बंशीधर भगत को राज्यपाल गुरमीत सिंह मान ने दिलाई प्रोटेम स्पीकर शपथ,पांचवीं विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायक आज लेंगे पद की शपथ

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को सोमवार को राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों को सोमवार को ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। विधानसभा मंडप में 11 बजे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तय किया गया है। शपथ ग्रहण के लिए निर्वाचित विधायक देहरादून पहुंच गए हैं। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की ओर से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सातवीं बार चुनाव जीते बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, प्रमुख सचिव  आनंद वर्धन, राज्यपाल के सचिव डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा उपस्थित थे। इसके बाद अब पांचवीं विधानसभा में नवनिर्वाचित सभी विधायक को विधानसभा भवन में प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे।

विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा के 47, कांग्रेस के 19, बसपा के दो और निर्दलीय दो प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की ओर से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सातवीं बार चुनाव जीते बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत प्रोटेम स्पीकर के माध्यम से विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है।

11 बजे विधानसभा भवन देहरादून में सभी निर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर के माध्यम से पद की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण करने के बाद सदस्यों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को चुना जाता है। शपथ ग्रहण के लिए निर्वाचित विधायक देहरादून पहुंच गए हैं। विधायी एवं संसदीय कार्य के प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल की ओर से प्रोटेम स्पीकर और निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।

10 मार्च से ही शुरू हो चुका विधायकों का कार्यकाल

विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह भले ही 21 मार्च को आयोजित हो रहा है, लेकिन विधायकों का कार्यकाल जीत का प्रमाणपत्र मिलने के बाद से ही शुरू हो गया है। विधानसभा के पूर्व सचिव जगदीश चंद्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद से ही विधायकों का कार्यकाल शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि शपथ की महत्ता यह है कि बिना शपथ के कोई भी विधायक विधानमंडप में नहीं बैठ सकते। इसलिए सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है। राज्य की पांचवीं विधानसभा का गठन 11 मार्च से हो गया है। राजभवन की ओर से 11 मार्च को चौथी विधानसभा के विघटन और पांचवीं विधानसभा के गठन की घोषणा की जा चुकी है।

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