गरीब घरों के होनहार बच्चों का उत्तराखंड के द दून स्कूल में पढ़ने के सपने होंगे पूरे

News web media Uttarakhand : देहरादून अपनी खूबसूरती के साथ साथ शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए भी प्रशिद्ध है। यहाँ का “द दून” स्कूल पूरे देश उच्च दर्ज़े की शिक्षा के लिए जाना जाता है ।  यहाँ पर देश के कई प्रतिष्ठित राजनेता और बिज़नेस मैन ने पढ़ाई की है । लेकिन अब  द दून स्कूल  में गरीब व् पिछड़े वर्ग के बच्चे भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं ।देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक दून स्कूल में नि:शुल्क अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। स्कूल प्रशासन फिलहाल इस वर्ष इस नयी  पहल के लिए तैयारी कर रहा है, और आपको बता दें की  प्रवेश के लिए प्री-परीक्षा 16 जुलाई को होगी। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया इस महीने के अंत में शुरू होगी। दून स्कूल प्रवेश 2023-24

इस कार्यक्रम का उद्देश्य योग्य छात्रों को सातवीं और आठवीं कक्षा में प्रवेश प्रदान करना है, और उपलब्ध सीटों की संख्या अभी निर्धारित की जानी है। दून स्कूल द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, स्कूल वंचित पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली बच्चों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में स्कूल की तरफ से जानकारी दी गयी है  की है कि प्री और मेन्स परीक्षा पास करने वाले छात्र अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर 20 प्रतिशत से 120 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप के पात्र होंगे। और  स्कूल इन बच्चों के लिए शिक्षा, आवास, भोजन और परिवहन के खर्चों को वहन करेगा।

दून स्कूल में प्रवेश के लिए पूर्व परीक्षा शुल्क 100 रुपये है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस पूर्व परीक्षा को पास करने वाले मेधावी छात्रों को 26,000 रुपये के आवेदन शुल्क की छूट दी जाएगी। मुख्य परीक्षा। इसके अतिरिक्त, मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने पर, छात्रवृत्ति आगे की सभी पढ़ाई को निःशुल्क कवर करेगी।

ऑनलाइन होंगे आवेदन..

द दून स्कूल इसी महीने इसकी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। स्कूल की वेबसाइट https://www.doonschool.com/पर आवेदन करने का फॉर्म खुलेगा। किसी भी प्रदेश के अभिभावक अपने बच्चे के दून स्कूल में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

अब 11वीं और 12वीं के छात्रों स्कूलों से मिलेगा निवास, जाति, आय और चरित्र प्रमाणपत्र

News web media Uttarakhand:  उत्तराखंड सरकार प्रदेश के सभी विद्यालयों में कक्षा 11वीं और 12वीं के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रमाणपत्र विद्यालय में ही उपलब्ध कराएगी. इस संबंध में प्रदेश के सचिव शैलेश बगोली ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 11वीं और 12वीं के छात्रों को स्थायी निवास, जाति, आय, चरित्र, पर्वतीय तथा अन्य आवश्यक प्रमाणपत्र विद्यालय में ही उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है.

प्रधानाचार्य के माध्यम से मिलेंगे प्रमाणपत्र

सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद तहसीलदार या एसडीएम कार्यालय की ओर से जारी प्रमाणपत्र स्कूल के प्रधानाचार्य को उपलब्ध कराए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर उन्हें संबंधित छात्र-छात्राओं के बीच इनका वितरण करना होगा। किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर जिला स्तरीय समिति के स्तर से संबंधित को तात्कालिकता के आधार पर यथावश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। दो माह के भीतर यह योजना पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
जिला स्तरीय समिति ये काम करेगी

– जिला स्तर पर 11वीं, 12वीं में पढ़ रहे छात्रों की संख्या का आकलन करना।
– तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति से विद्यालय में भ्रमण करने वाली टीमों(पटवारी, लेखपाल, कानूनगो और सीएससी के डाटा एंट्री ऑपरेटर) का तिथिवार रोस्टर तैयार करना।
– निवास स्थान, चरित्र, आय और पर्वतीय प्रमाणपत्र एवं अन्य प्रमाण पत्र निगर्त किए जाने की प्रक्रिया के लिए समयसीमा निर्धारित करते हुए कार्ययोजना बनाना।
– जिला स्तर पर इस योजना की साप्ताहिक सुनवाई होगी और निगरानी की जाएगी।

 

 

 

 

उत्तराखंड के सरकारी महाविद्यालयों अब शिक्षक-कर्मियों की ही नहीं छात्र-छात्राओं की भी मोबाइल एप से दर्ज होगी अटेंडेंस ,शासन करेगा निगरानी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड शासन की ओर से प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षक, शिक्षणेत्तर एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। पहले चरण में एक सप्ताह तक परीक्षण के तौर पर मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज की जाए।

प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों के न सिर्फ शिक्षकों और कर्मचारियों की बल्कि, छात्र-छात्राओं की मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज होगी। उच्च शिक्षा के प्रभारी निदेशक प्रो. सीडी सूठा की ओर से इस संबंध में सभी प्राचार्यों को निर्देश जारी किया गया है। प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि शासन की ओर से प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षक, शिक्षणेत्तर एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। पहले चरण में एक सप्ताह तक परीक्षण के तौर पर मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज की जाए। एक सप्ताह तक परीक्षण सफल होने पर द्वितीय चरण में स्थायी तौर पर शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं की मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज की जाए। निर्देश में कहा गया है समस्त प्राचार्यों की उपस्थिति की शासन और निदेशालय की ओर से ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।

 

 

 

13 मई की यात्रा के लिए आज से शुरू हुई हेली टिकटों की बुकिंग

News web media Uttarakhand : केदारनाथ धाम के लिए 13 मई की हेली टिकटों की बुकिंग आज शुरू हो गई है। आईआरसीटीसी का पोर्टल ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए दोपहर 12 बजे खुल गया था।यूकाडा के सीईओ सी. रविशंकर ने बताया कि केदारनाथ हेली सेवा के टिकटों की बुकिंग अब प्रतिदिन के आधार पर की जा रही है।

केदारनाथ धाम में 1.75 लाख कर चुके हैं दर्शन

चारधाम यात्रा में अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल से 7 मई तक केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 505286 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए हैं। इसमें केदारनाथ धाम में 1.75 लाख, बदरीनाथ में 1,18,116, गंगोत्री में 1.13 लाख, यमुनोत्री मंदिर में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

ऐसे करें बुकिंग

बुकिंग करने के लिए सबसे पहले आपको केदारनाथ की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद आईआरसीटीसी की वेबसाइट www.heliyatra.irctc.co.in पर अप्लाई करें। इसके बाद आपको लॉग इन आईडी बनानी होगी। जिसके बाद बुकिंग के लिए आईटी प्रोफाइल खुलेगी। यात्री को हेली ऑपरेटर कंपनी का चयन करने के बाद यात्रा की तिथि और स्लॉट टाइम भरना होगा। इसके साथ ही यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या और जानकारी देनी होगी। इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद टिकट राशि का ऑनलाइन भुगतान कर टिकट बुक हो जाएगा।

 

 

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने को लेकर वन विभाग की लगातार कार्रवाई जारी

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री धामी की के निर्देश पर सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के चलते वन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। निर्देश के बाद से अब तक कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग की टीम ने रिजर्व फॉरेस्ट में बनाई गई मजारों व अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने में सक्रियता दिखाई। रिजर्व फॉरेस्ट से अभी तक 28 अवैध मजारों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया है। वन विभाग की सख्ती से अवैध कब्जा करने वालों में हड़कंप की स्थिति है। चौहड़पुर, तिमली व लांघा रेंज में वन टीमें लगातार अवैध निर्माण चिन्हित करने में लगी हैं।

मुख्यमंत्री के सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के सख्त निर्देशों के चलते वन टीमें सक्रिय हैं। कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग के डीएफओ अमरेश कुमार के निर्देश पर वन टीमों ने रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध रूप से बनी मजारें व अन्य अतिक्रमण चिन्हित किए। रेंजर मुकेश कुमार के नेतृत्व में चोहड़पुर रेंज में सहसपुर, होरोवाला, रुद्रपुर, अंबाड़ी बीट से 14 मजारें हटाई गई हैं। तिमली रेंज से माजरी, धर्मावाला, शाहपुर कल्याणपुर, धोला बीट से 12 मजार हटाई गई है। तिमली रेंज, चौहड़पुर रेज अंतर्गत अभी तक जेसीबी की मदद से कुल 26 अवैध मजारों को ध्वस्त किया है।

लांघा रेंज में भी दो मजारें हटाई गई हैं। गौर हो कि सबसे पहले चकराता वन प्रभाग की रीवर रेंज ने कालसी आम बाग में मजार और पक्के निर्माण को ध्वस्त किया था। जिसके बाद से वन टीमें सक्रिय हैं। वन क्षेत्राधिकारी तिमली व चौहड़पुर रेंज मुकेश कुमार ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण व अतिक्रमण चिन्हित करने का काम जारी है।  भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के डीएफओ अमरेश कुमार ने बताया कि भविष्य में रिजर्व फॉरेस्ट में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण न हो, इस संबंध में सभी रेंज और बीट अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए गए हैं। जैसे जैसे अतिक्रमण मिलेंगे, ध्वस्त किया जाएगा।

जम्मू कश्मीर में उत्तराखंड का जवान रुचिन सिंह रावत शहीद

News web media uttrakhand : उत्तराखंड का जवान रुचिन सिंह रावत जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए. जवान रुचिन रावत मूल रूप से चमोली जिले के गैरसैंण का रहने वाले थे. वो भारतीय सेना के 9 पैरा कमांडो में तैनात थे. लांस नायक रुचिन रावत के शहीद होने की खबर से गैरसैंण समेत उत्तराखंड में शोक की लहर है. चमोली जिले के गैरसैंण के कुनीगाड़ गांव को रुचिन सिंह रावत (उम्र 29 वर्ष) आज जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान देश के लिए शहीद हो गए. रुचिन रावत के शहीद होने की सूचना पर उनके पैतृक गांव कुनीगाड़ में मातम छा गया है. गांव में उनके माता पिता का रो रोकर बुरा हाल है.

जवान रुचिन रावत अपने पीछे अपनी पत्नी एक बेटा, बूढ़े माता पिता समेत छोटे भाई और दादा दादी को छोड़ गए हैं. रुचिन का छोटा भाई विवेक रावत भी भारतीय नौ सेना में तैनात हैं. रुचिन अपनी पत्नी और बच्चे के साथ उधमपुर यूनिट में तैनात थे. गांव के लोग शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

बता दें कि आज जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के भाटा धूरियन के तोता गली इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में एक आईईडी ब्लास्ट में पांच जवान शहीद हो गए. जबकि, एक अधिकारी समेत चार अन्य सैनिक घायल हो गए. घायल जवानों को उधमपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया है.

शहीद हुए जवान

आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पांच जवानों में रुचिन सिंह रावत, गैरसैंण ( उत्तराखंड), सिद्धांत क्षेत्री, दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), अरविंद कुमार, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश), नीलम सिंह (जम्मू एंड कश्मीर) और प्रमोद नेगी (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं.

उत्तराखंड में सभी धर्मों में महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार देने की तैयारी

New web media Uttarakhand : उत्तराखंड में सभी धर्मों में महिलाओं के लिए पैतृक संपत्ति का अधिकार दिए जाने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बनाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में मुस्लिम महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार नहीं दिया गया है।

चूंकि विशेषज्ञ समिति लैंगिक समानता के आधार पर महिलाओं को मुख्य रूप से केंद्र में रखकर रिपोर्ट तैयार कर रही है, इसलिए यह माना जा रहा है कि राज्य की मुस्लिम महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार मिल सकता है। हालांकि इस मसले को लेकर पेच भी फंसने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

वर्ष 2005 से पहले हिंदू महिलाओं को माता-पिता की संपत्ति में कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। उन्हें यह अधिकार वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिला। अब वे पैतृक संपत्ति पर पुरुषों के समान अधिकार रखती हैं। लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ है जिसमें उन्हें पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार नहीं है। लेकिन राज्य में यदि सभी महिलाओं को संपत्ति में अधिकार की विधिक व्यवस्था होगी, तो इसके दायरे में मुस्लिम महिलाएं भी आएंगी।

बहरहाल, समान नागरिक संहिता पर काम कर रही विशेषज्ञ समिति अब ड्राफ्ट तैयार करने के निर्णायक मोड पर है। समिति के सदस्य व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह कहते हैं, समिति गठन के समय ही साफ कर चुकी है कि वह लैंगिंक समानता के आधार पर काम करेगी, जिसमें महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने की बात शामिल है।

यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति राज्य में उन अभिभावकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पर गहनता से विचार कर रही है, जिन्हें कायदे-कानून में कुछ बदलाव करके राहत दी जा सकती है। सैन्य और अर्द्धसैनिक बहुल राज्य में यह समस्या खासतौर पर उन परिवारों में देखने में आती है, जहां दुर्भाग्य से जवान या अफसर शहीद हो जाते हैं। ऐसे मामलों में मिलने वाला बीमा व अन्य लाभ विधवा पत्नी को मिलते हैं। लेकिन कतिपय मामलों में विधवा पत्नी के पुनर्विवाह कर लेने से माता-पिता वित्तीय सुरक्षा से वंचित हो गए।

विशेषज्ञ समिति ने जब समाज के अलग-अलग वर्गों से समान नागरिक संहिता पर सुझाव मांगे थे। उस दौरान पूर्व सैनिकों के साथ भी चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान यह मसला पूर्व सैनिकों की ओर से ही उठा था।

उत्तराखंड में जमीन खरीदना होगा मुश्किल, वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगी अनुमति

News web media uttarakhand : उत्तराखड में अब जमीन लेना आसान नहीं रहेगा। इसके लिए धामी सरकार बड़े प्लान पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश में अब जमीनों के खरीदने को लेकर भी सख्त नियम बनाने जा रहा है। जिससे आपराधिक व असामाजिक तत्वों के लिए भूमि खरीदना संभव नहीं हो पाएगा।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रदेश में अब जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले खरीदने वालों को पहला अपना बैकग्राउंड बताना पड़ेगा और वह जमीन क्यों खरीदना चाहते हैं इसकी जानकारी देनी पड़ेगी। बताया जा रहा है कि बायर्स के वेरिफिकेशन के बाद ही जमीन खरीदने को अनुमति दी जाएगी।  यदि यह जमीन धार्मिक गतिविधियों के लिए खरीदी जा रही है तो रजिस्ट्री अधिकारी अपने विवेक के आधार पर बैनामे से इंकार कर सकता है। इसी के साथ यदि किसी व्यक्ति का इंटेशन गलत पाया जाता है तो भी बैनामा रोका जा सकता है

बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव ने राज्य के सभी विभागों खासतौर पर वन विभागों को अपनी जमीनों का सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद अवैध तरीके से जमीन खरीदने वालों को निशाने पर लिया जाएगा। रिपोर्टस की माने तो बिना पहचान उजागर किए बड़ी मात्रा में जमीन खरीदे जाने का मामला सामने आया है। इन मामलों के सामने आने के बाद तय किया गया है कि जमीन खरीदने से पहले बायर्स की पहचान की जाएगी।

 

उत्तराखंड में डोली धरती, चमोली और रुद्रप्रयाग में महसूस हुए भूकंप के झटके

News web media uttarakhand : उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में हैं। इसलिए बार-बार भूकंप की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

उत्तराखंड में गुरुवार को भूकंप से धरती डोल गई। चमोली और रुद्रप्रयाग में सुबह करीब दस बजे भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों व दुकानों से बाहर निकल आए।

जोन चार और पांच में है उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप विज्ञानियों की मानें तो उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में हैं। इसलिए बार-बार भूकंप की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

Uttarakhand: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल समेत पीआरओ और गनर पर मुकदमा दर्ज

News web media Uttarakhand :  सीएम धामी ने डीजीपी को पूरे मामले जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद आज मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ और गनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक खुशीराम पांडे ने बताया कि सुरेंद्र नेगी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ बलवा मारपीट व गाली गलौज की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये है पूरा मामला

प्रदेश में राजनीतिक माहौल मंगलवार को उस समय बहुत गरमा गया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और उनका गनर बीच सड़क पर एक युवक की पिटाई करते दिखे। वायरल वीडियो में कैबिनेट मंत्री सड़क किनारे अपने वाहन के पास खड़े होकर शिवाजी नगर निवासी युवक सुरेंद्र सिंह नेगी से बात कर रहे हैं। बातचीत अचानक हाथापाई में बदल गई। वीडियो में मंत्री सुरेंद्र पर थप्पड़ मारते दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद उनका गनर भी हाथापाई करने के बाद लातें मारते हुए दिख रहा है।

मंत्री की सफाई

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हम जाम में फंसे थे। उसी समय बाइकसवार दो युवक गाड़ी के बगल आकर गाली देने लगे। हमने समझाया तो युवक ने कॉलर पकड़कर हाथापाई कर दी। इस बीच हमारा कुर्ता फट गया। सुरक्षाकर्मी ने रोका तो उनकी वर्दी फाड़ दी गई।

कौन है पीड़ित युवक

मंत्री के थप्पड़ खाने वाला युवक सुरेंद्र नेगी नगर निगम ऋषिकेश के शिवाजी नगर क्षेत्र के निवासी हैं। वे काफी समय से सामाजिक और जनहित के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वे शिवाजीनगर क्षेत्र से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नगर निगम पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह अपने घर के पास परचून की दुकान चलाते हैं।

कांग्रेस ने लगाए मंत्री पर तानाशाही के आरोप

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने कार्यकर्ताओं के साथ कोतवाली में पहुंच कर मंत्री के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्हाेंने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की तानाशाही चरम पर है। वह जुबानी जंग के बाद हाथापाई पर उतारू हो गए हैं।