कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।
प्रदेश सरकार जल्द ही उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर योजना का खाका तैयार करने का समय निर्धारित किया गया। विभाग की ओर से स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को बाइक उपलब्ध कराएगी।
बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करते हैं। सरकार इन फील्ड कर्मचारियों को बाइक एंबुलेंस सेवा संचालित किया जा सकता है। साथ ही यदि किसी मरीज को दवाईयों की जरूरत है तो बाइक एंबुलेंस से घर तक दवाईयां पहुंचाई जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट ने बाइक एंबुलेंस सेवा के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके बाद ही इस सेवा को शुरू किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक एंबुलेंस सेवा कारगर हो सकती है।
उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करना सरकार का अच्छा प्रयास है। इस सेवा का खास तौर पर उन मरीजों को ज्यादा फायदा मिलेगा। जो दवाईयां लेने के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते हैं। बाइक एंबुलेंस से उन्हें घर पर दवाईयां उपलब्ध होगी। साथ ही किसी सामान्य मरीज को जांच या परामर्श के लिए डॉक्टर के पास आना है तो वे बाइक एंबुलेंस अस्पताल पहुंच सकते हैं।