड़ने के बाद केजरीवाल और उनका परिवार 5, फिरोजशाह रोड पर शिफ्ट होने वाला है. आप संयोजक पार्टी सांसद अशोक मित्तल के संग वह रहने वाले हैं. वहीं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपना घर खाली करके शिफ्ट होंगे.

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के जानकारी दी कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को अपने घर पर आमंत्रित किया था. इसके बाद पूर्व सीएम केजरीवाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र (नई दिल्ली) जाने का निर्णय लिया. अब वे आप सांसद अशोक मित्तल के घर पर रहने वाले हैं.

जब तक वे दिल्ली के सीएम के रूप में दोबारा नहीं चुने जाते, तब तक वे इसी पते पर रहेंगे. आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली के डिप्टी सीएम के तौर पर आवास (एबी 17, मथुरा रोड) पर मिला था. अब वे इसे खाली करने वाले हैं. सौरभ भारद्वाज के अनुसार, सिसोदिया भी कल तक आवास को छोड़ देंगे.

दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद ही केजरीवाल अपने लिए नया ठिकाना ढूंढ़ रहे थे. आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि पितृ पक्ष के खत्म होते ही और नवरात्र आरंभ होने के बाद केजरीवाल सीएम आवास छोड़ेंगे. बीते दिनों जंतर मंतर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा ‘ सीएम बनने के 10 साल बाद भी उनके पास राजधानी में अपना आवास नहीं है. दस सालों में मैंने आपके प्यार और आशीर्वाद के अलावा कुछ नहीं कमाया

शिंदे सरकार ने गाय को किया राज्यमाता घोषित, ऐसा करने वाला बना देश का पहला राज्य

News web media Uttarakhand : वैदिक काल से देशी गायों की अहमियत को देखते हुए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ‘राज्यमाता-गोमाता’ का दर्जा दिया है. इस बाबत सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है. इस तरह से, गाय को राज्यमाता घोषित करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है. महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में शिदे सरकार का यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है.

राज्य कृषि, डेयरी विकास, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित करने के पीछे अन्य वजहों में मानव पोषण में स्वदेशी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक और पंचगव्य उपचार और जैविक खेती में गाय के खाद का उपयोग भी शामिल है.

एक अधिकारी ने कहा, “राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आया यह फैसला भारतीय समाज में गाय के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व पर जोर देता है.” उन्होंने कहा कि यह उस अभिन्न भूमिका को सबके सामने लाने की कोशिश करता है जो गायों ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में सदियों से निभाई है.

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार के फैसले में, राज्य सरकार ने गाय के गोबर के कृषि लाभों पर जोर दिया है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और मानव पोषण में योगदान देता है. इसके साथ ही टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के सरकार की कोशिशों को दिखाता है.”

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उतराखंड के चार गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार, सीएम धामी ने दी प्रदेशवासियों को बधाई

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गुंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़े गौरव की बात है. राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है. इसके अलावा, हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है. इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया था. राज्य सरकार उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है. जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी घट गई है.

नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर आदर्श स्थापित किया है.

इसी के परिणाम स्वरूप राज्य सरकार विगत कुछ समय में पूरी पारदर्शिता के साथ सत्रह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने में सफल हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी तेजी से कार्य किए जा रह हैं.

सचिवालय और जिला कारागार सुद्धोवाला ‘ईट राईट कैम्पस’ घोषित, मुख्य सचिव ने सौंपा प्रमाण पत्र

News web media Uttarakhand : भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, भारत सरकार (एफएसएसएआई) द्वारा उत्तराखण्ड सचिवालय एवं जिला कारागार परिसर, सुद्धोवाला को ईट राईट कैम्पस घोषित किया गया.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव, सचिवालय प्रशासन एवं महानिरीक्षक जेल को भारत सरकार द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र सौंपते हुए इस पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण, सराहनीय एवं कारगर बताया . उत्तराखण्ड सचिवालय,ईट राईट कैम्पस के रूप में प्रमाणीकृत देश के चुनिन्दा सचिवालय परिसरों में शामिल हो गया है.

सुरक्षित स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर भोजन उपलब्ध कराने एवं स्वच्छता के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा राज्य सचिवालय परिसर एवं जिला कारागार परिसर को ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है.

आज राज्य सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर मुख्य सचिव द्वारा भारत सरकार की ओर से निर्गत ईट राईट कैम्पस प्रमाण पत्र को सचिवालय प्रशासन के सचिव दीपेन्द्र चौधरी एवं उपमहानिरीक्षक जेल को विधिवत प्रदान किया गया. इस महत्वपूर्ण एवं कारगर पहल के लिए मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन की सराहना की और कार्यक्रम में मौजूद महानिरीक्षक जेल की ओर से ईट राईट कैम्पस प्रमाणीकरण हेतु किये गये प्रयासों की प्रशंसा की.

रतूड़ी ने इस उपलब्धि के लिए सचिवालय परिसर में कार्यशील विभिन्न खान-पान सेवाओं यथा इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन के फूड सुपरवाइजर को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षित एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ के मानक अनुसार अपनी सेवाएं बनाये रखने की कसौटी पर प्रतिदिन खरा उतरना चाहिए.

अब पश्चिम बंगाल में हुई ट्रेन बेपटरी, न्यू मयनागुड़ी स्टेशन मालगाड़ी के 5 वैगन पटरी से उतरे

News web media Uttarakhand : इन दिनों देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रेनों को बेपटरी करने की कोशिश की कई खबरें सामने आई हैं. इस बीच कई रेल हादसे भी हुए हैं. अब पश्चिम बंगाल में एक ट्रेन के बेपटरी होने की खबर है. बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार डिवीजन के न्यू मयनागुड़ी स्टेशन पर एक मालगाड़ी के 5 वैगन पटरी से उतर गए. बताया जा रहा कि ये हादसा सुबह साढ़े छह बजे के आसपास हुआ. मालगाड़ी खाली होने की वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. हालांकि मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से इस रूट पर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ है.

अलीपुरद्वार डिवीजन के डीआरएम अमरजीत गौतम ने कहा कि, “आज सुबह, न्यू मयनागुड़ी स्टेशन के पास एक खाली मालगाड़ी के लगभग 5 वैगन पटरी से उतर गए. हम यातायात बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं. हादसे की वजह अभी तक पता नहीं चली है. रेलवे की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है.”

रेलवे के मुताबिक मालगाड़ी के पटरी से उतरने के बाद कई ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से मोड़ दिया गया है. जिससे कुछ ट्रेनों को छोड़कर आवाजाही प्रभावित नहीं हुई है. अधिकारियों का कहना है कि जिस स्टेशन पर मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे हैं उस स्टेशन पर 5 रेलवे ट्रैक हैं. क्षतिग्रस्त हुए ट्रैक पर जल्द से जल्द गाड़ियों की बहाली शुरू की जाएगी. डीआरएम अलीपुरद्वार सहित वरिष्ठ अधिकारी साइट पर मौजूद है और बहाली का काम जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. स्टेशन अधीक्षक मुकेश कुमार के मुताबिक, इस हादसे में को हताहत नहीं हुआ है. वहीं मरम्मत का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में ये कोई पहला मामला नहीं है जब कोई मालगाड़ी पटरी से उतरी हो. इससे पहले 17 अगस्त को भी राज्य में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी. तब सिलीगुड़ी में रात के वक्त एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई थी. ये हादसा सिलीगुड़ी-रंगापानी इलाके में हुआ था. इस हादसे में भी किसी के हताहट होने की कोई खबर सामने नहीं आई थी.