हरिद्वार। हरिद्वार के श्री अखंड परमधाम आश्रम में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यसमिति मार्गदर्शक मंडल की बैठक में पूरे देश में हिंदू धार्मिक स्थलों, तीर्थ स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में शामिल विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार, चंपत राय, श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य युगपुरुष सहित सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों, संतों और सदस्यों ने इस पर एक राय होकर अपनी सहमति दी। वहीं, इस दौरान सीएम ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड में बाद में जिन 51 मंदिरों को शामिल किया गया था, उन्हें तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया जाएगा। बोर्ड के अस्तित्व पर पुनर्विचार किया जाएगा।
बैठक में ओटीटी प्लेटफार्म पर सनातन धर्म, संत समाज के खिलाफ चल रही साजिश और लव जेहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाने को लेकर चर्चा हुई और राष्ट्र स्तर पर कड़ा कानून बनाने की मांग के साथ प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की भी मांग की गई। साथ ही इसे पुरातत्व विभाग को सौंपने को कहा गया। ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। तय किया है कि इस मामले में संत समाज की ओर से केंद्र सरकार को कड़ा पत्र लिखा जाएगा।
बैठक में सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वह संतों की वाणी को शिरोधार्य मानते हैं और संत समाज की किसी भी मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्हें कभी निराश नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, देवस्थानम् बोर्ड मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि संतों की भावनाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
दो शराब की दुकानों को तत्काल बंद करने के आदेश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में संतों की मांग पर कुंभ मेला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शराब की दो दुकानों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए। अब ऋषिकेश क्षेत्र में मुनि की रेती ढालवाला औऱ लक्ष्मणझूला स्थित शराब की दुकानें बंद होंगी।