जल जीवन मिशन के तहत एक उपलब्धि हासिल करते हुए 3.5 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए 1 जनवरी, 2021 तक 50 लाख से ज्यादा कनेक्शन मुहैया कराए गए

वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को जल नल कनेक्शन मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित जल जीवन मिशन ने एक और उपलब्धि हासिल कर 3.53 करोड़ ग्रामीण परिवारों को जल नल कनेक्शन मुहैया करा दिए हैं। 15 अगस्त, 2019 को कुल 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से मात्र 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास यह कनेक्शन थे। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अथक प्रयासों के बाद जल जीवन मिशन के तहत 3.53 करोड़ परिवारों को यह कनेक्शन दिए गए। इसके साथ ही 52 जिलों और 77 हजार गांवों में रहने वाले हर परिवार को अपने घरों में यह कनेक्शन दिए गए हैं। अब 6.76 करोड़ (35.24 प्रतिशत) यानि एकतिहाई से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल से पेयजल मिल रहा है। गोवा देश का पहला राज्य बन गया है,जहां शत-प्रतिशत परिवारों को जल नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके बाद तेलंगाना का स्थान है। विभिन्न राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अब इस मामले में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश के हर परिवार को सुरक्षित पेयजल प्रदान किया जाए। यह कार्य समानता और समावेशिता के सिद्धान्त के आधार पर किया जा रहा है।

जल जीवन मिशन राज्यों के साथ भागीदारी में चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को पर्याप्त मात्रा में और उचित गुणवत्ता वाला पेयजल नियमित और दीर्घकालिक आधार पर मुहैया कराया जाना है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रारंभिक दृष्टिकोण के अनुरूप व्यापक योजना तैयार की और इसी के अनुरूप प्रत्येक ग्रामीण परिवार को जल नल कनेक्शन मुहैया कराने की कार्य योजना तैयार की गई। इस योजना को लागू करते समय राज्य शुद्ध पेयजल रहित इलाकों, सूखा प्रभावित और रेगिस्तानी इलाकों के गांवों, अनूसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बहुल गांवों महत्वाकांक्षी जिलों और सांसद आदर्श ग्राम योजना वाले गांवों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

जल जीवन मिशन की यह यात्रा अभी तक चुनौतियों और कोविड-19 महामारी के चलते बाधाओं से जूझती रही है। देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार के विकास और निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। महामारी के खिलाफ जंग में लोगों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से लगातार हाथ धोते रहना सबसे महत्वपूर्ण काम बन गया है। फिर भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसी एहतियातों का पालन करते हुए जल आपूर्ति अवसंरचना तैयार करने के काम में लगे हुए हैं। कोविड-19 के बावजूद लगातार जारी यह काम ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी लाभप्रद रहा है, क्योंकि इसने कोविड के कारण अपने गांवों को लौटे लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। जो मजदूर लॉकडाउन के कारण अपने घरों को लौटे वे निर्माण कार्य में कुशल थे। उन्होंने पिछले वर्षों में शहरों में राजमिस्त्री, प्लंबर, फिटर, पंप ऑपरेटर आदि का काम किया था।

जल जीवन मिशन के तहत ऐसे गांवों और इलाकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना उच्च प्राथमिकता है, जिन इलाकों में शुद्ध जल कि उपलब्धता बहुत कम है। मिशन के तहत प्रयास किया जा रहा है कि ऐसे गांवों और इलाकों में जहां शुद्ध जल की अनुपलब्धता है और जो खासतौर से आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रभावित हैं, उनमें शुद्ध और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जाए। जल जीवन मिशन पेयजल की शुद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है, जिससे लोगों में जल जनित बीमारियां कम होती हैं और उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाने और उन्हें जनता के लिए खोलने का काम कर रहे हैं ताकि बहुत कम शुल्क पर आम लोग अपने पेयजल के नमूनों की जांच करा सकें।

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