हरिद्वार: नंदा-गौरा योजना में फर्जीवाड़े पर एफआइआर के निर्देश, मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय सचिव को लिखा पत्र

न्यूज मीडिया उत्तराखंड देहरादून: हरिद्वार जिले में नंदा-गौरा योजना में लाभार्थियों के चयन में फर्जीवाड़े के मामले में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

इसमें शुचिता बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लाभार्थियों के अभिभावकों के साथ ही इस प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों को कड़ा दंड मिले, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार की हरकत न कर सके।

चालू वित्तीय वर्ष में हरिद्वार जिले में नंदा-गौरा योजना के तहत जन्म का लाभ प्राप्त करने वाले 1327 आवेदकों में से 70 आवेदन और 12वीं उत्तीर्ण के आधार पर किए गए 4174 आवेदनों में से 123 आवेदन में लगे आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ हुई थी।

जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी ने ये 193 आवेदन निरस्त कर दिए थे। तब यह मामला संज्ञान में आने के बाद विभागीय मंत्री विभागीय अधिकारियों को प्रकरण की गहनता से पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

मंत्री आर्या ने अब विभागीय सचिव को इस मामले में पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि गलत तरीके से आय प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ कर इतनी बड़ी संख्या में अपात्रों का पाया जाना और किसी अपात्र द्वारा पात्र का हक छीनकर लाभ प्राप्त करना गंभीर और खेदजनक स्थिति है। इसे हर हाल में रोका जाना आवश्यक है, ताकि जनमानस में यह स्पष्ट संदेश जाए कि अनुचित कार्रवाई में संलिप्त किसी भी व्यक्ति, अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने को सरकार प्रतिबद्ध है।

अन्य जिलों में भी जांच के निर्देश

कैबिनेट मंत्री आर्या ने हरिद्वार की घटना के आलोक में अब सभी जिलों में नंदा-गौरा योजना के लाभार्थियों के अभिलेखों की जांच कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई भी अपात्र किसी पात्र का हक छीनकर योजना का लाभ प्राप्त न कर सके।

Uttarakhand UKPSC ने रद्द की JE भर्ती परीक्षा, जानिए कब होगा फिर से एग्जाम, इंटरव्यू भी खत्म

Uttarakhand JE Exam Cancelled:उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 26 नवंबर 2021 को हुई उत्तराखंड संयुक्त राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा यानी जूनियर इंजीनियर के परिणाम को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है.  परीक्षा अब अगस्त 2023 के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने का प्रस्ताव है. आपको बता दें कि नए सिरे से विज्ञापन अप्रैल के दूसरे हफ्ते में जारी होगा.

नहीं होगा इंटरव्यू

अगस्त 2023 की परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार यानी ऑब्जेक्टिव होगी. नई भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 25 नवंबर 2021 को जूनियर इंजीनियर के 776 पदों की वैकेंसी के लिए विज्ञापन जारी किया था. 26 नवंबर से लेकर 17 दिसंबर 2021 तक ऑनलाइन आवेदन किए गए थे. सात मई से 10 मई 2022 तक लिखित परीक्षा हुई थी. 31 दिसंबर 2022 को इसका परिणाम घोषित किया गया था. परीक्षा में लगभग 31 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल हुए थे.

आयु सीमा में मिलेगी छूट 

जेई परीक्षा में शामिल हो रहे कैंडिडेट्स को आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी. सरकार के आदेश के मुताबिक साल 2021 में हुई परीक्षा में शामिल कैंडिडेट्स जो आयु निर्धारण तिथि तक अधिकतम उम्र सीमा को पार कर चुके हैं, उन्हें उच्चतम आयु सीमा में छूट दी जाएगी. इसके अलावा सभी कैंडिडेट्स को एग्जाम फीस में भी छूट देने का प्रस्ताव है. नया विज्ञापन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वेबसाइट ukpsc.gov.in पर जारी होगा.

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य निजी मेडिकल कॉलेज भी सहयोग देंगे

News web media Uttarakhand : चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में निजी मेडिकल कॉलेज भी सहयोग देंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा का बेस कैंप श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रहेगा। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के यात्रियों को एम्स ऋषिकेश के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य निदेशालय में चारधाम यात्रा को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने इस बार निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं भी लेने का निर्णय लिया है।

इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधकों से संपर्क कर स्वास्थ्य सेवाओं का खाका तैयार करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस साल चारधाम यात्रा में 50 लाख तक तीर्थयात्री आने की संभावना है। इसे देखते सरकार ने पिछले अनुभवों के आधार पर सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। सरकारी के साथ ही निजी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, विशेषज्ञ चिकित्सकों, पीजी छात्रों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ की भी सेवाएं ली जाएंगी।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ.विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डॉ.मीतू शाह, निदेशक एनएचएम डॉ.सरोज नैथाणी के अलावा निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कुछ अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल रूप से बैठक में भाग लिया।

अपर सचिव अमनदीप कौर को बनाया नोडल अधिकारी

अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जो स्वास्थ्य महानिदेशालय के साथ ही राजकीय व निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही समन्वय स्थापित कर चारधाम मार्गों में मेडिकल टीमों की तैनाती के लिए रूट चार्ट तैयार करेंगी। इस संबंध में निजी मेडिकल कॉलेजों महंत इन्दिरेश मेडिकल कॉलेज, हिमालयन मेडिकल कॉलेज, सुभारती मेडिकल कॉलेज ने चारधाम यात्रा में अपना योगदान देने के लिए सहमति दे दी है। मेडिकल कॉलेजों से कार्डियोलॉजिस्ट, फिजिशयन, हड्डी रोग समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ का सहयोग लिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर निजी अस्पतालों मैक्स हॉस्पिटल, सिनर्जी अस्पताल, सीएमआई अस्पताल, कैलाश अस्पताल, आरोग्य धाम अस्पताल के साथ ही आईएमए के डॉक्टरों का भी सहयोग लिया जाएगा।

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में बनेगी कार्डिक यूनिट

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा का मुख्य बेस कैंप मानकर उच्च स्तरीय कार्डिक यूनिट तैयार की जाएगी। जिसका संचालन दक्षिण भारत की प्रमुख संस्था मेडिट्रिना हेल्थ केयर ने संभालने की जिम्मेदारी ली है। इसी तरह यमुनोत्री व गंगोत्री यात्रा के लिए एम्स ऋषिकेश में मुख्य बेस कैंप रहेगा।

Haridwar: पतंजलि योगपीठ में इलाज कराने आए मरीज ने तीसरी मंजिल से कूद कर दी जान, मैनपुरी से आया था पत्नी संग

न्यूज मीडिया उत्तराखंड हरिद्वार :  पतंजलि योगपीठ में इलाज कराने पहुंचे एक मरीज ने तीसरी मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली। मरीज एटा उत्तर प्रदेश का निवासी बताया जा रहा है। शुक्रवार सुबह हुई इस घटना से पतंजलि योगपीठ में हड़कंप मच गया है।

शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया

पतंजलि के सिक्योरिटी ऑफिसर की सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।पुलिस के मुताबिक, पतंजलि योगपीठ के सिक्योरिटी सुपरवाइजर सुभाष वर्मा ने पुलिस को सूचना दी कि एक व्यक्ति ने तीन मंजिल से छलांग लगा दी है, उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया है।

चल रहा था मानसिक बीमारी का इलाज

बहादराबाद थानाध्यक्ष नितेश शर्मा मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी जुटाई। पता चला कि पतंजलि योगपीठ में एटा मैनपुरी उत्तर प्रदेश निवासी राजीव कुमार उम्र 42 वर्ष का मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा था।

सिर में चोट लगने के कारण वह लहूलुहान हो गया

उनकी पत्नी नीरज को लेकर इलाज कराने पतंजलि आई थी। शुक्रवार की सुबह राजीव ने छत पर चढ़कर नीचे छलांग लगा दी। सिर में चोट लगने के कारण वह लहूलुहान हो गया। आनन-फानन में उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कई साल से दिमागी रूप से बीमार था मरीज

बहादराबाद थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने बताया कि मरीज के कई साल से दिमागी रूप से बीमार होने की जानकारी मिली है। स्वजन अक्सर उसे इलाज कराने पतंजलि योगपीठ लेकर आते थे। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

Rishikesh News: शिवपुरी गंगा घाट पर नहाते समय बहे बीटेक के दो छात्र, होली के दिन आए थे देहरादून से घूमने

News Web Media uttarakhand rishikesh : देहरादून डीआईटी से बीटेक कर रहे दो छात्र शिवपुरी स्थित नमामि गंगे घाट पर नहाते समय गंगा में बह गए। दोनों छात्र होली के दिन देहरादून से ऋषिकेश घूमने आए थे। इनमें से एक छात्र आदित्य राज (22) कोलकाता निवासी और उत्कर्ष (22) उत्तरप्रदेश के आगरा निवासी था।

उधर लक्ष्मण झूला में पटना वॉटर फॉल के पास एक युवक गंगा में बह गया। उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद निवासी शोभित यादव (30) दोस्तों के साथ ऋषिकेश आया था। गंगा  में नहाते समय पैर फिसलने से गंगा की तेज लहरों की चपेट आ गया। एसडीआरएफ प्रभारी कविंद्र सजवाण ने बताया कि गंगा में बहे तीनों युवकों को तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

Dehradun: 12 मार्च को होगा झंडा मेले का आयोजन, अंतिम चरण में तैयारियां, कई राज्यों से संगतें पहुंची दून

News web media Uttarakhand : 12 मार्च को झंडे जी के आरोहण के साथ ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू हो जाएगा। इसमें शामिल होकर पुण्यलाभ कमाने के लिए देश के कोने-कोने से संगतें दरबार साहिब पहुंच रही हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान आदि से संगतों का आना जारी है। दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेंद्र दास महाराज संगतों को आशीर्वाद दे रहे हैं।
करीब एक माह तक चलने वाले देहरादून के ऐतिहासिक झंडा मेला की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। संगतों के ठहरने से लेकर भोजन आदि का पूरा इंतजाम किया गया है। विभिन्न धर्मशालाओं में रुकने की व्यवस्था है। मेला कमेटी और पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। वहीं, इस बार झंडा रोहण की पूर्व संध्या पर श्री महाकाल सेवा समिति की ओर से श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ब्लड बैंक के सहयोग से रक्तदान शिविर लगेगा। संस्था के अध्यक्ष रोशन राणा ने बताया कि महंत देवेंद्र दास ने रक्तदान शिविर के बैनर का विमोचन किया है। साथ ही क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया।
गुरु रामराय महाराज के दून आगमन की खुशी में लगता है मेला
सिखों के सातवें गुरु हरराय महाराज के ज्येष्ठ पुत्र गुरु रामराय महाराज के देहरादून आगमन की खुशी में हर साल झंडा मेला लगता है। वर्ष 1675 में चैत्र मास कृष्ण पक्ष की पंचमी को गुरु रामराय महाराज ने दून में कदम रखा था। इसके बाद 1676 से यह उत्सव मनाया जाता है। मेले में झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाया जाता है।

चैत्र में कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन पूजा-अर्चना कर पुराने झंडे जी को उतारकर ध्वजदंड में बंधे पुराने गिलाफ, दुपट्टे आदि हटाए जाते हैं। दरबार साहिब के सेवक दही, घी और गंगाजल से ध्वज दंड को स्नान कराते हैं। इसके बाद झंडे जी को गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होती है। सबसे ऊपर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है।
पवित्र जल छिड़कने के बाद श्रद्धालु रंगीन रुमाल, दुपट्टे आदि बांधते हैं। कहा जाता है कि पहले पंजाब और हरियाणा से ही संगतें दरबार साहिब पहुंचती थीं। इसके बाद झंडे जी की ख्याति देश-दुनिया में फैलने लगी। अब लाखों श्रद्धालु झंडे जी के दर्शन करने पहुंचते हैं। दरबार साहिब के आंगन में सद्भाव के सांझा चूल्हे से रोजाना हजारों लोग एक ही छत के नीचे भोजन ग्रहण करते हैं। अलग-अलग स्थानों पर भी लंगर चलते हैं।

उत्तराखंड में बिजली संकट के आसार, आज CM धामी दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से करेंगे मुलाकात

देहरादून: उत्तराखंड में अगले महीने से बिजली का संकट गहरा सकता है। इससे पार पाने के लिए राज्य सरकार अब केंद्र से मार्च 2024 तक के लिए 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) बिजली की मांग करने जा रही है। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस बार बारिश कम होने से गर्मी में बिजली की ज्यादा मांग के आसार हैं। फिलहाल 31 मार्च तक के लिए तो केंद्र ने अपने विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली दे दी है लेकिन एक अप्रैल से फिर कमी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि गर्मियों के सीजन में बिजली की मांग पिछले वर्षों में पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंची है। इस साल भी यह मांग इतनी जाने की संभावना है। बताया कि गर्मियों के सीजन में सामान्य तौर पर 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) और पीक आवर्स में 800 मेगावाट (1.92 करोड़ यूनिट) तक बिजली की किल्लत हो सकती है। लिहाजा, सरकार अब केंद्र सरकार से मार्च 2024 तक 96 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति गैर आवंटित कोटे से करने की मांग की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात करेंगे।
राज्य में दो गैस आधारित बिजली प्लांट काशीपुर में हैं। इन दोनों ने 321 मेगावाट बिजली मिलती है। गैस महंगी होने की वजह से ये बंद पड़े हुए थे। 28 फरवरी को केंद्र की बैठक के बाद तय हुआ है कि इन प्लांटों को चलाया जा सकता है। दोनों बिजली प्लांट मालिकों ने बिडिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें गैस की कीमत 16 डॉलर के आसपास आ रही है, जिससे राज्य को बिजली करीब 12 रुपये यूनिट मिलेगी। राज्य ने 15 डॉलर तक की सहमति दी हुई है, जिससे बिजली 10 रुपये यूनिट तक मिलेगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कम कीमत पर गैस उपलब्ध होने की उम्मीद प्रबल हो रही है। जिससे गैस आधारित प्लांट चल सकेंगे। इनसे राज्य को 77 लाख यूनिट मिलने लगेगी।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश में बिजली संकट को देखते हुए वह लघु अवधि (शॉर्ट टर्म) के साथ ही मध्यम अवधि (मीडियम टर्म) की निविदा से बिजली खरीद कर रहे हैं। बताया कि इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर एनर्जी एक्सचेंज से भी बिजली खरीदी जाती है।

Ayushman Card: आयुष्मान कार्ड धारकों का आंकड़ा 50 लाख पार, देहरादून जिले में सबसे अधिक 10.47 लाख

Dehradun: प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितंबर 2018 से लागू हुई और अटल आयुष्मान योजना का संचालन 25 दिसंबर 2018 से शुरू हुआ था। पांच लाख तक निशुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए प्रदेश के 50 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में कार्ड धारकों का आंकड़ा 50 लाख पार हो गया है। देहरादून जिले में सबसे अधिक 10.47 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। जल्द ही शत प्रतिशत लाभार्थियों के कार्ड बनाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

पांच लाख तक निशुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए प्रदेश के 50 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितंबर 2018 से लागू हुई और अटल आयुष्मान योजना का संचालन 25 दिसंबर 2018 से शुरू हुआ था। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए। जिससे वर्तमान में 50 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर सचिव अरूणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अभी तक 50 लाख से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं। सभी लोगों को आयुष्मान योजना से जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। जिन लोगों ने अभी तक अपने कार्ड नहीं बनाए हैं वे जन सेवा केंद्रों पर जाकर आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं।

जिलावार आयुष्मान कार्ड की संख्या

जनपद      आयुष्मान कार्ड
अल्मोड़ा       254045
बागेश्वर         111287
चमोली         193018
चंपावत         110608
देहरादून       1047988
हरिद्वार         840402
नैनीताल        469620
पौड़ी            363698
पिथौरागढ़    199094

Uttarakhand : बाल विवाह के पूर्व सूचना देने वालों को मिलेगा इनाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऐलान

देहरादून: उत्तराखंड में महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ होने वाली मानसिक एवं शारीरिक हिंसा की घटनाओं को रोकने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के तौर पर जाना जाएगा। साथ ही बाल विवाह की पूर्व सूचना पुलिस को देने वाले या रोकने की कोशिश करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ एवं महिला हिस्सेदारी को प्रोत्साहन कार्यक्रम में ये दो ऐलान किए। इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों एवं अफसरों को भी प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महिला एवं बाल सुरक्षा में सहयोग करने वाले लोगों और संस्थाओं को वे स्वयं भी वक़्त-वक़्त पर सम्मानित करेंगे।

Uttarakhand: 50 हजार रुपये में डॉक्टर बनने के बाद कइयों ने जुर्माना देकर पहाड़ से नाता तोड़

News web media Uttarakhand : पहाड़ के प्रति डॉक्टरों की बेरुखी के बाद सरकार बॉन्ड की शर्त को और सख्त बनाने जा रही है। बॉन्ड तोड़ने वाले ऐसे डॉक्टरों से सरकार दो करोड़ रुपये तक जुर्माना वसूलने की तैयारी में हैं। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए बॉन्ड व्यवस्था लागू की थी।

प्रदेश में 50 हजार रुपये में डॉक्टर बनने के बाद कइयों ने जुर्माना देकर पहाड़ से नाता तोड़ लिया। बॉन्ड की शर्त के हिसाब से मेडिकल की पढ़ाई पूरी होने के बाद ऐसे डॉक्टरों को पहाड़ में सेवाएं देनी थीं। लेकिन उन्होंने जुर्माना देकर बॉन्ड तोड़ने का विकल्प चुना।

ऐसे डॉक्टरों की संख्या अब तक 193 हो चुकी है। पहाड़ के प्रति डॉक्टरों की इस बेरुखी के बाद सरकार बॉन्ड की शर्त को और सख्त बनाने जा रही है। बॉन्ड तोड़ने वाले ऐसे डॉक्टरों से सरकार दो करोड़ रुपये तक जुर्माना वसूलने की तैयारी में हैं।प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए बॉन्ड व्यवस्था लागू की थी। इसमें सस्ती फीस पर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए छात्रों से बॉन्ड भराया जाता है।

बॉन्ड की शर्तें यह हैं कि पढ़ाई पूरी होने के बाद डॉक्टरों को पांच साल तक पहाड़ में सेवाएं देनी होती हैं, लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद बॉन्ड धारी डॉक्टर पहाड़ों में सेवाएं देने से इनकार करते हैं। यहां तक की विभाग की ओर से तैनाती देने बाद अस्पतालों से गायब हो जाते हैं। बॉन्ड तोड़ने पर सरकार ने कार्रवाई की तो डॉक्टर लाखों रुपये जमा करने को तैयार हो गए।

श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड की व्यवस्था

बॉन्ड धारी डॉक्टरों के पहाड़ों में जाने से इन्कार करने पर सरकार दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और अल्मोड़ा में एमबीबीएस पढ़ाई के लिए बॉन्ड की व्यवस्था है। बॉन्ड भरने वाले डॉक्टरों से सरकार 50 हजार फीस लेती है। जबकि बिना बॉन्ड वाले डॉक्टरों की फीस चार लाख तक होती है।

सरकार सख्त, बॉन्ड तोड़ने पर होगी दो करोड़ की वसूली

बॉन्ड व्यवस्था में एमबीबीएस, पीजी और यूजी की पढ़ाई सस्ती दरों की जाती है। पूर्व में बॉन्ड की शर्तों का पालन न करने वाले डॉक्टरों से पूरी फीस की वसूली की जाती थी। इसमें एमबीबीएस डॉक्टरों से 20 से 25 लाख और पीजी बॉन्ड धारक से एक करोड़ की वसूली की जाती है। अब सरकार ने जुर्माने के रूप में दो करोड़ वसूलने की तैयारी कर रही है।

नोटिस देने के बाद ड्यूटी पर नहीं लौटेबॉन्ड धारी डॉक्टरों को सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए। बावजूद इसके वे ड्यूटी पर नहीं लौटे। इसके बाद सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से डॉक्टरों को आरसी जारी कर वसूली की कार्रवाई की है।

33 लाख तक भरा जुर्माना

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से बॉन्ड व्यवस्था से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले दो डॉक्टर ने बॉन्ड तोड़ने के लिए 33-33 लाख तक जुर्माना भरा है।

बॉन्ड तोड़ने वाले डॉक्टरों पर सरकार सख्ती बरती रही है। अब यदि कोई डॉक्टर बॉन्ड की शर्तों का पालन नहीं करता है तो उससे दो करोड़ तक वसूली की जाएगी बॉन्ड व्यवस्था के तहत मेडिकल की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर को पांच साल पहाड़ में सेवाएं देना अनिवार्य

जिला तैनात बॉन्ड धारी डॉक्टर अनुपस्थित

नैनीताल

55 05
बागेश्वर 03  05
चंपावत 45 04
पिथौरागढ़ 62 04
अल्मोड़ा 61 12
यूएसनगर – 00 20
देहरादून 04 10
पौड़ी 64 13
उत्तरकाशी 30 06