प्रदेश में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आस अब तक अधूरी

प्रदेश में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आस अब तक अधूरी है। इसे लेकर दावे तमाम हुए जमीन आवंटित की गई और प्रारंभिक कार्य के लिए बजट भी। पर विश्वविद्यालय कई साल बाद भी मैं नहीं आ सकता ऐसे में विधि क्षेत्र में शरीर बनाने के इच्छुक छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मासले में हस्तक्षेप की मांग की है। मुख्यमंत्री ने डेड माह पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्री व उच्च न्यायालयों की मुख्य न्यायाधीशो के संयुक्त कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राज्य में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संचालित होगा। युवाओं की मांग है कि विवि सत्र 2022 -23 से संचालित किया जाए।

दरअसल राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का मामला 10 साल से भी अधिक समय से लटका हुआ है पहले विश्वविद्यालय की स्थापना नैनीताल में होनी थी पर इस में जमीन की उपलब्धता का पेंच फंस गया। जिसके बाद सरकारों में भी इस और मजबूत इच्छाशक्ति दिखाने से गुरेज किया। साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर इस और कदम उठाए गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विधानसभा क्षेत्र विवि का शिलान्यास किया, पर मामला आगे नहीं बढ़ा।कुछ समय पहले विवि के प्रारंभिक कार्यों के लिए 50लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरातन छात्र परिषद का अधिवेशन इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स सभागार में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरातन छात्र परिषद का अधिवेशन इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स सभागार में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। अधिवेशन में उत्तराखंड के साथ ही देश के कई राज्यों के पुरातन छात्र पहुंचे थे। इस दौरान जहां पुरातन छात्रों ने विवि के गौरवशाली इतिहास के साथ ही छात्र जीवन के यादगार पलों को याद किया, वहीं विवि में शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जताने के साथ ही गौरवशाली इतिहास को दोबारा स्थापित करने का संकल्प लिया।

अधिवेशन के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति एवं उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष वीके बिष्ट ने कहा कि जीवन में सफलता का मूल मंत्र समयबद्धता है। प्रयागराज सिर्फ तीन नदियों का संगम नहीं, बल्कि विचारधाराओं का भी संगम है। विवि ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के साथ देश के विकास में अहम योगदान दिया है। प्रयागराज की पवित्र भूमि पर ही चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया। विवि महान साहित्यकारों, लेखकों, कवियों, वैज्ञानिकों और प्रशासनिक अधिकारियों की कर्मस्थली रही है।

न्यायमूर्ति एमएम घिल्डियाल ने कहा कि विवि  महान साहित्यकारों महादेवी वर्मा, डॉ. रामकुमार वर्मा, भगवती चरण वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, फिराक गोरखपुरी, डॉ. हरिवंश राय बच्चन जैसे लोगों की कर्मस्थली रही है और शिक्षा के क्षेत्र में विवि ने जो योगदान दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस दौरान पुरातन छात्रों ने विवि में पढ़ाई के दौरान बिताए गए पलों को याद करते हुए कई संस्मरण भी सुनाए। इस मौके पर आयोजक मंडल के अध्यक्ष रवींद्र गोडबोले, प्रवीण टंडन, मनीष तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह, अधिवक्ता सिद्धनाथ उपाध्याय और हंसादत्त (कमिश्नर सुगरकेन उत्तराखंड आदि मौजूद थेे। कई दशक बाद मिले तो आंखें डबडबा गईं।

अधिवेशन में तमाम ऐसे पुरातन छात्र शामिल हुए जो विवि में पढ़ाई के चार दशक बाद मिले। कई पुरातन छात्र अपने साथियों को पहचान ही नहीं पाए। जान पहचान होने के बाद एक-दूसरे के गले मिलकर पुराने दिनों को याद किया।  कई ऐसे पुरातन छात्र भी मिले जिन्होंने विवि में पढ़ाई करने के साथ ही नौकरी की, लेकिन कभी मिल नहीं पाए।
कई ने 40 साल बाद समोसे और जमीन की नमकीन का जमकर लुत्फ उठाया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकारों ने गीत गाकर समा बांध दिया, जिसका पुरातन छात्रों ने जमकर आनंद उठाया। इस दौरान हास्य व्यंग का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। हास्य कलाकार बलबीर सिंह खिचड़ी ने पुरातन छात्रों को जमकर गुदगुदाया।

भिकियासैंण नगर पंचायत में तीन दिनों से नहीं है वैक्सीन दूरदराज इलाकों से आए लोगों को बिना वैक्सीनेशन के ही वापस लौटना पड़ा घर

नगर पंचायत भिकियासैंण में विगत तीन दिनों से कोविड वैक्सीन उपलबध नही होने से लोग अपने घरों से वापस जा रहे थै।विगत शनिवार से राजकीय इंटर कॉलेज भिकियासैंण मे कोविड -19 के -18 से 44 साल उम्र तक के -लोगों को वैक्सीन नहीं लगी ,और न ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण में -45.से ऊपर वाले उम्र वालो को लगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर पीयूष रंजन ने  बताया कि वैक्सीन बुधवार तक पहुँचने की उम्मीद जताई जा रही है जैसे -जैसे   उपलब्ध होगी, उसी के तहत सभी को वैक्सीन लगाई जायेगी। उन्होने कहा वैक्सीन   उपलब्धता पर आफलाईन के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जायेगी।

मुख्यमंत्री ने किया हिमालय आजीविका कलस्टर स्तरीय फैडरेशन वेब पोर्टल का विधिवत लोकार्पण

हिमालय आजीविका कलस्टर स्तरीय फैडरेशन द्वारा संचालित वेब पोर्टल www.himalayankart.in का विधिवत लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा सर्किट हाउस में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय आजीविका कलस्टर स्तरीय द्वारा संचालित वेब पोर्टल में यथा संभव सहयोग किया जायेगा जिससे महिलाओं में इस कार्य क्षेत्र में अधिक रूचि होगी और अन्य महिलाऐं भी इस पोर्टल के माध्यम से अपने उत्पादों को आमजन तक पहुचा पायेंगी, इससे महिलाओं का आर्थिक विकास होगा तथा वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी तथा पोर्टल के जरिये महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पादों की पहुच जन-जन तक हो सकेगी। मुख्यमंत्री द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं तथा फैडरेशन के पदाधिकारियों को इस वेब पोर्टल के संचालन के लिए बधाई दी।

मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी नरेन्द्र सिंह भण्डारी ने बताया कि कोविड-19 से पूर्व स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को बाजार में आसानी से बेचा जा रहा था, लेकिन कोविड-19 में लाॅकडाउन के कारण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बनाये गये उत्पादों को बाजार में लाना मुश्किल था, जिस कारण इन उत्पादों को बाजार में लाने के लिए ई-मार्केटिंग से जोड़ने के लिए ई-कामर्स वेब पोर्टल बनाया गया, जिसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के द्वारा बनाये गये उत्पादों को आनलाईन मार्केट के माध्यम से बेचा जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि ई-मार्केटिंग के द्वारा महिलाओं में तकनीकी क्षेत्र के बारे में जानकारी के साथ-साथ अपने उत्पादों को बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाकर पूरे देश में बेचा जा सकता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वर्तमान के प्रतिस्पर्धा के दौर में खुद को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

लोकार्पण समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत, विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष भाजपा बंशीधर भगत, विधायक संजीव आर्य, नवीन दुम्का, राम सिंह कैड़ा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रदीप बिष्ट, मण्डलायुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के अलावा फैडरेशन पदाधिकारी श्रीमती विनीता आर्य, इन्दिरा देवी, सरीता जोशी आदि उपस्थित थे।

उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज को मिली नए सत्र में प्रवेश की अनुमति

उत्तराखंड में निजी क्षेत्र में 2001 से स्थापित प्रथम आयुर्वेदिक कॉलेज राजपुर रोड स्थित उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज को बीएएमएस एवं एमडी आयुर्वेद पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु 60 सीटों के प्रवेश हेतु आयुष मंत्रालय ने मान्यता प्रदान कर दी है। जिसमें आयुर्वेद, स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका मिलेगा।
उक्त जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्य मानव दयाल शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद में भविष्य बनाने के प्रति युवाओं में क्रेज बढ़ा है। सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित भवन अस्पताल एवं सुरम्य घाटी में स्थित उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज में प्रवेश हेतु अभ्यर्थी उत्साहित है। नीट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को संस्था में नियमानुसार प्रवेश की कार्यवाही 28 फरवरी तक पूर्ण कर ली जाएगी। कॉलेज को द्वितीय चरण की काउंसलिंग में शामिल कर लिया गया है।
उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुरेश चौबे ने दी जानकारी में बताया कि राज्य में आयुर्वेदिक कॉलेजों में प्रवेश हेतु प्रथम चरण की काउंसिलिंग पूर्ण हो चुकी है एवं द्वितीय चरण की काउंसिलिंग अंतिम चरण में है। मोप अप राउंड काउंसलिंग 24 से अनंतिम निर्धारित है। डॉ. चौबे ने बताया कि राज्य में 3 राजकीय व निजी क्षेत्र के 9 आयुर्वेदिक कॉलेजों को आगामी सत्र में प्रवेश हेतु मान्यता प्राप्त हुई है।
एक कॉलेज को मान्यता मिलने की संभावना है। अगले प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा जल्द ही की जाएगी। विश्ववविद्यालय ने काउंसलिंग शेडयूल में आंशिक फ़ेरबदल किया है। डॉ. चौबे ने बताया कि द्वितीय चरण की काउंसलिंग के उपरांत विगत दिवस विश्वविद्यालय द्वारा मेरिट लिस्ट जारी कर दी जायेगी। जिसमें अभ्यर्थियों को नीट की मेरिट के आधार पर राज्य के विभिन्न आयुर्वेदिक कॉलेजों में दाखिले का मौका मिलेगा। 19 व 20 को अभ्यर्थी अपनी सूची के अनुसार महाविद्यालयों का चयन (choice filling) कर सकेंगे। उपलब्ध सीटों के आधार पर 22 को विश्वविद्यालय द्वारा सीटें आवंटित कर परिणाम घोषित किया जाएगा। आवंटित सीटों पर अभ्यर्थी 23 व 24 फरवरी को प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे।
उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज के एमडी एवं उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ अश्विनी काम्बोज ने आयुष मंत्रालय एवं सी.सी.आई.एम नई दिल्ली का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस वर्ष को महामारी के चलते आयुर्वेदिक पाठ्यक्रम का सत्र विलंबित हुआ है। प्रतिवर्ष 30 अक्टूबर उक्त प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाती थी, परंतु कोरोना के चलते इस वर्ष आयुष कॉलेजों में नए सत्र का शिक्षण-प्रशिक्षण मार्च 2021 से प्रारंभ होगा। डॉ. कांबोज ने बताया कि राज्य के कुछ कॉलेजों को अभी भी प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। उनको भारत सरकार द्वारा शीघ्र अनुमति मिलने की संभावना है। ऐसे कॉलेजों में रिक्त सीटों के लिए अलग से काउंसलिंग हेतु भारत सरकार को एसोसिएशन के माध्यम से पत्र प्रेषित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एवं केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली द्वारा उत्तराखंड के आयुष कॉलेजों में नए सत्र में प्रवेश हेतु निजी क्षेत्र के 9 कॉलेजों को मान्यता प्रदान करते हुए सूची जारी कर दी है। इनके अतिरिक्त राज्य के तीन राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज व गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज (हरिद्वार) एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय मैन केंपस हर्रावाला देहरादून को भारत सरकार ने पूर्व में ही मान्यता प्रदान कर दी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के जिन 9 निजी कॉलेजों को मान्यता मिली है, उनमें पतंजलि आयुर्वेदिक कॉलेज (100 सीट), उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज (60), हिमालय आयुर्वेदिक कॉलेज (60) दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (60), क्वाड्रा इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद(30), मदरहुड आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज(60), शिवालिक इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद एंड रिसर्च (60), मंजीरा देवी आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज (30), चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (50) सीट शामिल है।
देवभूमि मेडिकल कॉलेज ऑफ आयुर्वेद को भी जल्द मान्यता मिलने की संभावना है। राज्य के तीन कॉलेजों हरिद्वार आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, उत्तरांचल युनानी मेडिकल कॉलेज एवं आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज को कोर्ट के आदेश से मान्यता प्राप्त होने की जानकारी मिली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन कॉलेजों बिहाइव मेडिकल कॉलेज, विशंभर सहाय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं परम हिमालयन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को मान्यता मानक (टीचिंग फैकल्टी) पूरे न किए जाने पर रद्द कर दी गई है।

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 32 शव मिल गए हैं जबकि 174 लोग अभी लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 190, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं। एक हेलीकाप्टर द्वारा एनडीआरएफ की टीम औश्र 03 वैज्ञानिकों को भेजा गया है। स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।

आपदा से 05 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 13 गांवों में बिजली प्रभावित हुई थी, इनमें से 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। शेष 2 गांवों में अभी लाईन क्षतिग्रस्त है। इसी प्रकार 11 गांवों में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हुई थीं, इनमें से 8 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। शेष 03 पर भी काम चल रहा है।

पटना में जांच के दौरान अड़ी लड़की बोली, नहीं खोलने दूंगी डिक्की;

बिहार में शरबबंदी है। ऐसा सरकार कहती है। कानून तोड़ने पर कार्रवाई भी होती है। सजा का प्रावधान भी है। इसके बाद तस्कर पुलिस को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। बस, ट्रेन, ट्रक, कार, बाइक और स्कूटी से शराब की सप्लाई होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बिहार की सीमा पर लगातार शराब पकड़े जाने के साथ घर के अंदर गाड़ी गई शराब भी मिल रही है। पुलिस थोड़ी सख्त हो रही है तो तस्करों ने नए हथकंडे अपना लिए हैं। अब शराब सप्लाई में लड़कियां उतर आई हैं। पटना में शनिवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां शराबबंदी को पुलिस की सख्ती भी फेल होती दिखी। पीरबहोर थाना क्षेत्र की पुलिस ने शराब के साथ एक लड़की को गिरफ्तार किया है। उसके पास से स्कूटी में रखी शराब की 18 बोतलें मिली हैं। आरोपित लड़की को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

बोनी कपूर और राजामौली की ‘फाइट’ में पीसमेकर बने अजय देवगन,

फिल्म प्रोड्सर बोनी कपूर और ‘बाहुबली’ डायरेक्टर एसएस राजामौली के बीच पिछले कुछ दिनो से तल्ख़ी देखी जा रही है। जब से राजामौली ने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘आरआरआर’ की रिलीज़ डेट अनाउंस की है उसके बाद से बोनी कपूर उनसे सख़्त नाराज़ नज़र आ रहे हैं। बीते दिनों बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए बोनी कपूर ने कहा भी था कि, ‘राजामौली के अनाउंसमेंट के बाद मैं बहुत ज्यादा अपसेट हूं। ये बहुत ही अनैतिक बात है’।

अब बोनी और राजामौल की नराज़गी दूर करने के लिए अजय देवगन बीच में आ गए हैं। स्पॉटब्वॉय की खबर के मुताबिक अजय दोनों के बीच पीसमेकर का काम कर रहे हैं। एक्टर दोनों के बीच मीटिंग फिक्स कराने की कोशिश कर रहे हैं ताकी बात हो सके’। हालांकि अजय के सामने मुश्किल इस बात की है कि ना राजामौली मानने के लिए तैयार हो रहे हैं और न ही बोनी कपूर। वेबसाइट से बात करते हुए एक सूत्र ने बताया, ‘बोनी कपूर को लगता है कि वो सही नाराज़ हैं क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मैदान’ की रिलीज़ डेट 6 महीने पहले ही अनाउंस कर दी थी। वहीं राजामौली को लगता है कि दोनों फिल्में एक दूसरे से बिल्कुल अलग है, इसलिए दोनों के बीच कोई मुकाबला ही नहीं है। आरआरआर और मैदान में अजय के बिल्कुल अलग-अलग रोल हैं’। बताते चलें कि अजय देवगन ‘आरआरआर’ और ‘मैदान’ दोनों ही फिल्मों में नज़र आने वाले हैं।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने किया LCA की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन,

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मंगलवार को बेंगलुरु पहुंचे। उन्होंने यहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के दूसरे LCA  (Light Combat Aircraft ) के प्रोडक्शन लाइन का  उद्घाटन किया।  डील के तहत वायुसेना को तेजस LCA की डिलिवरी मार्च 2024 में शुरू होगी। उन्होंने इसकी जानकारी अपने ट्विटर पर दी।

इस मौके पर रक्षामंत्री ने कहा, ‘हम कब तक देश की सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहेंगे, हम लंबे समय तक​ निर्भर नहीं रह सकते। हम सभी का ये संकल्प है जो भी बनाना होगा उसे खुद बनाने की कोशिश करेंगे और सीमा और अपने स्वाभिमान की सुरक्षा करेंगे।’

उन्होंने दिल्ली से बेंगलुरु के लिए रवाना होने से पहले लिखा, ‘आज HAL के दूसरे LCA  के के प्रोडक्शन लाइन उद्घाटन के लिए बेंगलुरु जा रहा हूं और वहां 3 से 5 फरवरी तक आयोजित होने वाले एयरो इंडिया शो में शामिल होउंगा।’

चंडीगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता पवन बंसल ने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में नहीं दिया भाषण

 

चंडीगढ़ कांग्रेस द्वारा सेक्टर 35 स्थित कांग्रेस कार्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हर बार की तरह सभी बड़े नेता कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन सीनियर नेता पवन बंसल ने इस बार कार्यकर्ताओं को संबोधित नहीं किया जिससे सभी हैरान हो गए।

इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल सेक्टर-35 के कांग्रेस भवन तो कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन उन्होंने भाषण नहीं दिया। ऐसा न होने पर मौके पर ही नेताओं और कार्यकर्ताओं में गपशप शुरू हो गई कि ऐसा क्यों हुआ। जबकि बंसल हर बार कांग्रेस भवन में जब जब कार्यक्रम होता है तो कार्यकर्ताओं को संबोधित जरूर करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।