Landslide In Gangotri Highway: गंगोत्री हाइवे पर लैंडस्लाइड, गिरी चट्टान,आवाजाही ठप,बड़ा हादसा टला

डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

गंगोत्री हाईवे डबरानी में भारी भूस्खलन से आवाजाही ठप हो गई है। यहां  आज गुरुवार सुबह अचानक चट्टान भरभरा कर हाईवे पर गिरी। चट्टान के हाईवे पर आने से हाईवे पर भी दरारें उभर आई हैं। सूचना पर बीआरओ की टीम मशीनरी के साथ हाईवे को खोलने के काम में जुट गई है। 


गुरुवार सुबह करीब आठ बजे गंगोत्री हाईवे पर डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

सूचना पर बीआरओ ने अपनी तीन मशीन सहित करीब 10 मजदूरों की टीम को मौके भेजा। जिसने हाईवे पर आवाजाही बहाल करने का काम शुरू कर दिया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि करीब तीन घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए आवाजाही बहाल कर दी गई है। दोपहर तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

 

 

 

Rishikesh Aiims: अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन ,पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

News Web Media uttarakhand : केंद्र सरकार हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के तहत उत्तराखंड से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए ऋषिकेश एम्स को चुना गया है।

एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी। संवाद

सिंगल इंजन का होगा हेलीकॉप्टर, एम्स तैयार करेगा एसओपी
अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।

एम्स कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राइमरी ट्रामा केयर, ट्रामा टीम ट्रेंनिंग, एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट, एडवांस ट्रामा केयर फॉर नर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं स्वास्थ्य संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हेली एंबुलेंस के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सिमुलेटर साल के अंत तक मिल जाएगा।

Dehradun News:आठ साल बाद फिर अस्तित्व में आएगी स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल, 63 पदों को फिर किया जाएगा सक्रिय

न्यू वेब मीडिया उत्तराखंड देहरादून  : प्रदेश में आठ साल के बाद स्टेट फॉर्मासिस्ट काउंसिल फिर अस्तित्व में आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को काउंसिल की गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फार्मासिस्ट नियमावली को भी जल्द ही जारी करने को कहा है। साथ ही विभाग में चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्टों के 63 पदों को फिर सक्रिय किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एसोसिएशन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री रावत ने बताया कि आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जाएगा।

उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। बताया कि कांउसिल के गठन के बाद प्रदेश में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का कड़ाई से पालन किया जाएगा। शासन स्तर पर लंबित उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को जारी करने के लिए विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि संगठन की मांग पर चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्ट एवं चीफ फार्मासिस्ट के 63 पदों को जल्द सक्रिय किया जाएगा।

फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने फार्मासिस्ट का नाम बदलकर फार्मेसी अधिकारी करने, चिकित्सा शिक्षा विभाग में फार्मासिस्टों के रिक्त 119 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग से विकल्प के आधार पर भरने, बड़े चिकित्सालयों में कार्य के आधार पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाने, फार्मासिस्ट संवर्ग की वरिष्ठता सूची जारी करने, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पोस्टमार्टम भत्ता दिए जाने सहित करीब 10 मांगें रखीं। जिस पर विभागीय मंत्री ने सहमति जताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक डॉ. भारती राणा, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, उप सचिव केके शुक्ला, सहायक निदेशक डॉ. जेएस चुफाल, डिप्लोमा फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष जीबी नौटियाल, प्रदेश महामंत्री आरएस ऐरी, संरक्षक पीएस पंवार, प्रदेश कोषाध्यक्ष केआर आर्य, मंडलीय सचिव गढ़वाल आरएस रावत, प्रदेश संप्रेक्षक उर्मिला द्विवेदी आदि शामिल रहे।

Breaking Haldwani –सीएम धामी के आने का विरोध करने पर युवा कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी झड़प, कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

News web media uttarakhand : हल्द्धानी रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रम में सीएम धामी शामिल होंगे, लेकिन उनके आगमन से पहले ही यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस की बीच तीखी झड़प हुई

हल्द्वानी में बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने से पहले युवा कांग्रेसियों ने उनके विरोध की तैयारी शुरू कर दी थी। बुद्ध पार्क में सुबह से ही युवा कांग्रेसी जुटने लगे थे। इधर भारी संख्या में पुलिस बल भी बुद्ध पार्क के पास मौजूद रहा।

मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद थे। कुछ ही देर बाद पुलिस ने युवा कांग्रेसियों को पार्क के अंदर से पकड़ना शुरू किया और बाद में दो बसों में भरकर उन्हें ले गए। इस दौरान पुलिस और युवा कांग्रेसियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की की भी नौबत आ गई।

नकल विरोधी अध्यादेश को लेकर सीएम का आभार जताने के लिए भाजयुमो आभार रैली का आयोजन करने जा रही है। राम लीला मैदान में आयोजित होने वाले इस रैली में सीएम धामी शामिल होंगे।

UKPSC Exams: अब हर साल होंगी PCS परीक्षाएं, UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबस, जानें पूरा प्लॉन

News web Media Uttarakhand Dehradun : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन 23 से 26 फरवरी तक किया गया है. यूकेपीएससी (UKPSC) अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इस परीक्षा आयोजन को सफल बताया है. उन्होंने बताया कि पीसीएस मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01 फीसदी रहा.

हर साल होगा PCS परीक्षा का आयोजनःइसको लेकर आयोग ने ये फैसला लिया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाएगा. इसकी शुरुआत इसी साल से होगी. आगामी पीसीएस प्रीलिमिनरी एग्जाम 2023 को जुलाई 2023 में कराया जाएगा.

UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबसःआगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार बनाया जाएगा. इसके लिए आयोग ने अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखंड शासन की ओर से दे दी गई है.
इसके साथ-साथ आयोग समानांतर तौर पर अन्य परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है, जिसके सबसे पहले-
1) 5 मार्च, 2023 को कनिष्ठ सहायक परीक्षा का आयोजन राज्य के लगभग 412 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा, जिसमें 145239 परीक्षार्थी भाग लेंगे.
2) 9 अप्रैल, 2023 को वन आरक्षी परीक्षा 617 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें 206431 परीक्षार्थी होंगे.
3) 23 अप्रैल, 2023 को सहायक लेखाकार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
4) उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 2023 के लिए 30 अप्रैल 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन होगा. इसको लेकर फरवरी, 2023 में ही रिक्ति विज्ञापन जारी किया जाएगा.

महिला आरक्षण अधिनियम का पालन –

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष द्वारा ये भी बताया गया है कि उत्तराखंड की महिलाओं के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा लाए गये क्षैतिज आरक्षण ‘उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 को समस्त परीक्षाओं में नियमानुसार लागू किया जा रहा है.

International Yoga Festival 2023: मुख्यमंत्री एक मार्च को करेंगे अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ

News web media Uttarakhand : तीर्थनगरी ऋषिकेश में हर साल की भांति इस साल भी एक मार्च को अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज होगा। 1 से 7 मार्च तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। महोत्सव में योग की बारीकियों को सीखने के साथ ही मन की शांति और स्वस्थ शरीर के लिए अनुभव भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही यहां आने वाले योग साधक नृत्य, संगीत के साथ योग के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा करेंगे।
एक मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत कई अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महोत्सव की शुरुआत होगी। महोत्सव में योगाचार्य पद्मश्री शिवानंद, पद्मश्री भारत भूषण व पद्मश्री रजनीकांत विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

इसके अलावा ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधक योग की बारीकियों को सीख सकेंगे।


योग साधकों के लिए सात दिन की दिनचर्या तय रहेगी और अलग-अलग विषयों पर साधकों को प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा।


योग एक साधना है जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसको ध्यान में रखकर अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी होगा। जिसमें डा. अनिल थपलियाल, डा. नवदीप जोशी, डा. प्रिया आहूजा, डा. रोहित सब्बरवाल, प्रो. वीके अग्निहोत्री, प्रो. सुनील जोशी, डा. उर्मिला पांडे जैसे विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। डॉ0 सुनील जोशी उप कुलपति उत्तराखण्ड आयु वि0 द्वारा नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रूजुता दिवेकर सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ के साथ ही रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनूज मिश्रा, सुजीत ओझा जैसे कलाकार अपने नृत्य, कला, संगीत के जरिए साधकों का मन मोहेंगे। लोक नृत्य और संगीत की अद्भुत प्रस्तुति भी महोत्सव में चार चांद लगाएगी।

भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में दुनिया भर से लोग योग की बारीकियां सीखने के लिए आते हैं। वैसे भी योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश के नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है लोग खुद बखुद यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आ जाते हैं। लेकिन महोत्सव के कारण लोग और भी आकर्षित हो जाते हैं कि यहां के घूमने के बहाने योग की साधना भी हो जाएगी। यानी यहां आकर प्रकृति के साथ साक्षात्कार तो होगा ही, साथ ही योग साधना के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होगा।


उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी की ओर से महोत्सव में नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा। इसके अलावा रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनुज मिश्रा, सुजीत ओझा समेत अन्य कलाकार नृत्य, कला, संगीत की प्रस्तुति देंगे।

 

 

Dehradun: आरटीई को ताक पर रखकर अशासकीय स्कूलों के हजारों छात्रों से ले ली परीक्षा की फीस, अब रद्द करने के आदेश

प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में आज से वार्षिक गृह परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। आरटीई के तहत सरकारी अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। 

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को ताक पर रखकर कक्षा 6 से 8वीं तक के हजारों छात्र-छात्राओं से वार्षिक परीक्षाओं की फीस ले ली गई है। गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के नाम पर प्रति छात्र 10 से 12 रुपये लिए गए हैं।

आरटीई के तहत सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। विभिन्न जिलों की जनपदीय परीक्षा समिति की ओर से यह फीस तय की गई है।

हरिद्वार जिले की जिला परीक्षा समिति ने कक्षा 6 से 8वीं में प्रश्नपत्र के लिए 10 रुपये प्रति छात्र फीस तय की है। जबकि 9वीं और 11वीं में प्रति छात्र 12 रुपये फीस तय की गई है। पौड़ी जिले में कक्षा 6 से 8वीं तक 12 रुपये फीस है। टिहरी जिले में भी 6 से 11वीं तक के छात्रों से वार्षिक फीस ली गई है।

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के मुताबिक सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों से परीक्षा फीस नहीं ली जा रही है। जबकि अशासकीय स्कूलों में इसे जमा कराया जा रहा है। हरिद्वार जिले में शिक्षकों के विरोध के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने फिलहाल फीस वसूली पर रोक लगा दी है।

फीस वसूली के आदेश रद्द
उनका कहना है कि इस संबंध में महानिदेशालय से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा विभिन्न जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि वार्षिक परीक्षा प्रश्नपत्रों के लिए नकद पैसा जमा किया जाए। दूसरी ओर, देर शाम पौड़ी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने फीस वसूली के आदेश को रद्द कर दिया।

बेटी के विवाह के चलते मैं अवकाश पर था। इस दौरान डीईओ बेसिक एसपी सिंह के पास प्रभारी सीईओ का प्रभार था। उनकी ओर से कक्षा 6 से 8 तक के प्रश्नपत्रों के लिए शुल्क लिए जाने का आदेश किया गया। इसे संशोधित किया जाएगा। आरटीई के तहत 8वीं तक के छात्रों से फीस न लेने का आदेश है, इनकी छात्रों की फीस सरकार वहन करती है। इसके बाद भी यदि किसी प्रधानाचार्य ने फीस ले ली तो इसे छात्रों को लौटाया जाएगा।

Accident in Uttarakhand: मां संग स्कूल जा रही थी आठ वर्षीय बच्ची, ट्राले की चपेट में आई स्कूटी; दर्दनाक मौत

News web Accident in Uttarakhand: हाईवे पर ट्राले की चपेट में आने से आठ वर्षीय बालिका की मौत हो गई। सोमवार सुबह करीब 8 बजे नेहा जोशी पुत्री रमेश जोशी निवासी ग्राम पचपकरिया अपनी मां हरु देवी के साथ स्कूटी से स्कूल जा रही थी।

इस दौरान स्कूटी टनकपुर से खटीमा की ओर जा रहे ट्राला संख्या जीजे 12- बीडब्लू 1523 से चपेट में आ गई। हादसे में नेहा गंभीर रूप से घायल हो गई। उपचार के लिए पुलिस की मदद से टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया।

जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नेहा मैक्सटन स्ट्रांग स्कूल में पढ़ती थी। पुलिस ने ट्राला कब्जे में ले लिया। चालक को भी हिरासत में लिया गया है। घटना के बाद स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

Uttarakhand:उत्तराखंड सहित 11 हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाएगा,महाधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव पास

News web media Uttarakhand : पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में शामिल पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल ने नार्थ ईस्ट के साथ ही उत्तराखंड सहित सभी हिमालयी राज्यों को इस श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर उत्तराखंड सहित 11 हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए पार्टी के महाधिवेशन में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है। इस कमेटी में उत्तराखंड कांग्रेस के दो दिग्गज नेता पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल भी शामिल थे।

उत्तराखंड राज्य को वर्ष 2001 में केंद्र की अटल विहारी वाजपेयी सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा दिया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। अखिल भारतीय कांग्रेस के रायपुर में हुए महाधिवेशन में तमाम प्रस्ताव पास किए गए। इनमें नार्थ ईस्ट राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया था।

पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में शामिल पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल ने नार्थ ईस्ट के साथ ही उत्तराखंड सहित सभी हिमालयी राज्यों को इस श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आदि ने दोनों नेताओं को इसके लिए बधाई दी है। पूर्व सीएम हरीश ने इसे गोदियाल-प्रीतम इफेक्ट नाम दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव में उत्तराखंड सहित हिमाचल, जम्मू कश्मीर और पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष दर्जे का राज्य बनाने का वादा किया गया है। यह भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।

Uttarakhand weather: तीन हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिलेगी ,बिजली गिरने के साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है।

Uttarakhand Weather Update: प्रदेश में आज से एक मार्च तक मौसम खराब बना रहेगा। कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिलों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिलेगी।

उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के एक बार सक्रिय होने और उत्तर पूर्वी हवाओं के दबाव के चलते अगले 24 घंटे में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में बारिश होने की संभावना है। साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व बिजली गिरने की संभावना है। जबकि राज्य के शेष जिलों में फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक सोमवार से दो मार्च तक राज्य के पर्वतीय इलाकों खासकर उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। साथ ही 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने के साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है।

फरवरी में हुई सामान्य से कम बारिश

बता दें कि पिछले कई दिनों से राज्य के मैदान से लेकर पहाड़ तक गर्मी देखने को मिल रही है। पर्वतीय इलाकों में दिन में अधिकतम तापमान 20 डिग्री का आंकड़ा छू रहा है। ऐसे में लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिल सकती है। उल्लेखनीय पहलू यह है कि फरवरी माह में इस साल सामान्य से बेहत कम बारिश हुई है। पूरे फरवरी माह में सिर्फ तीन बार ही पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद हल्की बारिश देखने को मिली है।