ऋषिकेश: पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज, जानिए पूरा मामला

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और ऋषिकेश से विधायक प्रेम चंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल पर अधिकारियों की अनुमति के बिना सरकारी भूमि पर सड़क बनाने के आरोप में सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी. पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि यह मुकदमा यमकेश्वर के उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल की अदालत में दर्ज किया गया है. पीयूष अग्रवाल ने यह सड़क अपने प्रस्तावित होटल तक पहुंचने के लिए बनाई है.

उन्होंने बताया कि एक जांच रिपोर्ट में सरकारी जमीन पर मुख्य मार्ग से नीचे की ओर बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से 24 मीटर लंबी, चार मीटर चौड़ी और डेढ़ मीटर गहरी सड़क का निर्माण किए जाने की बात सामने आने के बाद पीयूष अग्रवाल के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज करने से पहले उपराजस्व निरीक्षक सीएस पुंडीर ने इस संबंध में जांच की थी और अपनी रिपोर्ट यमकेश्वर के उपजिलाधिकारी को सौंपी थी.

सीएस पुंडीर ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि यह सरकारी जमीन लक्ष्मण झूला क्षेत्र की मराल ग्राम पंचायत, पट्टी उदय पुर तल्ला के अंतर्गत गांव खैरखाल तोक में है, जिसका खसरा नंबर 5889 है. रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी दस्तावेजों में यह जगह एक झाड़ी के रूप में दर्ज है. जिलाधिकारी चौहान ने वर्तमान राजस्व उप निरीक्षक वीएस गुसाईं से दोबारा इस मामले की जांच करने को कहा, जिसमें फिर इन आरोपों की पुष्टि हुई.

इसके बाद, दो दिन पहले चन्याल की अदालत में अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया. हाल में उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पहाड़-मैदान पर ‘असंसदीय टिप्पणी’ करने को लेकर विरोधों का सामना कर रहे प्रेमचंद अग्रवाल को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

धामी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जिला मुख्यालयों में होगा जश्न, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

News web media uttarakhand : धामी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष पर हर जिले में जन सेवा थीम पर 22 से 25 मार्च तक बहुउद्देशीय व चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को शिविर आयोजित करने के लिए निर्देश जारी किए

22 मार्च को मुख्य कार्यक्रम अल्मोड़ा व 23 मार्च को देहरादून जिले में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा सभी जिलों में भी 23 मार्च शिविर लगाए जाएंगे। जिला मुख्यालयों में कार्यक्रम की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे। जिन जिलों में प्रभारी मंत्रियों की उपलब्धता नहीं है, वहां सांसद अध्यक्षता करेंगे।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बहुद्देशीय शिविर में आम जन को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की उपलब्धता, विभिन्न विभागों के माध्यम संचालित योजनाओं जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा चिकित्सा शिविर में निशुल्क जांच व दवाएं दी जाएंगी।

24 से 30 मार्च तक जन सेवा थीम पर प्रत्येक विधानसभा व लॉक स्तर पर भी बहुउद्देशीय शिविर व चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे। जिसमें सांसद व विधायकों को आमंत्रित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी अपने स्तर से निर्णय लेंगे।

सेवानिवृत्ति के साथ शिक्षकों को सामूहिक बीमा योजना का तत्काल मिलेगा लाभ, नया संशोधन जारी

News web media Uttarakhand : सेवानिवृत्ति के बाद संत्रात लाभ के तहत शिक्षकों को सामूहिक बीमा योजना का लाभ अब तत्काल मिल सकेगा। उन्हें संत्रात लाभ की अवधि पूरी होने का इंतजार नहीं करना होगा। सोमवार को सचिव वित्त डॉ. वी. षणमुगम ने सामूहिक बीमा योजना के भुगतान की संशोधित व्यवस्था लागू करने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

सरकार के इस फैसले का लाभ 60 हजार से ज्यादा प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों को होगा। जारी आदेश के मुताबिक, सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद ही बीमा योजना का के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ का भुगतान आईएफएमएस पेार्टल के माध्यम से होगा। इसके लिए अंतिम वेतन पत्र के स्थान पर सक्षम अधिकारी द्वारा इसका प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों के शिक्षक पिछले काफी समय से इस संशोधन की मांग कर रहे थे। शिक्षक संघ के नेताओं के मुताबिक, बीच सत्र में सेवानिवृत्ति की आयु पूरी करने वाले शिक्षकों के वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च का संत्रात लाभ दिया जाता है।

अब तक सामूहिक बीमा योजना का लाभ शिक्षकों को उनकी सत्रांत लाभ की अवधि पूरी करने पर ही मिलता था। इससे शिक्षकों के सेवानिवृत्ति के देयकों की एक बड़ी राशि कुछ और महीनों के लिए फंस जाती थी। इस धन को सेवानिवृत्ति की वास्तविक तारीख से ही दिए जाने की मांग की जा रही थी।

ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान शुरू, शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार करने के CM धामी ने दिए निर्देश

News web media Uttarakhand : आगामी 30 अप्रैैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर सरकार की और से तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ग्रीन चारधाम यात्रा का अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में ग्रीन चारधाम यात्रा की शुरूआत करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का चारधाम यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर ​कहा कि यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य किये जाएं। यह यात्रा राज्य की लाइफलाइन है और आर्थिकी का बड़ा माध्यम है। पिछले साल की यात्रा में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना पर कार्य किये जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों से कहा कि उन्होंने राज्य के जिस तहसील, पुलिस थाने, ब्लॉक या अन्य क्षेत्रों से नौकरी की शुरूआत की है, उन्हें गोद लेकर उनके विकास में योगदान दें। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो। चारधाम यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टैस्ट की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग समय पर घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करे। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में गर्म पानी और चारे की व्यवस्था उपलब्ध रहे।
यात्रा शुरू होने से पहले संकरे मार्गों का चौड़ीकरण और जिन स्थानों पर सड़क निर्माण से सबंधित कार्य चल रहे हैं, उन्हें पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से रूकना न पड़े। यातायात प्रबंधन की दृष्टि से रोकना भी पड़े, तो उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विजिलेंस द्वारा हेलिकाप्टर टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए सतर्क होकर निगरानी की जाय और संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था के साथ पिंक टॉयलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मार्च माह में विभागीय सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें। चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी, संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक संसाधनों और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मौसम के रियल टाइम अपडेट सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। इस अवसर पर सीएम ने यात्रा मार्ग से जुड़े जिलों के डीएम से यात्रा मार्ग से जुड़ी विभिन्न तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इनके आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए। गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान पर भी कार्य किया जाए। 2026 में होने वाली नंदा राजजात और 2027 के कुंभ के लिए भी अभी से तैयारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव कौन? इसी महीने रिटायर हो रहीं राधा रतूड़ी, जानिए किनको मिल सकती है कुर्सी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव कौन होगा, इसको लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल इस माह समाप्त हो रहा है। वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को दो बार छह-छह माह का सेवा विस्तार मिल चुका है।
31 मार्च को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। तीसरी बार सेवा विस्तार मिलने की संभावना कम मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने हाल ही में मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन किया है। ऐसे में साफ है कि राधा रतूडी को मुख्य ​सचिव की जगह अब नई जिम्मेदारी मिलने जा रही है।
1988 बैच की आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी अपनी सेवानिवृत्ति से दो माह पूर्व 31 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव बनीं थीं। वह प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं। दो महीने का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें प्रदेश सरकार ने छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया था। इसके बाद 30 सितंबर को राधा रतूड़ी का कार्यकाल पूरा हुआ। लेकिन सरकार ने एक बार फिर उन्हें सेवा विस्तार दिया। लेकिन अब किसी दूसरे वरिष्ठ नौकरशाह को जिम्मेदारी मिलनी तय है।
प्रदेश में मुख्य सचिव के लिए वरिष्ठता क्रम में 1992 बैच के आईएएस आनंदबर्द्धन हैं, जिनका केंद्र में भी इम्पैनलमेंट हो गया है। हालांकि उन्होंने यहीं सेवाएं देने की बात कही है। उनके बाद वरिष्ठता क्रम में प्रमुख सचिव एल फैनई और आरके सुधांशु के नाम भी शामिल हैं। मुख्य सचिव बनने के लिए कम से कम 30 वर्ष की सेवा अवधि होनी चाहिए। वरिष्ठता के हिसाब से देखें तो 1992 बैच के आईएएस आनंदबर्धन अकेले अफसर हैं, जो इस लिहाज से सबसे फिट बताए जा रहे हैं। उनका हाल ही में केंद्र में सचिव पद के सापेक्ष इम्पैनलमेंट भी हो गया है। हालांकि वे यहीं सेवाएं देंगे। वर्तमान में आनंदबर्द्धन अपर मुख्य सचिव पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वरिष्ठता क्रम में 1997 बैच के प्रमुख सचिव एल फैनई और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु भी हैं। अभी ये अपर मुख्य सचिव पद के लिए पात्र होने वाले हैं। सरकार के पास विकल्प काफी सीमित हैं। उम्मीद की जा रही है कि मार्च के आखिरी सप्ताह में इस पर सरकार फैसला ले लेगी।

नेशनल गेम्स की सफलता पर हैदराबाद में प्रेजेंटेशन देंगी मंत्री

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों को किस तरह इतनी कामयाबी से कराया अब देश के सभी राज्य सरकारे इसे जान पाएगी. खेल मंत्री रेखा आर्या 7 और 8 मार्च को हैदराबाद में इस पर प्रेजेंटेशन देंगी. मंगलवार को हुई बैठक में इसकी रूपरेखा तय की गई है.

खेल मंत्री ने बताया कि 7- 8 मार्च को तेलंगाना के हैदराबाद में एक मंथन शिविर आयोजित किया जा रहा है. इस शिविर में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडावीया के अलावा सभी राज्यों के खेल मंत्री भी शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें पूर्व ओलंपियन और विभिन्न खेलों के कोच भी शिरकत करेंगे.

खेल मंत्री रेखा आर्या नें बताया कि उन्हें भी इस मंथन शिविर में उत्तराखंड की तरफ से प्रेजेंटेशन देनी है. प्रेजेंटेशन में इसका पूरा विवरण होगा कि किस तरह उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन किया है. इसके अलावा 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए देश के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को तैयार करने की रणनीति पर भी मंथन किया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि हमारे पास जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण हैं, हमारे खिलाड़ी को वह सभी उपकरण अभ्यास के लिए उपलब्ध होने चाहिए. बैठक में इसके अलावा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की गई. खेल मंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी को यूजीसी समेत अन्य संस्थाओं से मान्यता की जरूरत होगी उसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए.

प्रयागराज महाकुंभ ड्यूटी से लौटने के बाद एसडीआरएफ के जवानों का सीएम धामी ने किया अभिनंदन

News web media Uttarakhand : हरिद्वार कुंभ में प्रयागराज महाकुंभ के अनुभव काम आयेंगे. एसडीआरएफ टीम ने महाकुंभ में अपनी दक्षता का कुशल परिचय देकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है. यह बात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में एसडीआरएफ के 112 कार्मिकों के वापस आने पर आयोजित महाकुंभ प्रयागराज 2025 अभिनन्दन कार्यक्रम में बात कही. इस मौके पर उन्होंने एसडीआरएफ की टीम को पुरस्कार स्वरूप 5 लाख रुपए का चेक भी सौंपा.

सीएम धामी ने महाकुंभ प्रयागराज में बेहतर सेवाएं देने पर एसडीआरएफ की टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये अनुभव हरिद्वार के 2027 कुंभ में काम आयेंगे. कुंभ को भव्य रूप से आयोजित करने में मदद भी मिलेगी. इस महाकुंभ से हमारे जवानों का आत्मविश्वास बढ़ा है तथा भीड़ का कुशल प्रबंधन करने में सफल होंगे.

सीएम धामी ने कहा कि सनातन धर्म के महासंगम की चुनौती को संभालना चुनौतीपूर्ण कार्य था. बेहतर व्यवस्थाओं और प्रबंधन से यूपी के साथ ही उत्तराखंड सरकार का सर ऊंचा हुआ है. यही अनुभव 2027 के कुंभ में मददगार साबित होंगे. हमारा प्रयास है कि वाहनों के लिए सुनियोजित पार्किंग व्यवस्था हो जिसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है.

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. इन चुनौतियों से पार पाने के लिए एसडीआरएफ द्वारा सराहनीय कार्य किए गए हैं. श्रेष्ठ आपदा प्रबंधन में एसडीआरएफ की अहम भूमिका रही है. आपदा प्रबंधन के लिए क्विक रिस्पॉन्स और अत्याधुनिक उपकरणों से राज्य में आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिली है.

देहरादून समेत पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी से लौटी ठंड,जानिए कब तक रहेगा ऐसा मौसम

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। आज सुबह से प्रदेश भर के कई इलाकों में बारिश का क्रम जारी है। देहरादून समेत पहाड़ों के जिलों में बारिश से ठंड लौट आई है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की सूचना है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक मार्च तक प्रदेशभर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने से मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से चार दिन तक बारिश-बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई थी।
इसके चलते तापमान में तेजी से गिरावट होने से कड़ाके की ठंड होगी। बारिश-बर्फबारी से मैदान से लेकर पहाड़ तक के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। बागेश्वर जिले में हिमपात की संभावना बनी है। निचले भू-भाग में दोपहर बाद रिमझिम वर्षा हो रही है। किसानों को अच्छी वर्षा का इंतजार था। रबी की फसल को राहत मिलेगी। एक बार फिर से ठंड लौट आई है। गुरुवार को सुबह से आसमान में बाछल छाए रहे।
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने एक बार फिर राज्य में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में 27 और 28 तारीख को कुछ जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है
वहीं जिला देहरादून में भी कही कही भारी बारिश हो सकती है उसके साथ साथ जो पहाड़ी जिले है चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा जैसे जिलों में 3200 मीटर से ऊपर वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी इन दो दिनों में देखने को मिलेगी इसलिए इन दो दिनों में पहाड़ के अधिकाशं जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।

सीएम का सख्त संदेश, मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी नहीं बर्दाश्त

News web media Uttarakhand : क्षेत्रवाद को लेकर अपने ही नेताओं की बयानबाजी को लेकर असहज भाजपा अब उनका इलाज करने की तैयारी में है। वहीं आज सीएम धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने सख्त संदेश दिया कि मंत्री-विधायक कोई हो, राज्य की एकता प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पार्टी बड़बोले नेताओं के विवादित और संवेदनशील मुद्दे पर बोलने से बचने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में जिस तरह से पार्टी नेताओं के क्षेत्रवाद के मुद्दे पर बार-बार बयान आ रहे हैं, उनका विपक्ष भी उसी अंदाज में जवाब दे रहा है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के मामले में उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य में कुछ लोगों द्वारा जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है, उसे किसी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता। हमने कांग्रेस नेताओं से भी संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी न करने की आग्रह किया है। पार्टी के लोगों को इस बारे में दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

पार्टी को असहज करता रहा है कतिपय नेताओं का बर्ताव
कैबिनेट मंत्री का विवादित बयान कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी भाजपा हरिद्वार में पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर असहज हो चुकी है। चैंपियन जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पिछले एक साल के दौरान कई ऐसे मामले आए, जिनमें भाजपा और उसकी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।

सल्ट के पार्टी विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम में हुआ विवाद रहा हो या फिर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की परिवहन विभाग अधिकारी से कहासुनी या फिर सरकार के एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का मामला रहा हो। इन सभी मामलों में विपक्ष को पार्टी और सरकार पर हमला बोलने का अवसर मिला। लेकिन पार्टी अपने विवादित नेताओं का इलाज नहीं कर पाई। लेकिन अब ऐसे संकेत हैं कि पार्टी नेतृत्व इस पर कड़ा रुख अख्तियार करेगा।

सरकारी कर्मचारियों को विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य, CS ने दिए निर्देश

News web media Uttarkhand : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को अनिवार्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को पात्र लिखकर राज्य सर्कार के अधीन काम करने वाले विवाहित कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि यूसीसी के तहत 26 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसी क्रम में हर एक जिले में नामित नोडल अधिकारी को अपने जिले में कार्यरत सभी विवाहित कर्मचारियों का विवाह पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध योजना बनानी होगी.

सीएस ने कहा कि सभी डीएम और विभागध्यक्ष सुनिश्चित करें कि विवाह पंजीकरण कि प्रक्रिया तय समय-सीमा में पूरी हो. इस संबंध में हर एक जिले को नियमित रूप से अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी. इसके अलावा हर एक विभाग में सम्बंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जो अपने विभाग के सभी विवाहित कर्मचारियों का पंजीकरण सुनिश्चित कराएगा.

मुख्य सचिव ने कहा है कि UCC पोर्टल पर निर्बाध पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए निदेशक, आई.टी.डी.ए उत्तराखंड को सभी जनपदों और विभागों को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है. यदि किसी जनपद या विभाग को तकनीकी सहयोग की आवश्यकता हो तो वे आई.टी.डी.ए के निदेशक से तत्काल समन्वय स्थापित कर सकते हैं.