मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चंपावत के मौजूदा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ दी है। गुरुवार को विधायक गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा अध्यक्ष के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विधायक गहतोड़ी ने कहा कि चंपावत के विकास के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा और सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल भी मौजूद रहे।
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस को संबोधित करते हुए कैलाश चंद्र गहतोड़ी के इस्तीफे को स्वीकार करने की घोषणा की। विधानसभा चुनाव में भाजपा 47 सीट जीतकर सत्ता पर तो काबिज हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विस सीट से चुनाव हार गए। पार्टी ने धामी के नेतृत्व पर भरोसा किया और उन्हें सत्ता की कमान सौंपी।
कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ी है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी कि वह 2 बार के विधायक रहे। अपनी भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया है। वह निस्वार्थ भाव से पार्टी संगठन का काम करेंगे।
इस दौरान उन्होंने बड़ी बात कही कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी 5 साल तक बेहतर तरीके से सरकार चलाएं ये ही उनकी इच्छा है। फिलहाल संगठन या सरकार में किसी भी तरह की बड़ी जिम्मेदारी की बात से कैलाश गहतोड़ी ने साफ इनकार किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कैलाश गहतोड़ी सीएम पुष्कर धामी से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महामंत्री संगठन अजय कुमार भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कैलाश गहतोड़ी भी चंपावत के लिए रवाना होंगे। आज चंपावत में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी चंपावत सीट से चुनावी शंखनाद करेंगे।
कैलाश गहतोड़ी काफी पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट खाली करने का एलान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भी उनकी सीट से उपचुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। कुछ दिन पूर्व नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद उनके चंपावत से उपचुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। मंगलवार को गहतोड़ी ने भी देहरादून पहुंचकर इस संबंध में औपचारिक घोषणा करने के संकेत दिए थे। बुधवार को गहतोड़ी देहरादून पहुंचे। गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री धामी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात की थी।
राज्य गठन के बाद अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा को चंपावत विधानसभा सीट पर तीन बार जीत मिली है। पिछले दो विधानसभा चुनावों से चंपावत सीट पर भगवा बुलंद है। 2017 में भाजपा ने कैलाश गहतोड़ी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने 63 फीसदी से अधिक वोट लेकर शानदार जीत दर्ज की थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी गहतोड़ी विजयी रहे। राज्य बनने के बाद 2002 में सबसे पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल इस सीट से चुनाव जीते। तब इस सीट भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। 2007 में इस सीट से भाजपा की बीना महाराना चुनाव जीतीं। 2012 में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल ने फिर वापसी की। 2017 और 2022 के चुनाव में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी विजयी रहे।