प्रदेश में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आस अब तक अधूरी है। इसे लेकर दावे तमाम हुए जमीन आवंटित की गई और प्रारंभिक कार्य के लिए बजट भी। पर विश्वविद्यालय कई साल बाद भी मैं नहीं आ सकता ऐसे में विधि क्षेत्र में शरीर बनाने के इच्छुक छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मासले में हस्तक्षेप की मांग की है। मुख्यमंत्री ने डेड माह पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्री व उच्च न्यायालयों की मुख्य न्यायाधीशो के संयुक्त कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राज्य में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संचालित होगा। युवाओं की मांग है कि विवि सत्र 2022 -23 से संचालित किया जाए।
दरअसल राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का मामला 10 साल से भी अधिक समय से लटका हुआ है पहले विश्वविद्यालय की स्थापना नैनीताल में होनी थी पर इस में जमीन की उपलब्धता का पेंच फंस गया। जिसके बाद सरकारों में भी इस और मजबूत इच्छाशक्ति दिखाने से गुरेज किया। साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर इस और कदम उठाए गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विधानसभा क्षेत्र विवि का शिलान्यास किया, पर मामला आगे नहीं बढ़ा।कुछ समय पहले विवि के प्रारंभिक कार्यों के लिए 50लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई।