उत्तराखंड में बीजेपी ने अप्रत्यशित बदलाव करते हुए नए मुख्यमंत्री के साथ हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक को अध्यक्ष पद पर ताजपोशी कर दी । इसके पूर्व में इस पद पर बंशीधर भगत काबिज़ थे । यह क़बायत कुमाऊँ और गढ़वाल की राजनीति में क्षेत्रीय संतुलन साधने की है ।
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अमृत महोत्सव कार्यक्रम साबरमती आश्रम से शुरू हुआ : प्रधानमंत्री बापू और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ एक अद्भुत श्रद्धांजलि है : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ‘पदयात्रा’ (स्वतंत्रता मार्च) को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा,“ आज के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत साबरमती आश्रम से हुई, जहां से दांडी मार्च शुरू हुआ था। उस पदयात्रा ने भारत के लोगों के बीच गर्व और आत्मनिर्भरता की भावना को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की थी। “वोकल फॉर लोकल” को अपनाना बापू और हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक अद्भुत श्रद्धांजलि है।
कोई भी स्थानीय उत्पाद खरीदें और ‘वोकल फॉर लोकल’ का इस्तेमाल करते हुए उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। साबरमती आश्रम में मगन निवास के पास एक चरखा स्थापित किया जाएगा। यह आत्मनिर्भरता से संबंधित प्रत्येक ट्वीट के साथ पूरा चक्र घुमाएगा। यह जन आंदोलन के लिए एक उत्प्रेरक बन जाएगा।”
देहरादून । केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई 2021 को खुलेंगे :
उत्तराखंड मै स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई 2021 को खुलेंगे । उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस बाबत जानकारी दी है। पिछले साल केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक उच्चारण के साथ छ: माह अवधि के लिए बंद किये गए थे । पिछले वर्ष में भगवान केदारनाथ के दर्शन हेतु लगभग एक लाख पैतीस हज़ार श्रद्धालु आये थे ।
केदारनाथ धाम के कपाट भगवान भैरवनाछ की पूजा अर्चना के उपरांत 14 मई को बाबा केदार की डोली फाटा में विश्राम करेगी । 15 मई को यह डोली गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी । 17 मई को सुबह 5 बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट पारंपरिक पूजा पाठ के साथ खोले जायेंगे ।
तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री का चयन किया गया । पीएम मोदी ने नए मुख्यमंत्री को दी शुभकामनाएं ।
उत्तराखंड के दसवें नए मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण की है। उन्हें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही राज्य में शुरू हुआ सियासी उठापटक भी खत्म हो गया है। भाजपा सांसद रावत को विधायक दल की बैठक में आज ही नेता चुना गया था। जिसके बाद उन्हें राज्य की सत्ता पर काबिज होने का मौका मिला है।
तीरथ सिंह रावत के उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘वे अपने साथ विशाल प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव लेकर आए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेगा।’
मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज देहरादून में विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इनका नाम प्रस्तावित किया था जिसपर सभी ने सहमति जताई।
स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और बाढ़ प्रबंधन जैसी पानी की समस्याओं के लिए प्रौद्योगिकी नवीन समाधान प्रदान करती है
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आआईटी) खड़गपुर स्थित तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र जल शुद्धिकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसने देश के कई राज्यों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और बाढ़ के पानी के प्रबंधन की दिशा में अच्छा काम किया है।
आईआईटी खड़गपुर स्थित जल शुद्धिकरण तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र (सीटीईडब्ल्यूपी) ने एक कुशल, कम लागत वाली नैनो फिल्टरेशन आधारित तकनीक विकसित की है जिसनें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तीन अलग-अलग स्थानों पर 25 हजार लोगों की स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित की है। यह पानी भारी धातुओं से मुक्त है जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माने जाते हैं। मेम्ब्रेन सेपरेशन लेबोरेटरीज, सीएसआईआर-भारतीय रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) जल प्रौद्योगिकी पहल (डब्ल्यूटीआई) के सहयोग से अत्यधिक कॉम्पैक्ट वर्टीकल मॉड्यूलर नैनोफिल्टरेशन मेम्ब्रेन सिस्टम का प्रोटोटाइप विकसित किया है जो भू-जल में मौजूद भारी धातुओं को हटाने का काम करता है। इसकी क्षमता एक घंटे में 100 से 300 लीटर पानी को साफ करने की है और यह टेक्नोलॉजी हाइड्रोफिलाइज्ड पॉलियामाइड मेम्बरेन प्रणाली पर आधारित है जो भूजल में मौजूद भारी धातु जैसे आयरन को हटाने में काफी मददगार है। इसमें ऐसे पंप होते हैं जो पानी को पहले प्रिफिल्टर असेंबली में बल पूर्वक भेजते हैं जहां उसमें मौजूद ठोस तत्व, रंग एवं गंध को हटाया जाता है और इसके बाद इसे स्पायरल वुंड मेम्बरेन मॉड्यूल से गुजारा जाता है जहां भारी धातुओं को हटाया जाता है। इस प्रक्रिया में आयरन, आर्सेनिक और पानी की अधिक कठोरता को समाप्त किया जाता है और अंत में पराबैंगनी प्रकाश की मदद से टैंक अथवा पाइपलाइनों में मौजूद रोगाणुओं के नष्ट किया जाता है।
असम के उत्तर गुवाहाटी के एक प्राथमिक स्कूल में बच्चे ऐसा पानी पीते थे जिसमें अत्यधिक आयरन और सीओडी पाया गया था तथा इससे बदबू भी आती थी लेकिन अब आईआईटी गुवाहाटी ने स्कूल में जलशोधन संयंत्र (300 लीटर प्रति घंटा) को स्थापित किया है और लाठियाबागीछा प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पानी की पहले की समस्या से छुटकारा मिल गया है। इस संयंत्र को डीएसटी के सहयोग से रसायन मुक्त इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है और यह पानी में मौजूद आयरन और ऑर्सेनिक की मात्रा कम करने, उसमें कुल घुलित सॉल्वेंट, रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) जैविक ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को बीआईएस की निर्धारित सीमा से नीचे लाने में सक्षम है।
स्कूल के 120 से अधिक छात्रों के साथ-साथ लाठियाबागीछा गांव के (500 से अधिक) लोग इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे साफ पानी पिएंगे और अब उनके स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस शोधित जल का उपयोग स्कूल में दोपहर का भोजन पकाने में भी होता है।
सीएसआईआर-आईआईसीटी की टीम ने एक सरल, सस्ती हैंडपंप संचालित होलो फाइबर अल्ट्राफिल्ट्रेशन प्रणाली भी विकसित की है जो चलाने में आसान है तथा हल्की और कम जगह घेरती है। डीएसटी के तकनीकी सहयोग से इसे विकसित किया गया है और यह पॉलीइथर्सल्फ़ोन होलो फाइबर मेम्बरेन पर आधारित है। हैंडपंप द्वारा पैदा किए गए दवाब से बाढ़ का पानी मेम्बरेन मॉड्यूल में जाता है जहां इसे साफ तथा विसंक्रमित कर दिया जाता है और झिल्ली के बाहरी किनारे पर लगाया गया एक छोटा क्लोरीन बॉक्स पानी में मौजूद मुक्त क्लोरीन को साफ कर देता है। हाल ही में कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के दौरान ऐसे कुल 24 जल संयंत्रों को स्थापित किया गया था ताकि 50,000 लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
इस केंद्र की ओर से विकसित की गई नई तकनीकों की मदद से पानी में पाए जाने वाली भारी धातुओं को हटाने और बाढ़ के पानी को पीने योग्य बनाने में मदद मिलेगी जिससे स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
प्रोटोटाइप -1: भूजल में मौजूद भारी धातुओं को साफ करने के लिए अत्यधिक कॉम्पैक्ट, ऊर्ध्वाधर मॉड्यूलर नैनोफिल्ट्रेशन झिल्ली प्रणाली का डिज़ाइन।
प्रोटोटाइप -2: आपदा प्रबंधन के लिए हैंडपंप संचालित होलो फाइबर अल्ट्राफिल्ट्रेशन मेम्बरेन प्रणाली का विकास।
प्रोटोटाइप 3: असम में उत्तर गुवाहाटी के लाठियाबागिछा प्राथमिक विद्यालय में स्थापित।
[ इस विषय में अधिक जानकारी के लिए, डॉ. सरशेंदु डे, प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी खड़गपुर (943473636; sde@che.iitkgp.ac.in); डॉ. एस. श्रीधर, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, आईआईसीटी हैदराबाद (8790748674; ईमेल: s_sridhar@iict.res.in); डॉ. मिहिर कुमार पुरकैत, प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी गुवाहाटी, मोबाइल: 9954248807; ईमेल: mihir@iitg.ac.in से संपर्क किया जा सकता है]
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दिया ; कल बुधवार को नये चेहरे का फैसला होगा
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मंगलवार को महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा दे दिया । इसके चलते प्रदेश में नेतृत्व बदलने को लेकर विगत दिनों से घटित हो रही घटना पर विराम लग गया है । इस्तीफा सौंपने के उपरांत अपने आवास पर प्रेस वार्ता में बताया की मैं एक आरएसएस का सिपाही होते हुए अपने कर्त्तव्यों का पालन किया । उपरोक्त घटनाक्रम उत्तराखंड विधान सभा का बजट सत्र के आखिरी दिनों में तेजी से घटित हुआ और आज सरकार के चार साल में नौ दिन शेष रहते घटना का पटाक्षेप हो गया । यह फैसला केंद्रीय पर्यवक्षकों के रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है । बुधवार को प्रदेश के नए नेता के नाम पर फैसला संभव है । नए मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार प्रदेश सरकार के मंत्री धन सिंह रावत , अजय भट्ट आदि बताये जा रहे है ।
प्रधानमंत्री ने कोलकाता की अग्नि त्रासदी में हुई जनहानि पर गहरा शोक जताया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में अग्नि त्रासदी के कारण हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, “कोलकाता में हुई अग्नि त्रासदी के कारण हुए जानमाल के नुकसान से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र अति शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देश की मातृशक्ति को बधाई एवं शुभकामनाएं दी, महिला स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोविड-19 महामारी में किए गए कार्यों की सराहना की
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देश की मातृशक्ति को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान महिला स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि कोविड-19 के दौरान महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने जो उत्कृष्ट कार्य किए एवं लगातार सेवा के कार्यों में जुटी हुई हैं, यह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जब भी महिलाओं को अवसर प्रदान किया गया है। भारत में महिलाओं ने हमेशा खुद को साबित किया है और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के हमारे प्रयासों का एक प्रमाण है कि कोविड-19 से निपटने के लिए देश की महिला कर्मचारी सबसे आगे रहीं और उन्होंने समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ महामारी को रोकने के लिए अथक परिश्रम किया। पिछले सात वर्षो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ठोस और अभूतपूर्व उपाय किए हैं। जिसे हर सेक्टर में देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर अपने संदेश में – “मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ” ने कहा ये; जाने पूरी खबर
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 04 मार्च से 10 मार्च तक सुरक्षा की दृष्टि से औद्योगिक दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। 04 मार्च 1972 से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम ‘‘आपदा से सीखें और सुरक्षित भविष्य की तैयारी करें’’ है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह दिवस हमारे सुरक्षा सैनिक, अर्द्वसैनिक बल और पुलिस को समर्पित किया जाता है। जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमेशा लोगों की सुरक्षा को लेकर तैयार होते हैं। आपदाओं से हम सबक सीखें और कैसे लोगों को सुरक्षित रख सखते हैं, इस पर चितंन-मनन होगा। सुरक्षा में लगी सभी एजेंसियों को भी मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदशील राज्य है। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से राज्य में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में इन्सीडेंट रिस्पॉस सिस्टम को काफी मजबूत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को “शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश “
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश
ग्रीन कुम्भ मेले की कल्पना को साकार करने के लिये सफाई व्यवस्था पर दिया जाये विशेष ध्यान
कुम्भ क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिये किये जाये प्रभावी प्रयास
शहर की आंतरिक सड़कों की मरम्मत आदि में लायी जाये तेजी
कुम्भ क्षेत्र में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था पर दिया जाये ध्यान
कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे, इसके लिये अधिकारी आपसी समन्वय से करें कार्य
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को कुम्भ मेला क्षेत्र में संचालित स्थायी एवं अस्थायी निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अटल बिहारी वाजपेई राज्य अतिथि गृह में कुम्भ मेले से जुड़े सभी उच्चाधिकारियों की बैठक ली।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में संचालित स्थायी एवं अस्थायी निर्माण कार्यों के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से सम्बंधित कार्यों को शीघ्र अंतिम रूप देने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्रीन कुम्भ की कल्पना को साकार करने के लिए कुम्भ मेले की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सौंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिये जाने पर बल दिया। शहर की आंतरिक सड़कों की आवश्यक मरम्मत, साफ-सफाई एवं अतिक्रमण हटाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत ध्यान देकर शेष कार्यों को पूर्ण करायंे। उन्होंने व्यवस्थाओं को शीघ्र दुरूस्त करने के लिये आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिये। कुम्भ क्षेत्र के साथ ही स्नान घाटों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि शहर में जो लाइटें खराब हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ क्षेत्र की सफाई व्यवस्था हेतु धनराशि की कमी नहीं होनी दी जाएगी। इसके लिए आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस आदि अधिकारीगण मौजूद थे।