प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुमाऊं कमिश्नर का छापा, चिकित्सकों की खुली पोल, CMO को किया तलब

News web media Uttarakhand : कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने आज हल्द्वानी से हैड़ाखान मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया. इसके साथ ही ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छापेमारी के लिए पहुंचे.

आज हल्द्वानी से हैड़ाखान मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान सड़क मार्ग से जुड़े ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया. कुमाऊं कमिश्नर ने जल जीवन मिशन के तहत अगले महीने तक ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए.

इसके बाद कुमाऊं कमिश्नर ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण के लिए पहुंचे. छापेमारी के दौरान वहां उन्होंने पाया कि डॉक्टर महीने में केवल दो दिन आकर पूरे महीने गायब रहते हैं और डॉक्टर की उपस्थिति वार्ड बॉय द्वारा लगाई जाती है. जिसे देख उनका पारा चढ़ गया. कुमाऊं कमिश्नर ने तत्काल इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया.

उत्तराखंड में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के निर्देश जारी, प्रमुख सचिव ने अल्पसंख्यक कल्याण को लिखा पत्र

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, डॉ. गीता खन्ना ने राज्य में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की जांच के लिए शासन को निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून के जिस मदरसे में 30 बच्चों के स्वास्थ्य के खराब होने की सूचना मिली थी, वह न तो मदरसा बोर्ड में पंजीकृत है और न ही शिक्षा विभाग में।

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार के दृष्टिकोण से गंभीर है, इसलिए इसकी तत्काल जांच आवश्यक है।

आयोग ने शासन को लिखे अपने पत्र में बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मदरसा पिछले 10-12 वर्षों से बिना किसी पंजीकरण के संचालित हो रहा है। इसे जुमे की नमाज के दौरान एकत्रित चंदे से चलाया जा रहा है। इस मदरसे के छात्रावास में 55 बच्चे रह रहे हैं, जो सभी बिहार के मूल निवासी हैं।

बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। मदरसे में बाहरी बच्चों की उपस्थिति को भी आयोग ने चिंताजनक बताया और इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

उत्तराखंड में UCC लागू करने को लेकर सीएम 22 को करेंगे समीक्षा बैठक, नियमावली लगभग तैयार

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संदर्भ में सभी 17 संबंधित विभागों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की योजना बनाई है, जो 22 जुलाई को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए तैयारियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

बैठक में यूसीसी नियमावली और क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के साथ-साथ अन्य सभी सदस्यों की उपस्थिति रहेगी। इस सत्र में गृह, राजस्व, पुलिस और विधायी विभागों के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे, जो यूसीसी कानून को लागू करने की प्रक्रिया पर विस्तार से विचार करेंगे।

गृह विभाग के सचिव के साथ बैठक में शादियों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और कानून लागू करने से पहले यूसीसी एक्ट की 10 हजार प्रतियां छापने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

सरकार और यूसीसी क्रियान्वयन समिति इस समय यह विचार कर रही है कि सितंबर से यूनिफॉर्म सिविल कोड के नियमों को लागू कर दिया जाए। इसके बाद नवंबर तक पूरी तरह से यूसीसी कानून को अमल में लाने की योजना है। इस योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा के लिए विधायी विभाग के सचिव के साथ एक महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।

मंगलौर उपचुनाव को लेकर गरमाई सियासत,भाजपा-कांग्रेस पहुंची निर्वाचन आयोग,हरीश रावत ने दिया धरना

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान सम्पन्न हो गया है। मंगलौर सीट पर दो पक्षों में हुए विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा इस मामले में आमने सामने आ चुकी हैै। दोनों ने ही निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरिद्वार देहात कार्यालय में जाकर घटना के विरोध में धरना दिया है।
हरीश रावत ने हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत से यह घटना हुई। मंगलौर मंगलौर विधानसभा के लिबरहेडी में हुए विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून को ज्ञापन सौंपा।कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस प्रशासन एवं मतदान कर्मियों की मौजूदगी में गोलीबारी एवं बाहरी राज्यों से गुंडे लाकर घटना को अंजाम दिया। उधर मंगलाैर में किसान इंटर कॉलेज मुंडलाना में लोगों ने धीमी गति से मतदान का आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि वह सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन ढाई बजे तक भी उनका नंबर नहीं आया। जिसके बाद हंगामा हो गया। बाद में भारी पुलिस बल तैनात किए गए।
भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर साजिश से मंगलोर चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि वहां हुई घटना को लेकर बाहर से आए कांग्रेसियों ने अफवाह फैलाकर माहौल खराब कर मतदान प्रभावित करने की कोशिश की हैं। सचिवालय स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में आर आर वी पुरुषोत्तम से हुई मुलाकात में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के साथ राजपुर विधायक खजान दास समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान सौंपे गए पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि आज मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में मतदान के समय जो घटना घटित हुई, उसको लेकर पूर्ण रूप से बाहरी विधानसभा से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मंगलौर विधानसभा में घूमकर अफवाह फैलाने का काम किया है।
आरोप लगाया कि वर्ग विशेष में झूठी अपवाहें फैलाकर वहां का माहौल खराब करने की साजिश को अंजाम दिया गया। इस सबके पीछे उनका प्रयास वहां के चुनाव को प्रभावित किये जाने का था। कांग्रेस द्वारा पूर्णतया सोची समझी रणनीति के तहत इस घटनाक्रम को अंजाम दिया है जो पूरी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए विधानसभा उपचुनाव के जिन बूथों पर चुनाव उल्लंघित हुआ है वहां की निष्पक्ष जांच करते हुये आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

उत्तराखंड में अधिकारियों के बंपर तबादले, देखें पूरी लिस्ट

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड शासन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. शासन ने मंगलवार को 15 आईएएस सहित कुल 17 अफसरों के तबादले कर दिए हैं. देर रात इसके आदेश जारी किए गए.

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से आवास, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से शहरी विकास और सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा से आपदा प्रबंधन विभाग का दायित्व हटा दिया गया है. आईएएस शैलेश बगौली को फिर गृह सचिव की जिम्मेदारी दी गई है.

लोकसभा चुनाव के दौरान उनसे गृह सचिव का प्रभार हटा कर सचिव दिलीप जावलकर को दे दिया गया था. बगौली कारागार का भी जिम्मा देखेंगे. बगौली को सचिव सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी से मुक्त कर दिया गया है. जावलकर को सहकारिता का प्रभार दिया गया है.

कार्मिक सतर्कता विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के विभागों को यथावत रखते हुए उन्हें आवास, आयुक्त आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के प्रभार दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण से मुक्त किया गया है. बाकी विभाग यथावत रहेंगे.

अध्ययन अवकाश से लौटे सचिव नितेश झा को शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी व विज्ञान प्रौद्योगिकी का जिम्मा दिया गया है. सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास और निदेशक मत्स्य का जिम्मा दिया गया. सचिव रंजीत कुमार सिन्हा से आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाएं हटा दिए गए हैं. उन्हें तकनीकी शिक्षा का जिम्मा दिया गया है.

सचिव हरि चंद्र सेमवाल को पंचायती राज से मुक्त करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास व आयुक्त खाद्य का जिम्मा दिया गया है. सचिव चंद्रेश यादव से जनगणना, संस्कृत शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग हटाते हुए पंचायती राज का जिम्मा दिया गया है. सचिव बृजेश कुमार संत से समाज कल्याण, आयुक्त समाज कल्याण, अध्यक्ष बहुउद्देश्यीय, वित्त विकास निगम हटाकर ये सभी प्रभार सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को दिए गए हैं. खैरवाल से नियोजन हटा दिया गया है. संत से आयुक्त खाद्य हटाकर उन्हें सचिव परिवहन और आयुक्त परिवहन का प्रभार दिया गया है.

सचिव डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय से आवास, आयुक्त आवास, अपर मुख्य प्रशासक आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना, वित्त एवं निदेशक ऑडिट हटाकर कृषि एवं कृषक कल्याण का प्रभार दिया गया है. सचिव विनोद कुमार सुमन को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास व सहकारिता हटाकर सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास, सचिव एसडीएमए, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित दिए गए हैं. भारतीय संचार सेवा के अधिकारी दीपक कुमार को सचिव जनगणना, संस्कृत शिक्षा व आईएफएस पराग मधुकर धकाते को विशेष सचिव जलागम का जिम्मा दिया गया है.

सी.एम. हेल्पलाईन पर लंबित शिकायतों का आगामी 15 दिनों में सकारात्मक निवारण किया जाए: सीएम धामी

News web media Uttarakhand : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन से वर्चुअल माध्यम से सी.एम. हेल्पलाईन की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सी.एम हेल्पलाईन पर आयी सभी शिकायतों का समयबद्धता से निस्तारण किया जाए. आगामी 15 दिनों में लंबित शिकायतों का सकारात्मक निवारण किया जाए.

उन्होंने सख्त निर्देश दिये हैं कि जिन अधिकारियों ने पिछले एक माह में सी.एम हेल्पलाईन पोर्टल में लॉगइन नहीं किया है, संबंधित विभागीय शीघ्र उन अधिकारियों का यथाशीघ्र स्पष्टीकरण लें. यदि स्पष्टीकरण में संतोषजनक कारण नहीं बताया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय.

सीएम धामी ने कहा कि आने वाले समय में विभागों की कार्य के प्रति इस प्रकार की शिथिलता पाये जाने पर संबंधित विभागीय सचिव एवं विभागाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी तय की जायेगी. सीएम ने निर्देश दिये कि ब्लॉक लेबल अधिकारी से विभागीय सचिव तक सभी अधिकारी जन शिकायतों के समाधान के लिए शिकायतकर्ताओं से स्वयं नियमित संवाद करें. उन्होंने कहा कि संवाद से समरसता के भाव से कार्य करें.

सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जनपदों में प्रत्येक ब्लॉक में आयोजित होने वाली बीडीसी की बैठकों के लिए रोस्टर बनाया जाए. इन बैठकों में विकास से संबंधित विभागीय अधिकारियों और रेखीय विभागों के अधिकारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवाई जाय. बीडीसी की बैठकों में जनपद स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी का भी रोस्टर बनाकर उन्हें बैठकों में भेजा जाए. जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी भी प्रयास करें कि वे हर बीडीसी बैठक में रहें.

सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील दिवस का नियमित आयोजन किया जाए. जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जनपदों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तहसील दिवस में नियमित प्रतिभाग कर जन समस्याओं का समाधान करें. तहसील दिवस पर शिकायतों के निस्तारण संबंधी जानकारी सीएम धामी जन-समर्पण तहसील दिवस पोर्टल पर भी नियमित अपलोड किया जाए.

180 दिनों से अधिक समय से लंबित शिकायतों पर सीएम धामी ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने संबंधित विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि इन शिकायतों का जल्द समाधान किया जाए.इन शिकायतों में जो शिकायतें मांग से संबंधित हैं, उनका अलग से उल्लेख किया जाए. सीएम धामी ने कहा कि शिकायतों को क्लोज करना उद्देश्य न हो, बल्कि शिकायतों का समाधान किया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन मॉड्यूल के हिसाब से नियमित प्रशिक्षण कराया जाय. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण में संबंधित अधिकारी स्वयं उपस्थित रहे. सीएम धामी ने कहा कि सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष प्रत्येक माह के द्वितीय सप्ताह में सीएम हेल्पलाईन-1905 की विभागीय समीक्षा करें और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करें. सभी विभागों द्वारा समीक्षा बैठकों का कार्यवृत्त नियमित पोर्टल पर अपलोड किया जाए.

बैठक के दौरान सीएम धामी ने सी.एम. हेल्पलाईन पर प्राप्त हुई शिकायतों के शिकायतकर्ताओं से फोन से वार्ता की. जिन 07 शिकायतकर्ताओं से सीएम धामी ने वार्ता की उनमें से 03 शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान किया जा चुका है, जबकि 04 शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान किये जाने का आश्वासन सीएम धामी ने दिया.

सीएम धामी ने इस अवसर पर सी.एम. हेल्पलाईन के व्हाट्सएप चैटबोट का भी शुभारंभ किया. सीएम धामी ने कहा कि सी.एम हेल्पलाईन के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए.

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, रंजीत सिन्हा, बृजेश कुमार संत, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, निदेशक आई.टी.डी.ए. नितिका खण्डेलवाल, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे.

सीबीआई की राडार पर एनटीए के 10 अफसर, 5 राज्यों में 27 से ज्यादा गिरफ्तार

News web media Utttarakhand : नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की जांच जारी है. 5 राज्यों में 27 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सबसे बड़ी जांच एजेंसी की रडार पर अब एनटीए के भी कुछ अधिकारी हैं. सीबीआई को अब की तफ्तीश में कई ऐसे सुराग मिले हैं जिनसे एनटीए के अफसरों की मुश्किल बढ़ सकती है. एनटीए का सिस्टम शुरुआत से ही विवादों में रहा है और कैसे काम होता है.

नीट-यूजी 2024 का पेपर लीक हो गया, बिहार समेत कई राज्यों में सीबीआई की जांच जारी है. कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कई लोगों की तलाश जारी है. सीबीआई की रडार पर अब एनटीए के भी 10 अफसर हैं. बताया जा रहा है कि परीक्षा से जुड़े टॉप अधिकारियों पर सीबीआई की नज़र है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है. नीट पेपर लीक मामले में अब तक 4 राज्यों से 26 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. आने वाले दिनों में कई और पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है.

शुरुआत में एनटीए ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था मगर जब बिहार में सबूत मिले तो सवाल उठते चले गए. अब आप समझिए एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का हाल क्या है. दरअसल, एनटीए का गठन 2017 में हुआ था. ये एजेंसी देशभर में करीब 25 प्रवेश परीक्षाएं कराती है. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ से ज्यादा छात्र शामिल होते हैं.

हैरानी की बात ये है कि एनटीए के पास स्थाई कर्मचारी 25 से भी कम हैं. इसीलिए सारा काम आउट सोर्सिंग पर ही चलता है. इसीलिए सीबीआई परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी अलग-अलग आउटसोर्स कंपनियों के अधिकारियों की भी जानकारी जुटा रही है. एनटीए ने बीते कुछ वक्त में बड़ी आउटसोर्स कंपनियां बदलीं हैं लिहाजा सीबीआई हर पहलू को परखना चाहती है.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी 2017 से काम कर ही है और तब से अब तक कई विवाद जुड़े हैँ. इस बार नीट और नेट की परीक्षा पर संग्राम छिड़ा है मगर उससे पहले 2019 में जेईई मेन्स के दौरान परीक्षार्थियों को सर्वर में खराबी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा था. कुछ जगहों पर प्रश्न पत्र में देरी की भी शिकायत मिली थी. इसके बाद 2020 में नीट यूजी की परीक्षा में भी एनटीए पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. इस परीक्षा में कई अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं. 2021 में जेईई मेन्स परीक्षा में कुछ गलत सवालों को लेकर हंगामा हुआ था. इसके बाद 2022 में सीयूईटी-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें हुई थी और एजेंसी को कुछ जगहों पर दोबारा एग्जाम कराना पड़ा था.

इस बार गड़बड़ी को लेकर पूरे देश में आक्रोश है सवाल कई उठ रहे हैं. सीबीआई की जांच के बीच ही सियासी बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है. राजनीति लगातार तेज हो रही है वहीं बिहार में पेपर लीक का मास्टर माइंड माना जा रही संजीव मुखिया अभी भी फरार है. साथ ही एनटीए की साख पर भी सवालों के घेरे में है अब आगे जांच की आंच कहां तक जाएगी इंतजार इसी बात का है.

देहरादून: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिए जाली प्रमाण-पत्रों के मामलों में कड़ी कार्यवाही के निर्देश

News web media Uttarakhand : मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जाली प्रमाण-पत्रों के मामलों में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. सीएस ने आम जनता के लिए जन्म-मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि आमजन को प्रमाण पत्र हेतु इधर उधर न भटकना पड़े.

राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को हिदायत दी कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भारत सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे स्कूल में दाखिला लेने, विधवा पेंशन प्राप्त करने, जीवन बीमा की राशि प्राप्त करने आदि के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं, जिसे प्राप्त करने के लिए कभी कभी परिवार जालसाजों के झांसे में आकर मोटी धनराशि के बदले जाली प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं तथा बाद में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके अतिरिक्त जन्म मृत्यु पंजीकरण की भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट से बहुत सी मिलती जुलती जाली वेबसाइट के मामले भी संज्ञान में आए हैं.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जनता इस प्रकार के जालसाजों से सचेत रहे तथा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार से ही संपर्क करें. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जन्म -मृत्यु पंजीकरण के फर्जी मामलों की रोकथाम तथा आम जनता हेतु पंजीकरण प्रक्रिया को सरल एवं सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा एक नया सुदृढ़ पोर्टल लॉंच कर दिया गया है.

इसके माध्यम से परिवार का कोई भी सदस्य पोर्टल पर अपनी आई. डी. बनाकर परिवार में होने वाले जन्म या मृत्यु के पंजीकरण के लिए घर बैठे ही आवेदन कर सकता है. इसके लिए उसे केवल एक ईमेल एवं एक मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी. आवेदन पश्चात आवेदक किसी भी समय अपने आवेदन की स्थिति को भी देख सकता है.

सम्बंधित रजिस्ट्रार द्वारा आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर आवेदन को स्वीकार कर लिया जाता है तथा डिजिटल प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है. जारी किये गए इस डिजिटल प्रमाण पत्र की एक प्रति आवेदक द्वारा दिए गए ईमेल आई डी पर भी तत्काल ही उपलब्ध हो जाती है, जिसे वह किसी भी समय डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकता है.

मुख्य सचिव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि चूँकि यह कार्य आम जनता के लिए ही है अतः जनता के बीच इसका उचित प्रचार प्रसार आवश्यक है, जिसके लिए संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए.

सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में चल रहे जन्म -मृत्यु पंजीकरण कार्य की सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा की.

बैठक में प्रमुख सचिव, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जनगणना निदेशक, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा स्वास्थ्य निदेशालय, पंचायती राज, राजस्व विभाग, शहरी विकास, उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल, अर्थ एवं संख्या निदेशालय एवं जनगणना कार्य निदेशालय, भारत सरकार आदि के अधिकारी भी उपस्थित रहे.

आज संयुक्त नागरिक संगठन देहरादून के तत्वाधान गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के समाजसेवी अवधेश शर्मा जी को सचिव पद पर मनोनीत किया गया।

News web media uttarakhand :  आज दिनांक 22 जून 2024 को सुबह 10:00 बजे स्थान राज्य अतिथि गृह में गोष्ठी का आयोजन संयुक्त नागरिक संगठन के द्वारा संपन्न हुआ । जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजीबहल ने की एवं महासचिव सुनील त्यागी ने संचालन का दायित्व निभाया । संस्था के अन्य पदाधिकारी कर्नल बीएम थापा, सुमन सिंह वलदिया, लै, कर्नल बिक्रम सिंह थापा आदि उपस्थित रहे। विशेष आमंत्रित सदस्यों में श्री एस.एन. उपाध्याय सचिव, उत्तरांचल जन विकास समिति, देहरादून एवं अन्य संस्थाओं के गणमान्य लोग उपस्थित थे। विशेष रूप से देहरादून के पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा जी की गरिमामय उपस्थिति रही । कार्यक्रम के समन्वयक अवधेश शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। विशेष रूप से आज के कार्यक्रम में समाजसेवी अवधेश शर्मा को संयुक्त नागरिक संगठन का सचिव मनोनीत किया गया। सभी उपस्थित महानुभाओं के अपने-अपने पर्यावरण संरक्षण संबन्धित सुझाव रखें।

राजधानी देहरादून में तेज हवाओं के साथ बारिश की बौछार, गर्मी से मिली राहत

News web media Uttarakhand : राजधानी देहरादून में जून कि भारी गर्मी के बाद आज मौसम ने करवट ली हैं, कुछ देर तेज हवाओ के बाद बारिश ने लोगों को राहत दी हैं। झुलसती गर्मी के बाद इस बारिश ने मौसम को एक दम से ठंडा कर दिया हैं।

देहरादून में कुछ देर तह तूफ़ानी हवाएं चली जिसके बाद हल्की हल्की बारिश ने माहौल को ठंडा कर दिया। बारिश से लोगों ने राहत कि सांस ली। और बारिश का आनंद लिया।