उत्तराखंड : उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की बना नया हॉटस्पॉट, 80 छात्रों को हुआ कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रूड़की के 80 छात्र कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि एक हॉस्टल को कोविद केयर सेंटर में बदल दिया है। वहीं, आईआईटी रुड़की प्रशासन ने छात्रों को अपने कमरों में ही खुद को आइसोलेट करने के लिए निर्देश दिया है। आपको बता दें कि मंगलवार तक 60 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। फिर बुधवार को संस्थान में हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आरटी-पीसीआर टेस्ट में 20 और छात्रों कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि इंस्टीट्यूट में 80 कोरोना पॉजिटिव छात्रों पाए जाने के बाद हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग ने कॉटले, कस्तूरबा, सरोजिनी, गोविंद भवन और विज्ञान कुंज नाम के पांच हॉस्टल को सील कर दिया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट में 3000 छात्र हैं जिसमें से लगभग 1200 छात्र इन 5 हॉस्टल में रहते हैं।

सोनिका ने आगे बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में गंगा भवन हॉस्टल को कोविड केयर सेंटर के रूप में बदल दिया है जहां, संक्रमित छात्रों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा, एक गेस्ट हाउस और एक अन्य प्रतिष्ठान को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।वहीं, हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि हमने संक्रमण का पता लगाने के बाद इंस्टीट्यूट से लगभग 2000 छात्रों और कर्मचारियों के आरटी-पीसीआर नमूने लिए थे। मंगलवार तक, 60 छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और फिर बुधवार को 20 और छात्रों की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण पाया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमना की नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमना की नियुक्ति को मंजूरी दी। 23 अप्रैल को सीजेआई, एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद, न्यायमूर्ति रमना के 24 अप्रैल, 2021 को सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।भारत के राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद ने सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना की भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए।

जस्टिस रमना, जो 48 वें सीजेआई होंगे, को 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।23 अप्रैल को सीजेआई एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद, वह 24 अप्रैल, 2021 को सीजेआई का पदभार संभालेंगे। सीजेआई को नियुक्त करने में सुप्रीम कोर्ट के बाद वरिष्ठता मानदंड के अनुरूप जस्टिस रमना के नाम की सिफारिश सीजेआई एसए बोबडे ने देश के सर्वोच्च न्यायिक कार्यालय को संभालने के लिए की थी।26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होने से पहले जस्टिस रमना 16 महीने से अधिक समय तक सीजेआई के रूप में लंबे समय तक कार्यकाल में रहेंगे। वास्तव में, यह लगभग एक दशक तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल होगा। दिवंगत जस्टिस एसएच कपाड़िया मई 2010 से सितंबर 2012 तक लंबे कार्यकाल वाले अंतिम न्यायाधीश थे।
अमरावती भूमि घोटाले में न्यायमूर्ति एनवी रमना के बारे में शिकायत के संबंध मे हाल ही में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सीजेआई बोबडे को लिखा था।हालांकि, रेड्डी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक इन-हाउस प्रक्रिया का पालन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

निजी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य, “निजी वाहन में अकेले हैं तो भी वाहन को पब्लिक प्लेस ही माना जाएगा”, अकेले वाहन चलाते समय भी मास्क पहनना अनिवार्य: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली HC ने फैसला सुनाया है कि कोरोना वाइरस महामारी के दौरान किसी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य है, भले ही वाहन मे चालक अकेले हों और उसके पास कोई अन्य व्यक्ति न हो।
न्यायालय ने कहा कि यदि वाहन सार्वजनिक स्थानों से गुजरता है, तो ऐसे अन्य लोग भी हो सकते हैं जो जोखिम उठा सकते हैं। इस संबंध में, न्यायालय ने यह भी नोट किया कि बुजुर्ग व्यक्तियों या सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों के घर के भीतर भी मास्क पहनने को प्रोत्साहित किया जाता है। यह कहा गया था कि एक व्यक्ति द्वारा एक वाहन भी एक सार्वजनिक स्थान होगा, तो मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया। इन सभी याचिकाओं को आज मेरिट के बिना होने से खारिज कर दिया गया, साथ ही कोर्ट ने देखा कि,

“कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक मास्क सुरक्षा कवच की तरह है … मास्क पहनना एक ऐसा उपाय है जिसने लाखों लोगों की जान बचाई गयी है।
यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता वकील थे, जज ने कहा कि अधिवक्ताओं को बिना पूछताछ के महामारी को रोकने के उपायों में पहचान और सहायता करना चाहिए। खासकर उच्चीकृत परिस्थितियों में अनुपालन दिखाने के लिए उनका उच्च कर्तव्य है।

याचिकाकर्ताओं में से एक, अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने भी अपने 500 रुपये का जुर्माना भरने के बाद 10 लाख का मुआवजा मांगा था।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, ऐसे जुर्माने का प्रावधान अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी था क्योंकि अकेले यात्रा करना “सार्वजनिक स्थान” नहीं कहा जा सकता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा: सार्वजनिक स्वास्थ्य संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची III की प्रविष्टि 6 के आधार पर एक राज्य विषय था।

जब भारत सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वाइरस महामारी से निपटने के लिए सहयोग में काम कर रही थीं, लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी वाहन में अकेला हो, तो मास्क पहनना अनिवार्य करने पर उसमें से कोई निर्देश शामिल नहीं था।
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने कहा कि एक निजी वाहन एक निजी क्षेत्र नहीं था और इसमें किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना चाहिए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा- सरकार की कोशिश, लाकडाउन की स्थिति न आए।कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य

देहरादून :- प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि लाकडाउन की स्थिति न आए। संक्रमण के मद्देनजर अस्पतालों को तैयार किया गया है। आइसीयू की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही क्वारंटाइन सेंटर भी तैयार किए जा रहे हैं। जहां नए मामले आ रहे हैं, वहां कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा रहे हैं।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तब कोरोना संक्रमण के लिहाज से स्थिति काफी हद तक ठीक थी। इसके बाद धीरे-धीरे प्रदेश में स्थिति खराब होती गई। पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व एनसीआर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े। वहां से लोग उत्तराखंड आए तो यहां भी संक्रमण की स्थिति बनी। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन लोग ठीक भी हो रहे हैं। बावजूद इसके स्थिति चिंताजनक है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले 12 राज्यों से आने वालों का निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य किया गया है। मास्क व शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करने को आमजन को प्रेरित किया जा रहा है।

उत्तराखंड में भी तेजी से फैला रहा कोरोना, देहरादून के दून स्कूल के 5 छात्र और 7 शिक्षक कोविड पॉजिटिव

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित प्रसिद्ध दून स्कूल के पांच छात्र और सात शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट आशीष श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की और बताया कि प्रशासन स्कूल में स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठा रहा है।

अधिकारी ने कहा, “सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, दून स्कूल सभी आवश्यक कदमों और गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित कर रहा है। स्कूल ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए आवासीय डॉक्टर की देखरेख में अपने सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कार्य योजना लागू की थी।”

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सभी कर्मचारी और छात्र अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरेंगे। उन्होंने कहा, “टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वालों को क्वारंटीन कर दिया गया है। वे सरकारी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। उनके संपर्क में आने वालों से संपर्क शुरू किया गया है।”

उत्तराखंड में देहरादून में 303 मामले और हरिद्वार में 185 मामले सहित कुल 791 नए मामलों की पुष्टि हुई है। प्रदेश में कुल मामलों की संख्या 1,03,602 हो चुकी है।

उत्तराखंड में हुआ बड़ा प्रशासनिक उलटफेर,सचिवालय में तैनात 24 आईएएस समेत 30 अफसरों में फेरबदल

देहरादून| मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में तैनात 24 आईएएस समेत 30 अफसरों में फेरबदल किया है। पहले फेरबदल में सीएम की तरफ से कोई बड़ा उलट-फेर नहीं किया गया है। सोमवार देर शाम सीएम की हरी झंडी के बाद कार्मिक विभाग ने यह आदेश किए हैं। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सैनिक कल्याण हटा कर आयुक्त समाज कल्याण और प्रमुख सचिव आरके सुधांशू से खनन वापस लेकर ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी दी है। प्रमुख सचिव एल फैनई को सैनिक कल्याण सौंपा गया है। सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से महानिदेशक शिक्षा वापस लेकर उनका कद बढ़ाकर खनन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।

सीएम ने अपने सचिव शैलेश बगोली का हल्का ही रखा है, उनसे परिवहन वापस ले लिया है। सचिव डी सैंथिल पांडियन को कौशल विकास एवं सेवायोजन अतिरिक्त दिए हैं, जबकि नितेश कुमार झा से सिंचाई व लघु सिंचाई वापस ले लिया है। डा. पंकज कुमार पांडेय को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की नई जिम्मेदारी दी गई है। डा. रंजीत कुमार सिन्हा से कौशल विकास एवं सेवायोजन हटाकर परिवहन, एसए मुरुगेशन से सिडकुल व आयुक्त उद्योग हटाकर सिंचाई व लघु सिंचाई, बृजेश कुमार संत से ग्रामीण निर्माण हटा निदेशक खनन तो चंद्रेश कुमार को आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद की नई जिम्मेदारी दी है।

प्रभारी सचिव वी षणमुगम से सामान्य प्रशासन वापस लेकर नियोजन व निदेशक आडिट, नीरज खैरवाल को उरेडा व विनय शंकर को पांडेय को महानिदेशक (शिक्षा) की अतिरिक्त कार्यभार दिया है। सुरेंद्र नारायण पांडेय से ऊर्जा एवं उरेडा हटाकर आवास आयुक्त, अपर मुख्य प्रशासक, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण सौंपा है। ये सभी विभाग विनोद कुमार सुमन से वापस लिए हैं।

अपर सचिव सबिन बंसल से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त व एनएचएम निदेशक हटाकर सिडकुल व महानिदेशक उद्योग, युगल किशोर पंत से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा हटा पर्यटन एवं धर्मस्व व अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद, रणवीर सिंह चौहान से परिवहन एवं प्रबंध निदेशक परिवहन, डा.अहमद इकबाल से निदेशक आडिट, सोनिका से पर्यटन, धर्मस्व एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद वापस लिया है। सोनिका को एनएचएम निदेशक व आयुक्त स्वास्थ्य की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है।

अपर सचिव आशीष कुमार चौहान को परिवहन निगम में प्रबंधक निदेशक, वंदना सिंह को निबंधक सहकारिता की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। पीसीएस व अपर सचिव डा. मेहरबान सिंह बिष्ट से खनन व निदेशक खनन वापस लेकर सिंचाई व लघु सिंचाई दिया है। ये दोनों विभाग उदय राज सिंह से वापस लिए हैं। झरना कामठान से बाल अधिकार संरक्षण आयोग में सचिव पद वापस लेकर आलोक कुमार पांडेय को दिय है। सचिवालय सेवा संवर्ग के अपर सचिव प्रदीप रावत से अपर सचिव सीएम की जिम्मेदारी लेकर मदन मोहन सेमवाल को दे दी है।

कोरोना महामारी को देखते हुए देहरादून और हरिद्वार की सभी अदालतों को दो सप्ताह के लिए बंद करने के आदेश नैनीताल हाइकोर्ट का बड़ा फैसला।

नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से कोरोना महामारी को देखते हुए देहरादून व हरिद्वार की सभी अदालतो को तत्काल प्रभाव से आगामी दो सप्ताह के लिये बन्द करने सभी अधिकारी कर्मचारियों के वेक्सिनेशन करने के आदेश नैनीताल हाई कोर्ट ने दिये है।। सोमवार रात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी निर्देश के अनुसार देहरादून व हरिद्वार में नियमित रूप से कार्यरत जिला न्यायालयों में अस्थायी रूप से दो सप्ताह के लिए रेगुलर कामकाज नहीं होगा। जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी। न्यायालय के 30 फीसदी कर्मचारियों को ही ड्यूटी पर आने की अनुमति होगी। दोनों जिलों के जिला न्यायाधीशों और पारिवारिक न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र के निर्देश अनुसार 45 वर्ष से अधिक के सभी कर्मियों को टीकाकरण की सलाह देंगे। 55 वर्ष से अधिक आयु वाले स्टाफ को उपस्थित होने को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना के 547 नए मरीज मिले और दो संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 102811 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1729 हो गया है। स्वासथ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को देहरादून जिले में सर्वाधिक 224 नए मरीज मिले हैं। जबकि हरिद्वार में 194, अल्मोड़ा में दो, बागेश्वर में एक, चमोली में दो, चम्पावत में एक, नैनीताल में 33, पौड़ी में 21, रुद्रप्रयाग में दो, टिहरी में 16, यूएस नगर में 51 नए मरीज मिले हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों से सोमवार को कुल 32 हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए।

कोरोना : रविवार रात तक 24 घंटों के दौरान मिले कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,03,764 पर पहुंच गई. महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक यह एक दिन में मिले कुल संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या है.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र समेत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे 10 राज्यों में कोरोना संक्रमण पेशानी पर बल लाने वाला साबित हो रहा है. कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू समेत सख्त कोरोना गाइडलाइंस  का विभिन्न राज्य अपने-अपने स्तर पर पालन कर रहे हैं. इस बीच देश में कोरोना के कहर ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाले वर्ल्डोमीटर के मुताबिक रविवार रात तक 24 घंटों के दौरान मिले कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,03,764 पर पहुंच गई. महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक यह एक दिन में मिले कुल संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या है. इस आंकड़े के साथ ही अमेरिका के बाद भारत  दूसरा देश बन गया है जहां एक दिन में कोविड-19 के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इससे पहले 17 सितंबर 2020 को भारत में एक दिन में 98,795 नए मामले मिले थे, जो महामारी की पहली लहर का सर्वोच्च आंकड़ा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दौरान 24 घंटों में देश में 513 कोरोना मरीजों की मौत हुई.…

उत्तराखंड: मौसम विभाग ने राज्य में सोमवार से बारिश, ओलावृष्टि को लेकर तीन दिन का येलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग ने राज्य में सोमवार से बारिश, ओलावृष्टि को लेकर तीन दिन का येलो अलर्ट जारी किया है। पांच, छह, सात और आठ अप्रैल को राज्य में अनेक हिस्सों में बारिश हो सकती है। मौसम केन्द्र द्वारा रविवार को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार को उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली, बारिश गिरने की संभावना है। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, देहरादून में हल्की से हल्की बारिश, बर्फबारी, जबकि मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। 6 को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून व पिथौरागढ़ में कहीं कहीं ओलावृष्टि, हल्की से मध्यम बारिश, बिजली चमकने की संभावना है। 32 सौ मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। मैदानी क्षेत्रों में तेज रफ्तार की झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं।

सात अप्रैल को उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं ओलावृष्टि, बारिश, आकाशीय बिजली चमक सकती है। उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में कहीं कहीं भारी बारिश व 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की भी चेतावनी है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। आठ को भी पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश, बर्फबारी हो सकती है। लेकिन इन दिन के लिए अलर्ट नहीं है। नौ व दस को बारिश की स्थिति में कमी आ सकती है। विभाग के अनुसार चार व छह को एक के बाद एक दो पश्चिमी विछोब हिमालय रीजन से टकरा रहे हैं। जिस वजह से मौसम में बदलाव नजर आ रहा है।

सुबह दिन के तापमान पर करीब बीस डिग्री का फर्क
देहरादून में पिछले कुछ दिनों से सुबह शाम व दिन के तापमान में बीस डिग्री के आसपास का फर्क दिख रहा है। रविवार को दून का अधिकतम तापमान 33.8 व न्यूनतम 12.5 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक है तो न्यूनतम सामान्य से 2 डिग्री कम है। इसी तरह पंतनगर में अधिकतम तापमान 33.9 व न्यूनतम 7, मुक्तेश्वर में अधिकतम 24.2, न्यूनतम 7.4, नई टिहरी में अधिकतम 24.4, न्यूनतम 10.6, पिथौरागढ़ में अधिकतम 26.1 व न्यूनतम 7.2 रहा। मौसम निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, मौसम धीरे-धीरे गर्मी की ओर जा रहा है। इसलिए अधिकतम तापमान बढ़ रहा है।

उत्तराखंड में जंगलों के जलने की घटनाएं थम नहीं रही हैं।फॉरेस्ट फायर का अलर्ट जारी।

उत्तराखंड में जंगलों के जलने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। पिछले 24 घंटों में जंगल जलने की 40 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे 63 हेक्टेयर जंगल जल गए।  मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि मान सिंह ने बताया कि पिछले चौबीस घंटे में गढ़वाल में 23 और कुमाऊं में 16 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं। जिसमें 63 हेक्टेयर जंगल जल गया। एक अक्टूबर से अब तक 964 घटनाओं में 1264 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। 12 हजार वनकर्मी और फायर वाचर आग बुझाने के लिए तैनात किए गए हैं। वहीं,पीसीसीएफ ने कहा कि जिस तरह तापमान बढ़ रहा है उससे आग बांज के जंगलों तक पहुंचने की आशंका है। इसलिए पहले से इसकी तैयारी  करनी होगी।  संबंधित खबर

फॉरेस्ट फायर का अलर्ट 
पीसीसीएफ राजीव भर्तरी ने आग की घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी कर सभी डीएफओ और वन संरक्षकों को क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए हैं। सभी वन कर्मी और फायर वाचर वनाग्नि को लेकर मॉक ड्रिल करेंगे। वन अफसरों और कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में ही छुट्टी दी जाएगी।

चिंताजनक: जिम कॉर्बेट पार्क के पास पहुंची जंगलों में लगी आग
रामनगर।
 कॉर्बेट नेशनल पार्क में दावाग्नि का खतरा बढ़ रहा है। शनिवार को रामनगर वन प्रभाग के मोहान के पास जंगल में आग लग गई। तराई पश्चिम वन प्रभाग के सावल्दे, हल्दुआ और काशीपुर रेंज के जंगल जल गए। यह इलाके कॉर्बेट पार्क से सटे हैं। इससे पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया। पार्क प्रशासन ने कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है।कॉर्बेट पार्क से सटे रामनगर वनप्रभाग एवं तराई पश्चिम वन प्रभाग में गर्मियां शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं होने लगी हैं। रामनगर वन प्रभाग में अब तक कई हेक्टेयर जंगल जल चुका है। तराई पश्चिम वन प्रभाग का भी यही हाल है। दोनों प्रभाग की सीमाएं कॉर्बेट से लगती हैं। अफसरों के अनुसार, इन घटनाओं के लिए कई क्रू स्टेशन बनाए हैं। इन पर ऑनलाइन नजर भी रखी जा रही है।

2016 में धधका था कॉर्बेट : वर्ष 2016 में पार्क के बिजरानी जोन में भीषण आग लगी थी। इसे काबू में करने में एक सप्ताह से ज्यादा समय लगा था। यह आग कॉर्बेट पार्क की अब तक की सबसे भीषण आग बताई जाती है।

ऐसे रखी जाती है आग की घटनाओं पर नजर 
कार्बेट पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि कॉर्बेट में आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए 100 से अधिक क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। 500 से अधिक कर्मचारी लगाए गए हैं। ऑनलाइन भी नजर रखी जा रही है। ड्रोन से भी नजर रखने का काम किया जा रहा है।

आग की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है। प्रभाग में आग की कई घटनाएं सामने आई हैं। कर्मचारियों को ऐसी घटनाओं पर नजर रखने को कहा गया है।
चंद्रशेखर जोशी, डीएफओ, रामनगर। 

आग की घटनाएं होते ही लोगों को जानकारी देने को कहा जाता है। इसके अलावा फायर को लेकर कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। मैं खुद आग की घटनाओं पर नजर रख रहा हूं।
हिमांशु बागरी, डीएफओ, तराई पश्चिम।