Earthquake: ‘हिमालय क्षेत्र में कभी भी आ सकता है बड़ा भूकंप’, वैज्ञानिक ने दावा किया है इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।

डॉ. पूर्णचंद्र राव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।

नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है। उन्होंने कहा कि भूकंप की तीव्रता काफी हो सकती है जो क्षेत्र में भारी तबाही ला सकता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि संरचनाओं को मजबूत करके  जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। एएनआई की खबर के अनुसार, हैदराबाद स्थित एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूर्णचंद्र राव का कहना है कि धरती की परत कई प्लेट्स से मिलकर बनी है और इन प्लेट्स में लगातार विचलन होता रहता है। भारतीय प्लेट्स हर साल पांच सेंटीमीटर तक खिसक गई हैं और इसकी वजह से हिमालय क्षेत्र में काफी तनाव बढ़ गया है। इसी के चलते हिमालय क्षेत्र में भारी भूकंप आ सकता है।

8 मैग्नीट्यूड रह सकती है भूकंप की तीव्रता
डॉ. पूर्णचंद्र राव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्किये में आए भूकंप में इतनी भारी संख्या में लोगों की मौत की वजह औसत निर्माण रहा। उन्होंने कहा कि हम भूकंपों को नहीं रोक सकते लेकिन सरकार की गाइडलाइन का पालन करके मजबूत इमारतों के निर्माण किए जाने चाहिए।

कंप को लेकर बेहद संवेदनशील है हिमालय क्षेत्र
बता दें कि हिमालय क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है। हाल के दिनों में इस इलाके में कई छोटे-छोटे भूकंप आए हैं जो यह संकेत दे रहे हैं कि इस इलाके में जमीन के भीतर कई ऐसी चीजें हो रही हैं, जो भविष्य में किसी बड़े भूकंप का कारण बन सकती हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक अजय पॉल ने बताया है कि भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के टकराने से हिमालय क्षेत्र अस्तित्व में आया। उनका कहना है कि यूरेशियन प्लेट के भारतीय प्लेट पर पड़ रहे दबाव से भारी ऊर्जा इस इलाके में पैदा होती है और वही ऊर्जा भूकंप के जरिए जमीन से निकलती है।

हिमालय क्षेत्र में चुके हैं चार बड़े भूकंप
बीते दिनों वाडिया इंस्टीट्यूट की रिसर्च में ही खुलासा हुआ था कि हिमालय क्षेत्र के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक गंगोत्री ग्लेशियर बीते 87 सालों में 1.7 किलोमीटर तक खिसक गया है। हिमालय क्षेत्र के अन्य ग्लेशियर में भी ऐसा ही  कुछ हो रहा है। इसके अलावा जोशीमठ में हुआ भू धंसाव भी एक बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है। बीते 150 सालों में हिमालय क्षेत्र में चार बड़े भूकंप आए हैं। इनमें साल 1897 में शिलॉन्ग का भूकंप, 1905 में कांगड़ा का भूकंप, 1934 में बिहार-नेपाल का भूकंप और 1950 में असम का भूकंप शामिल हैं। इनके अलावा साल 1991 में उत्तरकाशी में, 1999 में चमोली में और 2015 में नेपाल में भी बड़ा भूकंप आया था।

UKPSC: पीसीएस मुख्य परीक्षा, 23 से 26 फरवरी परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी उत्तराखंड रोडवेज की बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सचिव परिवहन निगम अरविन्द सिंह ह्यांकी ने मंगलवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस मुख्य परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने अभ्यर्थियों को बसों में मुफ्त सफर की सुविधा दी है। अभ्यर्थी 23 से 26 फरवरी के बीच होने वाली परीक्षा के दौरान उत्तराखंड रोडवेज की बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सचिव परिवहन निगम अरविन्द सिंह ह्यांकी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

आदेश के अनुसार, अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए प्रदेश के अंदर और बाहर (परीक्षार्थी के गृह क्षेत्र से परीक्षा स्थान तक) मुफ्त सफर की सुविधा मिलेगी। बता दें कि बीते 12 फरवरी को को भी राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित लेखपाल परीक्षा में भी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अभ्यर्थियों को मुफ्त बस की सुविधा दी गई थी।जिसमें करीब 20 हजार अभ्यर्थियों ने मुफ्त सफर किया था।

पीसीएस मुख्य परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। आयोग सचिव जीएस रावत के मुताबिक, उम्मीदवार वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

परीक्षा का एडमिट कार्ड  डाक के द्वारा नहीं भेजा जाएगा । संज्ञान में लेना है कि पीसीएस के मुख्य परीक्षा 28 से 31 जनवरी को होना  तय था परंतु पथवारी भारती का पेपर लीक होने के वजह से आयोग ने क्वेश्चन पेपर नष्ट कर के परीक्षा की नई तिथि जारी कर दी।

Chardham Yatra 2023: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज होने वाली चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए

हालांकि पर्यटन विभाग ने पिछली यात्रा के अनुभव के आधार पर केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 15 हजार, बदरीनाथ के लिए 18 हजार, गंगोत्री के लिए 9000, यमुनोत्री के लिए 6000 संख्या तय करने का प्रस्ताव बनाया है। इस पर बैठक में फैसला लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज होने वाली चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। पिछले साल चार धामों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ाने का फैसला हो सकता है।

तीर्थयात्रियों की इतनी संख्या का बना प्रस्ताव
हालांकि पर्यटन विभाग ने पिछली यात्रा के अनुभव के आधार पर केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 15 हजार, बदरीनाथ के लिए 18 हजार, गंगोत्री के लिए 9000, यमुनोत्री के लिए 6000 संख्या तय करने का प्रस्ताव बनाया है। इस पर बैठक में फैसला लिया जाएगा।

इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधा, केदारनाथ धाम में यात्रियों के ठहरने, बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क तय करने, बसों का प्रबंधन, घोड़ा खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने, पैदल मार्गों पर गरम पानी की व्यवस्था, शेड, बिजली व पेयजल की आपूर्ति, सड़कों की मरम्मत समेत कई व्यवस्थाओं पर निर्णय लिया जाएगा।

ऑनलाइन पंजीकरण और धारण क्षमता का विरोध
चारधाम यात्रा में ऑनलाइन पंजीकरण और चारधामों की धारण क्षमता की बाध्यता का होटल एसोसिएशन ने विरोध किया है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा।

एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने सीएम को अवगत कराया कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प दिया जाए। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। इसके जिलावा चारों धाम में यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त की जाए। यात्रा पर आने वाले वाहनों को परमिट, फिटनेस, ग्रीन कार्ड की सभी औपचारिकता हरिद्वार, ऋषिकेश में पूरी की जाए।

 

Rishikesh : युवक- युवती रुके थे होटल के कमरे में, काफी देर बाद जब पुलिस अंदर घुसी तो पड़ी थी दोनों की लाश

ऋषिकेश : कृषि उत्पादन मंडी समिति तिराहा के समीप स्थित एक होटल के कमरे से एक युवक और युवती मृत अवस्था में मिले हैं। होटल का कमरा बंद था, युवक बिजनौर और युवती ऋषिकेश की रहने वाली है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

शाम के समय आए थे होटल में 

सोमवार की दोपहर क 1:30 बजे मंडी तिराहा स्थित होटल मधुबन के कर्मचारियों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी थी होटल के एक कमरे में एक युवक और युवती बीती शाम रहने के लिए आए थे। कमरा अंदर से बंद है। काफी आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है।

कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक केआर पांडेय टीम सहित मौके पर पहुंचे। दरवाजा किसी तरह से खुलवा कर पुलिस की टीम भी पहुंची। अंदर डबल बेड पर युवती और युवक मृत अवस्था में पड़े थे।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि होटल में जमा कराई गई आईडी के मुताबिक युवक की पहचान हिमांशु राजपूत (27 वर्ष) पुत्र राजपाल सिंह निवासी अलीपुर नगला, मंडावर बिजनौर उत्तर प्रदेश, युवती की पहचान वर्षा राजपूत (24 वर्ष )पुत्री श्याम सिंह निवासी काले की ढाल, हरिद्वार रोड ऋषिकेश के रूप में हुई है। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। युवक के गले में फंदा लगा हुआ था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कमरे में पुलिस की टीम को मिले दो मोबाइल की भी जांच कर रही है।

Earthquake In Uttarakhand: अब Uttarakhand में भी हिली धरती, बागेश्वर में आया 2.5 तीव्रता का भूकंप

देहरादून | उत्तराखंड (Uttarakhand) के बागेश्वर (Bageshwar)। में सोमवार सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. भूकंप सुबह 04:49 बजे आया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 (magnitude 2.5 on the Richter scale) थी. ऐसे में भूकंप के झटके काफी कम तीव्रता वाले थे।

इससे पहले 19 फरवरी को रात 1 बजे के करीब मध्यप्रदेश के इंदौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.0 थी. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था. 19 फरवरी को ही रात 12 बजे अरुणाचल के तवांग में भूकंप के झटके महसूस किए गए

Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या आज, हरिद्वार में पावन डुबकी लगाने उमड़े भक्त

हरिद्वार: देशभर में आज सोमवार को सोमवती अमावस्‍या स्‍नान पर्व मनाया जा रहा है। उत्‍तराखंड के गंगा और सहायक नदियों के घाटों में तड़के से भक्‍तों की भीड़ लगी हुई है। भक्‍स्‍नान के बाद पूजा और दान भी कर रहे हैं। हरिद्वार में भी भोर से श्रद्धालु स्‍नान के लिए उमड़े हुए हैं। वहीं आज हरिद्वार में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।

भारी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित

20 फरवरी को होने वाले सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए पुलिस ने यातायात प्लान बनाया है। जिसके तहत रविवार शाम चार बजे से सोमवार रात दस बजे तक जिले में भारी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।

पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद

भारी संख्या में श्रद्धालुओं के धर्मनगरी पहुंचने की संभावना को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मेला क्षेत्र को पांच सुपर जोन, 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटते हुए पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।

घाटों पर मुस्तैद जल पुलिस के गोताखोर

एसएसपी अजय सिंह ने हाल ही में कई युवकों के गंगा में डूबने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए स्नान पर्व पर जल पुलिस को पूरी तरह चौकस रहने के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर हरकी पैड़ी व आसपास के गंगा घाटों पर जल पुलिस की टीमें मुस्तैद हैं। पुल से छलांग लगाने और वीडियो बनाने के लिए करतब दिखाने वालों को भी रोकने के लिए कहा गया है। एसएसपी ने बताया कि स्नान के मद्देनजर हरकी पैड़ी क्षेत्र से भिखारियों को हटाया गया है। बम निरोधक दस्ते के साथ-साथ डाग स्कवायड की भी तैनाती की गई है।

स्नान पर्व की व्यवस्था का जायजा लेने आइजी पहुंचे हरिद्वार

पुलिस से जुड़ी व्यवस्थाओं को परखने के लिए आइजी गढ़वाल करण सिंह नाग्नयाल हरिद्वार पहुंचे। हरकी पैड़ी क्षेत्र में स्थलीय भ्रमण कर भीड़ का जायजा लेने के बाद आइजी ने गंगा आरती में भी भाग लिया। सीसीआर में गोष्ठी के दौरान जोनल और सेक्टर अधिकारियों की बैठक लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

एसएसपी अजय सिंह ने बैठक में आइजी गढ़वाल करण सिंह नाग्नयाल को व्यवस्थाओं की जानकारी दी। इसके बाद आइजी करण सिंह ने कहा कि जोन व सेक्टर प्रभारी आपस में समन्वय बनाते हुए सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर यातायात और भीड़ का आंकलन कर अवगत कराते रहें।

Indian Railways: आखिर बोर्ड का रंग पीला क्यों होता है? रेलवे स्टेशन का नाम?जानिए इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह

सभी स्टेशनों पर बोर्ड का रंग इसलिए पीला होता है ताकि एकरूपता नजर आए। अगर बोर्ड का रंग अलग-अलग होता है, तो ट्रेन ड्राइवर को पहचानने में परेशानी हो सकती है।

Indian Railways: भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में रेलवे स्टेशन की कुल संख्या करीब 8000 है। देश में अधिकतर लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं। भारतीय रेल में यात्रा सस्ती और आरामदायक है जिसकी वजह से ट्रेन को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे की कई ऐसी रोचक बाते हैं जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं।

आज हम आपको भारतीय रेलवे से संबंधित एक ऐसी ही रोचक जानकारी के बारे में बताएंगे। सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे नाम वाले बोर्ड का सिर्फ एक होता है। लेकिन लोगों के मन में कई बार सवाल खड़ा होता है कि आखिर यह एक रंग का ही क्यों होता है? आखिर बोर्ड का रंग पीला क्यों होता है? दरअसल इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह है।

सभी स्टेशनों पर बोर्ड का रंग इसलिए पीला होता है ताकि एकरूपता नजर आए। अगर बोर्ड का रंग अलग-अलग होता है, तो ट्रेन ड्राइवर को पहचानने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही पीला रंग दूर से ही चमकता है और आंखों में चुभता नहीं है जिसकी वजह से बोर्ड का रंग पीला होता है।

इसकी वजह से ट्रेन ड्राइवर को सही प्लेटफार्म और ट्रेन को खड़ा करने की जानकारी मिल जाती है। पीले रंग के चुनाव के पीछे की वजह आंखों को सुकून भी देना हो सकता है। पीले रंग को देखने में कोई परेशानी नहीं होती है और ट्रेन ड्राइवर इसे दूर से ही देख लेता है। 

इससे ट्रेन के ड्राइवर को सतर्क रहने में मदद होती है। पीले रंग के बोर्ड पर स्टेशन का नाम काले रंग से लिखा जाता है, क्योंकि पीले रंग पर काला रंग अधिक साफ दिखाई देता है। 

 

 

 

 

Uttarakhand Paper Leak: नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में बैठा था आरोपी रुपेंद्र पूजा से बाहर निकलते ही एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपी रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ ने उसे यही दबोचा।

रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला था कि वह लखनऊ में अपने नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ की टीम ने केशवनगर के इस फ्लैट के बाहर डेरा डाल दिया। जैसे ही रुपेंद्र पूजा से बाहर निकला एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपियों की कई चेन सामने आई थी। इनमें एक मुख्य चेन सादिक मूसा ने चलाई थी। एसटीएफ ने गैंगस्टर के मुकदमे में सादिक मूसा को गैंग लीडर बनाया था। तभी से रुपेंद्र का नाम सामने आ गया था। लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी वह एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा था। उसके बारे में एसटीएफ लगातार जानकारी जुटा रही थी।

इस बीच पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में रुपेंद्र आने वाला है। एसटीएफ के तीन लोग फ्लैट के बाहर खड़े हो गए। करीब तीन घंटे तक पूजा और अन्य कार्यक्रम चले। जैसे ही सब कुछ खत्म हुआ, एसटीएफ की टीम ने रुपेंद्र को गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा लिया।

रुपेंद्र बोला- मूसा ने नहीं दिए पैसे, एसटीएफ को यकीन नहीं

रुपेंद्र ने सादिक मूसा से पांच लाख में पेपर का सौदा किया था। लेकिन, पूछताछ में रुपेंद्र ने एसटीएफ को बताया कि सादिक मूसा ने उसे ये रुपए नहीं दिए। एसटीएफ उसके इन बयानों पर विश्वास नहीं कर रही है। माना जा रहा है यह डील पांच लाख नहीं बल्कि इससे भी ज्यादा में हुई है। इसी पैसे से यह फ्लैट उसने खरीदा होगा। ऐसे में यह फ्लैट भी एसटीएफ की नजर में चढ़ गया है।

Uttarakhand: अब बाइक एंबुलेंस से जरूरतमंद को तुरंत पहुंचाया जाएगा अस्पताल, प्रदेश में जल्द शुरू होगी सेवा

कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

प्रदेश सरकार जल्द ही उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर योजना का खाका तैयार करने का समय निर्धारित किया गया। विभाग की ओर से स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को बाइक उपलब्ध कराएगी।

बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करते हैं। सरकार इन फील्ड कर्मचारियों को बाइक एंबुलेंस सेवा संचालित किया जा सकता है। साथ ही यदि किसी मरीज को दवाईयों की जरूरत है तो बाइक एंबुलेंस से घर तक दवाईयां पहुंचाई जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट ने बाइक एंबुलेंस सेवा के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके बाद ही इस सेवा को शुरू किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक एंबुलेंस सेवा कारगर हो सकती है।

उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करना सरकार का अच्छा प्रयास है। इस सेवा का खास तौर पर उन मरीजों को ज्यादा फायदा मिलेगा। जो दवाईयां लेने के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते हैं। बाइक एंबुलेंस से उन्हें घर पर दवाईयां उपलब्ध होगी। साथ ही किसी सामान्य मरीज को जांच या परामर्श के लिए डॉक्टर के पास आना है तो वे बाइक एंबुलेंस अस्पताल पहुंच सकते हैं।

Char Dham Yatra 2023:चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। यात्रियों का केवल ऑनलाइन,पंजीकरण ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा ,पढ़ें और क्या हुए बदलाव

बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा।

चारधाम यात्रा के लिए इस बार यात्रियों का केवल ऑनलाइन पंजीकरण होगा। पिछले साल की तरह ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा। वहीं, यात्रियों के पंजीकरण की जांच चारधाम मार्गों पर तीन जगह की जाएगी। पंजीकरण की सुविधा पर्यटन विभाग की वेबसाइट, मोबाइल ऐप के माध्यम से दी जाएगी।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक हुई। बैठक में पर्यटन विभाग और एनआईसी के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा। चारों धाम में यात्रियों की क्षमता के हिसाब से एडवांस पंजीकरण होंगे।

अगर कोई यात्री पूर्व में पंजीकरण नहीं कर पाएगा तो उसकी मदद को हरिद्वार और ऋषिकेश में अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। ताकि दूर-दराज के राज्यों से आया हुआ तीर्थयात्री चारों धाम तक आसानी से जा सके। पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की जांच भी की जाएगी, जिसके लिए बडकोट, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में टीमें तैनात की जाएंगी। यह सभी तरह के वाहनों में सवार यात्रियों के पंजीकरण को देखेंगी। अगर यात्री पंजीकृत नहीं होगा तो उसे रोका जा सकता है।

पर्यटन की वेबसाइट पर ट्रिप कार्ड की भी सुविधा
बैठक में यह भी तय किया गया है कि पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ही परिवहन विभाग के ट्रिप कार्ड का लिंक भी दिया जाएगा। जैसे ही यात्री यहां पंजीकरण कराएगा तो उसका ट्रिप कार्ड भी यहीं से बन जाएगा। ट्रिप कार्ड ऑनलाइन निकाल सकते हैं। यह तय किया गया है कि वाहनों के ट्रिप कार्ड से भी यात्रियों के पंजीकरण का पता लगाया जा सकेगा। अभी तक पर्यटन विभाग के पंजीकरण का नंबर परिवहन की वेबसाइट पर डालकर ट्रिप कार्ड बनता था लेकिन अब पर्यटन की वेबसाइट पर सीधे भी बन सकेगा।

एक सप्ताह में ट्रायल के लिए तैयार होगा ऐप
बैठक में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने एनआईसी के अधिकारियों से चारधाम यात्रा पंजीकरण के मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि ऐप एक सप्ताह के भीतर तैयार हो जाएगा। इसके बाद ऐप का सिक्योरिटी ऑडिट व अन्य ट्रायल होंगे। अप्रैल के पहले सप्ताह से यह ऐप गूगल प्ले स्टोर व एप्पल स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाएगा।