Umesh Pal Hatyakand: जहां-जहां साजिश वहां बुलडोजर,माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के आवास पर चला बुलडोजर, दोनों रास्ते सील

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।
मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर भी हैं।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबियों पर एक्शन चल रहा है। प्रयागराज में अतीक के करीबियों पर बुलडोजर चल रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण अवैध संपत्ति पर कार्रवाई कर रहा है।

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी में यह कार्रवाई चल रही। मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर हैं।
चकिया कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।

इस दौरान कई थानों की फोर्स आरएएफ के जवान और पीडीए के कर्मचारी मौजूद हैं। कार्रवाई के दौरान रास्ते को दोनों तरफ से सील कर दिया गया है। इस दौरान किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। घर से पीडीए के कर्मचारियों ने समान बाहर निकाल दिया है।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद, इनके पुत्रों और अतिक के भाई अशरफ समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है। चकिया में वह अपनी जिस बहन के घर रहती हैं, वहां से वह घटना के दूसरे दिन ही निकल गईं थीं। उसके पास से शाइस्ता का कुछ पता नहीं है। इस मामले में अफसरों का कहना है कि नामजद सभी लोगों की तलाश की जा रही है। शाइस्ता भी उनमें से एक हैं।

आपको बता दें कि उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां, 22 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में खोराबार थाने से जेल जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी बिहार के बेउर जेल के सामने से हुई थी। वहां एक बड़े नेता के हत्या की सुपारी लेने गया था। जेल के बाहर से तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू और सुल्तानपुर के उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था।

उस समय पूछताछ में सामने आया था कि बेउर जेल में बंद गोरखपुर के बदमाश ने गुड्डू को पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी दी थी। इसी सिलसिले में उससे मिलने बेउर जेल आया था। बाद एसओजी टीम को यह भी पता चला कि गुड्डू कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का खास गुर्गा रह चुका है।

पश्चिम में श्रीप्रकाश के साथ गुड्डू ने कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया था। तत्कालीन पूछताछ टीम में शामिल सूत्र के मुताबिक, गुड्डू मियां ने बताया था कि उसके गिरोह के सभी बदमाश अब मारे जा चुके हैं। वह अकेला बचा है।

आपको बता दें कि चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शुक्रवार की शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे थे। घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले थे। सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।

शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

 

Breaking Haldwani –सीएम धामी के आने का विरोध करने पर युवा कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी झड़प, कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

News web media uttarakhand : हल्द्धानी रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रम में सीएम धामी शामिल होंगे, लेकिन उनके आगमन से पहले ही यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस की बीच तीखी झड़प हुई

हल्द्वानी में बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने से पहले युवा कांग्रेसियों ने उनके विरोध की तैयारी शुरू कर दी थी। बुद्ध पार्क में सुबह से ही युवा कांग्रेसी जुटने लगे थे। इधर भारी संख्या में पुलिस बल भी बुद्ध पार्क के पास मौजूद रहा।

मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद थे। कुछ ही देर बाद पुलिस ने युवा कांग्रेसियों को पार्क के अंदर से पकड़ना शुरू किया और बाद में दो बसों में भरकर उन्हें ले गए। इस दौरान पुलिस और युवा कांग्रेसियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की की भी नौबत आ गई।

नकल विरोधी अध्यादेश को लेकर सीएम का आभार जताने के लिए भाजयुमो आभार रैली का आयोजन करने जा रही है। राम लीला मैदान में आयोजित होने वाले इस रैली में सीएम धामी शामिल होंगे।

MP Board Exam 2023: एमपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे 18 लाख से ज्यादा छात्र, 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा दो मार्च से होगी

MP Board Exam 2023: एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा आज से, 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से होगी

Madhya Pradesh Board Exam 2023 Begins: मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) की ओर से बुधवार से मध्य प्रदेश बोर्ड 2023 की कक्षा 10वीं की परीक्षा आयोजित की जा रही हैं। माध्यमिक परीक्षा सुबह नौ बजे से राज्यव्यापी परीक्षा केंद्रों पर शुरू होगी और दोपहर 12 बजे तक चलेगी। मध्य प्रदेश बोर्ड और राज्य सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए पहली परीक्षा बुधवार को हिंदी विषय के पेपर की होगी।

MP Board Exam 2023: 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से

जहां मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं की परीक्षा एक मार्च से 27 मार्च, 2023 तक आयोजित की जाएंगी वहीं, मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) की ओर से कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से एक अप्रैल, 2023 तक आयोजित की जाएंगी। जुलाई 2023 में परीक्षा में विफल होने वाले छात्रों को एमपी बोर्ड की पूरक परीक्षा में शामिल होना होगा। पूरक परीक्षा भी इस बोर्ड परीक्षा के साथ ही आयोजित की जा रही है।

MP Board Exam 2023: परीक्षा तीन घंटे की होगी

एमपी बोर्ड परीक्षा तीन घंटे की अवधि के लिए सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। उम्मीदवार एमपीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट- mpbse.nic.in पर एमपी बोर्ड 10वीं, 12वीं टाइम-टेबल 2023 विषय कोड, तिथियों और परीक्षा समय के साथ देख सकते हैं।

MP Board Exam 2023: परीक्षा में इन बातों का भी रखें ख्याल

  1. छात्र प्रवेश पत्र लेकर ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचे, बिना इसके उन्हें परीक्षा केंद्र पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  2. छात्र परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्र पर पर आ जाएं, ताकि भीड़ से बचा जा सके।
  3. छात्र परीक्षा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना न भूलें।
  4. छात्र परीक्षा में कोई भी नकल सामग्री या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर न जाएं।
  5. छात्र प्रश्न पत्र को अच्छे से पढ़कर समझ लें फिर उत्तर लिखना शुरू करें।

‘आप देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? हिंदू धर्म की महानता को कम मत आंकें’: सुप्रीम कोर्ट ने शहरों के नाम बदलने की अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज की

News Web media uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय का एक याचिका पर फटकार लगाई। उन्होंने कई ऐतिहासिक स्‍थलों का नाम बदलने के लिए याचिका दायर किया था। उन्होंने दावा किया ‌था कि उन स्‍थलों का नाम “बर्बर विदेशी आक्रमणकारियों” के नाम पर रखा गया है।

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने उपाध्याय से पूछा कि क्या वह ऐसी याचिकाएं दायर करके “देश को उबाल पर रखना चाहते हैं।”

जस्टिस जोसेफ ने कहा,
“आप इसे मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं, देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? एक विशेष समुदाय की ओर उंगलिया उठाई गई हैं। आप समाज के एक विशेष वर्ग को नीचा दिखा रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, यह एक धर्मनिरपेक्ष मंच है।” ज‌स्टिस नागरत्ना ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हिंदू धर्म जीने का एक तरीका है, जिसके कारण भारत ने सभी को आत्मसात किया है। यहा कारण है कि हम एक साथ रहने में सक्षम हैं। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ने हमारे समाज में विद्वेष डाला है। आइए हम वहां से पीछे न हटें।”

याचिका में उपाध्याय ने प्रस्तुत किया कि वेदों और पुराणों में उल्लिखित कई ऐतिहासिक स्थानों का नाम “विदेशी लूटेरों” के नाम पर रखा गया है। “हमारे पास लोदी, गजनी, गोरी के नाम पर सड़कें हैं… पांडवों के नाम पर एक भी सड़क नहीं है, इंद्रप्रस्थ का निर्माण युधिष्ठिर ने किया था ….फरीदाबाद का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखा गया जिसने शहर को लूटा। भारत के साथ औरंगज़ेब, लोदी, गजनी आदि का क्या संबंध है?” जस्टिस जोसेफ ने पूछा कि धार्मिक पूजा का सड़कों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मुगल सम्राट अकबर ने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव बनाने का लक्ष्य रखा था।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने तब पूछा कि इतिहास से ‘आक्रमण’ को कैसे दूर किया जा सकता है। “यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। क्या आप इतिहास से आक्रमणों को दूर कर सकते हैं? हम पर कई बार आक्रमण हो चुका है। क्या पहले हुई चीजों को दूर करने के बजाय हमारे देश में अन्य समस्याएं नहीं हैं? यह महसूस करते हुए कि पीठ इस मामले पर विचार करने की इच्छुक नहीं है, उपाध्याय ने गृह मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह इस तरह का रास्ता नहीं अपनाने देगी।

पीठ ने कहा,

“हमें इस तरह की याचिकाओं के जर‌िए समाज को नहीं तोड़ना चाहिए, कृपया देश को ध्यान में रखें, किसी धर्म को नहीं।” जस्टिस नागरत्ना ने याचिकाकर्ता से कहा कि “हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है”। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हिंदू धर्म की एक महान परंपरा है और इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।

उन्होंने कहा, “

हिंदू धर्म तत्वमीमांसा की दृष्टि से सबसे बड़ा धर्म है। उपनिषदों, वेदों, भगवद गीता में हिंदू धर्म ने जो ऊंचाइयां पाई हैं, किसी भी धर्म परंपरा में वह संभव नहीं हैं। हमें उस पर गर्व होना चाहिए। कृपया इसे कम न करें। हमें अपनी महानता को समझना होगा।” उन्होंने कहा, हमारी महानता हमें उदार होने की ओर ले जाती है। मैं एक ईसाई हूं। लेकिन मैं हिंदू धर्म का भी उतना ही प्रशंसक हूं। मैं इसका अध्ययन करने की कोशिश कर रहा हूं। आप हिंदू दर्शन पर डॉ एस राधाकृष्णन के कार्यों को पढ़ें।”

जस्टिस नागरत्ना ने दोहराया, “हिंदू धर्म जीवन का एक तरीका है। हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है।” जस्टिस जोसेफ ने कहा कि केरल में हिंदू राजाओं ने चर्चों के लिए जमीन दान में दी है। यह भारत का इतिहास है। कृपया इसे समझें।” पीठ ने देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति और भाईचारे पर विभिन्न टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया।

UKPSC Exams: अब हर साल होंगी PCS परीक्षाएं, UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबस, जानें पूरा प्लॉन

News web Media Uttarakhand Dehradun : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन 23 से 26 फरवरी तक किया गया है. यूकेपीएससी (UKPSC) अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इस परीक्षा आयोजन को सफल बताया है. उन्होंने बताया कि पीसीएस मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01 फीसदी रहा.

हर साल होगा PCS परीक्षा का आयोजनःइसको लेकर आयोग ने ये फैसला लिया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाएगा. इसकी शुरुआत इसी साल से होगी. आगामी पीसीएस प्रीलिमिनरी एग्जाम 2023 को जुलाई 2023 में कराया जाएगा.

UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबसःआगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार बनाया जाएगा. इसके लिए आयोग ने अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखंड शासन की ओर से दे दी गई है.
इसके साथ-साथ आयोग समानांतर तौर पर अन्य परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है, जिसके सबसे पहले-
1) 5 मार्च, 2023 को कनिष्ठ सहायक परीक्षा का आयोजन राज्य के लगभग 412 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा, जिसमें 145239 परीक्षार्थी भाग लेंगे.
2) 9 अप्रैल, 2023 को वन आरक्षी परीक्षा 617 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें 206431 परीक्षार्थी होंगे.
3) 23 अप्रैल, 2023 को सहायक लेखाकार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
4) उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 2023 के लिए 30 अप्रैल 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन होगा. इसको लेकर फरवरी, 2023 में ही रिक्ति विज्ञापन जारी किया जाएगा.

महिला आरक्षण अधिनियम का पालन –

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष द्वारा ये भी बताया गया है कि उत्तराखंड की महिलाओं के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा लाए गये क्षैतिज आरक्षण ‘उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 को समस्त परीक्षाओं में नियमानुसार लागू किया जा रहा है.

BREAKING -दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

News Web media Uttarakhand । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसे राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया है कि सशस्त्र बल अच्छी तरह से सुसज्जित हों। योजना, इसकी भर्ती प्रक्रिया और उम्मीदवारों की नियुक्ति को चुनौती देती हुई याचिकाएं दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा, अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।पीठ ने भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि उसे इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता।बेंच ने 15 दिसंबर 2022 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।(आईएएनएस)

NEET PG 2023: 5 मार्च को ही होगी नीट पीजी की परीक्षा, SC ने खारिज की याचिका

News web media uttarakhand : नीट पीजी 2023 (NEET PG Exam 2023) के कैंडिडेट्स की परीक्षा 5 मार्च 2023 को ही होगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने परीक्षा को टालने की मांग करने वाली याचिका खारिज (petition dismissed) करते हुए कहा कि लाखों छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. कुछ छात्रों की मांग पर इसे स्थगित करना सही नहीं होगा. वहीं, परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं का कहना था कि परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है. इंटर्नशिप चल रही है जिसमें वे दिन के 12 घंटे काम करते हैं. ऐसे में तैयारी करने का मौका नहीं मिल रहा है.

International Yoga Festival 2023: मुख्यमंत्री एक मार्च को करेंगे अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ

News web media Uttarakhand : तीर्थनगरी ऋषिकेश में हर साल की भांति इस साल भी एक मार्च को अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज होगा। 1 से 7 मार्च तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। महोत्सव में योग की बारीकियों को सीखने के साथ ही मन की शांति और स्वस्थ शरीर के लिए अनुभव भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही यहां आने वाले योग साधक नृत्य, संगीत के साथ योग के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा करेंगे।
एक मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत कई अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महोत्सव की शुरुआत होगी। महोत्सव में योगाचार्य पद्मश्री शिवानंद, पद्मश्री भारत भूषण व पद्मश्री रजनीकांत विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

इसके अलावा ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधक योग की बारीकियों को सीख सकेंगे।


योग साधकों के लिए सात दिन की दिनचर्या तय रहेगी और अलग-अलग विषयों पर साधकों को प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा।


योग एक साधना है जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसको ध्यान में रखकर अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी होगा। जिसमें डा. अनिल थपलियाल, डा. नवदीप जोशी, डा. प्रिया आहूजा, डा. रोहित सब्बरवाल, प्रो. वीके अग्निहोत्री, प्रो. सुनील जोशी, डा. उर्मिला पांडे जैसे विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। डॉ0 सुनील जोशी उप कुलपति उत्तराखण्ड आयु वि0 द्वारा नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रूजुता दिवेकर सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ के साथ ही रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनूज मिश्रा, सुजीत ओझा जैसे कलाकार अपने नृत्य, कला, संगीत के जरिए साधकों का मन मोहेंगे। लोक नृत्य और संगीत की अद्भुत प्रस्तुति भी महोत्सव में चार चांद लगाएगी।

भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में दुनिया भर से लोग योग की बारीकियां सीखने के लिए आते हैं। वैसे भी योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश के नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है लोग खुद बखुद यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आ जाते हैं। लेकिन महोत्सव के कारण लोग और भी आकर्षित हो जाते हैं कि यहां के घूमने के बहाने योग की साधना भी हो जाएगी। यानी यहां आकर प्रकृति के साथ साक्षात्कार तो होगा ही, साथ ही योग साधना के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होगा।


उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी की ओर से महोत्सव में नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा। इसके अलावा रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनुज मिश्रा, सुजीत ओझा समेत अन्य कलाकार नृत्य, कला, संगीत की प्रस्तुति देंगे।

 

 

Dehradun: आरटीई को ताक पर रखकर अशासकीय स्कूलों के हजारों छात्रों से ले ली परीक्षा की फीस, अब रद्द करने के आदेश

प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में आज से वार्षिक गृह परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। आरटीई के तहत सरकारी अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। 

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को ताक पर रखकर कक्षा 6 से 8वीं तक के हजारों छात्र-छात्राओं से वार्षिक परीक्षाओं की फीस ले ली गई है। गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के नाम पर प्रति छात्र 10 से 12 रुपये लिए गए हैं।

आरटीई के तहत सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। विभिन्न जिलों की जनपदीय परीक्षा समिति की ओर से यह फीस तय की गई है।

हरिद्वार जिले की जिला परीक्षा समिति ने कक्षा 6 से 8वीं में प्रश्नपत्र के लिए 10 रुपये प्रति छात्र फीस तय की है। जबकि 9वीं और 11वीं में प्रति छात्र 12 रुपये फीस तय की गई है। पौड़ी जिले में कक्षा 6 से 8वीं तक 12 रुपये फीस है। टिहरी जिले में भी 6 से 11वीं तक के छात्रों से वार्षिक फीस ली गई है।

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के मुताबिक सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों से परीक्षा फीस नहीं ली जा रही है। जबकि अशासकीय स्कूलों में इसे जमा कराया जा रहा है। हरिद्वार जिले में शिक्षकों के विरोध के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने फिलहाल फीस वसूली पर रोक लगा दी है।

फीस वसूली के आदेश रद्द
उनका कहना है कि इस संबंध में महानिदेशालय से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा विभिन्न जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि वार्षिक परीक्षा प्रश्नपत्रों के लिए नकद पैसा जमा किया जाए। दूसरी ओर, देर शाम पौड़ी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने फीस वसूली के आदेश को रद्द कर दिया।

बेटी के विवाह के चलते मैं अवकाश पर था। इस दौरान डीईओ बेसिक एसपी सिंह के पास प्रभारी सीईओ का प्रभार था। उनकी ओर से कक्षा 6 से 8 तक के प्रश्नपत्रों के लिए शुल्क लिए जाने का आदेश किया गया। इसे संशोधित किया जाएगा। आरटीई के तहत 8वीं तक के छात्रों से फीस न लेने का आदेश है, इनकी छात्रों की फीस सरकार वहन करती है। इसके बाद भी यदि किसी प्रधानाचार्य ने फीस ले ली तो इसे छात्रों को लौटाया जाएगा।

Accident in Uttarakhand: मां संग स्कूल जा रही थी आठ वर्षीय बच्ची, ट्राले की चपेट में आई स्कूटी; दर्दनाक मौत

News web Accident in Uttarakhand: हाईवे पर ट्राले की चपेट में आने से आठ वर्षीय बालिका की मौत हो गई। सोमवार सुबह करीब 8 बजे नेहा जोशी पुत्री रमेश जोशी निवासी ग्राम पचपकरिया अपनी मां हरु देवी के साथ स्कूटी से स्कूल जा रही थी।

इस दौरान स्कूटी टनकपुर से खटीमा की ओर जा रहे ट्राला संख्या जीजे 12- बीडब्लू 1523 से चपेट में आ गई। हादसे में नेहा गंभीर रूप से घायल हो गई। उपचार के लिए पुलिस की मदद से टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया।

जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नेहा मैक्सटन स्ट्रांग स्कूल में पढ़ती थी। पुलिस ने ट्राला कब्जे में ले लिया। चालक को भी हिरासत में लिया गया है। घटना के बाद स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।