Cabinet Decision: आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को मंजूरी, विधायक निधि बढ़कर हुई 5 करोड़

News web media uttarakhand : गैरसैंण में धाम कैबिनेट की अहम बैठक हुई जिसमें राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देने समेत कई अहम फैसेल लिए गए। बैठक में विधायक निधि को बढ़ाकर 5 करोड़ करने पर भी मुहर लगी है। इसके अलावा महिला मंदल दलों को मिलने वाली राशि बढ़ाने पर भी कैबिनेट की स्वीकृति मिली है। भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 6 बिन्दुओं पर मुहर लगी है।

कैबिनेट के फैसले

राज्‍य की नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी मिली।

राज्य आंदोलनकारियों को 10 पीसदी आरक्षण

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आज राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में  10% आरक्षण का बड़ा फैसला लिया गया। राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का वर्ष 2011 से लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया। सोमवार को गैरसैंण में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव आया। जिस पर मुहर लग गई।

विधायक निधि बढ़कर 5 करोड़

कैबिनेट ने विधायक निधि बढ़ाकर 5 करोड़ करने पर मुहर लगाई है। दरअसल सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक लंबे समय से विधायक निधि को बढ़ाए जाने को मांग कर रहे थे। पिछले सत्र में तो विधायकों ने सदन के भीतर विधायक निधि को बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया था। आज गैरसैंण में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने निधि को बढ़ाए जाने का फैसला लिया, जिसके तहत अब विधायकों को 5 करोड़ रुपए विधायक निधि मिलेगी। बता दें कि अभी तक विधायकों को 3 करोड़ 75 लाख रुपए विधायक निधि दी जा रही थी।

महिला मंगल दलों को 50 लाख मिलेंगे

महिला मंगल दल को विधायक निधि से दी जाने वाली राशि को बढ़ाने पर भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। ऐसे में अब विधायक निधि से महिला मंगल दल को 50 लाख रुपए तक दिए का सकेंगे। पहले महिला मंगल दल को विधायक निधि से 40 लाख रुपए तक ही देने का प्रावधान था।

मंदिरों के सौंदर्यीकरण को 50 लाख

धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए दी जा रही धनराशि में भी बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इसके तहत धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए अब 50 लाख रुपए दिए जा सकेंगे। पहले सालाना 40 लाख रुपए ही खर्च करने का प्रावधान था।

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