वन दरोगा भर्ती धांधली में परीक्षा केंद्र संचालक गिरफ्तार, अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर कराई थी नकल

देहरादूनर। एसटीएफ ने वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में हुई धांधली के मामले में परीक्षा केंद्र संचालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने परीक्षा कराने के लिए कॉलेज की कंप्यूटर लैब को 11 महीने के लिए किराये पर लिया था। इस केंद्र में परीक्षा के लिए शामिल कई अभ्यर्थियों को आरोपी ने पैसे लेकर नकल कराई थी। मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 16 जुलाई से 25 जुलाई 2021 तक 31 केंद्रों पर वन दरोगा भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराई गई थी। यह परीक्षा 316 पदों के लिए हुई, जिसमें 85 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा के लिए टेक्निकल सपोर्ट एनसीईआईटी कंपनी ने दिया था।

परीक्षा के बाद 620 अभ्यर्थियों को प्राथमिक तौर पर चयनित किया गया। इनका फिजिकल टेस्ट होने के बाद रिजल्ट घोषित करना था, लेकिन आयोग ने इसमें संदेह पाते हुए जांच एसटीएफ से कराने की संस्तुति की थी। इस मामले में साइबर थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में एसटीएफ ने लैब टेक्नीशियन समेत तीन लोगों की पहले गिरफ्तारी कर ली थी। अब मंगलवार को परीक्षा केंद्र स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी हरिद्वार के संचालक प्रवीण कुमार राणा निवासी देवनगर, जिला सोनीपत हरियाणा को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने बताया, वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। 2020 में उसकी मुलाकात निशांत चैधरी निवासी रमाला बागपत से हुई थी। उसने और निशांत ने स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को 50 रुपये प्रति कंप्यूटर के हिसाब से केवल परीक्षा के लिए 11 महीने के लिए किराये पर लिया था। इसके बाद एनसीईआईटी कंपनी संग प्रवीण कुमार ने एग्रीमेंट कर लिया। यहां पर लैब टेक्नीशियन सचिन के माध्यम से अभ्यर्थियों को नकल कराई गई। इसके लिए प्रति अभ्यर्थी आठ से 10 लाख रुपये लिए गए थे। परीक्षा कराने के लिए प्रवीण को कंपनी ने भी 1.71 लाख रुपये का भुगतान किया था। आरोपी से पूछताछ के आधार पर अभी और भी लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है।

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