उत्तराखंड : मेडिकल की पढ़ाई में काम आएंगे लावारिस शव, उत्तराखंड सरकार कर रही नियमावली बनाने पर विचार

देहरादून  : प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई के लिए अब लावारिस शव काम आएंगे। इसके लिए सरकार नियमावली बनाने पर विचार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में पुलिस, गृह, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।

प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इसमें देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में चार सौ से अधिक छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन एमबीबीएस छात्रों को मानव शरीर की संरचना का अध्ययन के लिए पार्थिक देह की कमी है।

वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों के पास 5 से 6 पार्थिक देह है जबकि मेडिकल शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रत्येक 10 छात्रों के लिए एक पार्थिक देह (कैडेवर) की आवश्यकता होती है।मेडिकल कॉलेजों में पार्थिक देह की कमी को दूर करने के लिए सरकार लावारिस शव उपलब्ध कराने के लिए नियमावली बना रही है। सरकार की यह पहल कामयाबी होती है तो मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के अध्ययन के लिए कैडेवर की समस्या नहीं रहेगी।

विशेष शपथ लेने के उपरांत ही सम्मान के साथ प्रयोगात्मक कार्य करते हैं शुरू

विशेषज्ञों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में मृत देह को सम्मान के साथ सुरक्षित रखा जाता है। शोध एवं अध्ययन कार्य शुरू करने से पहले मेडिकल छात्र-छात्राएं व फैकल्टी पार्थिव शरीर के समक्ष एक विशेष शपथ लेने के उपरांत ही सम्मान के साथ प्रयोगात्मक कार्य शुरू करते हैं।

लावारिस शव को मेडिकल की पढ़ाई के लिए उपलब्ध कराने के लिए नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही पुलिस, गृह और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। – डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

अभी ये है अड़चन

बरामद लावारिस शव का पुलिस तत्काल पोस्टमार्टम कर देती है। जिसके बाद मृतक के वारिस का आने का इंतजार किया जाता है। जब वारिस नहीं आता है तो शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। अब सरकार का प्रयास है कि नियमावली बनाकर ऐसे नियम बनाए जाएं कि पुलिस लावारिस शव को बिना पोस्टमार्टम के रखे। यदि मृतक के वारिश नहीं आते है तो शव मेडिकल कॉलेजों को सौंपा जाए।

Uttarakhand Cabinet: पुलिस दूरसंचार में डीएसपी बनने के लिए अब शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान,जानिए ये नए अपडेट

News Web media Uttarakhand: उत्तराखंड प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान होगा। आयु सीमा 21 से 27 वर्ष के स्थान अब 21 से 35 वर्ष की गई है। अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।

पुलिस उपाधीक्षक (पुलिस दूरसंचार) बनने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता भी जरूरी होगी। साथ ही चिकित्सा परीक्षण भी होगा। ये दोनों प्रावधान अभी तक नहीं थे। सीधी भर्ती के इस पद के लिए शैक्षिक अर्हता इंजीनियरिंग के समकक्ष की गई है। उत्तराखंड पुलिस दूर संचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 में यह प्रावधान किया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नियमावली को मंजूरी दी गई।

नई सेवा नियमावली न होने से अभी तक उप्र पुलिस रेडियो सेवा नियमावली 1979 लागू थी। नई सेवानियमावली में पुलिस उपाधीक्षक पद पर सीधी भर्ती के लिए लिए अब किसी विवि से इलेक्ट्रानिक में एक अनिवार्य विषय के रूप में भौतिकी में स्नातकोत्तर उपाधि या किसी विवि से इलेक्ट्रानिक्स, या इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन या इलेक्ट्रिकल अभियंत्रण या इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, या इलेक्ट्राक्सि और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि आवश्यक होगी।

इसके अलावा उत्तराखंड प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान होगा। आयु सीमा 21 से 27 वर्ष के स्थान अब 21 से 35 वर्ष की गई है। अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। पुलिस दूरसंचार में पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के पदों पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदोन्नति हो जाती थी। लेकिन अब पदोन्नति के लिए राज्य सरकार समिति गठित करेगी।

इन सभी पदों पर पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा का प्रावधान नहीं था। लेकिन नियमावली में पुलिस उपमहानिरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए 20 वर्ष की सेवा, पुलिस अधीक्षक के लिए 12 वर्ष की सेवा और अपर पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए सात वर्ष की सेवा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तराखंड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली-2022 को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने इसे पूर्व विचलन से अनुमति दे दी थी। इस नीति के तहत जिन वादों में जांच चल रही है, उनकी फोटो और वीडियोग्राफी भी करनी होगी।

Adani-Hindenburg Row:अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, SEBI को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

News web media uttarakhand : अडानी हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन समेत दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है. ऐसे में सेबी की जांच जारी रहेगी. SEBI  को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.

6 सदस्यीय टीम करेगी जांच

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में रिटायर जस्टिस एएम सप्रे केल अलावा ओपी भट्ट, जस्टिस केपी देवदत्त, केवी कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं.

गौतम अडानी ने SC के फैसले का स्वागत किया

उद्योगपति गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है. सत्य की जीत होगी.

क्या है मामला?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए आरोपों की जांच की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 17 फरवरी को CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की थी. ब कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था और कहा था. कि हम इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं. दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की ओर से केंद्र सरकार के सुझावों वाला सीलबंद लिफाफा बेंच को सौंपा गया था.

MP News: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भाई गिरफ्तार, दलित परिवार को धमकाने-मारने का है आरोप

News web media Uttarakhand  : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शालिग्राम को कोर्ट में पेश किया गया है।

मध्य प्रदेश की छतरपुर जिला पुलिस ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई सौरभ उर्फ शालिग्राम गर्ग के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. ‘छोटे महाराज’ के नाम से फेमस शालिग्राम पर आरोप है कि उसने एक शादी समारोह में घुसकर दलित परिवार को तमंचे की नोंक पर धमकाया, जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट भी की.

घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव की है. 11 फरवरी को गांव में एक दलित परिवार की बेटी का विवाह समारोह आयोजित हो रहा था. उसी दौरान रात करीब 12 बजे के आसपास बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का छोटा भाई शालिग्राम गर्ग विवाह समारोह में पहुंचा और लोगों से गाली-गलौज और मारपीट करने लगा.

इस दौरान सिगरेट मुंह में फंसाए और शराब के नशे में शालिग्राम ने महिलाओं से अभद्रता की और देसी कट्टा दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके साथ ही उसने हवाई फायर भी किया और शादी रोकने की कोशिश की. जिस कारण से बाराती दहशत में आ गए और खाना पीना खाकर वापस अपने गांव अक्टोहा लौट गए।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी शालिगराम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था।

Uttarakhand: : आम आदमी को बड़ा झटका, होली के पहले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी

News Web media uttarakhand : बुधवार से रसोई गैस सिलिंडर की नई कीमतें लागू हो गई हैं। अभी तक व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमत दून में 1812 रुपये थी। बढ़ोतरी के बाद यह अब 2162 रुपये में मिलेगा।

पेट्रोलियम कंपनियों ने होली से पहले रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में इजाफा कर आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। कंपनियों ने घरेलू गैस के साथ ही व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। राजधानी दून में घरेलू गैस की कीमतों में 50 रुपये का इजाफा हुआ है।

पहले यहां सिलिंडर 1072 रुपये में मिलता था, लेकिन बढ़ोतरी के बाद कीमत 1122 हो गई है। वहीं, पांच किलो वाले गैस सिलिंडर में 51 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले पांच किलो का सिलिंडर 521 रुपये में मिलता था लेकिन अब यह 572 रुपये में मिलेगा। 10 किलो के सिलिंडर में 35 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले इसकी कीमत 764 रुपये थी लेकिन अब यह 799 रुपये में मिलेगा।

इसके अलावा व्यावसायिक गैस के दाम में भी 350 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है। अभी तक व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमत दून में 1812 रुपये थी। बढ़ोतरी के बाद यह अब 2162 रुपये में मिलेगा। उत्तराखंड एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल ने बताया कि यह कीमतें बुधवार से लागू हो गई हैं।

Uttarakhand earthquake : उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल समेत कई इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 2.4 रही तीव्रता

News web uttarakhand : उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। मिली जानकारी के अनुसार पौड़ी गढ़वाल में आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल 2.4 मापी गई है। भूकंप के झटके से लोग भयभीत हैं। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.4 मापी गई है। इससे पहले 20 फरवरी को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में तड़के भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 मापी गई थी।

रिस्क जोन में आता है पहाड़ी राज्य
दरअसल, उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के जोखिम वाले जोन में आता है. पहले भी टिहरी, चमोली समेत कई इलाकों में विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं. ताजा झटकों के बाद लोगों में यह डर बना हुआ है कि यह किसी बड़े भूकंप के पहले का संकेत हो सकता है. उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें यहां ऐसी आपदाओं के दौरान बेहद सक्रिय रहती हैं.

जोशीमठ में जमीन धंसने की हालिया घटनाओं के बाद ये झटके आए हैं. ऐसे में लोगों में नई आपदा आने की दहशत भर गई है. हालांकि पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से ताजा भूकंप के झटकों के बाद अभी किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है. लेकिन भूकंप की मार का डर देखते हुए उत्तराखंड वासी हमेशा ऐसे संकट के लिए खुद को तैयार रखते हैं.

उत्तरकाशी का भूकंप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 20 अक्टूबर 1991 को 6.8 रिक्टर स्केल का भूकंप (Uttarkashi Earthquake)आया था. इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी. इस भूकंप ने भी उत्तराखंड में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर नए सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया था. उस आपदा में

Landslide In Gangotri Highway: गंगोत्री हाइवे पर लैंडस्लाइड, गिरी चट्टान,आवाजाही ठप,बड़ा हादसा टला

डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

गंगोत्री हाईवे डबरानी में भारी भूस्खलन से आवाजाही ठप हो गई है। यहां  आज गुरुवार सुबह अचानक चट्टान भरभरा कर हाईवे पर गिरी। चट्टान के हाईवे पर आने से हाईवे पर भी दरारें उभर आई हैं। सूचना पर बीआरओ की टीम मशीनरी के साथ हाईवे को खोलने के काम में जुट गई है। 


गुरुवार सुबह करीब आठ बजे गंगोत्री हाईवे पर डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

सूचना पर बीआरओ ने अपनी तीन मशीन सहित करीब 10 मजदूरों की टीम को मौके भेजा। जिसने हाईवे पर आवाजाही बहाल करने का काम शुरू कर दिया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि करीब तीन घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए आवाजाही बहाल कर दी गई है। दोपहर तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

 

 

 

Rishikesh Aiims: अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन ,पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

News Web Media uttarakhand : केंद्र सरकार हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के तहत उत्तराखंड से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए ऋषिकेश एम्स को चुना गया है।

एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी। संवाद

सिंगल इंजन का होगा हेलीकॉप्टर, एम्स तैयार करेगा एसओपी
अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।

एम्स कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राइमरी ट्रामा केयर, ट्रामा टीम ट्रेंनिंग, एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट, एडवांस ट्रामा केयर फॉर नर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं स्वास्थ्य संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हेली एंबुलेंस के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सिमुलेटर साल के अंत तक मिल जाएगा।

Dehradun News:आठ साल बाद फिर अस्तित्व में आएगी स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल, 63 पदों को फिर किया जाएगा सक्रिय

न्यू वेब मीडिया उत्तराखंड देहरादून  : प्रदेश में आठ साल के बाद स्टेट फॉर्मासिस्ट काउंसिल फिर अस्तित्व में आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को काउंसिल की गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फार्मासिस्ट नियमावली को भी जल्द ही जारी करने को कहा है। साथ ही विभाग में चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्टों के 63 पदों को फिर सक्रिय किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एसोसिएशन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री रावत ने बताया कि आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जाएगा।

उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। बताया कि कांउसिल के गठन के बाद प्रदेश में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का कड़ाई से पालन किया जाएगा। शासन स्तर पर लंबित उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को जारी करने के लिए विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि संगठन की मांग पर चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्ट एवं चीफ फार्मासिस्ट के 63 पदों को जल्द सक्रिय किया जाएगा।

फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने फार्मासिस्ट का नाम बदलकर फार्मेसी अधिकारी करने, चिकित्सा शिक्षा विभाग में फार्मासिस्टों के रिक्त 119 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग से विकल्प के आधार पर भरने, बड़े चिकित्सालयों में कार्य के आधार पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाने, फार्मासिस्ट संवर्ग की वरिष्ठता सूची जारी करने, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पोस्टमार्टम भत्ता दिए जाने सहित करीब 10 मांगें रखीं। जिस पर विभागीय मंत्री ने सहमति जताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक डॉ. भारती राणा, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, उप सचिव केके शुक्ला, सहायक निदेशक डॉ. जेएस चुफाल, डिप्लोमा फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष जीबी नौटियाल, प्रदेश महामंत्री आरएस ऐरी, संरक्षक पीएस पंवार, प्रदेश कोषाध्यक्ष केआर आर्य, मंडलीय सचिव गढ़वाल आरएस रावत, प्रदेश संप्रेक्षक उर्मिला द्विवेदी आदि शामिल रहे।

Dehradun Bar Association Election: अध्यक्ष पद पर अनिल शर्मा का कब्जा, राजवीर बिष्ट ने सचिव पद पर मारी बाजी

News Web media uttarakhand : इस बार चुनाव में 3488 अधिवक्ताओं को मताधिकार का प्रयोग करना था। लेकिन, 2476 अधिवक्ताओं ने ही मतदान किया था। सोमवार को करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था।

देहरादून बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के वार्षिक चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद पर चार बार के सचिव रह चुके अनिल शर्मा का कब्जा रहा। अनिल शर्मा ने राजीव शर्मा उर्फ बंटू को 286 वोटों से हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा किया। अनिल शर्मा को 1237 वोट मिले, जबकि बंटू को 951 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे आलोक घिल्ड़ियाल को 284 वोटों से संतोष करना पड़ा। ऑडिटर पद पर ललित भंडारी ने 1091 वोटों से जीत हासिल की, जबकि राजीव रोहिला को 574 वोट मिले।

हुआ था 71 फीसदी मतदान

बार एसोसिएशन के लिए मतदान सोमवार को हुआ था। इस बार चुनाव में करीब 71 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव में 3488 अधिवक्ताओं को मताधिकार का प्रयोग करना था। लेकिन, 2476 अधिवक्ताओं ने ही मतदान किया।

इस बार अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष समेत 11 पदों के लिए कुल 41 अधिवक्ताओं ने नामांकन किया था। इनमें से थ्री प्लस महिला और सेवन प्लस पुरुष कार्यकारिणी सदस्य पर एक-एक अधिवक्ता ने ही नामांकन किया था। ऐसे में वे निर्विरोध निर्वाचित हो गए। बाकी 39 प्रत्याशियों की किस्मत के फैसले आज हुआ।

अध्यक्ष पद
अनिल कुमार शर्मा 1237
राजीव शर्मा 951
आलोक घिल्डियाल 284

सचिव
अजय बिष्ट 343
अनिल पंडित 423
आशुतोष गुलाटी 07
दीपक कुमार 167
मंजीत सिंह रौथाण 33
प्रकाश टी पाल 539
राजबीर बिष्ट 617
राकेश कुमार 12
रनदीप सिंह ग्रेवाल 192
रविंदर सिंह चौहान 88
शम्भू प्रसाद ममगाईं 47

उपाध्यक्ष
अल्पना जदली 393
भानु प्रताप सिसोदिया 839
मानवेन्द्र सिंह रावत 296
परितोष बडोनी 270
विजय कुमार नौटियाल 166
विनोद कुमार सागर 488

सह सचिव
अनिल सिंह बिष्ट 1012
कपिल अरोड़ा 1046
कुलदीप कुमार 117
संजय कुमार सिंहमार 271

ऑडिटर
जितेंद्र सिंह भंडारी 460
ललित भंडारी 1091
प्रभाकर कुमार 316
राजीव कुमार रोहिल्ला 574

पुस्तकालय अध्यक्ष
सुभाष परमार 1027
आरएस भारती 1376

10+ कार्यकारणी सदस्य
राहुल अमोली 1140
राम सूरत ठाकुर 758
सुनीता रानी 540

7+ कार्यकारणी सदस्य
दीपक त्यागी निर्विरोध चुने/विजय हुए

5+ कार्यकारणी सदस्य
अनिल कुमार 948
अरुण कुमार 270
आशीष भर्त्तवाल 927
हज़ारा बानो 273

3+ कार्यकारणी सदस्य
अजय कुमार 1546
बलबीर चौहान 887

3+ कार्यकारीणी सदस्य (महिला)
आराधना चतुर्वेदी निर्विरोध चुनी/विजय हुई