उत्तराखंड में कोरोना वायरस के प्रसार की रफ्तार चरम पर पहुंच गई है। बीते एक पखवाड़े (एक अप्रैल से 15 अप्रैल) में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 15833 मामले आए हैं, जबकि जनवरी से मार्च तक यानी तीन माह में राज्य में 9491 मामले आए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर भयावह हो रहे हैं।
बीते 15 दिन की स्थिति का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि हर 82 सेकेंड में संक्रमण का औसतन एक मामला दर्ज हो रहा है। एक अप्रैल को प्रदेश में 500 लोग संक्रमित मिले थे। 15 अप्रैल को यह आंकड़ा साढ़े चार गुना बढ़कर 2220 पर पहुंच गया। एक अप्रैल को प्रदेश में 2236 सक्रिय मामले थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 12484 पहुंच गई है। रिकवरी दर भी 94.59 से घटकर 85.83 फीसद पर आ गई है।
उत्तराखंड में दून और हरिद्वार कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं। पिछले 15 दिन में इन दो जनपदों में 11142 लोग संक्रमित मिले हैं। यह प्रदेश के कुल मामलों का 70 फीसद है। इस दौरान देहरादून में 6644 और हरिद्वार में 4498 मामले आए हैं। दून, विकासनगर, ऋषिकेश और मसूरी में फिलवक्त 40 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं।
देहरादून जनपद की स्थिति अब भयावह होती जा रही है। हर दिन सबसे ज्यादा मामले यहीं आ रहे हैं। गुरुवार को जनपद में अब तक के सर्वाधिक 914 मामले आए। स्थिति इसलिए ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि यहां संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को दून में सैंपल पॉजिटिविटी रेट 16.89 फीसद पर पहुंच गया। एक सप्ताह पहले आठ अप्रैल को यह 3.72 फीसद था।
संक्रमण की स्थिति
मामले
जनवरी: 5209
फरवरी: 863
मार्च: 3419
अप्रैल (15 तक): 15833
मौत
जनवरी: 135
फरवरी: 48
मार्च: 25
अप्रैल (15 तक): 85
संक्रमण दर
जनवरी: 1.45
फरवरी: 0.31
मार्च: 1.02
अप्रैल (15 तक): 3.33