प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरी से बात करते हुए अनुरोध किया कि कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए। अब तक दो शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। वहीं, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा हम प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करते हैं। मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि बड़ी संख्या में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर स्नान को न आएं और सभी नियमों का पालन करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। कहा मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवाहन का संत महात्माओं ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ के बाकी शाही स्नानं को प्रतीकात्मक करने के आवाहन का हरिद्वार के तमान संत महात्माओं ने स्वागत किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि सहित निरंजनी अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद भारती ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया और इसे राष्ट्र, काल और परिस्थिति के अनुरूप बताया।
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।’
कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान-महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।